शनिवार, 13 फ़रवरी 2021

संयुक्त राष्ट्र महासचिव पद के लिए उम्मीदवारी घोषित

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मूल की एक महिला ने वैश्विक संगठन का अगला महासचिव बनने के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) में लेखा परीक्षा समन्वयक के तौर पर कार्यरत आकांक्षा अरोड़ा मौजूदा महासचिव एंतोनियो गुतारेस के खिलाफ उम्मीदवारी की घोषणा करने वाली पहली शख्स हैं। गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल के लिए उम्मीदवारी पेश की है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख का कार्यकाल 5 साल का होता है।आकांक्षा (34) ने कहा कि वह दुनिया के शीर्ष राजनयिक के पद के लिए चुनाव में खड़ी होंगी। उन्होंने अपनी ‘अरोड़ाफॉरएसजी’ मुहिम इस महीने आरंभ की। आकांक्षा ने ऑनलाइन जारी किए गए गई ढाई मिनट के अपने वीडियो में कहा, ”मेरे पद के लोगों से प्रभार संभाल रहे लोगों के खिलाफ खड़े होने की अपेक्षा नहीं की जाती। हमसे अपेक्षा की जाती है कि हम अपनी बारी का इंतजार करें, पुरानी प्रक्रिया के अनुसार काम करते रहें, काम पर जाएं, अपने सिर झुकाकर रखें और दुनिया जैसी है, उसे वैसा ही स्वीकार कर लें।” आकांक्षा ने कहा कि उनसे पहले आए लोग संयुक्त राष्ट्र को जवाबदेह बनाने में नाकाम रहे हैं और इसी लिए वह संयुक्त राष्ट्र महासचिव के पद के चुनाव में खड़ी हो रही हैं। गुतारेस (71) ने पिछले महीने पुष्टि की थी कि वह संयुक्त राष्ट्र के महासचिव पद के तौर पर दूसरे कार्यकाल के लिए भी चुनाव में खड़े होंगे। गुतारेस का पहला कार्यकाल इस साल 31 दिसंबर को समाप्त होगा। वह संयुक्त राष्ट्र के नौवें महासचिव हैं और संयुक्त राष्ट्र के 75 साल के इतिहास में कोई भी महिला इसकी महासचिव नहीं बनी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष वोल्कन बोजकिर के प्रवक्ता ब्रेंडन वर्मा से संवाददाता सम्मेलन में पूछा गया कि क्या आकांक्षा ने अपनी उम्मीदवारी के संबंध में अध्यक्ष से कोई औपचारिक संवाद किया है। इसके जवाब में वर्मा ने कहा कि अध्यक्ष के कार्यालय को अभी तक कोई औपचारिक पत्र नहीं मिला है।

प्रदर्शन का अधिकार कहीं भी, नहीं हो सकता: एससी

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि प्रदर्शन करने का अधिकार कहीं भी और कभी भी नहीं हो सकता और इसने पिछले वर्ष पारित अपने आदेश की समीक्षा की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। पिछले वर्ष फैसले में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक रास्ते पर कब्जा जमाना स्वीकार्य नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि कुछ अचानक प्रदर्शन हो सकते हैं लेकिन लंबे समय तक असहमति या प्रदर्शन के लिए सार्वजनिक स्थानों पर लगातार कब्जा नहीं किया जा सकता है जिससे दूसरे लोगों के अधिकार प्रभावित हों। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा, ”हमने समीक्षा याचिका और सिविल अपील पर गौर किया है और आश्वस्त हैं कि जिस आदेश की समीक्षा करने की मांग की गई है उसमें पुनर्विचार किए जाने की जरूरत नहीं है।” पीठ ने हाल में फैसला पारित करते हुए कहा कि इसने पहले के न्यायिक फैसलों पर विचार किया और गौर किया कि ”प्रदर्शन करने और असहमति व्यक्त करने का संवैधानिक अधिकार है लेकिन उसमें कुछ कर्तव्य भी हैं।” पीठ ने शाहीन बाग निवासी कनीज फातिमा और अन्य की याचिका को खारिज करते हुए कहा, ”प्रदर्शन करने का अधिकार कहीं भी और कभी भी नहीं हो सकता है। कुछ अचानक प्रदर्शन हो सकते हैं लेकिन लंबी समय तक असहमति या प्रदर्शन के मामले में सार्वजनिक स्थानों पर लगातार कब्जा नहीं किया जा सकता है जिससे दूसरों के अधिकार प्रभावित हों।”

