शनिवार, 20 मार्च 2021

4 देशों की महिलाओं से शादी पर लगाईं रोक

रियाद। सऊदी अरब ने अपने पुरुषों को पाकिस्तान, बांग्लादेश, चाड म्यांमार की महिलाओं से शादी करने पर रोक लगा दी है। सऊदी मीडिया में एक रिपोर्ट के हवाले से इसकी जानकारी दी है। एक आंकड़ों के अनुसार इन चारों देशों की लगभग 5,00,000 महिलाएं फिलहाल सऊदी अरब में रह रही हैं।
मक्का के पुलिस महानिदेशक मेजर जनरल असफ अल-कुरैशी के हवाले से कहा गया है।कि विदेशी महिलाओं से शादी करने के इच्छुक सऊदी पुरुषों को अब सख्त नियमों का सामना करना पड़ेगा। इस कदम का उद्देश्य सऊदी पुरुषों को विदेशी महिलाओं से शादी करने से रोकना है। अगर फिर भी कोई विदेशी महिला से निकाह करने का इच्छुक है।तो उसे पहले सरकार की सहमति लेनी होगी और आधिकारिक चैनलों के माध्यम से विवाह के लिए प्रार्थनापत्र देना होगा। इसके साथ ही तलाकशुदा पुरुषों को तलाक के छह महीने के भीतर दूसरी शादी के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
कुरैशी ने बताया कि आवेदकों की उम्र 25 साल से अधिक होनी चाहिए और प्रार्थना पत्र के साथ स्थनीय जिला महापौर के दस्तखत किए पहचान पत्रों के साथ ही फैमिली कार्ड की कॉपी भी अटैच करनी होगी। उन्होंने कहा कि यदि आवेदक पहले से ही शादीशुदा है तो उसे अस्पताल की एक रिपोर्ट अटैच करनी होगी। जिससे यह साबित हो सके कि उसकी पत्नी विकलांग है या क्रोनिक डिजीज से पीड़ित है या फिर बांझ है।
 

झांसी: पत्रकारिता में प्रतिदिन गिरावट क्यों ?

