शुक्रवार, 30 सितंबर 2022

रिटायर्ड टीचर्स को फिर से नियुक्त करने का फैसला

रिटायर्ड टीचर्स को फिर से नियुक्त करने का फैसला 

संदीप मिश्र 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने रिटायर्ड सरकारी टीचर्स को तोहफा दिया है। योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों समेत सरकारी स्कूलों में रिटायर्ड टीचर्स को फिर से नियुक्त करने का फैसला किया है। बेसिक शिक्षा प्रमुख सचिव दीपक कुमार की तरफ से जारी किए एक आदेश के मुताबिक, सरकार की योजना उन रिटायर्ड टीचर्स को शामिल करने की है, जो स्कूलों में फिर से नियुक्त होने के इच्छुक हैं।

रिटायर्ड टीचर्स के लिए योगी सरकार की इस योजना पर बेसिक शिक्षा सचिव विजय कुमार आनंद ने कहा कि संरक्षक के रूप में उन्हें सहकर्मी की शिक्षा सुनिश्चित करने, आंतरिक प्रेरणा देने और कक्षा को छात्र-केंद्रित बनाने की जरूरत होगी। इससे छात्रों के सीखने के स्तर में सुधार होगा. इस कदम से कई लाभ होंगे, जिसमें प्रशिक्षित शिक्षकों समेत टीचर्स की कमी का सामना कर रहे स्कूलों में उनका इस्तेमाल शामिल है। अधिकारी ने दावा किया कि ये बहुत कम खर्च वाले स्कूलों में मेंटरिंग की अवधारणा को भी बढ़ावा देंगे। आदेश के अनुसार, 70 साल से कम उम्र के शिक्षक परामर्श के लिए पात्र होंगे और उनका कार्यकाल 1 साल का होगा‌। हर चयनित शिक्षक का कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू होने से पहले एक साल के बाद उसके प्रदर्शन का मूल्यांकन होगा।

बता दें कि चयन में उन शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी जो राज्य या राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता हैं। साथ ही, उनके पास असिस्टेंट टीचर या हेड टीचर के रूप में कम से कम 5 साल का अनुभव होना चाहिए‌। चयनित शिक्षकों को 2,500 रुपये प्रति महीने भत्ते के रूप में दिए जाएंगे। प्रत्येक चयनित शिक्षक को प्रेरणा ऐप के जरिए कम से कम 30 स्कूलों का ऑनलाइन सर्पोटिव सुपरविजन करना होगा। माता-पिता और छात्रों को दीक्षा और रीड अलॉन्ग ऐप का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। ये शिक्षक स्कूल की एक्टीविटीज जैसे असेंबली, खेलकूद का भी निरीक्षण करेंगे और स्कूलों में मॉडल शिक्षण का प्रदर्शन करेंगे‌।

प्राकृतिक गैस की कीमतों में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी

प्राकृतिक गैस की कीमतों में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। वैश्विक स्तर पर ऊर्जा की कीमतों में उछाल के साथ प्राकृतिक गैस की कीमतों में शुक्रवार को 40 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़ोतरी कर दी गई। इससे देश में बिजली उत्पादन, उर्वरक बनाने और वाहन चलाने में इस्तेमाल होने वाली गैस महंगी हो जाने की आशंका है। तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, पुराने गैस क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिए भुगतान की जाने वाली दर को मौजूदा 6.1 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमबीटीयू) से बढ़ाकर 8.57 डॉलर प्रति एमबीटीयू कर दिया गया है।

इसी दर पर देश में उत्पादित गैस के लगभग दो तिहाई हिस्से की बिक्री होगी। इस आदेश के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसके भागीदार बीपी पीएलसी द्वारा केजी बेसिन में संचालित डी-6 ब्लॉक जैसे मुश्किल एवं नए क्षेत्रों से निकाली जाने वाली गैस की कीमत 9.92 डॉलर से बढ़ाकर 12.6 डॉलर प्रति इकाई कर दी गई है। अप्रैल 2019 के बाद से गैस की दरों में यह तीसरी वृद्धि होगी। बेंचमार्क अंतरराष्ट्रीय कीमतों में मजबूती के कारण इनमें तेजी आई है। प्राकृतिक गैस उर्वरक बनाने के साथ बिजली पैदा करने के लिए एक प्रमुख कच्चा माल है। इसे सीएनजी में भी परिवर्तित किया जाता है और पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) यानी रसोई गैस के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। दरों में भारी वृद्धि से सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में बढोत्तरी होने की आशंका है, जो पहले से ही पिछले एक साल में 70 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुकी हैं।

