रविवार, 19 सितंबर 2021

राहुल ने हवाला देते हुए सरकार पर कटाक्ष किया

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर कोरोना रोधी टीकों की ढाई करोड़ से अधिक खुराक दिए जाने और अन्य दिनों में यह संख्या अपेक्षाकृत कम रहने का हवाला देते हुए रविवार को सरकार पर कटाक्ष किया और कहा कि अब ‘इवेंट’ खत्म हो चुका है।
उन्होंने पिछले 10 दिनों के दौरान ‘कोविन’ पर टीकाकरण की उपलब्ध संख्या से जुड़ा एक ग्राफ भी ट्विटर पर साझा किया। जिसमें दर्शाया गया है कि 17 सितंबर को रिकॉर्ड संख्या में टीकों की खुराक दी गई, लेकिन अन्य दिनों यह आंकड़ा अपेक्षाकृत बहुत कम रहा। कांग्रेस नेता ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, ”इवेंट खत्म हो चुका है।” उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर देश में लोगों को टीकों की ढाई करोड़ से अधिक खुराक दी गई थीं।

नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोला: सीएम

इकबाल अंशारी         
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके अमरिंदर सिंह की ओर से नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोलने की पृष्ठभूमि में रविवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमरिंदर कोई ऐसा कदम नहीं उठाएंगे। जिससे कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो।
उन्होंने यह भी कहा कि कई बार आलाकमान को विधायकों एवं आमजन से मिले फीडबैक के आधार पर निर्णय लेने पड़ते हैं और ऐसे क्षणों में लोगों को अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए। गहलोत ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब एक दिन पहले अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने खुद को अपमानित महसूस किया, जिसके बाद यह कदम उठाया।
अमरिंदर सिंह ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सिद्धू पर निशाना साधा और दावा किया कि उनके पाकिस्तान से रिश्ते हैं तथा उनको मुख्यमंत्री बनाने से पंजाब का बेड़ा गर्क हो जाएगा। गहलोत ने एक बयान में कहा, ”मुझे उम्मीद है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह जी ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो।
कैप्टन साहब ने स्वयं कहा कि पार्टी ने उन्हें साढे़ नौ साल तक मुख्यमंत्री बनाकर रखा है। उन्होंने अपनी सर्वोच्च क्षमता के अनुरूप कार्य कर पंजाब की जनता की सेवा की है।” उनके मुताबिक, ”आलाकमान को कई बार विधायकों एवं आमजन से मिले फीडबैक के आधार पर पार्टी हित में निर्णय करने पड़ते हैं।
मेरा व्यक्तिगत तौर पर भी मानना है कि कांग्रेस अध्यक्ष कई नेताओं, जो मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में होते हैं, उनकी नाराजगी मोल लेकर ही मुख्यमंत्री का चयन करते हैं। परंतु वही मुख्यमंत्री को बदलते वक्त आलाकमान के फैसले को नाराज होकर गलत ठहराने लग जाते हैं।” उन्होंने कहा कि ऐसे क्षणों में अपनी अंतरात्मा को सुनना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गहलोत ने कहा, ”मेरा मानना है कि देश फासीवादी ताकतों के कारण किस दिशा में जा रहा है, यह हम सभी देशवासियों के लिए चिंता का विषय होना चाहिए।
इसलिए ऐसे समय हम सभी कांग्रेसजनों की जिम्मेदारी देश हित में बढ़ जाती है। हमें अपने से ऊपर उठकर पार्टी व देश हित में सोचना होगा।” उन्होंने जोर देकर कहा, ”कैप्टन साहब पार्टी के सम्मानित नेता हैं एवं मुझे उम्मीद है कि वह आगे भी पार्टी का हित आगे रखकर ही कार्य करते रहेंगे।”
उधर, गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने शनिवार को अपने एक ट्वीट से विवाद खड़ा होने के बाद इस्तीफा दे दिया। शर्मा ने ट्वीट किया था, ”मजबूत को मजबूर, मामूली को मगरूर किया जाए, बाड़ ही खेत को खाए, उस फसल को कौन बचाए।” उनके इस ट्वीट को पंजाब के घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में कई लोगों ने कांग्रेस आलाकमान पर सवाल खड़े करने के रूप में देखा।

