बुधवार, 3 फ़रवरी 2021

निजीकरण के खिलाफ मजदूर संगठनों का प्रदर्शन

बजट में निजीकरण के एलान के खिलाफ आज 10 मजदूर संगठनों का देशव्यापी प्रदर्शन
रोशन कुमार  
नई दिल्ली। देश के 10 मजदूर संगठनों के संयुक्त मंच ने 2021-22 के बजट में प्रस्तावित निजीकरण और अन्य जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आज देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही संयुक्त मंच ने श्रम संहिताओं को रद्द करने और गरीब मजदूरों को आय तथा खाद्य सुरक्षा देने की मांग भी की है।
संयुक्त मंच ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय मजदूर संघों और स्वतंत्र क्षेत्रीय महासंघों/संघों के संयुक्त मंच ने श्रम संहिता और बिजली बिल 2020 को खत्म करने, निजीकरण रोकने और आय समर्थन तथा सभी के लिए भोजन की मांग को लेकर आज देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने के लिए यूनियनों और कामगार वर्ग से आह्वान किया है। संयुक्त मंच ने अपने बयान में कहा कि आम बजट में घोषित नीतियां किसान विरोधी हैं, जिनका वह विरोध करेगा। बयान के मुताबिक विरोध प्रदर्शनों के दौरान कार्यस्थलों और औद्योगिक केंद्रों पर बड़ी संख्या में जुटकर सरकारी नीतियों का विरोध किया जाएगा और श्रम संहिता की प्रतियां जलाई जाएंगी।

रिश्ते हुए शर्मसार, 12 वर्षीय बहन से किया रेप

सोनीपत में रिश्ते हुए शर्मसार, भाई ने 12 वर्षीय बहन से किया रेप

सोनीपत। हरियाणा के सोनीपत जिले के राई क्षेत्र में कुंडली थाना क्षेत्र के एक गांव में एक भाई ने रिश्तों को शर्मसार कर दिया। उसने अपनी 12 वर्षीय बहन के साथ रेप किया और अब वह नाबालिग बच्ची डेढ़ माह की गर्भवती हो गई तो आरोपी फरार हो गया। 
मिली जानकारी के अनुसार सगे चाचा के बेटे ने अपनी चौथी कक्षा में पढ़ने वाली 12 वर्षीय बहन के साथ दुष्कर्म किया और फिर बार बार करता रहा। पीड़ित नाबालिग डेढ़ महीने की गर्भवती है। आरोपी चचेरा भाई फरार है। पुलिस ने दुष्कर्म व पोस्को एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। कुंडली थाना क्षेत्र की एक कॉलोनी निवासी महिला का आरोप है। कि उसकी नाबालिग बेटी चौथी कक्षा में पढ़ती है। उनके कमरे के पास ही देवर का परिवार भी रहता है।
उसके देवर के बेटे संतोष पासवान ने उनकी 12  साल की बेटी को कमरे में बंधक बना लिया। जान से मारने की धमकी देकर बच्ची के साथ कई बार दुष्कर्म किया। बेटी डेढ़ माह की गर्भवती हो गई। बेटी ने भाभी को घटना के बारे में बताया। पुलिस ने सोनीपत सिविल अस्पताल में बच्ची का मेडिकल कराया, जिसमें बच्ची की गर्भवती होने की पुष्टि हुई।
बच्ची ने भाभी को बताया कि चचेरा भाई संतोष पासवान अक्सर उस समय कमरे में घुस जाता था। जब माता-पिता काम पर जाते थे। वह कमरा अंदर से बंद कर लेता था। बार-बार मारने की धमकी देता था। उसने हाथ भी जोड़े, पैर भी पकड़े, लेकिन वह नहीं माना।