सरकार हर छह महीने यानी एक अप्रैल और एक अक्टूबर को गैस की कीमतें तय करती है। यह कीमतें अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे गैस-अधिशेष देशों में एक साल में एक चौथाई के अंतराल के साथ प्रचलित दरों के आधार पर तय की जाती हैं। एक अक्टूबर से 31 मार्च की कीमत जुलाई 2021 से जून 2022 तक की औसत कीमत पर आधारित है। इस अवधि में वैश्विक स्तर पर दरें तेजी से बढ़ी हैं। गैस की उच्च कीमतें मुद्रास्फीति को और भी बढ़ा सकती हैं जो पिछले आठ महीनों से आरबीआई के संतोषजनक स्तर से ऊपर चल रही है। सरकार ने मूल्य निर्धारण फार्मूले की समीक्षा के लिए एक समिति का भी गठन किया है।

सूत्रों ने कहा कि प्राकर्तिक गैस की कीमतों में वृद्धि से दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में सीएनजी और रसोई गैस की दरों में वृद्धि होने की संभावना है। इससे बिजली पैदा करने की लागत में भी वृद्धि होगी लेकिन उपभोक्ताओं को कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी क्योंकि गैस से पैदा होने वाली बिजली का हिस्सा बहुत कम है। इसी तरह, उर्वरक उत्पादन की लागत भी बढ़ जाएगी लेकिन सरकार की तरफ से ऊर्वरक सब्सिडी देने से दरों में वृद्धि की संभावना नहीं है। हालांकि इस फैसले से उत्पादकों की आय में वृद्धि होने की संभावना है।

पाक: क्रिकेटर राणा का 36 वर्ष की आयु में निधन 

पाक: क्रिकेटर राणा का 36 वर्ष की आयु में निधन 

मोमीन मलिक 

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रथम श्रेणी क्रिकेटर शहजाद आजम राणा का महज 36 वर्ष की आयु में कार्डियक अरेस्ट के कारण इंतकाल हो गया है। उन्होंने 95 प्रथम श्रेणी, 58 लिस्ट ए और 29 टी20 मुकाबले खेले थे। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 388, लिस्ट ए में 81 और टी20 क्रिकेट में 27 विकेट झटके हैं। अपने करियर में कुल 496 विकेट लेने के बाद भी इस खिलाड़ी को कभी पाकिस्तान की तरफ से इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला। वह पाकिस्तान सुपर लीग में इस्लामाबाद की तरफ से खेलते थे। हालांकि, 2018 के बाद ना ही शहजाद ने कोई प्रथम श्रेणी मुकाबला खेला है और ना ही लिस्ट ए मैच खेला है। अंतिम बार वह फील्ड पर 2020 में पाकिस्तान दौरे पर आए मेरिलबोन क्रिकेट क्लब के एक मुकाबले के दौरान उतरे थे।

नॉर्दन (पाकिस्तान) बनाम मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब के बीच खेले गए उस मुकाबले में शहजाद आजम राणा 4 ओवर के कोटे में 30 रन खर्च कर एक विकेट झटका था। इस क्रिकेटर के इतनी कम आयु में देहांत होने के बाद पाकिस्तान में शोक पसर गया है। फैंस ट्विटर पर संवेदना प्रकट कर रहे हैं।