'पूर्वानुमान सेवाओं के उन्नयन’ एक योजना बनाई

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। सरकार ने आने वाले वर्षों में मौसम पूर्वानुमान को और अधिक सटीक बनाने एवं समय पर इससे संबंधित जानकारी के प्रसार के लिए ‘पूर्वानुमान सेवाओं के उन्नयन’ नामक एक उप-योजना बनाई है।जिससे मौसम खराब होने संबंधी भविष्यवाणी में तीन से छह घंटे तक का सुधार हो सकता है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि आने वाले वर्षों में मौसम पूर्वानुमान को सटीक एवं प्रभावी बनाने तथा समय पर इसकी जानकारी के प्रसारण के लिए योजना पर काम किया जा रहा है।
वायुमंडलीय एवं जलवायु अनुसंधान प्रेक्षण प्रणालियों और सेवाओं का प्रतिरूपण (एक्रॉस) योजना के तहत ‘पूर्वानुमान सेवाओं के उन्नयन’ नामक एक उप-योजना बनाई गई है।” उन्होंने कहा कि इससे नेटवर्क में सुधार और संख्यात्मक मॉडलिंग क्षमता में सुधार होगा तथा मौसम पूर्वानुमान को अधिक सटीक बनाया जा सकेगा। अधिकारी ने कहा कि मौसम पूर्वानुमान को सटीक बनाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) का उपयोग करने पर भी काम चल रहा है।
इन प्रयासों से मौसम खराब होने संबंधी पूर्वानुमान में तीन से छह घंटे तक का सुधार हो सकता है।” पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ‘पूर्वानुमान सेवाओं के उन्नयन’ की उप-योजना के तहत आधुनिक प्रचालन पूर्वानुमान प्रणाली, बहुआयामी जोखिम पूर्व चेतावनी प्रणाली, गरज तूफान मूल्यांकन, शहरी मौसम विज्ञान सेवा तथा खगोल सेवाओं को विकसित करने एवं उन्नत बनाया जाएगा। इसके अलावा जल मौसम विज्ञान सेवा एवं पर्यटन पूर्वानुमान सेवाओं को उन्नत बनाने पर काम किया जाएगा।
मंत्रालय के मुताबिक, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अपनी उच्च निष्पादन कम्प्यूटिंग प्रणाली (एचपीसी) को 6.8 पेटाफ्लाप्स तक उन्नत बनाया है और इसके साथ ही साल 2022 तक उच्च निष्पादन कम्प्यूटिंग प्रणाली को 10 पेटाफ्लाप्स से बढ़ाकर 40 पेटाफ्लाप्स करने तथा साल 2024 तक 100 पेटाफ्लाप्स करने की योजना बनाई गई है। इसके अनुसार, डॉप्लर मौसम रडार और उपग्रह डाटा का उपयोग करते हुए भारी वर्षा के संदर्भ में फिलहाल ‘नाउकास्ट’ प्रारूप में अर्थात 2-3 घंटे पहले बादल फटने संबंधी पूर्वानुमान व्यक्त किया जा रहा है।

प्रयागराज में भूकंप के तेज झटके महसूस किये गए

पंकज कपूर        
रुद्रप्रयाग। प्रयागराज जनपद में आज रविवार को भूकंप के झटके महसूस किये गये हैं। दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर इनको महसूस किया गया है। इसकी तीव्रता 3.3 रिक्टर नापी गई है। हालांकि कहीं से भी किसी प्रकार के कोई नुकसान की सूचना नहीं है। ज्ञात रहे कि उत्तराखंड के विभिन्न जनपद भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील हैं, जिनमें रूद्रप्रयाग भी शामिल है।
उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से जोन चार और पांच में विभक्त है। बताया जा रहा है कि रूद्रप्रयाग में भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आये और कुछ देर के लिए भय का माहौल कायम हो गया।  ज्ञात रहे कि गत 11 सितंबर को भी सुबह करीब 5 बजकर 58 मिनट पर चमोली, पौड़ी, अल्‍मोड़ा आदि जिलों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, जोशीमठ के निकट रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.6 थी। बार—बार प्रदेश के अलग—अलग जनपदों में भूकंप के झटके महसूस किये जाना खतरे का संकेत भी हो सकता है।

