मंगलवार, 28 जून 2022

जियो: अंबानी का इस्तीफा, आकाश को चेयरमैन बनाया

जियो: अंबानी का इस्तीफा, आकाश को चेयरमैन बनाया

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। रिलायंस समूह के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अपनी दूरसंचार सेवा कंपनी रिलायंस जियो के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उनके बड़े पुत्र आकाश अंबानी को कंपनी का नया चेयरमैन बनाया गया है। रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने मंगलवार को शेयर बाजारों को इसकी सूचना दी। इसके मुताबिक, कंपनी के निदेशक मंडल की सोमवार को हुई बैठक में गैर-कार्यकारी निदेशक आकाश अंबानी को कंपनी के चेयरमैन के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही पंकज मोहन पवार को अगले पांच साल के लिए कंपनी के प्रबंध निदेशक पद पर नियुक्त किया गया है। वहीं, रमिंदर सिंह गुजराल और के वी चौधरी को स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किया गया है।

मुकेश अंबानी बने रहेंगे, जियो प्लेटफॉर्म्स के चेयरमैन...

ब्राउन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में स्नातक आकाश अंबानी से पहले उनके पिता मुकेश अंबानी रिलायंस जियो के चेयरमैन के नाते काम देख रहे थे। मुकेश अंबानी के चेयरमैन पद से  इस्तीफे और आकाश अंबानी की नियुक्ति को नई पीढ़ी को नेतृत्व सौंपने के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, मुकेश अंबानी अभी जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड के चेयरमैन बने रहेंगे।

80 साल की दादी ने पुल से गंगा में लगाई छलांग

80 साल की दादी ने पुल से गंगा में लगाई छलांग  

पंकज कपूर     
हरिद्वार। गर्मियों में नदी व नहर किनारे अठखेलियां करते युवाओं को आपने जरूर देखा होगा। लेकिन, हरिद्वार में एक करीब 80 साल की दादी ने पुल से गंगा में छलांग लगा कर सबको चौंका दिया। गंगा में कूदने के बाद वृद्धा बिल्कुल युवाओं की तरह तैर कर काफी दूर निकल गई।
वृद्धा का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वृद्धा हरियाणा की बताई जा रही है। हालांकि, पुलिस को इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
पुलिस ने बताया कि एक वीडियो सामने आया है। जिसमें एक वृद्धा पुल से गंगा में छलांग लगाती नजर आ रही है। पुलिस छलांग लगाने वालों पर अभियान चलाकर कार्रवाई करती है। इस वीडियो की भी जांच कराई जा रही है।

मुंबई: 53,177.45 अंक पर बंद हुआ, बीएसई सेंसेक्स

मुंबई: 53,177.45 अंक पर बंद हुआ, बीएसई सेंसेक्स 

कविता गर्ग     

मुंबई। घरेलू शेयर बाजार मंगलवार को शुरुआती गिरावट से उबरते हुए मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। वैश्विक बाजारों में तेजी आने के साथ कारोबार समाप्त होने से पहले ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी और वाहन शेयरों में लिवाली से बाजार लाभ में रहा। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 16.17 अंक यानी 0.03 प्रतिशत की बढ़त के साथ 53,177.45 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 389.75 अंक तक लुढ़क गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 18.15 अंक यानी 0.11 प्रतिशत के लाभ के साथ 15,850.20 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, टेक महिंद्रा, टाटा स्टील और लार्सन एंड टूब्रो प्रमुख रूप से लाभ में रहे। दूसरी तरफ, गिरावट वाले शेयरों में टाइटन, एशियन पेंट्स, बजाज फिनसर्व, कोटक महिंद्रा बैंक और आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं। एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग शुरुआती गिरावट से उबरते हुए लाभ में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी दोपहर के कारोबार में तेजी का रुख रहा। इसी बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.58 प्रतिशत उछलकर 116.9 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने सोमवार को 1,278.42 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