म्यांमार में फेसबुक का प्रभाव बहुत अधिक है

म्यामांर का घटनाक्रम और फ़ेसबुक

म्यांमार। मिलिट्री ने पिछले रविवार देर रात 2 बजे तख्तापलट कर दिया। ओर यहाँ की लोकतांत्रिक ढंग से चुनी सरकार को अपदस्थ कर दिया लेकिन म्यामांर में यह सत्ता परिवर्तन एकाएक नही हुआ दरअसल मिलेट्री वहाँ शुरू से सत्ता के केंद्र में बनी रहती है और उसके लिए वह वही टूल इस्तेमाल करती है। जो आजकल दुनिया की अधिकतर राजनीतिक पार्टियां इस्तेमाल कर रही है। और वह है। सोशल मीडिया...
पूरी दुनिया मे आजकल प्रोपगैंडा और गलत सूचनाओं को फैलाने में सोशल मीडिया का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है। पिछले 9 सालो में म्यामांर जो एक बौद्घ धर्मावलम्बियों का देश है। वहाँ बेहद ज्यादा हिंसक गतिविधियां रिकॉर्ड की गई है। और कारण है । फ़ेसबुक
पांच करोड़ की आबादी वाले इस देश में फेसबुक का प्रभाव बहुत अधिक है। क्योंकि देश में लगभग 1.8 करोड़ लोगों के इस सोशल मीडिया वेबसाइट पर अकाउंट है।
म्यांमार बौद्ध बहुल आबादी वाला देश है। यहां कभी दस लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान भी रहते थे म्यांमार के रखाइन राज्य में 2012 से बौद्धों और रोहिंग्या विद्रोहियों के बीच सांप्रदायिक हिंसा की शुरुआत हुई। इसके बाद से म्यांमार से अब तक करीब छह लाख 90 हजार रोहिंग्या मुसलमान गांव छोड़कर बांग्लादेश चले गए।
2018 में संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं ने कहा कि देश में फेसबुक एक दानव के रूप में परिवर्तित हो चुका है। और इस वेबसाइट पर हर तरह की घृणा फैलाई जा रही है। दरअसल 2017 की म्यांमार में मुस्लिम विरोधी हिंसा में फेसबुक ने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जिससे सैकड़ों हजारों रोहिंग्या अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हुए 
2018 में यूएन इन्डिपेंडेंट इंटरनेशनल फैक्ट फाइन्डिंग मिशन के चेयरमैन मरजूकी दारुस्मन ने मीडिया से कहा था। कि म्यांमार में सोशल मीडिया ने इस नरसंहार में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया ने कट्टपंथ, असंतोष और संघर्ष का स्तर बढ़ाने में काफी बड़ी भूमिका निभाई। नफरत भरी बातें भी इसका हिस्सा है। इसका सीधा संबंध म्यांमार की स्थिति से है। यूएन में म्यांमार इन्वेस्टिगेटर यांघी ली ने कहा कि फेसबकु लोगों का मैसेज एक-दूसरे तक पहुंचाने के लिए बना है। लेकिन हमें पता है। कि अति राष्ट्रवादी बौद्ध लोगों ने असल में रोहिंग्या और बाकी माइनॉरिटीज के खिलाफ इसके जरिए बहुत हिंसा और नफरत फैलाई। उन्होंने कहा कि मैं डरी हुई हूं कि फेसबुक अब एक क्रूर जानवर का रूप लेता जा रहा है। और ये वो नहीं रह गया, जिस काम के लिए इसे असल में तैयार किया गया था।
आप देखेंगे कि पूरे विश्व मे जिन भी देशो राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बना है। वहाँ वहाँ अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़े हैं। ओर इन घटनाओं के प्रसार में सोशल मीडिया खासतौर पर फ़ेसबुक की भूमिका स्पष्ट तौर पर दिख रहीं है।

9 युवकों ने जंगल में नाबालिग के साथ किया गैंगरेप

पत्थलगांव। नाबालिग स्कूली छात्रा से सनसनीखेज गैंगरेप की वारदात अंजाम दिया गया है। पत्थलगांव थाना क्षेत्र के छिनबहरी जंगल में 9 युवकों ने जंगल में नाबालिग के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया है। नाबालिग छात्रा ने अपने स्कूली दोस्त के साथ घूम रही थी, इसी दौरान आरोपियों ने दोनों को घर लिया।इसके बाद डरा धमकाकर आरपियों ने बारी बारी से नाबालिग छात्रा से गैंगरेपकी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया है।

एकट्रेस प्रियंका ने कुर्सी पर बैठकर दिए हॉट पोज

मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और अक्सर अपनी स्टाइलिश फोटोज के जरिए फैन्स की नींदें चुराती रहती हैंँ। बॉलीवुड की 'देसीगर्ल' और पूरी दुनिया के लिए हॉलीवुड स्टार प्रियंका चोपड़ा इन दिनों अपने स्टनिंग लुक्स से लोगों को हैरान कर रही हैं। अब एक बार फिर प्रियंका चोपड़ा  ने एक मैगजीन कवर के लिए फोटोशूट कराया है। जो सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा है। सुबह सुबह प्रियंका चोपड़ा ने ये तस्वीरें शेयर की हैं। उन्होंने इस फोटोशूट की एक दो नहीं बल्कि पूरी 16 तस्वीरें पोस्ट की हैं। उनकी हर तस्वीर पर फैंस के लाखों लाइक्स नजर आ रहे हैं। यहां उनके आम फैंस के साथ पति निक जोनस और हॉलीवुड से बॉलीवुड तक के स्टार्स के कमेंट्स नजर आ रहे है। प्रियंका इन तस्वीरों में काफी खूबसूरत और दमदार लुक्स में नजर रही हैं। अभी प्रियंका की इन तस्वीरों को सामने आए कुछ ही घंटे बीते हैं और इनपर 10 लाख से ज्यादा लाइक्स आ चुके हैं।