बरेली और यूपी में ऐतिहासिक काम किये गए: सांसद

सदींप मिश्र           
बरेली। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद संतोष गंगवार ने राज्य सरकार के साढ़े चार साल पूरे होने के मौके पर विकास भवन सभागार में प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि बरेली और यूपी में ऐतिहासिक काम किये गये हैं। बिना भेदभाव के प्रत्येक एरिया में कार्य कराए गए हैं। बरेली तेजी से बदल रही है।
पुलों के निर्माण से यातायात सुगम हो गया है। प्रदेश सरकार की साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में किसान सम्मान निधि लागू करने में प्रथम, आवास योजना में प्रथम, -स्वच्छ भारत मिशन में शौचालय निर्माण में प्रथम, ‘सौभाग्य योजना’ में विद्युत कनेक्शन देने में प्रथम आया है।
गन्ना, चीनी, गेहूं, आलू, हरी मटर, आम, आंवला और दुग्ध उत्पादन में प्रथम आया है।
गन्ना किसानों को 1.43 लाख करोड़ से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान हुआ है। गरीब कल्याण अन्न योजना में 15 करोड़ लोगों को मुफ़्त राशन वितरण किया गया है। डेढ़ करोड़ से अधिक श्रमिकों को मनरेगा में रोजगार और नौकरी एवं रोज़गार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई।
प्रदेश में बेरोज़गारी दर जो वर्ष 2017 में 17.5 प्रतिशत थी वो मार्च 2021 में घटकर 4.1 प्रतिशत रह गई है। इस दौरान सांसद धर्मेंद्र कष्यप, शहर विधायक डा अरुण कुमार, राजेश कुमार मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल, डीएम नितीश कुमार, सीडीओ चंद्रमोहन गर्ग आदि मौजूद रहे।

संस्करणों में 6 एयरबैग उपलब्ध कराएं: गड़करी

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि छोटी कारों में भी सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त संख्या में एयरबैग होने चाहिए। आमतौर पर छोटी कारों की खरीद कम आय वर्ग वाले मध्यवर्गीय लोगों द्वारा की जाती है। गडकरी ने सवाल किया कि वाहन कंपनियां सिर्फ अमीर लोगों द्वारा खरीदी जाने वाली बड़ी कारों में ही आठ एयरबैग क्यों उपलब्ध कराती हैं।
गडकरी ने साक्षात्कार में कहा कि छोटी सस्ती कारों में अधिक एयरबैग की अपील वह सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कर रहे हैं। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जबकि वाहन उद्योग ने इस बात को लेकर चिंता जताई है कि ऊंचे कराधान तथा सख्त सुरक्षा और उत्सर्जन नियमों की वजह से उनके उत्पाद महंगे हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि छोटी कारों की खरीद निम्न मध्यम आय वर्ग के लोगों द्वारा की जाती है। यदि उनकी कारों में एयरबैग नहीं होगा, तो दुर्घटना की स्थिति में उनकी जान जा सकती है। ऐसे में मैं सभी कार विनिर्माताओं से अपील करूंगा कि वे अपने वाहनों के सभी संस्करणों में कम से कम छह एयरबैग उपलब्ध कराएं।
इस बात को स्वीकार किया अतिरिक्त एयरबैग से छोटी कारों की लागत कम से कम 3,000 से 4,000 रुपये बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा, ”हमारे देश में गरीबों को भी पूरी सुरक्षा मिलनी चाहिए। बेबाकी से अपनी राय रखने वाले गडकरी ने कहा कि अमीर लोगों के लिए आप आठ एयरबैग देते हैं। सस्ती कारों के लिए आप सिर्फ दो-तीन एयरबैग की पेशकश करते हैं। ऐसा क्यों।