झांसी। बदलते समय और बदलती सोच के साथ पत्रकारिता के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन गिरावट आ रही है। इस मुद्दे पर आज देश में गर्मा-गर्म बहस भी छिड चुकी है। देश के लोकतंत्र का मजबूत चौथा स्तम्भ (शेर) कहा जाने वाला पत्रकारिता का क्षेत्र भी अब इस भ्रष्टाचार से अछूता नही रहा। आज शनिवार को पैसे की चमक ने पत्रकारिता के मिशन को व्यवसाय बना दिया। ये ही कारण है कि आज देश में भ्रष्टाचार के कारण हाकाहार मचा है। मंहगाई आसमान छू रही है। राजनेता, अफसर देश को लूटने में लगे है और गुण्डे मवाली, सफेद खद्दर में संसद भवन में पिकनिक मना रहे है। पूंजीपतियो, राजनेताओ, अफसरो के बडे बडे विज्ञापनो ने पैसे के बल पर आज मीडिया के जरिये आम आदमी की समस्या और उस की उठने वाली आवाज को दबा कर रख दिया है। दूसरा सब से बडा सवाल आज पत्रकारिता के क्षेत्र में दिन प्रतिदिन बड़ती तादाद में अशिक्षित, कम पढे लिखे और अप्रशिक्षित संवाददाओ की एक बडी दिशाहीन सेना का प्रवेश भी पत्रकारिता के क्षेत्र में भ्रष्टाचार बढाने में बडा योगदान दे रहा है। ये वो लोग है, जो जेब में कलम लगाकर रोज सुबह शाम सरकारी अफसरो और दफ्तरो के चक्कर काटते रहते है। और ये भ्रष्ट अफसर इन लोगो को समय समय पर विज्ञापन, शराब और भोज का भोग लगाना नही भूलते...क्यो कि आज पत्रकारिता वो पत्रकारिता नही रही जब देश की आजादी में पत्रकारिता और पत्रकारो की एक अहम भूमिका हुआ करती थी। अंग्रेजी सरकार के विरूद्व देशवासियो को जागरूक करने में देश के समाचार पत्रो की भूमिका निर्णायक थी। उस समय प्रकाशित समाचार पत्र किसी निजी या विदेशी कंपनी के नही होते थे बल्कि कुछ सिरफिरे लोग समाचार पत्र या पत्रिका का प्रकाशन देशहित में करते थे। यह उनका देश प्रेम होता था। जो आम आदमी को पीडित होते देख खुद पीडा से कांप उठते थे और उन की कलम एक जुनून का रूप धारण कर लेती थी। एक पत्रकार की कलम ऐसी होनी चाहिए जो हजारो को देश हित में खड़ा कर सके।
आजादी की लड़ाई में पत्रकारो की अहम भूमिका थी।
इस काल के पत्रकार, लेखक, शायर, कवि बेहद सादा गरीबी रेखा से नीचे का जीवन व्यतीत करता था। उस की समाज में विशेष छवि हुआ करती थी। दिन भर मेहनत मजदूरी करने के बाद शाम को लालटेन की रोशनी में टाटल के कलम और रोशनाई में अपना खून पसीना मिलाकर अपने कलम के जौहर दिखाता था। आज शायद ही देश के किसी कोने में इस तरह के पत्रकार अपनी जीविकोपार्जित करने के बाद पत्रकारिता कर रहे हो।
आज यदि देश के मीडिया में व्याप्त भ्रष्टाचार पर नज़र डाली जाये तो मालूम होता है कि बडे स्तर पर तथाकथित रूप से प्रेस से जुडकर कुछ पूँजीपतियो ने अपने नापाक उद्देश्यों की पूर्ति के लिये देश के सब से शक्तिशाली संसाधन मीडिया को गुपचुप तरीके से कारपोरेट मीडिया का दर्जा दिला दिया। कारपोरेट मीडिया से मेरी मुराद है. मीडिया प्रोड़क्शन, मीडिया डिस्ट्रीब्यूशन, मीडिया प्रोपट्री। इन लोगो द्वारा मीडिया में पूंजीनिवेश कर एक ऐसी व्यवस्था बना दी गई है। जिस में मल्टीनेशनल उद्योगिक प्रतिष्ठानों और व्यापारिक घरानो का होल्ड होता चला गया। इस व्यवस्था में पूंजीनिवेशको, शेयर होल्डरो, और विज्ञापनदाताओ के