बुधवार, 2 दिसंबर 2020

सऊदी अरब पर हमला, भड़का भारत

नई दिल्ली/ रियाद। सऊदी अरब के जेद्दाह में हाल ही में हुए हमले को लेकर भारत ने कड़ी निंदा जताई और देश का साथ देने की बात कही। भारत सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारत सऊदी अरब के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और सऊदी अरामको तेल सुविधा में हुए हमले की निंदा करता है। बता दें कि 23 नवंबर को सऊदी अरब के जेद्दाह में सऊदी अरामको तेल सुविधा को निशाना बनाते हुए मिसाइल हमला हुआ था।                   


चीनः पहले कर्जा देता है फिर कब्जा करता है

बीजिंग। चीन की दूसरे देशों पर कब्जा करने की भूख बढ़ती ही जा रही है। चीन पड़ोसी देशों समेत दुनिया के दूसरे दशों को कर्ज की जाल फंसाता है फिर वहां की जमीन कब्जा करता है। अब चीनी कंपनी ने आइलैंड पर किराए पर मकान लेकर र रहे एक परिवार को सिर्फ तीन दिन के नोटिस पर घर खाली करने के लिए कहा है। तो वहीं आइलैंड पर पहले से रह रहे लोगों को अपने घर को एयरबीएनबी के जरिए किराए पर देने से भी रोक लगा दी है।                   


सर्दी के सामने निकली चीन की हेकड़ी

नई दिल्ली/ बीजिंग। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में लगातार सीमा पर तनाव बना हुआ है। इस तनाव के चीनी सैनिक सर्दी नहीं झेल पा रहे हैं। खबर आई है कि चीनी सैनिकों को 24 घंटों के अंदर ही पोस्ट बदलने को कहा जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ इस इलाके में भारतीय सैनिक लम्बे समय तक टिके हुए हैं।                  


सशस्त्र सेनाओं में सियासी काम की समीक्षा

बीजिंग। बीस लाख सैनिकों की क्षमता वाली पीएलए विश्व की सबसे बड़ी सेना है। दूसरे राष्ट्रों में जहां सेना, सरकार के गुलाम कार्य करती है। वहीं चाइना की सेना कम्युनिस्ट पार्टी के एक अंग के रूप में कार्य करती है। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक मीटिंग के बाद एक वक्तव्य जारी किया गया। जिसमें सशस्त्र सेनाओं में सियासी काम की समीक्षा की गई। साल 2012 में सत्ता संभालने के बाद शी, माओत्से तुंग के बाद सबसे ताकतवर नेता के तौर पर उभरे हैं और वह लगातार इस पर जोर देते रहे हैं कि पीएलए को सीपीसी के पूर्ण नियंत्रण में कार्य करना चाहिए।


मौसमी हालात ने प्रभाव को और गहरा किया

चरम मौसमी हालात ने कोविड-19 के प्रभाव को और गहरा कर दिया


जलवायु परिवर्तन की बेरहम कदमताल 2020 में भी जारी रही। यही वजह है कि यह साल अब तक के सबसे गर्म तीन वर्षों की सूची में शामिल होने जा रहा है। विश्‍व मौसम विज्ञान संगठन (डब्‍ल्‍यूएमओ) के मुताबिक 2011-2020 का दशक अब तक का सबसे गर्म दशक होगा, जिसमें छह सबसे गर्म सालों का सिलसिला वर्ष 2015 से शुरू हुआ। ‘स्टेट ऑफ द ग्लोबल क्लाइमेट इन 2020’ पर डब्ल्यूएमओ की अनंतिम रिपोर्ट के मुताबिक महासागरों का गर्म होना रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है और वर्ष 2020 में वैश्विक महासागरों का 80% से ज्यादा हिस्सा कुछ समय के लिए समुद्री ग्रीष्म लहर की चपेट में रहा।               


सांड को बचाने के चक्कर में युवक की मौत

कार की टक्कर से युवक की मौत


कौशांबी। कौशाम्बी कोखराज थाना क्षेत्र में सांड को बचाने के चक्कर में एक कार चालक ने एक युवक को टक्कर मार दिया है। जिससे युवक गंभीर रूप से घायल हो गया है। पुलिस ने उसे अस्पताल भिजवाया है। लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गयी है। युवक कशिया गांव का रहने वाला बताया जाता है युवक की मौत की जानकारी मिलते ही पूरा गांव सड़क पर आ गया। चक्का जाम की आशंका पर कई थाने की फोर्स और पुलिस आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। जानकारी के मुताबिक कोखराज थाना क्षेत्र के कशिया गांव के हाइवे पर एक तेज गति इको कार सांड से भीषण टक्कर के कारण रोड़ पार कर दूसरी तरफ जा पहुँची और काशिया गांव निवासी नितिन मौर्य उम्र 32 वर्ष पुत्र पोला मौर्य को कार चालक ने जोरदार टक्कर मार दिया। लोगों के अनुसार गंभीर स्थित में युवक को कोखराज पुलिस ने इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया है। अस्पताल पहुचने के पूर्व ही घायल युवक की मौत हो गयी है। घटना के बाद ग्रामीणों का आक्रोश और चक्का जाम की आशंका पर कई थाने की फोर्स के साथ अधिकारी मौके पर पहुँच गए है।