कर्मस्थली छपरौली में भारी भीड़ जुटनी शुरू हुईं

हरिओम उपाध्याय       
छपरौली। स्वर्गीय चौधरी अजीत सिंह की श्रद्धांजलि सभा एवं जयंत चौधरी की रस्म पगड़ी कार्यक्रम में चौधरी चरण सिंह की कर्मस्थली छपरौली में भारी भीड़ जुटनी शुरू हो गई है।
राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह का कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया था। उनके निधन के बाद कोरोना काल के चलते उनकी श्रद्धांजलि सभा नहीं हो पाई थी। अब जब कोरोना के केस लगातार कम हो रहे हैं। तब राष्ट्रीय लोकदल एवं किसानों ने स्वर्गीय चौधरी अजीत सिंह की श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करने एवं उनके पुत्र रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी की रस्म पगड़ी के लिए सभा का आयोजन छपरौली में करने का फैसला लिया गया। छपरौली रालोद का सियासी गढ़ रही है। श्रद्धांजलि सभा एवं रस्म पगड़ी कार्यक्रम सभा का समय सुबह 10 बजे रखा गया था, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से रालोद के कार्यकर्ता एवं किसान छपरौली पहुंचने शुरू हो गए थे। समाचार लिखे जाने तक कार्यक्रम स्थल चारों तरफ से भर गया है जबकि छपरौली पहुंचने वाले सभी रास्तों पर बस एवं कारों का काफिला कार्यक्रम स्थल की ओर पहुंच रहा है।

25 भारतीय आईएएस अधिकारियों के तबादले किए

नरेश राघानी              
जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर राज्य सरकर ने 25 भारतीय प्रशासनिक सेवा आईएएस अधिकारियों के तबादले किए गए हैं।
कार्मिक विभाग ने कल देर रात इन अधिकारियों के तबादले आदेश जारी किए। इसमें बूंदी और प्रतापगढ के जिला कलक्टर्स को भी बदला है।
कार्मिक विभाग के आदेश के अनुसार सुबोध अग्रवाल को अतिरिक्त मुख्य सचिव खान एवं पेट्रोलियम के साथ-साथ ऊर्जा विभाग, रोली सिंह को प्रमुख शासन सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, भास्कर आत्माराम सावंत को अध्यक्ष डिस्कॉम एवं अध्यक्ष प्रबंध निदेशक राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड, दिनेश कुमार को प्रमुख शासन सचिव कृषि, उद्यानिकी और सहकारिता विभाग, नवीन महाजन को अध्यक्ष राजस्थान कर बोर्ड अजमेर, गायत्री राठौर को प्रमुख शासन सचिव पर्यटन कला साहित्य और अध्यक्ष राजस्थान पर्यटन विकास निगम के साथ महानिदेशक जवाहर कला केंद्र, मुग्धा सिन्हा को शासन सचिव एवं आयुक्त विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, मंजू राजपाल को सदस्य राजस्व मंडल अजमेर, डॉ पृथ्वीराज शासन सचिव जल संसाधन विभाग, सिद्धार्थ महाजन को शासन सचिव वित्त( बजट) विभाग,पूरन चंद किशन को शासन सचिव अल्पसंख्यक मामलात विभाग एवं पंचायत राज, विनीता श्रीवास्तव को शासन सचिव आयुर्वेदिक विभाग के पद पर तैनात किया है।
इसी प्रकार बाबूलाल मीणा को आयुक्त विभागीय जांच जयपुर, चौथी राम मीणा को सदस्य राजस्व मंडल अजमेर, डॉक्टर मोहन लाल यादव को रजिस्टर राजस्व मंडल अजमेर, कुमारी रेनू जयपाल को जिला कलेक्टर बूंदी, वंदना सिंह को निदेशक जोधपुर, महावीर प्रसाद वर्मा को सचिव राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग जयपुर, नेहा गिरी को रजिस्टर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय एवं रजिस्टर सरदार पटेल विश्वविद्यालय पुलिस न्याय जोधपुर, विश्राम मीणा को प्रबंध निदेशक राजस्थान सहकारिता डेयरी फेडरेशन लिमिटेड जयपुर, कन्हैयालाल त्यागी को आयुक्त शासन सचिव राजस्व विभाग जयपुर, प्रकाश चंद शर्मा को जिला कलेक्टर प्रतापगढ़, आशीष गुप्ता को निदेशक जल ग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग जयपुर, अनुपमा जोरवाल को प्रबंध निदेशक राजस्थान चिकित्सा सेवाएं और आलोक रंजन को संयुक्त शासन सचिव ऊर्जा विभाग जयपुर के पद पर लगाया है। आदेश में वैभव गालरिया को शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग के साथ-साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और डॉक्टर पृथ्वीराजसिंह को जल संसाधन विभाग के साथ अध्यक्ष इंदिरा गांधी नहर बोर्ड का कार्यभार भी अतिरिक्त दिया गया है।