सीएए की बात असम की जनता के बीच बताएं: विकास

दिसपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं असम प्रदेश के प्रभारी विकास उपाध्याय आज दिल्ली से रायपुर पहुँचने के बाद एयरपोर्ट में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए सीधे गृह मंत्री अमित शाह पर हमला बोला और कहा कि वे बाहूबलि छवि के दम पर आसन्न विधानसभा चुनाव में असम सहित अन्य प्रदेश पर सरकार बनाने का सपना देख रहे हैं। जो कभी सफल नहीं होने वाला। उन्होंने अमित शाह से सवाल किया कि असम में घूसपैठियों पर अनुच्छेद 370, बोडो शांति समझौता, राम मंदिर पर तो वे बोल रहे हैं, पर एनआरसी और सीएए पर बोलने से डर क्यों रहे हैं।उन्हें इस मुद्दे पर अपने पार्टी का रुख स्पष्ट करना चाहिये। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय कल असम से दिल्ली पहुँचने के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ महत्वपूर्ण चुनावी बैठक में सम्मिलित हुए और आज सुबह रायपुर पहुंचने के पश्चात् माना एयरपोर्ट में संवाददाताओं से चर्चा कर रहे थे। विकास ने कहा कि मोदी सरकार की बजट में मुख्य रूप से आगामी विधानसभा चुनाव का झलक दिखावा मात्र है। वह चुनावी राज्यों में सड़क निर्माण की घोषणा कर मतदाताओं को दिग्भ्रमित कर रही है, तो बजट में चाय बागान श्रमिकों के कल्याण के लिए प्रस्ताव ला कर एक बार फिर से उनके साथ छलावा कर रही है।विकास उपाध्याय ने याद दिलाया 05 वर्ष पूर्व इसी तरह के प्रस्ताव में असम की भाजपा सरकार ने वहाँ के श्रमिकों के लिए कुछ नहीं किया। यहाँ तक कि चाय बागान के श्रमिकों के अवेजी बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद भी 05 वर्ष में इस छोटी सी घोषणा को भी वह पूरा नहीं कर सकी। विकास उपाध्याय ने अमित शाह पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, वे स्वयं को बाहूबलि छवि दिखा कर आसन्न चुनाव में जीत हासिल करने का सपना देख रहे हैं।

प्रदर्शनों में शामिल होना युवाओं को पड़ेगा भारी

अविनाश श्रीवास्तव  

पटना। बिहार में सरकार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों,विरोध प्रदर्शन अब राज्य की जनता को खासकर युवाओं को भारी पड़ सकता है। बिहार की नितीश सरकार ने एक फरमान जारी करते हुए कहा कि सूबे में हिंसक प्रदर्शनों में शामिल होने वालों को सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी। जानकारी के मुताबिक बता दें कि इससे पहले, राज्य की नीतीश सरकार की पुलिस ने सोशल मीडिया पर सोच समझ कर लिखने का आदेश जारी किया था। बिहार पुलिस ने सोशल मीडिया पर किसी जनप्रतिनिधि अथवा सरकारी अधिकारी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर कानूनी कार्रवाई का आदेश दिया था। वहीं अब नीतीश सरकार की तरफ से जारी किए गए फरमान में कहा गया है कि विरोध-प्रदर्शन, सड़क जाम या ऐसे किसी अन्य मामले में हंगामा हुआ और कानून व्यवस्था में व्यवधान डाला गया, तो प्रदर्शन में शामिल लोगों को न सरकारी नौकरी मिलेगी और न ठेका। सरकार के आदेश में कहा गया कि विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़क जाम करने, हिंसा फैलाने या किसी भी प्रकार विधि व्यवस्था में समस्या पैदा करने जैसे आपराधिक कृत्य में शामिल होता है और यदि उसके खिलाफ पुलिस चार्जशीट दाखिल कर देती है, तो उनके पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट में इसका स्पष्ट जिक्र होगा। ऐसे में इन लोगों को न सरकारी नौकरी मिलेगी और न ही वे सरकारी ठेका ले सकेंगे।

