शनिवार, 16 जुलाई 2022

कृषि क्षेत्र को लंबी अवधि के और कर्ज: गृहमंत्री

कृषि क्षेत्र को लंबी अवधि के और कर्ज: गृहमंत्री
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों (एआरडीबी) से कहा कि वे सिंचाई परियोजनाओं और अन्य अवसंरचनाओं समेत कृषि क्षेत्र को लंबी अवधि के और कर्ज देने पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों को देश में सिंचिंत भूमि को बढ़ाने के उद्देश्य से कर्ज प्रदान करने पर ध्यान देना चाहिए।
शाह ने कहा कि छोटे किसानों के समक्ष आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए सहकारी बैंकों को इस बारे में सोचना चाहिए कि सहकारिता की भावना के साथ इस तरह के छोटे खेतों में किस तरह काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में 49.4 करोड़ एकड़ कृषि भूमि है, जो अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा है। यदि पूरी कृषि भूमि को सिंचित किया जाए तो भारत पूरी दुनिया का पेट भर सकता है।
एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, यदि आप पीछे मुड़कर देखेंगे और सहकारिता संस्थानों के जरिए दीर्घकालिक ऋण की पिछले 90 वर्ष की यात्रा पर गौर करेंगे कि यह कैसे कम हुआ है तो आंकड़ों को देखने पर पाएंगे कि यह बढ़ा ही नहीं है। उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक ऋण में कई बाधाएं हैं और अब समय आ गया है कि सहकारिता की भावना के साथ इन अवरोधकों से पार पाया जाए। शाह ने कहा कि सहकारिता बैंकों को केवल बैंकों के तौर पर काम नहीं करना चाहिए बल्कि सिंचाई जैसी कृषि अवसंरचना की स्थापना जैसी अन्य सहकारी गतिविधियों पर भी ध्यान देना चाहिए।

न्यायालयों में क्षेत्रीय-स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा

न्यायालयों में क्षेत्रीय-स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा
नरेश राघानी 
जयपुर। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने शनिवार को कहा कि निचली अदालतों और उच्च न्यायालयों की कार्यवाही में क्षेत्रीय और स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। स्थानीय अदालतों में क्षेत्रीय एवं स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा दिए जाने की वकालत करते हुए रिजीजू ने शनिवार को कहा, ‘‘अदालत की भाषा अगर आम भाषा होगी तो हम कई समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।’’ मंत्री ने कहा कि मातृभाषा को अंग्रेजी से कम नहीं आंका जाना चाहिए और कहा कि वह इस विचार से सहमत नहीं हैं कि एक वकील को अधिक सम्मान, मामले या फीस केवल इसलिए मिलनी चाहिए क्योंकि वह अंग्रेजी में अधिक बोलता है।
रिजीजू ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय में दलीलें और फैसले अंग्रेजी में होते हैं। लेकिन हमारा दृष्टिकोण यह है कि उच्च न्यायालयों और निचली अदालतों में क्षेत्रीय और स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। रिजीजू ने यहां 18वें अखिल भारतीय विधिक सेवा प्राधिकरणों के दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। केंद्रीय कानून मंत्री ने देश की अदालतों में लंबित मामलों की बड़ी संख्या पर चिंता जताते हुए कहा कि न्यायपालिका और सरकार को मिलकर इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है।
रिजीजू ने कहा कि न्याय का द्वार सबके लिए समान रूप से खुला होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि सरकार और न्यायपालिका के बीच बहुत अच्छा तालमेल होना चाहिए, ताकि आम आदमी की सेवा करने, उसे न्याय दिलाने के लक्ष्य में कोई विलंब नहीं हो और कोई न्याय से वंचित नहीं रहे।’’ कानून मंत्री ने कहा कि संसद के अगले सत्र में 71 अलग-अलग कानून निरस्त किए जाएंगे।
अदालतों में लंबित मामलों की संख्या पर चिंता जताते हुए रिजीजू ने कहा, ‘‘आजादी के अमृत महोत्सव काल में देश की अदालतों में कुल लंबित मामलों की संख्या लगभग पांच करोड़ हो गई है। इन पांच करोड़ लंबित मामलों के समाधान के लिए न्यायपालिका और सरकार के बीच तालमेल से हर संभव कदम उठाया जाना चाहिए।
’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी अदालत सिर्फ विशिष्ट लोगों के लिए नहीं होनी चाहिए। अगर कोई भी कारण आम आदमी को न्यायालय से दूर करता है तो वह हमारे लिए बहुत चिंता का विषय है। मैं हमेशा मानता हूं कि न्याय का द्वार सबके लिए खुला हो और सबके लिए बराबर हो।