दंगल में स्वर्ण पदक जीते हुए क्वालीफाई किया

हरिओम उपाध्याय        
मुजफ्फरनगर। जनपद की आन, बान और शान दंगल गर्ल दिव्या काकरान ने सर्बिया में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए सीएम के जन्मदिन पर हुए दंगल में स्वर्ण पदक जीते हुए क्वालीफाई कर लिया है। दंगल गर्ल ने स्वर्ण पदक अपनी सेहत पर खेलकर प्राप्त किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर शनिवार को हुए दंगल के दौरान मुजफ्फरनगर की आन, बान और शान दिव्या काकरान को वायरल के साथ तेज बुखार भी था। मुकाबले से पहले इस बुखार में और अधिक बढ़ोतरी हो गई। लेकिन बुखार से तपते हुए शरीर के बाद भी दिव्या काकरान ने दंगल से अपने कदम वापस नहीं खींचे, बल्कि पूरी हिम्मत के साथ डटी रही और बुखार में तपते हुए शरीर के बावजूद अखाड़े में उतरी दिव्या काकरान आखिर में अपने प्रतिद्वंदी को पछाड़कर सोना झपटकर ले आई।
दिव्या काकरान ने इस दंगल के लिए रोजाना 8 घंटे एक्सरसाइज करती है। सोना जीतने वाली दिव्या काकरान अब 1 नवंबर से लेकर 9 नवंबर तक होने वाली वर्ल्ड चेंपियनशिप में भाग लेने के लिए इस दंगल के जरिए चयनित हो चुकी है। दिव्या काकरान के साथ उसके छोटे भाई पहलवान दीपक काकरान भी अमेठी गए हुए हैं। दीपक ने बताया है कि 2 दिन से उसकी बहन को तेज बुखार हो रहा था। इसके बाद भी वह मैदान में उतरी और सोना जीतकर ले आई।
अब दिव्या काकरान जल्द से जल्द स्वस्थ होना चाहिए। क्योंकि उसे दो वर्ल्ड चेंपियनशिप खेलनी है इसके लिए उसे मेहनत करनी है।

मुंबई: फिल्म 'पोन्नियिन सेलवन' की शूटिंग खत्म हुईं

कविता गर्ग       
मुबंई। ऐश्वर्या राय की आने वाली फिल्म 'पोन्नियिन सेलवन' की शूटिंग खत्म हो गई है। ऐश्वर्या ने फिल्म का एक पोस्टर शेयर कर इसकी जानकारी दी है। इसके साथ उन्होंने बताया कि फिल्म कब रिलीज होगी। बीते दिनों ऐश्वर्या फिल्म की शूटिंग के लिए मध्य प्रदेश रवाना हुई थीं जहां सेट से उनकी कुछ तस्वीरें भी सामने आई थीं। अब जब फिल्म की शूटिंग खत्म हो गई तो फैंस इसकी रिलीज का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
ऐश्वर्या ने जो पोस्टर शेयर किया है उस पर लिखा है फिल्म पूरी हो गई है। PS-1 अगले साल 2022 की गर्मियों में रिलीज होगी।ऐश्वर्या और प्रकाश राज के अलावा इसमें विक्रम, तृषा, जयम रवि, कार्ति, प्रभु, ऐश्वर्या लक्ष्मी, शोभिता धूलिपाला सहित अन्य कलाकार हैं। इस पीरियड फिल्म के लिए एआर रहमान ने संगीत दिया है। फिल्म के निर्देशक मणिरत्नम हैं।