हितो की रक्षा तथा अधिक से अधिक धन बटौरने के सिद्वांतो पर तेजी से चला जाने लगा और मीडिया के असल मकसद जनहित और राष्ट्रहित को पीछे छोड दिया गया। मीडिया में प्रवेश करते ही इन पूंजीपतियो ने प्रेस की विचारधारा बदलने के साथ ही लोगो की सोच भी बदल दी। माहौल को अपनी इच्छापूर्वक बनाने के अलावा व्यापार, उघोग, धर्म, राजनीति, संस्कृति, सभ्यता आज जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नही बचा जिस में मीडिया का प्रयोग वैध या अवैध रूप से न किया जा रहा हो। आज समाचार पत्रो पर विज्ञापनो का प्रभाव इस सीमा तक बढ गया है, कि कई समाचार पत्रो में संपादक को समाचार पत्र में विज्ञापन और मालिक के दबाव में अपना संपादकीय तक हटाना पड जाता है। वही संपादक लेख और समाचारो का चयन पाठक की रूची के अनुसार नही, बल्कि विज्ञापन पर उनके प्रभाव के अनुसार करता है।
दरअसल ये सारा का सारा बिगाड़ 1990 से तब फैला जब भारत ने अर्तंराष्ट्रीय मॉनेटरी फण्ड और विश्व बैंक के दबाव में वैश्वीकरण के नाम पर अपने दरवाजे अर्तंराष्ट्रीय कम्पनियो व पूंजीपतियो के लिये खोल दिये। भारत 30-35 करोड़ दर्शको और लगभग 50 करोड़ से ऊपर अखबारी पाठको का विश्व का सब से बडा बाजार है इसी लिये कई मल्टीनेशनल कम्पनिया तेजी के साथ भारत में दाखिल हुई और मीडिया के एक बडे क्षेत्र पर अपना कब्जा जमा लिया। वैश्वीकरण की नीतियो के कारण सरकार का मीडिया पर से नियंत्रण समाप्त हो गया और देश के लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ देश और जनता के हितो की सुरक्षा करने के बजाय चंद पूंजीपतियो की सेवा और इनके हाथो की कठपुतली बन गया। आज समाचार पत्र प्रकाशित करना एक उद्योग का रूप धारण कर चुका है। सरकार को डराने के साथ ही सरकार गिराने और बनाने में भी सहयोग प्रदान करने के साथ ही लोगो के विचारो को दिशाहीन कर उन्हे भटकाने का कार्य भी करने लगा है। आज किसी नामचीन गुण्डे को सिर्फ चंद घंटो में मीडिया अपने हुनर से माननीय, सम्मानीय, वरिष्ट समाजसेवी, राजनीतिक गुरू, महापुरूष एक लेख या विज्ञापन के द्वारा बना सकता है। वही आज समाचार पत्र और टीवी चैनल ऐसे मुद्दो को ज्यादा महत्व देते है जो विवादित हो।
प्रेस का व्यवसायीकरण होने के बाद अखबार मालिक का पत्रकारिता के प्रति नजरिया ही बदल गया। पैसे की चकाचौध में कारपोरेट मीडिया के नजदीक आम आदमी मंहगाई से मरे या भूख से, सरकारी गोदामो के आभाव में गेंहू बारिश में भीगे या जंगली जानवर खाये, सरकार भ्रष्ट हो या ईमानदार समाचार पत्र में मेटर हो या न हो। इस से फर्क नही पडता क्योंकि आज अखबार मालिको के ये सब लक्ष्य नही है। अधिक से अधिक विज्ञापन की प्राप्ति ही आज हर एक अखबार का असल लक्ष्य हो चुका है। सवाल ये उठता है कि मीडिया का उद्देश्य और लक्ष्य ही जब विज्ञापन प्राप्त करना हो जाये तो फिर सच्ची और मिशन पत्रकारिता का महत्व ही समाप्त हो जाता। क्यो कि जिन लोगो से पत्र बडे बडे विज्ञापन लेगा उनके खिलाफ वो अपने पत्र में कैसे लिखेगा, ये ही कारण है, कि आज शनिवार को पैसे की चमक ने पत्रकारिता मिशन को भ्रष्ट और बदनाम करने के साथ ही कुछ पत्रकारो को पत्रकारिता की आड़ में व्यवसायी बना दिया।