कोरबा: एक ही परिवार के 3 लोगों की हत्या की

कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के लेमरू थाना क्षेत्र के ग्राम देवपहरी में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद गांव में सनसनी फैली हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक धरमु पहाड़ी (45 वर्षीय) अपने पूरे परिवार के साथ आरोपी संतुराम के यहां काम करता था। बताया गया है कि किसी बात को लेकर संतुराम और धरमु के बीच विवाद हो गया, जिसके बाद संतुराम ने धरमु और उसके परिवार को काम नहीं कराकर उन्हें जाने के लिए कह दिया, जिसके बाद धरमु अपनी बेटी व नतीनी के साथ अपने गांव वापस जाने के लिए वहां से चल पड़ा। इधर संतुराम अपने कुछ साथियों के साथ बाइक में सवार होकर धरमु और उसके परिवार के पास पहुंचा उन्हें जबरदस्ती जंगल की ओर ले गये, जहां आरोपियों ने धरमु और उसकी बेटी व नतीनी की हत्या कर दी। इस घटना के बाद पुलिस ने आरोपी संतुराम को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई तो उसने बताया कि आरोपियों ने धरमु की किशोरी बेटी को जिंदा दफन कर दिया है। आरोपी के निशानदेही पर जिंदा दफन लड़की को निकाला गया। बताया जा रहा है कि जिस समय लड़की को बाहर निकाला गया उस समय उसकी सांस चल रही थी हालांकि अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने इस मामले में अन्य 5 लोगों को भी पकड़ा है जिनसे पूछताछ की जा रही है। इस हत्याकांड की वजह का पता नहीं पाया है। आरोपियों से पूछताछ जारी है।

वाट्सएप पर अब नहीं रहेगा 'प्राइवेसी' का डर

अकांशु उपाध्याय   

नई दिल्ली। वाॅट्सऐप को धीरे-धीरे काफी यूर्जर्स छोड़ रहे है। वाॅट्सऐप में प्राइवेसी पाॅलिसी को लेकर लोगों के मन में डर बैठ गया है। हम आपको एक ऐसी ट्रिक बता रहे है। जिसके जरिए आप अपना बिना पर्सनल नंबर शेयर किए, वॉट्सऐप का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके लिए आपको एक वर्चुअल नंबर की ज़रूरत होगी। वर्चुअल फोन नंबर के लिए  ऐप्लीकेशन एक अच्छा ऑप्शन है। यहां से नंबर लेने के लिए आपको ये ऐप्लीकेशन डाउनलोड करना होगा। इसके लिए सबसे पहले आपको  पर एक फ्री अकाउंट बनाना होगा। लॉग-इन करने के बाद, आपको यूूूएस और कनाडा स्थित 5 फ्री फोन नंबर की एक लिस्ट मिलेगी। इनमें से आप कोई भी एक नंबर सेलेक्ट कर सकते हैं। इस वर्चुअल नंबर से आप कॉल कर सकते हैं और इंटरनेट पर मैसेज भेज/रिसीव कर अब को फोन में डाउनलोड कर लें। ध्यान रहे कि अगर पहले से ही आपके फोन में डाउनलोड है तो आपको सबसे पहले वॉट्सऐप को अनइंस्टॉल करना होगा। वॉट्सऐप पर रजिस्ट्रेशन करते समय आपके द्वारा चुने गए वर्चुअल नंबर के आधार पर, इंडिया के STD कोड को इंडिया से US या कनाडा में बदल दें। उसके बाद अपना वर्चुअल नंबर डालें। ऐप को बैकग्राउंड में ओपन रखें। बता दें कि इस वर्चुअल फोन नंबर पर आपको OTP नहीं मिलेगा। OTP की टाइमिंग एक्सपायर होने का इंतज़ार करें और फिर OTP के लिए ‘Call me’ ऑप्शन सेलेक्ट करें। आपको TextNow ऐप पर मिस्ड कॉल मिलेगा और TextNow ऐप के अंदर आपके वॉयसमेल पर एक नया मैसेज आएगा। ये एक ऑडियो मैसेज होगा, जिसमें आपका कोड बताया जाएगा। ओटीपी कोड डालने के बाद आगे प्रोसेस करें और वॉट्सऐप इस्तेमाल करें।

शर्जील उस्मानी के खिलाफ पुणे में एफआईआर दर्ज

मनोज सिंह ठाकुर

मुंबई। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने उस्मानी पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। मिली जानकारी के मुताबिक पुणे के पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने बताया कि उस्मानी के खिलाफ भादंसं की धारा 153 (ए) के तहत एक मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि उस्मानी के खिलाफ भाजपा युवा मोर्चा के स्थानीय नेता प्रदीप गावड़े ने शिकायत दर्ज करायी थी। उन्होंने बताया कि मामले में आगे की जांच जारी है। मिली जानकारी के अनुसार विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर शरजील उस्मानी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। फडणवीस ने सीएम को लिखे पत्र में कहा है कि शरजील उस्मानी ने 30 जनवरी को पुणे में हुए एलगार परिषद में समाज में वैमनस्य फैलाने के साथ ही हिंदू समाज के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की है।

उन्होंने कहा कि एक युवक महाराष्ट्र में आता है और छाती ठोककर हिंदुओं को भला-बुरा कहकर चला जाता है। कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने मांग की है कि पत्र मिलते ही शरजील को तत्काल गिरफ्तार कर महाराष्ट्र लाया जाए और कठोर कार्रवाई की जाए।

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