महाराजाओं ने बहादुर को हिंदुस्तान का सम्राट माना

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। हिंदुस्तान के आखरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर का जिक्र आते ही उनकी उर्दू शायरी और हिंदुस्तान से उनकी मोहब्बत की भी बात होती है। 21 सितंबर के दिन को अंग्रेज हुक्मरान के हाथों उनकी गिरफ्तारी के लिए इतिहास में दर्ज किया गया है। कहने को तो वह 1837 में बादशाह बनाए गए, लेकिन तब तक देश के काफी बड़े इलाके पर अंग्रेजों का कब्जा हो चुका था।
1857 में क्रांति की चिंगारी भड़की तो सभी विद्रोही सैनिकों और राजा-महाराजाओं ने उन्हें हिंदुस्तान का सम्राट माना और उन्होंने भी अंग्रेजों को खदेड़ने का आह्वान किया। लेकिन 82 बरस के बूढ़े बहादुर शाह जफर की अगुवाई में लड़ी गई यह लड़ाई कुछ ही दिन चली और अंग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन पर मुक़दमा चलाया गया और उन्हें रंगून निर्वासित कर दिया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
बादशाह बहादुर शाह का जन्म 24 अक्टूबर, 1775 को हुआ था. कहा जाता है कि बहादुर शाह जफर को नाममाज्ञ बादशाह की उपाधि दी गई थी। 1837 के सितंबर में पिता अकबर शाह द्वितीय की मौत के बाद वह गद्दीनशीं हुए। अकबर शाह द्वितीय कवि हृदय जफर को सदियों से चला आ रहा मुगलों का शासन नहीं सौंपना चाहते थे। सौंदर्यानुरागी बहादुर शाह जफर का शासनकाल आते-आते वैसे भी दिल्ली सल्तनत के पास राज करने के लिए सिर्फ दिल्ली यानी शाहजहांबाद ही बचा रह गया था।
1857 में ब्रिटिशों ने तकरीबन पूरे भारत पर कब्जा जमा लिया था। ब्रिटिशों के आक्रमण से तिलमिलाए विद्रोही सैनिक और राजा-महाराजाओं को एक केंद्रीय नेतृत्व की जरूरत थी, जो उन्हें बहादुर शाह जफर में दिखा। बहादुर शाह जफर ने भी ब्रिटिशों के खिलाफ लड़ाई में नेतृत्व स्वीकार कर लिया। लेकिन 82 वर्ष के बूढ़े शाह जफर अंततः जंग हार गए और अपने जीवन के आखिरी वर्ष उन्हें अंग्रेजों की कैद में गुजारने पड़े।
बर्मा में अंग्रेजों की कैद में ही 7 नवंबर, 1862 को सुबह बहादुर शाह जफर की मौत हो गई। उन्हें उसी दिन जेल के पास ही श्वेडागोन पैगोडा के नजदीक दफना दिया गया। इतना ही नहीं उनकी कब्र के चारों ओर बांस की बाड़ लगा दी गई और कब्र को पत्तों से ढंक दिया गया। ब्रिटिश हिंदुस्तान के एक बड़े हिस्से पर राज करने वाले मुगलों के आखिरी बादशाह के अंतिम संस्कार को ज्यादा ताम-झाम नहीं देना चाहते थे। वैसे भी बर्मा के मुस्लिमों के लिए यह किसी बादशाह की मौत नहीं बल्कि एक आम मौत भर थी। 
उस समय जफर के अंतिम संस्कार की देखरेख कर रहे ब्रिटिश अधिकारी डेविस ने भी लिखा है कि जफर को दफनाते वक्त कोई 100 लोग वहां मौजूद थे और यह वैसी ही भीड़ थी, जैसे घुड़दौड़ देखने वाली या सदर बाजार घूमने वाली। जफर की मौत के 132 साल बाद साल 1991 में एक स्मारक कक्ष की आधारशिला रखने के लिए की गई खुदाई के दौरान एक भूमिगत कब्र का पता चला। 3.5 फुट की गहराई में बादशाह जफर की निशानी और अवशेष मिले, जिसकी जांच के बाद यह पुष्टि हुई की वह जफर की ही हैं।