गोवंश के अवशेष मिलने पर किया चक्काजाम

कौशांबी। चरवा थाना क्षेत्र के ग्राम कमालपुर के पास 2 दिन पहले गोवंश के अवशेष मिलने से लोगों में काफी आक्रोश दिख रहा है। कमालपुर गांव के लोगों ने गुंगवा के बाग तिराहे पर किया चक्काजाम लोगों का कहना है, कि जल्द से जल्द ऐसे लोगों की गिरफ्तारी होनी चाहिए इस मौके पर चक्का जाम कर रहे ग्रामीणों ने कहा, कि जल्द से जल्द ऐसी लोगों की गिरफ्तारी करवाएं। धरना-प्रदर्शन चक्का जाम कर रहे ग्रामीणों को समझाते हुए चायल सीओ ने कहा कि मुकदमा दर्ज है। हमारे चरवा थाने के प्रशासन के लोग पूरा प्रयास कर रहे हैं।क्षेत्राधिकारी के समझाने के बाद प्रदर्शनकारी माने हैं और उन्होंने क्षेत्राधिकारी के आश्वासन पर प्रदर्शन समाप्त कर दिया है। इस मौके पर तमाम ग्रामीण मौजूद रहे।
विजय कुमार 

जनस्वास्थ्य विभाग में मिला गड़बड़ी का मामला

राणा ओबराय           
रोहतक। जनस्वास्थ्य विभाग में गड़बड़ियों का मामला एक बार फिर से सामने आया है। एक ठेकेदार ने पिछले सप्ताह विभाग के इंजीनियर इन चीफ और चीफ इंजीनियर से पंचकूला पहुंचकर शिकायत की थी। उस दौरान अपना शपथ पत्र देते हुए ठेकेदार ने गड़बड़ियों के गंभीर आरोप लगाए थे। एक बार फिर से पूरे मामले में ठेकेदार ने विभाग के अधीक्षण अभियंता यानी एसई को शपथ-पत्र के साथ शिकायत सौंपी है। यह भी दावा किया है, कि यदि मेरी शिकायत गलत हों तो मेरे खिलाफ पुलिस केस किया जाए। जनस्वास्थ्य विभाग के अधीक्षण अभियंता राजीव गुप्ता को सौंपी शिकायत में ठेकेदार वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाए हैं, कि बीते साल दिसंबर में लेबर की सेलरी के लिए 35 टेंडर लगाए गए थे। जब इस प्रकरण में शिकायत की तो फरवरी में इन्हीं टेंडरों की संख्या गुपचुप तरीके से 35 के बजाय 22 कर दी। आरोप हैं, कि दिसंबर तक 50 हजार रुपये तक के टेंडर आफ लाइन लगाए जाते थे। साथ ही प्रति मजदूर 12-13 हजार रुपये ही होते थे। जनवरी में यह टेंडर आनलाइन किए गए तो प्रति व्यक्ति मजदूरी 10700 रुपये कर दी गई।
इनका दावा है कि करीब 150-170 कर्मचारियों को वेतन देने में भारी अनियमितताएं बरती गई हैं। इसलिए इस प्रकरण में निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए। यह भी मांग की है कि पूरे प्रकरण में अधिकारी मामले को जुटे हुए हैं। इन्होंने इस प्रकरण में शिकायत शपथ-पत्र पर देते हुए दावा किया है, कि गलत शिकायत है तो मेरे खिलाफ केस हो अन्यथा मैं गड़बड़ियों के खिलाफ कार्रवाई कराने कोर्ट में जाने के लिए बाध्य हो जाऊंगा।

लॉकडाउन-कर्फ्यू के पक्ष में नहीं है स्वास्थ्य मंत्री

राणा ओबराय      
चंडीगढ। हरियाणा में रफ्तार पकड़ रहे कोरोना के मामलों पर लगाम कसने के लिए आज शनिवार को सूबे के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने प्रदेश के सभी उपायुक्त, सिविल सर्जन और पुलिस के आला अधिकारीयों के साथ बैठक की। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हुई बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी मौजूद रहे। वहीं, इस बैठक में गृह मंत्री अनिल विज ने सभी अधिकारियों को कड़े शब्दों में प्रदेश में सख्ती बढ़ाने के निर्देश दिए। विज ने स्पष्ट कहा कि वो अभी किसी तरह के लॉक डाउन या नाईट कर्फ्यू के पक्ष में नहीं है। ऐसे में सख्ती ही एकमात्र बचाव का जरिया है। प्रदेश में फैल रही कोरोना की दूसरी लहर को लेकर हरियाणा सरकार गंभीर हो गई है। जिसके चलते आज हरियाणा में मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में अहम बैठक हुई। जिसमें वीसी के जरिये सूबे के गृह मंत्री अनिल विज ने प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीयों, उपायुक्तों और पुलिस कप्तानों को प्रदेश में फिर से सख्ती बढ़ाने के निर्देश दिए। विज ने कहा कि बीते वर्ष कोरोना से इसी महीने में लड़ाई शुरू हुई थी। लेकिन इस बार अभी वो इस पक्ष में नहीं है कि लॉक डाउन या फिर नाईट कर्फ्यू लगाया जाये। विज ने अधिकारियों को कहा कि अधिकारी बिना मास्क घूमने वालों लोगों पर सख्ती के लिए हर चौक चौराहे पर चालान काटने की मुहिम शुरू करें ताकि कोई भी बिना मास्क के घर से बाहर न निकले।
वहीं विज ने इस बैठक में यह भी स्पष्ट कर दिया, कि अगर आने वाले समय कोरोना पर लगाम कसने के लिए कड़े कदम उठाने पड़े तो वो भी उठाये जायेंगे। लेकिन अभी वो लोगों का काम धंधा बंद नहीं करना चाहते।क्योंकि, लोग पहले लॉक डाउन में काफी सहन कर चुके हैं।

हापुड़: टैक्स जमा करने का दिया गया नोटिस

अतुल त्यागी   
हापुड़। जनपद में एआरटीओ प्रशासन राजेश श्रीवास्तव ने बताया, कि जनपद में 1063 वाहन स्वामियों को नोटिस दिया गया है। जिन पर आरटीओ विभाग का बकाया है। उन्होंने कहा कि भवन गाड़ी स्वामी जल्द से, जल्द अपना बकाया जमा करें। भविष्य में होने वाली परेशानी से बचें, उन्होंने बताया, कि सरकार द्वारा जो कर निर्धारण किया गया है। उसका जल्द से जल्द भुगतान करना अति आवश्यक है। क्योंकि फाइनैंशल ईयर समाप्त होने के कगार पर है। इसलिए समस्त वाहन स्वामी शीघ्र अति शीघ्र अपना बकाया कर कार्यालय में आकर भुगतान करें।