युवाओं का भविष्य अब ठेके पर लगता है: प्रसाद

युवाओं का भविष्य अब ठेके पर लगता है: प्रसाद 

विमलेश यादव   

रांची। झारखण्ड प्रदेश काँग्रेस कमेटी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि देश के युवाओं का भविष्य अब ठेके पर लगता है और भाजपा सरकार पूरे देश को ठेके के अग्निपथ पर भेज दम लेगी। प्रसाद ने आज यहां कहा कि वर्ष 2020-21 के एक साल में पक्की नौकरी 27% घटी है और वर्ष 2017 से 2021 के बीच ठेके पर रखे जाने वाले युवाओं की संख्या दुगनी हुई। केंद्रीय पब्लिक सेक्टर अंडर टेकिंग में 5,21,000 नौकरी घटी है।

उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय कॉंग्रेस कमिटी के निर्देश पर और झारखण्ड प्रदेश काँग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर के आह्वान पर झारखण्ड के 81 विधानसभा क्षेत्र में अग्निपथ योजना के विरोध में 27 जून को लोगों ने बड़े पैमाने पर कांग्रेस जनों के साथ मिलकर धरना-प्रदर्शन और सत्याग्रह किया। ताकि, केन्द सरकार इस योजना को तत्काल वापस ले। प्रसाद ने कहा कि देशभर में आक्रोश है, खासतौर पर युवाओं में।

सबसे ज्यादा सर्च होने वाली पर्सनैलिटी में शुमार उर्फी

सबसे ज्यादा सर्च होने वाली पर्सनैलिटी में शुमार उर्फी 

कविता गर्ग             

मुंबई। उर्फी जावेद हमेशा अपने अतरंगी कपड़ों की वजह से सुर्खियों में रहती हैं। अपने अजीबो-गरीब लुक से वह हमेशा फैंस को सरप्राइज कर देती हैं। उनके कपड़े पहनने के अंदाज से वह सबको हैरान कर देती हैं। उर्फी सोशल मीडिया पर भी कुछ ऐसे ही अंदाज की वजह से लाइम लाइट में रहती हैं। हाल ही में उर्फी एक बार फिर से अपने पहनावे की वजह से चर्चाओं में आ गई हैं। उन्होंने सोशल अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वह फूलों वाली बिकिनी पहने दिखाई दी थी।

आज उर्फी सबसे ज्यादा सर्च होने वाली पर्सनैलिटी में शुमार हो गई हैं। मोस्ट सर्च एशियन पर्सनैलिटी के मामले में उर्फी जावेद ने जाह्नवी कपूर, कियारा आडवानी और कंगना को भी पिछे छोड़ दिया है।

न्यायमूर्ति शर्मा ने मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली

न्यायमूर्ति शर्मा ने मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। न्यायमूर्ति चंद्र शर्मा ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने उपराज्यपाल के सचिवालय राज निवास में एक समारोह में 60 वर्षीय न्यायमूर्ति शर्मा को शपथ दिलाई। समारोह में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती और मदन लाल शामिल हुए।समारोह में वरिष्ठ न्यायाधीश और अधिवक्ता भी मौजूद थे। 
न्यायमूर्ति शर्मा ने पहले तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया था। न्यायमूर्ति डी एन पटेल की सेवानिवृत्ति के बाद से दिल्ली उच्च न्यायालय नियमित मुख्य न्यायाधीश के बिना काम कर रहा था। न्यायमूर्ति विपिन सांघी 13 मार्च से कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश थे। अब उन्हें उत्तराखंड उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है।

पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी बनाने की मांग की

पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी बनाने की मांग की

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) एससी-एसटी ओबीसी टीचर्स फोरम ने वाइस चांसलर से शिक्षकों की स्थायी नियुक्तियों से पूर्व रोस्टर, काले कमेटी की रिपोर्ट, 10 फीसदी अतिरिक्त ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू करते हुए व विज्ञापनों की सही से जांच कराने के लिए एक पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी बनाने की मांग की है। शिक्षकों का कहना है कि कमेटी में वरिष्ठ प्रोफेसर्स, पूर्व विद्वत परिषद सदस्य के अलावा रोस्टर की जानकारी रखने वालों को रखा जाए और यह कमेटी अपनी रिपोर्ट एक महीने के अंदर दे। शिक्षकों ने वाइस चांसलर से कहा है कि सही रोस्टर के बाद ही कॉलेजों के विज्ञापन निकालकर शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति की जाए। साथ ही उनका कहना है कि य पांच सदस्यीय कमेटी बनाने, रोस्टर की सही जांच व प्रोफेसर काले कमेटी को लागू कराने की मांग के अलावा हाल ही में 10 फीसदी अतिरिक्त ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू करते हुए सभी वर्गो के शिक्षकों को नियुक्तियों में प्रतिनिधित्व दिया जाए। दिल्ली यूनिवर्सिटी एससी एसटी ओबीसी टीचर्स फोरम के महासचिव व पूर्व विद्वत परिषद सदस्य डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि हाल ही में आ रहे स्थायी शिक्षकों की नियुक्तियों के विज्ञापनों में अनेक प्रकार की विसंगतियां है।

कॉलेजों द्वारा निकाले जा रहे विज्ञापनों में भारत सरकार की आरक्षण नीति व डीओपीटी के निर्देशों को सही से लागू नहीं किया गया है। साथ ही जो पद निकाले जा रहे हैं उनमें शॉर्टफाल, बैकलॉग और विश्वविद्यालय द्वारा बनाई गई प्रोफेसर काले कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकारते हुए करेक्ट रोस्टर नहीं बनाया गया है। इससे एससी,एसटी, ओबीसी अभ्यर्थियों को जिस अनुपात में आरक्षण मिलना चाहिए था नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने बताया है कुछ कॉलेजों में लंबे समय से पढ़ा रहे एससी एसटी व ओबीसीकोटे के शिक्षकों की सीटें ही खत्म कर दी हैं। वाइस चांसलर को लिखे गए पत्र में विश्वविद्यालय में सामाजिक न्याय दिलाने की मांग करते हुए आरक्षण, रोस्टर और विज्ञापनों की जांच करने के लिए एक वरिष्ठ प्रोफेसर के नेतृत्व में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन की मांग है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो (ईडब्ल्यूएस आरक्षण) का 10 फीसदी आरक्षण फरवरी, 2019 में आया था, जिसे विश्वविद्यालय और कॉलेजों ने स्वीकारते हुए इसको रोस्टर में शामिल कर लिया। शिक्षकों का कहना है कि कॉलेजों ने ईडब्ल्यूएस रोस्टर को फरवरी 2019 से न बनाकर उसे एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण के आरक्षण लागू होने से पहले लागू करते हुए रोस्टर बना दिया। वहीं 10 फीसदी आरक्षण के स्थान पर किसी-किसी कॉलेज ने 10 फीसदी से ज्यादा आरक्षण दे दिया, जिससे कि एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण कम कर दिया गया और ईडब्ल्यूएस बढ़ाकर दिया गया।

फोरम का कहना है कि यूजीसी भी ओबीसी की बकाया सेकेंड ट्रांच के पदों को भरने के निर्देश कॉलेजों को कई बार दे चुकी हैं, लेकिन अभी तक कॉलेजों ने ओबीसी एक्सपेंशन की बढ़ी हुई सीटों को रोस्टर में शामिल नहीं किया है। कॉलेज ईडब्ल्यूएस व सेकेंड ट्रांच को रोस्टर में शामिल किए बिना ही पदों को निकाल रहे थे, इसमें किसी तरह का आरक्षण न देना डीओपीटी के नियमों का सरेआम उल्लंघन है।

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