पति द्वारा किए ट्वीट्स का स्क्रीनशॉट साझा किया

कविता गर्ग        
मुबंई। आप प्रवक्ता राघव चड्ढा द्वारा नवजोत सिंह सिद्धू की तुलना करने के बाद राखी सावंत इस समय ट्विटर पर ट्रेंड कर रही हैं। अभिनेत्री को अब अपने पति रितेश का समर्थन मिल गया है। उन्होंने हाल ही में इंस्टाग्राम पर अपने पति के द्वारा उनके समर्थन में किए गए ट्वीट्स का स्क्रीनशॉट साझा किया। अभिनेत्री ने उन्हें धन्यवाद दिया और लिखा कि वह खुश हैं कि कोई उनका समर्थन करने के लिए है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राखी सावंत ने 2019 में यूके बेस्ड एनआरआई बिजनेसमैन रितेश से शादी की थी। पहले ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि राखी सावंत ने अपने पति रितेश के बारे में झूठ बोला है और वह मौजूद नहीं है। हालांकि, एक्ट्रेस ने अब अपने पति के समर्थन में ट्वीट करते हुए एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है।इससे पहले राखी सावंत की जब इस मामले पर प्रतिक्रिया ली गयी तो उन्होंने राघव चढ्ढा को लेकर कहा था कि मुझसे और मेरे नाम से दूर रहो. जो मिस्टर चड्डा हो ना, अगर मेरा नाम लोगे तो मैं तुम्हारा चड्डा उतार दूंगी. अभी मैं ट्रेंडिंग में हूं'।
पंजाब कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू और आप ने शुक्रवार को ट्विटर पर एक-दूसरे पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान कांग्रेस नेता ने “वानरों और बंदरों” का उल्लेख किया वहीं आप की तरफ से उन्हें “पंजाब की राजनीति का राखी सावंत” कहा गया। सिद्धू ने केंद्र के विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर शुक्रवार को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और आम आदमी पार्टी (आप) की आलोचना की और इस मुद्दे पर उन्होंने दोनों पर “नाटक” करने के आरोप लगाए। सिद्धू ने शिअद पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि वे ‘‘काले कानून’’ के ‘‘निर्माता एवं बचावकर्ता’’ हैं जबकि आप पर दिल्ली विधानसभा में कृषि कानून की प्रतियां फाड़ने का नाटक करने का आरोप लगाया। सिद्धू ने आरोप लगाया कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले साल कृषि कानूनों में से एक को अधिसूचित किया था, वह भी तब जब किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर कानूनों का विरोध कर रहे थे। सिद्धू ने ट्वीट में कहा था, “किसानों का शोषण और उन फसलों पर भी कम कीमतें जहां एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की घोषणा की गई है-अरविंद केजरीवाल आपने निजी मंडी के केंद्रीय काले कानून को अधिसूचित किया! क्या इस अधिसूचना को रद्द कर दिया गया है या बहाना अब भी चल रहा है?” इस पर पलटवार करते हुए आप नेता राघव चड्ढा ने कहा, “पंजाब की सियासत के राखी सावंत- नवजोत सिंह सिद्धू को कैप्टन के खिलाफ लगातार बोलने के लिये कांग्रेस आला कमान से डांट पड़ी है। इसलिए आज, बदलाव के लिये, वह अरविंद केजरीवाल के पीछे पड़ गए। कल तक इंतजार कीजिए क्योंकि वह फिर से जोश के साथ कैप्टन के खिलाफ आरोप वाले बयान देंगे।” इस बीच सिद्धू ने चड्ढा पर पलटवार करते हुए कहा कि आप नेता ने अब तक उनके सवाल का जवाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा, “कहते हैं कि इंसान का विकास वानरों और बंदरों से हुआ है, आपके दिमाग को देखते हुए राघव चड्ढा, मेरा मानना है कि आपका विकास अब भी हो रहा है।
आपने अब तक, कृषि कानूनों को आपकी सरकार द्वारा अधिसूचित किए जाने को लेकर मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया।” इससे पहले दिन में, शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कानूनों को पारित किए जाने के एक वर्ष पूरा होने पर दिल्ली में कानूनों के विरोध में मार्च निकाला, जिसके बाद पुलिस ने दोनों नेताओं को हिरासत में ले लिया। सिद्धू ने बुधवार को भी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के बादल परिवार पर प्रहार किया था और उन पर आरोप लगाया था कि केंद्र के कृषि कानूनों की जड़ में वही हैं जिसको लेकर किसान पिछले कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। शिअद पर आज फिर प्रहार करते हुए सिद्धू ने एक बार फिर आरोप लगाया कि वे ‘‘काले कानून’’ के ‘‘निर्माता एवं बचावकर्ता’’ हैं। सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘‘काले कानून के निर्माता और बचावकर्ता आज घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। आपकी नौटंकी का भंडाफोड़ हो गया।’’ सिद्धू ने बुधवार को आरोप लगाया था कि केंद्र का एक कानून पंजाब अनुबंधित कृषि कानून, 2013 की ‘‘फोटोस्टेट कॉपी’’ है जिसे प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती शिअद-भाजपा सरकार ने लागू किया था। 