मंदिर के निर्माण का किया गया शिलान्यास

अतुल त्यागी    
हापुड़। जनपद में महामाई मंदिर के निर्माण का शिलान्यास सांसद राजेंद्र अग्रवाल व विधायक विजयपाल आढ़ती द्वारा किया गया। पर्यटन मंत्रालय द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा महामाई मंदिर निर्माण हेतु 50 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई। जिसके लिए आज शनिवार को सदर विधायक विजयपाल आढती व सांसद राजेंद्र अग्रवाल द्वारा शिलान्यास किया गया। जनपद स्थित मीनाक्षी रोड पर माता महामाई मंदिर के लिए यह राशि पर्यटन द्वारा पर्यटन विभाग द्वारा स्वीकृत की गई थी और जल्द ही मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा। इस अवसर पर सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा, कि उत्तर प्रदेश सरकार के 4 साल बेमिसाल उत्तर प्रदेश सरकार में महिलाएं सुरक्षित हुई हैं और प्रधानमंत्री अवश्य योजनाओं का लाभ लोगों ने भरपूर उठाया है। वही, विधायक विजयपाल आढती ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में करोड़ों रुपए की योजनाओं से सड़क निर्माण के कार्य किए हैं। मंदिर के लिए धनराशि माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा स्वीकृत की गई। उसके लिए वे मुख्यमंत्री का दिल से आभार प्रकट करते हैं और साथ ही उन्होंने कहा, कि उत्तर प्रदेश सरकार के 4 साल बेमिसाल है। इस दौरान उनके द्वारा क्षेत्र में आज शनिवार को भी करोड़ों के कार्य का शिलान्यास किया जा रहा है।

हापुड़: आग की चपेट में आने से मासूम की मौत

अतुल त्यागी    
हापुड़। चूल्हे के अंगारो से झुग्गी झोपड़ियो में आग लगीं। आधा दर्जन झुग्गी झोपड़िया आग में जलकर नष्ट हुई।आग की चपेट में आने से 6 वर्षीय मासूम की जलकर मौत हुई। हज़ारो रुपए की नगदी व अन्य समान भी आग में जलकर खाक। सिंभावली थाना क्षेत्र के रझेड़ा गाँव की घटना।

तुष्टिकरण का ‘खेला’ खेल रही हैं सीएम ममता

खड़गपुर। पश्चिम बंगाल में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कि ममता दीदी बर्बरता का स्कूल चलाती हैं। जिसके पाठ्यक्रम में तोलाबाजी (उगाही), कट मनी, सिंडिकेट और अराजकता शामिल है। मोदी ने कहा, कि ममता बनर्जी वोट बैंक की राजनीति के लिए तुष्टिकरण का ‘खेला’ खेल रही हैं।
उन्होंने कहा, कि भाजपा ही बंगाल की असली पार्टी है। कांग्रेस, वाम दल और तृणमूल कांग्रेस ने दशकों तक बंगाल के विकास को रोके रखा है। और ममता बनर्जी केंद्र की योजनाओं को रोकने के लिए दीवार की तरह खड़ी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ममता बनर्जी पर लोकतंत्र को कुचलने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कहा कि लोगों को विकास के लिए अपने मताधिकार का उपयोग करना चाहिये। मोदी ने कहा कि विधान सभा का यह चुनाव केवल सत्ता में परिवर्तन के लिए ही नहीं बल्कि ‘सोनार बांग्ला’ के निर्माण के लिए भी है। उन्होंने कहा कि संविधान ने हमें वोट की आजादी दी है। लेकिन दीदी इस ताकत को छीनती रही है। वर्ष 2018 में पंचायत चुनाव के दौरान लोगों के वोट के अधिकारों को कुचला गया जो कि लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को समझना चाहिए कि संविधान की मर्यादा से बड़ा कुछ भी नहीं है। उन्होंने राज्य की जनता से पढाई, दवाई, कमाई और सिंचाई की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए निर्भय होकर वोट करने का अनुरोध किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने पर राज्य में कानून का शासन स्थापित होगा और गैर कानूनी कार्य करने वालों के खिलाफ सख्त कर्रवाई होगी।
प्रधानमंत्री ने भाजपा को बंगाल की पार्टी बताते हुए कहा कि जनसंघ के जन्मदाता श्यामा प्रसाद मुखर्जी इसी राज्य के सपूत थे। भाजपा पर बंगाल का कर्ज है। पार्टी पश्चिम बंगाल को विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना चाहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता में आने पर सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास हासिल करेगी। मोदी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को जनता ने दस वर्ष सत्ता में रहने का अवसर दिया लेकिन दीदी ने बंगाल को बर्वाद कर दिया। लोगों के साथ विश्वासघात किया गया और युवाओं के सपने चूर चूर कर दिये गये। इस दौरान लूट, मार, भ्रष्टाचार और कुशासन रहा।
उन्होंने कहा दीदी विकास के सामने दीवार बन कर खड़ी हो जाती है। उन्होंने कहा कि कि पहले कांग्रेस और  वामपंथियों और अब तृणमूल ने विकास को अवरुद्ध किया है। उन्होंने कहा कि दीदी ने दलित, आदिवासी और पिछड़ों का हक छीना है। यहां वोट बैंक की राजनीति के लिए तुष्टिकरण किया जा रहा है। मोदी ने कहा कि कल रात 50-55 मिनट के लिए वाट्सअप, फेसबुक और इस्टाग्राम डाउन हो गया था, तो लोगों के मन में सवाल खड़े हो गये थे। पश्चिम बंगाल में 50-55 साल से विकास डाउन हो गया है।