गतिरोध के बीच समिति करेगी एलएसी का दौरा

नई दिल्ली/ बीजिंग। संसद में रक्षा संबंधी स्थायी समिति ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सैन्य गतिरोध के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गलवान घाटी और पैंगांग झील सहित टकराव वाले सभी चार पांच बिन्दुओं का दौरा करने का प्रस्ताव किया है। रक्षा संबंधी स्थायी समिति के अध्यक्ष जुएल ओरांव ने यहां संसद भवन परिसर में संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रक्षा संबंधी स्थायी समिति की 9 फरवरी को हुई बैठक में कुछ सदस्यों ने प्रस्ताव किया कि समिति को लद्दाख में एलएसी का दौरा करना चाहिए। इस पर सभी सदस्यों ने सहमति व्यक्त की। ओरांव ने बताया कि इस बारे में लोकसभा अध्यक्ष को प्रस्ताव भेजा गया है और रक्षा मंत्रालय की स्वीकृति के बाद 15 मई के बाद समिति वहां जाएगी। जुएल ओरांव ने कहा कि समिति के सदस्य गलवान घाटी, देप्सांग, पैंगांग झील लुब्रा घाटी आदि चार पांच बिन्दुओं का दौरा करेगी जहां हमारी सेना और चीन की सेना आमने सामने है। उन्होंने बताया कि समिति अपने दौरे में एलएसी पर सेना की तैयारियों, आधारभूत ढांचे की स्थिति तथा सीमा की सुरक्षा से संबंधित सभी मुद्दों की बारीकी से समीक्षा करेगी और एक रिपोर्ट तैयार करेगी।

शाहीन बाग मामले में याचिका खारिज की: एससी

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग मामले में पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। सर्वोच्च अदालत  ने पिछले साल अक्टूबर के महीने में दिए शाहीन बाग फैसले को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि धरना प्रदर्शन लोग अपनी मर्जी से और किसी भी जगह नहीं कर सकते। धरना प्रदर्शन लोकतंत्र का हिस्सा है लेकिन उसकी एक सीमा है।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि धरना प्रदर्शन के लिए जगह चिन्हित होनी चाहिए। अगर कोई व्यक्ति या समूह इससे बाहर धरना प्रदर्शन करता है तो नियम के मुताबिक उन्हें हटाने का अधिकार पुलिस के पास है। धरना प्रदर्शन से आम लोगों पर कोई असर नहीं होना चाहिए। धरने के लिए सार्वजनिक स्थान पर कब्जा नहीं किया जा सकता।
इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग के सी.ए.ए प्रोटेस्ट को गैर कानूनी बताया था। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार करने के लिए चुनौती दी गाई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। तीन न्यायाधीशों एसके कॉल, अनीरुद्ध बोस और कृष्ण मुरारी ने याचिका खारिज की है।

एक बार फिर लोकसभा सदन में गरजें सांसद अजय

नैनीताल। उत्तराखंड के नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद अजय भट्ट एक बार फिर से लोकसभा में गरजते हुए दिखाई दिए इस बार उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधा और सीधे चुनौती दी कि वह कहीं भी सार्वजनिक स्तर पर उनसे आमने-सामने की बहस कर सकते हैं। इसके अलावा सदन में 4 मिनट के समय में सांसद अजय भट्ट ने आपदा में क्विक एक्शन के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद अदा किया साथ ही कई महत्वपूर्ण मांग भी राज्य के हित के लिए की। सांसद अजय भट्ट ने लोकसभा सदन में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट को गरीब मजदूर असहाय व्यापारी किसान सभी वर्गों का विशेष ध्यान देने वाला बजट बताया, साथ ही कहा कि आज किसानों के लिए केंद्र सरकार दर्जनों योजनाएं चला रही हैं। सदन में केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देते हुए सांसद अजय भट्ट ने उत्तराखंड में आई आपदा का भी जिक्र किया उन्होंने कहा कि 7 फरवरी को उत्तराखंड के चमोली में जो भीषण आपदा आई उस आपदा की जानकारी जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगी तो उन्होंने तत्काल न सिर्फ क्विक एक्शन लिया। बल्कि पूरी सरकारी मशीनरी को एक्टिव करते हुए तत्काल मदद पहुंचाने का काम किया।