कहानी के रूप में दुनिया का खाका पेश करेगी बेटी

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र महासभा में सोमवार को भारत की एक ऐसी बेटी की आवाज गूंजेगी जो अपनी विशिष्ट शैली में कहानी के रूप में भविष्य की दुनिया का खाका पेश करेगी और वह भी भारतीय नजरिये से।
भारत की 29 वर्षीय भविष्यवेत्ता पुपुल बिष्ट संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76 वें सत्र में सतत विकास के लक्षयों के तहत “ न्याय, समानता और विश्वास के लिए प्रभावशाली तथा समावेशी संस्थान” विषय पर पैनल चर्चा में हिस्सा लेंगी। इस चर्चा में वह अतीत की कथाओं के जरिये भारतीय दृष्टिकोण से भविष्य की दुनिया का खाका खींचने की कोशिश करेंगी।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा बुलाये गये इस विशेष सत्र में हिस्सा लेने के लिए उत्साहित सुश्री बिष्ट ने यूनीवार्ता को बताया कि इस महत्वपूर्ण चर्चा में हिस्सा लेना उनके लिए गौरव की बात है। वर्ष 2020 का दशक 2030 के सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को तुरंत तथा प्रभावशाली ढंग से इन पर काम करना होगा। हमें यह बात माननी चाहिए कि सभी के भविष्य की कल्पना व्यवस्था में बैठे कुछ लोगों द्वारा नहीं की जा सकती।
यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जिस पैमाने पर बदलाव हो रहे हैं उनसे कोई पीछे न छूट जाये। यह सीमाओं से आगे जाकर मिलकर और तालमेल से काम करने का मौका है जिससे कि हम अपनी मौजूदा तथा भविष्य की पीढियों के लिए समावेशी दुनिया का निर्माण कर सकें।उन्होंने कहा कि वह अतीत की गहराइयों में जाकर भविष्य की तस्वीर को उकेरने की कोशिश करती हैं क्योंकि हमारी लोककथाओं में असीमित खजाना है जिसे दुनिया तक पहुंचाने की जरूरत है और वह अपनी कहानी की विधा से यही प्रयास करने में जुटी हैं।
इस विशेष सत्र में वह 30 सदस्य देशों के विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त सामाजिक नेताओं के साथ अपने विचार साझा करेंगी। सत्र में विभिन्न निजी और अंतर्राष्ट्रीय साझीदार भी हिस्सा ले रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस के प्रारंभिक वक्तव्य के बाद यह सत्र शुरू होगा और इसमें बिल गेट्स फाउंडेशन की मिलिंदा गेट्स, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक , नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई , अफ्रीका के लिए संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक आयोग के कार्यकारी सचिव डा वेरा सोंगवे , संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के प्रशासक अचीम स्टेनर और तीस से चालीस देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी हिस्सा लेंगे। सुश्री बिष्ट ने पिछले वर्षों में कड़ी मेहनत और शोध के बल पर भविष्यवेत्ता के रूप में अपनी पहचान बनायी है। वह राजस्थान की कावड़ कथा के आधार पर अतीत का विश्वलेषण कर भारतीय नजरिये से भविष्य की दुनिया की तस्वीर पेश करती हैं।
समाज के हाशिये पर रहने वाले लोगों को केन्द्र में रखकर अपने काम को आगे बढाने के लिए उन्होंने ‘डिकोलोनाइजिंग फ्यूचर्स इनिशिएटिव’की स्थापना की। उन्हें प्रतिष्टित नेक्सट जनरेशन फोरसाइट प्रेक्टिशनर्स अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने भारत में स्नातक की शिक्षा के बाद कनाडा से स्ट्रेटेजिक फोरसाइट एंड इनोवेशन में स्नातकोत्तर की शिक्षा ली है।

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