शताब्दी एक्सप्रेस में लगी आग, यात्री सुरक्षित

 अश्वनी उपाध्याय 
गाजियाबाद। जनपद रेलवे स्टेशन पर शनिवार सुबह दिल्ली से लखनऊ को जाने वाली लखनऊ शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन के पार्सल डिब्बे में अचानक आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। काफी मशक्कत के बाद दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया आग लगने के कारण स्टेशन पर रेल काफी देर तक खड़ी रही। बाद में दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन की बोगी को अलग कर शताब्दी एक्सप्रेस को लखनऊ के लिए रवाना कर दिया गया।
दमकल विभाग के अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली से लखनऊ को जाने वाली 12004 दिल्ली लखनऊ शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन सुबह तकरीबन 6:10 बजे दिल्ली स्टेशन से लखनऊ के लिए रवाना हुई थी। जैसे ही ट्रेन सुबह 7:45 पर गाजियाबाद स्टेशन पर पहुंची तो अचानक इसके पार्सल बोगी से धुआं निकलता दिखाई दिया। इसके बाद रेलवे के अधिकारियों ने दमकल विभाग को इसकी सूचना दी जिसके बाद दमकल वाहनों की मदद से आग को बुझाने का प्रयास किया। रेलवे अधिकारियों का कहना है। कि उन्होंने घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी है। अधिकारियों के निर्देश पर मामले की जांच को आगे बढ़ाया जाएगा। दमकल विभाग के अधिकारी का कहना है, कि आशंका है, कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी हो।