हरिद्वार: कुंभ मेले से संबंधित कार्यों की समीक्षा की

हरिद्वार। अपर मेलाधिकारी डा ललित नारायण मिश्र ने आज सीसीआर स्थित मेला नियंत्रण भवन के अपने कार्यालय कक्ष में कुंभ मेले से संबंधित कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने मेला क्षेत्र भूमिगत में विद्युतीकरण की प्रगति की जानकारी अधिशासी अभियंता पवन कुमार से ली। उन्होंने कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए विभागों से समन्वय करते हुए अतिशीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने घाटों पर आने जाने वाले मार्ग में लटक रहे बिजली के तारों और जो पोल जर्जर हों उन्हें तत्काल हटवाने का निर्देश दिया। अधिशासी अभियंता ने बताया घाटों पर कनेक्शन के लिए जंक्शन लगा दिए गए हैं। सीओ संचार आरडी मटपाल ने बताया कि सर्विलांस सिस्टम के तहत हरकी पैड़ी के तारों को दस दिन में समन्वय करते हुए हटवा दिया जाएगा। हरकी पैड़ी व आसपास के अन्य घाट कांगड़ा, गऊघाट व रोड़ीबेलवाला क्षेत्र के तारों को भूमिगत कराने का निर्देश अपर मेलाधिकारी ने दिया। उन्होंने इस संबंध में विद्युत विभाग के अभियंता से प्रमाणपत्र भी अवश्य लेना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कार्यों की मानीटरिंग सेक्टर मजिस्ट्रेट योगेश सिंह मेहरा से करते हुए नियमित रिपोर्ट देने को कहा। अपर मेलाधिकारी डा मिश्र ने हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण से भी समन्वय स्थापित कर काम में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने मेला क्षेत्र में अन्य घाटों और पुल पर भी यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कहीं भी खुले तार न हों, इसका तीन दिन के भीतर संबंधित से प्रमाण पत्र भी ले लें।  बैठक में श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, एसके सहगल अधिशासी अभियंता यूपीपीसीएल सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

तबस्सुम सहित 40 लोगों के खिलाफ कार्यवाही की

कैराना। समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन पर एक बार फिर पुलिस-प्रशासन का शिकंजा कसता नजर आ रहा है। इस बार डीएम के अनुमोदन के उपरांत विधायक व उनकी मां पूर्व सांसद तबस्सुम हसन सहित 40 लोगों को गैंगस्टर एक्ट में निरुद्ध किया गया है। गैंग लीडर विधायक को बनाया गया है। इन लोगों का समाज में भय होने की बात कही गई है।कैराना से सपा विधायक चौधरी नाहिद हसन पर लगभग एक दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। अब विधायक पर उप्र गिरोहबंद समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक प्रेमवीर सिंह राणा की ओर से दर्ज इस मामले में विधायक नाहिद हसन को गैंग लीडर बनाया गया है। गैंग में तबस्सुम हसन सहित 40 लोगों के नाम हैं। गैंग चार्ट के मुताबिक, विधायक अपने गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर अपराध करके अपने स्वार्थ के लिए अवैध रूप से भौतिक, आर्थिक एवं दुनियावी लाभ अर्जित करते हैं। इस गैंग का समाज में भय व आतंक व्याप्त होने का हवाला भी दिया गया है। कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति इनके विरुद्ध रिपोर्ट लिखवाने या गवाही देने का साहस नहीं कर पाता है। डीएम के अनुमोदन के उपरांत यह मामला दर्ज किया गया है।  विधायक नाहिद हसन निवासी मोहल्ला आलदरम्यान व उनकी मां पूर्व सांसद तबस्सुम हसन निवासी आर्यपुरी के अलावा महमूद, अरशद, नौशाद, इरफान, कय्यूम, आरिफ, फुरमान, साबिर, राजा उर्फ तासीम, मोनिस, इनाम, महताब उर्फ बीरू, मुनव्वर, फरमान, जुल्फान, इरफान, इलियास, अब्बास उर्फ वासी, मुबारिक, गुफरान, मुरसलीन, परवेज, हारून, अफसरून, आरिफ, तस्लीम, इमरान, नाजर, मंगता, हाशिम, सालिम, मोमीन, राशिद उर्फ भूरा, इंतजार, चौधरी दानिश उर्फ काला, अहसान व सारिक निवासीगण गांव रामडा व हैदर अली निवासी पठानान झिंझाना शामिल हैं। इन सभी को गैंगस्टर एक्ट में निरुद्ध कर दिया गया है। विधायक व पूर्व सांसद सहित 40 लोगों को गैंगस्टर एक्ट में निरुद्ध करने के मामले को पुलिस गोपनीय बनाए हुए हैं। यह मामला डीएम के अनुमोदन के उपरांत छह फरवरी को कैराना कोतवाली पर दर्ज किया गया है।

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