'क्रायोजेनिक इंजन निर्माण' सुविधा का उद्घाटन

'क्रायोजेनिक इंजन निर्माण' सुविधा का उद्घाटन

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की एकीकृत क्रायोजेनिक इंजन निर्माण सुविधा का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने जोनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (दक्षिण क्षेत्र) का भी आभासी रूप से शिलान्यास किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि एकीकृत क्रायोजेनिक इंजन निर्माण सुविधा का उद्घाटन केवल एचएएल और इसरो के लिए ही नहीं, अपितु समूचे राष्ट्र के लिए क्रायोजेनिक और सेमी-क्रायोजेनिक इंजन के निर्माण की अत्याधुनिक सुविधा का होना एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने कहा कि एचएएल ने रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में अपार योगदान दिया है। ऐसा कहा जा सकता है कि एचएएल बलों के पीछे की ताकत रहा है। उन्होंने कहा कि एचएएल ने समय-समय पर अनुसंधान, विकास और विभिन्न विमान प्लेटफार्मों के निर्माण में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि इसरो देश का गौरव रहा है। 1960 के दशक में जब इस संस्था ने संचालन शुरू किया, तब भारत एक युवा गणराज्य था, जो गरीबी और निरक्षरता की गंभीर चुनौतियों से जूझ रहा था, लेकिन उसमें अपार सामर्थ्‍य भी था। इसरो ने जिस तीव्र गति से विकास किया है, उसने सबसे उन्नत और तकनीकी रूप से विकसित देशों का भी ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। इसरो के ईमानदार प्रयासों और समर्पण की बदौलत भारत क्रायोजेनिक इंजन निर्माण क्षमता रखने वाला दुनिया का छठा देश बनने में समर्थ हो सका है। राष्ट्रपति ने कहा कि एचएएल और इसरो संयुक्‍त रूप से सामरिक रक्षा और विकास के क्षेत्र में योगदान करते हैं। दोनों संगठनों ने हमारे देश की सुरक्षा और विकास को सुदृढ़ बनाने वाले विभिन्न उपकरणों और कार्यक्रमों के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई है। एचएएल रक्षा संबंधी उपकरणों के निर्माण की अपनी अत्‍याधुनिक सुविधा के साथ हमारे देश के लिए एक बहुमूल्य साबित हुई है।

मुर्मू ने कहा कि अब जबकि भारत अमृत काल में प्रवेश कर रहा है, ऐसे में एचएएल और इसरो का गौरवशाली अतीत हमें इस बात का भरोसा दिलाता है कि ये संगठन भविष्य में भी महत्वपूर्ण और सकारात्मक भूमिका निभाते रहेंगे। वर्ष 2047 तक, जब हम स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएंगे, हमारे आस-पास की दुनिया काफी बदल चुकी होगी। जिस तरह 25 साल पहले हम समकालीन दुनिया की कल्पना तक नहीं कर सकते थे, उसी तरह हम आज भी इस बात की कल्पना नहीं कर सकते कि कृत्रिम आसूचना और ऑटोमेशन हमारे जीवन को किस तरह बदलने जा रहे हैं। स्वतंत्र देश के रूप में हमने 75 साल पूरे कर लिए हैं। हम अगले 25 वर्षों को भारत की नए सिरे से कल्पना करने और इसे एक विकसित देश बनाने की अवधि के रूप में देख रहे हैं। यह सुनिश्चित करना हमारी संयुक्त जिम्मेदारी है कि 2047 का भारत कहीं अधिक समृद्ध और सशक्‍त राष्ट्र हो।

कोविड महामारी का उल्‍लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के लचीलेपन और असाधारण प्रयासों ने हमें इस संकट से निपटने में मदद की। उन्होंने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने प्रभावी कोविड प्रबंधन में अनुकरणीय सहायता प्रदान की है और वह अपनी अनुसंधान अवसंरचना का विस्तार कर रही है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के तहत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे भी वायरोलॉजी के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ाने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है। उन्‍होंने इस बात पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को विश्व स्वास्थ्य संगठन की सहयोगी प्रयोगशालाओं में से एक के रूप में नामित किया गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों की मांगों को पूरा करने की दिशा में देश भर में क्षेत्रीय परिसरों के माध्यम से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी का विस्तार प्रशंसनीय है।