कितनी पीढ़ियों तक आरक्षण जारी रहेगा: एससी

 अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मराठा कोटा मामले की सुनवाई के दौरान शुक्रवार को जानना चाहा, कि कितनी पीढ़ियों तक आरक्षण जारी रहेगा। शीर्ष न्यायालय ने 50 प्रतिशत की सीमा हटाए जाने की स्थिति में पैदा होने वाली असमानता को लेकर भी चिंता प्रकट की। महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ से कहा कि कोटा की सीमा तय करने पर मंडल मामले में (शीर्ष न्यायालय के) फैसले पर बदली हुई परिस्थितियों में पुनर्विचार करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि न्यायालयों को बदली हुई परिस्थितियों के मद्देनजर आरक्षण कोटा तय करने की जिम्मेदारी राज्यों पर छोड़ देनी चाहिए और मंडल मामले से संबंधित फैसला 1931 की जनगणना पर आधारित था। मराठा समुदाय को आरक्षण प्रदान करने वाले महाराष्ट्र के कानून के पक्ष में दलील देते हुए रोहतगी ने मंडल मामले में फैसले के विभिन्न पहलुओं का हवाला दिया। इस फैसले को इंदिरा साहनी मामला के रूप में भी जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों (ईब्ल्यूएस) को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का केंद्र सरकार का फैसला भी 50 प्रतिशत की सीमा का उल्लंघन करता है। इस पर पीठ ने टिप्पणी की, ‘यदि 50 प्रतिशत की सीमा या कोई सीमा नहीं रहती है। जैसा कि आपने सुझाया है। तब समानता की क्या अवधारणा रह जाएगी। आखिरकार, हमें इससे निपटना होगा। इस पर आपका क्या कहना है।इससे पैदा होने वाली असमानता के बारे में क्या कहना चाहेंगे। आप कितनी पीढ़ियों तक इसे जारी रखेंगे।
पीठ में न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति रविंद्र भट शामिल हैं। रोहतगी ने कहा कि मंडल फैसले पर पुनर्विचार करने की कई वजह है। जो 1931 की जनगणना पर आधारित था। साथ ही, आबादी कई गुना बढ़ा कर 135 करोड़ पहुंच गई है।
पीठ ने कहा कि देश की आजादी के 70 साल गुजर चुके हैं। और राज्य सरकारें कई सारी कल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं। तथा क्या हम स्वीकार कर सकते हैं कि कोई विकास नहीं हुआ है। कोई पिछड़ी जाति आगे नहीं बढ़ी है। न्यायालय ने यह भी कहा कि मंडल से जुड़े फैसले की समीक्षा करने का यह उद्देश्य भी है। कि पिछड़ेपन से जो बाहर निकल चुके हैं। उन्हें अवश्य ही आरक्षण के दायरे से बाहर किया जाना चाहिए।
इस पर रोहतगी ने दलील दी, ‘हां, हम आगे बढ़े हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। कि पिछड़े वर्ग की संख्या 50 प्रतिशत से घट कर 20 प्रतिशत हो गई है। देश में हम अब भी भूख से मर रहे हैं। मैं यह नहीं कहने की कोशिश कर रहा हूं कि इंदिरा साहनी मामले में फैसला पूरी तरह से गलत था। और इसे कूड़ेदान में फेंक दिया जाए। मैं यह मुद्दा उठा रहा हूं कि 30 साल हुए हैं। कानून बदल गया है। आबादी बढ़ गई है। पिछड़े लोगों की संख्या भी बढ़ गई है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में जब कई राज्यों में आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक है। तब यह नहीं कहा जा सकता कि यह ”ज्वलंत मुद्दा नहीं है।और 30 साल बाद इस पर पुनर्विचार करने की जरूरत नहीं है। मामले में बहस बेनतीजा रही और सोमवार को भी दलील पेश की जाएगी। गौरतलब है। कि शीर्ष न्यायालय बंबई उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। जिसमें राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय को आरक्षण देने को कायम रखा गया था।

सीएम ने पूजन कर सर्व कल्याण की कामना की

 पंकज कपूर 
हरिद्वार। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को हरकी पैड़ी पहुंचकर मां गंगा की पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत शनिवार को देहरादून से चलकर हरकी पैड़ी पहुंचे। यहां पर उनका विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चन्द्र अग्रवाल, राज्यमंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर, भाजपा जिलाध्यक्ष जयपाल सिंह चौहान, जिला महामंत्री विकास तिवारी, मेला अधिष्ठान के अधिकारियों और श्री गंगा सभा के सभापति कृष्ण कुमार शर्मा, अध्यक्ष प्रदीप झा, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, स्वागत मंत्री सिद्धार्थ चक्रपाणी, उज्ज्वल पंडित सहित अन्य लोगों ने स्वागत किया। इसके बाद श्रीगंगा सभा के आचार्य अमित शास्त्री ने मंत्रोउच्चारण के साथ मुख्यमंत्री श्री रावत से मां गंगा की पूजा-अर्चना ओर आरती कराई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मां गंगा से कुम्भ की सफलता और सभी के कल्याण की कामना की। इसके बाद श्रीगंगा सभा कार्यालय में पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को गंगाजलि, प्रसाद भेंट किया। इसके बाद मुख्यमंत्री नीलधारा टापू स्थित मीडिया सेंटर पहुंचे। जहां उन्होंने कुम्भ के लिए कराए गए 12023.50 लाख रूपये की लागत से 36 कार्यों का लोकार्पण किया। इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, मेलाधिकारी दीपक रावत, जिलाधिकारी सी रविशंकर, आईजी कुम्भ संजय गुंज्याल, अपर मेलाधिकारी डाॅ. ललित नारायण मिश्र, हरबीर सिंह, रामजी शरण शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...