भाजपा की जनहितैषी योजनाओं को जनसमर्थन

भाजपा की जनहितैषी योजनाओं को जनसमर्थन
मनोज सिंह ठाकुर 
भोपाल। मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने निकाय और पंचायत चुनाव में भी छल-कपट की ओछी राजनीति करने की कोशिश की, लेकिन जनता ने भाजपा की जनहितैषी योजनाओं को समर्थन दिया। शर्मा ने यहां संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में मध्यप्रदेश की जनता ने 233 जनपदों और 19 हजार 863 ग्राम पंचायतों में भाजपा कार्यकर्ताओं को बहुमत से जीत दिलाकर भाजपा सरकार की विकासवादी नीति को अपना समर्थन दिया है।
उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व भाजपा कार्यकर्ताओं ने बूथ विजय संकल्प के साथ ही अपने ग्राम–शहर को ग्रीन व क्लीन बनाने का संकल्प लिया था। चुनाव में जनता से मिले अपार समर्थन के बाद भाजपा कार्यकर्ता ग्राम, जनपद और शहर को ग्रीन–क्लीन बनाने के लिए कटिबद्ध हैं।
लोकसभा सांसद शर्मा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपनी आदत अनुसार निकाय और पंचायत चुनाव में भी झूठ, छल और कपट की ओछी राजनीति करने की कोशिश की लेकिन जनता ने भाजपा की विकास और जनहितैषी नीतियों को समर्थन देकर भाजपा कार्यकर्ताओं को विजयी बनाया और कांग्रेस को करारा जवाब दिया है। उन्होंने विश्वास जताया कि कल और 20 जुलाई को आ रहे नगरीय निकाय चुनाव के परिणामों में 16 नगर निगम सहित सभी नगर पालिका और नगर परिषद में भाजपा प्रत्याशी प्रचण्ड बहुमत से विजयी होंगे।

ब्रेन डेड महिला की किडनी से दो की जान बची

ब्रेन डेड महिला की किडनी से दो की जान बची
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। एक ब्रेन डेड महिला के परिवार के सदस्यों ने उसके अंग दान कर दिए, जिससे किडनी प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे दो सैनिकों की जान बच गई। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद एक युवती को उसके जीवन के अंतिम चरण में पुणे के कमांड अस्पताल (दक्षिणी कमान) में लाया गया था। भर्ती करने पर, उसके मस्तिष्क में जीवन के महत्वपूर्ण लक्षण नहीं पाए गए।
उसके परिवार के सदस्यों ने अस्पताल में प्रत्यारोपण समन्वयक (ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर) के साथ चर्चा के बाद कहा कि उसके अंगों को उन रोगियों को दान किया जाना चाहिए, जिन्हें उनकी सख्त जरूरत है।
आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने के बाद, अस्पताल में प्रत्यारोपण टीम सक्रिय हो गई और क्षेत्रीय प्रत्यारोपण समन्वय केंद्र (जेडटीसीसी) और सेना अंग पुनप्र्राप्ति और प्रत्यारोपण प्राधिकरण (एओआरटीए) को भी अलर्ट भेज दिया गया।
एक बयान में कहा गया है, "गुरुवार की रात और शुक्रवार की सुबह के दौरान, किडनी जैसे व्यवहार्य अंगों को भारतीय सेना के दो सेवारत सैनिकों में प्रत्यारोपित किया गया, आंखों को आई बैंक में संरक्षित किया गया और पुणे में रूबी हॉल क्लिनिक में एक मरीज को लीवर दिया गया।
बयान के अनुसार, "यह इस विश्वास को मजबूत करता है कि 'अपने अंगों को स्वर्ग में मत ले जाओ, भगवान जानता है कि हमें यहां उनकी आवश्यकता है'। यह ऐसी परिस्थितियों में जरूरतमंद मरीजों को अंग दान की अमूल्य भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाता है।"

सोनिया पर मोदी को बदनाम करने का आरोप

सोनिया पर मोदी को बदनाम करने का आरोप
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। भाजपा ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी पर नरेंद्र मोदी को बदनाम करने और तत्कालीन गुजरात सरकार को गिराने के लिए तीस्ता सीतलवाड़ को 30 लाख रुपये देने का आरोप लगाते हुए सफाई मांगी है। गुजरात दंगे को लेकर गठित एसआईटी द्वारा कोर्ट के सामने रखे गए एफिडेविट का हवाला देते हुए भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोनिया गांधी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि मीडिया में आए एफिडेविट के अनुसार, तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने तत्कालीन राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के जरिए 30 लाख रुपये तीस्ता सीतलवाड़ को भिजवाए थे।

पात्रा ने इस मामले में सोनिया गांधी से जवाब देने की मांग करते हुए कहा कि अहमद पटेल जी हमारे बीच नहीं है, लेकिन उन्होंने तो केवल पैसों की डिलीवरी की थी, इसलिए इस मामले पर सोनिया गांधी को सामने आकर अपनी सफाई रखनी चाहिए।

पात्रा ने कहा कि गुजरात दंगे 2002 में जिस प्रकार से नरेंद्र मोदी को अपमानित करने की चेष्टा कांग्रेस ने षड्यंत्र के तहत की थी, परत दर परत उसकी सच्चाई सामने आ रही है। इस संदर्भ में गठित एसआईटी द्वारा कोर्ट के सामने रखा गया, एफिडेविट यह कहता है कि तीस्ता सीतलवाड़ और उसके सहयोगी मानवता के तहत नहीं, बल्कि राजनीतिक मंसूबे के तहत तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने और गुजरात सरकार को अस्थिर करने के मंसूबे के तहत काम कर रहे थे।

इस काम के लिए तीस्ता सीतलवाड़ को पैसा दिया गया था। पहली किस्त के रूप में सोनिया गांधी ने अहमद पटेल के जरिए 30 लाख रुपये तीस्ता सीतलवाड़ को दिए थे। इसके बाद न जाने कितने करोड़ों रुपये सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी को अपमानित और बदनाम करने के लिए और केवल राहुल गांधी को प्रोमोट करने के लिए तीस्ता सीतलवाड़ को दिए।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  

1. अंक-281, (वर्ष-05)
2. रविवार, जुलाई 17, 2022
3. शक-1944, श्रावण, कृष्ण-पक्ष, तिथि-चतुर्थी, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 05:22, सूर्यास्त: 07:15।
5. न्‍यूनतम तापमान- 24 डी.सै., अधिकतम-33+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
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