मुलाकात, दुख की घड़ी में आज हम मिल रहे हैं: मोदी 

मुलाकात, दुख की घड़ी में आज हम मिल रहे हैं: मोदी 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/टोक्यो। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से मुलाकात में कहा कि ये दुख की घड़ी में आज हम मिल रहे हैं। आज जापान आने के बाद, मैं अपने-आप को ज्यादा शोकातुर अनुभव कर रहा हूँ। क्योंकि पिछली बार जब मैं आया तो आबे सान से बहुत लम्बी बातें हुई थी। और कभी सोचा ही नहीं था कि जाने के बाद ऐसी खबर सुनने की नौबत आएगी।

आबे सान और उनके साथ आपने विदेश मंत्री के रूप में भी भारत और जापान के संबंधों को नयी उंचाई पर भी ले गए और बहुत क्षेत्रों में उसका विस्तार भी किया। और हमारी दोस्ती ने एक वैश्विक प्रभाव पैदा करने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई, भारत और जापान की दोस्ती ने। और इस सब के लिए आज भारत की जनता आबे सान को बहुत याद करती है, जापान को बहुत याद करती है। भारत एक प्रकार से हमेशा उनको miss कर रहा है। लेकिन मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भारत-जापान सम्बन्ध और अधिक गहरे होंगे, और अधिक ऊंचाइयों को पार करेंगे। और हम विश्व में समस्याओं के समाधान में एक उचित भूमिका निभाने के लिए समर्थ बनेंगे, ऐसा मेरा पूरा विश्वास है।

अभिनेत्री को 'दादा साहेब फाल्के' पुरस्कार मिलेगा 

अभिनेत्री को 'दादा साहेब फाल्के' पुरस्कार मिलेगा 

अकांशु उपाध्याय/कविता गर्ग 

नई दिल्ली/मुंबई। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आज घोषणा की है कि वर्ष 2020 के लिए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख को दिया जाएगा। ये पुरस्कार नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा।इस निर्णय की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “मुझे ये घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की जूरी ने भारतीय सिनेमा में आशा पारेख जी के जीवन भर के अनुकरणीय योगदान को मान्यता देने और उन्हें पुरस्कृत करने का निर्णय लिया है।” मंत्री ने ये भी घोषणा की कि 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह का आयोजन 30 सितंबर, 2022 को होगा और इस समारोह की अध्यक्षता भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु करेंगी।

आशा पारेख एक प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री, निर्देशक, निर्माता और एक कुशल भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना हैं। एक बाल कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू करते हुए उन्होंने फिल्म ‘दिल दे के देखो’ में मुख्य नायिका के तौर पर अपनी शुरुआत की और 95 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने कटी पतंग, तीसरी मंजिल, लव इन टोक्यो, आया सावन झूम के, आन मिलो सजना, मेरा गांव मेरा देश जैसी मशहूर फिल्मों में अभिनय किया है।

पारेख पद्म से सम्मानित हैं, जो उन्हें 1992 में दिया गया था। उन्होंने 1998-2001 तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के प्रमुख के रूप में भी काम किया है। अनुराग ठाकुर ने ये भी घोषणा की कि सु पारेख को पुरस्कार देने का निर्णय पांच सदस्यों की जूरी द्वारा लिया गया था। 52वें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के चयन के लिए इस जूरी में फिल्म उद्योग के ये पांच सदस्य शामिल थे:

  1. आशा भोसले
  2. हेमा मालिनी
  3. पूनम ढिल्लों
  4. टी. एस. नागभरण
  5. उदित नारायण।

अलायंस व आईसीएओ के बीच ज्ञापन पर हस्ताक्षर

अलायंस व आईसीएओ के बीच ज्ञापन पर हस्ताक्षर

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय

नई दिल्ली/पेरिस। मॉन्ट्रियाल में आयोजित इंटरनेशनल सिविल एवियेशन ऑर्गनाइजेशन (आईसीएओ) सभा के 42वें सत्र से अलग एक समारोह में, इंटरनेशनल सोलर अलायंस तथा आईसीएओ के बीच एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह हस्ताक्षर नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया, फ्रांस के यातायात मंत्री मीशियो क्लेमेंट ब्यून, आईसीएओ परिषद के अध्यक्ष सल्वोटोर साशीतानो की उपस्थिति में किये गये। समझौता-ज्ञापन पर आईसीएओ के महासचिव जुआन कार्लोस सालाज़ार और आईएसए के संचालन प्रमुख जोशुआ वायक्लिफ ने किये। ज्योतिरादित्य सिंधिया जब मई 2022 में मॉन्ट्रियाल गये थे, तो उस समय आईसीएओ के अध्यक्ष के साथ अपनी मुलाकात के दौरान उन्होंने यह विचार व्यक्त किया था कि आईसीएओ को आईएसए का साझीदार संगठन बन जाना चाहिये। चार माह की अवधि में समझौता-ज्ञापन पर सहमति बनी और उसे अंतिम रूप दिया गया। उसके बाद भारत और फ्रांस के मंत्रियों के समक्ष आईएसए और आईसीएओ ने समझौते पर हस्ताक्षर कर दिये। याद रहे, पेरिस में कॉप 21 के समय 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रैंक्वा होलांदे ने जो उत्साहवर्धक पहल की थी, तो यह समझौता-ज्ञापन उसी पहल को आगे बढ़ाने का काम करेगा।

आईएसए एक ऐसा गठबंधन है, जिसके लिये 121 देशों ने हस्ताक्षर किये हैं। इसमें 32 साझेदार संगठन भी शामिल हैं, जिनमें कई संयुक्त राष्ट्र संगठन भी हैं। आईएसए जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के लिये सौर ऊर्जा की उपयुक्त खपत की दिशा में काम करता है। आईएसए का प्रयास है कि सदस्य देशों को नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल में सस्ते और परिवर्तनगामी समाधान दिये जायें। इसके लिये एलडीसी और एसआईडीसी के प्रभाव के मद्देनजर विशेष ध्यान दिया जाता है। भारत ने कॉप 26 में संकल्प लिया था कि वह 2070 तक नेट-ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करेगा। उसकी समझ मानव-केंद्रित है, सम्मानपूर्ण और राष्ट्रीय अस्मिता के सिद्धांतों पर आधारित है तथा सबके प्रति कटिबद्ध है। भारत ने यह भी संकल्प किया है कि 2022 तक 175 मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित करने तथा 2030 तक उत्सर्जन गहनता में 33-35 प्रतिशत तक की कटौती करने का लक्ष्य हासिल कर लेगा। इस तरह उन सभी गांवों और समुदायों तक सौर ऊर्जा पहुंचा दी जायेगी, जो अब तक इससे विहीन थे। भारत में कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय विमान पत्तन वर्ष 2015 में ही विश्व का पहला पूरी तरह से सौर ऊर्जा युक्त हवाई अड्डा बन चुका है।

फ्रांस के समर्थन से भारत ने सौर ऊर्जा के क्रियान्वयन के लिये अवसंरचना की सुविधा बढ़ाने के संबंध में देशों को आमंत्रित किया है। गठबंधन ने एक खरब डॉलर के निवेश का संकल्प किया है। इसी तरह गठबंधन दूर-दराज के इलाकों और दुर्गम समुदायों तक बिजली पहुंचाने के क्रम में सौर ऊर्जा की कीमत कम करने की दिशा में काम कर रहा है। आईसीएओ कई पहलों और लक्ष्यों के जरिये विमानन सेक्टर में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिये प्रतिबद्ध है। इस रचनात्मक पहल के मद्देनजर, आईएसए और आईसीएओ के बीच समझौता-ज्ञापन के माध्यम से होने वाली साझेदारी बहुत सही वक्त पर हो रही है। इस तरह सौर ऊर्जा के इस्तेमाल के सम्बंध में सदस्य देशों की क्षमता विकसित करने के लिये अधिसंख्य काम किये जा सकेंगे। यह समझौता सूचना देने, सौर ऊर्जा के प्रति जागरूकता पैदा करने, क्षमता बढ़ाने और परियोजनाओं को प्रस्तुत करने का काम करेगा। इसके जरिये सभी सदस्य देशों के बीच विमानन सेक्टर को सौर ऊर्जा से युक्त करने में मदद मिलेगी।

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...