अजीत कुशवाहा


बेकाबू पिकअप ने साइकिल सवार को रौंदा

सराय अकिल में बेकाबू पिकप ने साइकिल सवार को रौंदा, मौत


कौशाम्बी। सराय अकिल थाना क्षेत्र के कूरा गांव के पास बुधवार सुबह को एक बेकाबू पिकप ने साइकिल सवार अधेड़ को रौंद दिया। इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। चरवा थाना के लोही गांव निवासी संगम लाल पुत्र नानकु लाल बुधवार को दिन में 11 बजे साइकिल से लोही गांव से सराय अकिल बाजार समान लेने जा रहा था। जैसे ही वह कूरा गांव के पास पहुंचे इसी दौरान एक तेज रफ्तार पिकप ने पीछे से उन्हें रौंद दिया। इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। घटना को देख आसपास के लोगों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। सूचना मिलते ही सराय अकिल थानाध्यक्ष विजय विक्रम सिंह, एसआई विनोद पांडेय, सिपाही प्रभात दुबे, राजन दुबे, सुनील यादव, वीरेंद्र यादव, महिला सिपाही शालिनी शुक्ला मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने पिकप व चालक को कब्जे में ले लिया। साथ ही शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। थानाध्यक्ष विजय विक्रम सिंह ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, पिकप चालक हिरासत में है।


सुशील केसरवानी


अहम की भारी कीमत चुकाएगींं केंद्र सरकार

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। भारत में लगभग हर आंदोलन में अपना चेहरा दिखाने वाली मेधा पाटेकर, दक्षिण भारत के नेता कुमार सुनीलम के साथ आज गाज़ियाबाद में यूपी गेट पर भी पहुँच गईं। पाटेकर ने मोदी सरकार पर किसानों के बीच फूट डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार किसानों के धैर्य की परीक्षा न ले। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार अपनी हरकतों से बाज नहीं आती है तो उसे अपने अहंकार की भारी कीमत चुकनी होगी। इस बीच किसान नेताओं ने धमकी दी है कि अगर हमारी बातें नहीं मानी गईं तो ईस्टर्न पैरिफेरियल को जोड़ने वाले बागपत, मुरादनगर, डासना समेत दूसरे रास्तों को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा।                                  


विधायक विजय मिश्र के 7 लाइसेंस निरस्त

विधायक विजय मिश्र की पत्नी और बेटे के सात असलहों के लाइसेंस निरस्त


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। विधायक विजय मिश्र और उनके परिवार के सात असलहों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। इनमें विधायक और उनके बेटे के नाम जारी दो-दो और पत्नी एमएलसी रामलली मिश्रा के नाम जारी तीन असलहों के लाइसेंस शामिल हैं। जिलाधिकारी न्यायालय ने बुधवार को लाइसेंस निलंबित करते हुए विधायक पक्ष को आपत्ति दाखिल करने के लिए एक महीने की मोहलत दी है। साथ ही पुलिस को उन असलहों को मालखाने में जमा कराने का आदेश दिया है। टोल प्लाजा में पैसे लगाने वाले औराई के कारोबारी को फोन पर धमकी देने के मामले में गुंडा एक्ट के आरोपी ज्ञानपुर विधायक विजय मिश्र और उनके कुनबे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। गत जुलाई से एक के बाद एक मुकदमे और कार्रवाइयों का सिलसिला जारी है।
बुधवार को जिलाधिकारी न्यायालय ने विधायक पर दर्ज 23 आपराधिक मामलों के मद्देनजर उनके नाम जारी रायफल और पिस्टल, विष्णु मिश्रा के नाम जारी रायफल और रिवॉल्वर और एमएलसी रामलली मिश्रा के नाम जारी रायफल, रिवॉल्वर एवं डीबीबीएल गन के लाइसेंस निलंबित करने का आदेश सुनाया। साथ ही कहा कि यदि विधायक पक्ष चाहे तोआदेश तामीला होने के एक माह के अंदर कोर्ट में अपना पक्ष रख सकता है। गौरतलब है कि पुलिस अधीक्षक रामबदन सिंह ने गत एक सितंबर को गोपीगंज एसओ की रिपोर्ट पर विधायक, एमएलसी और उनके पुत्र के असलहों के लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की थी। पुलिस कप्तान ने कहा कि पुलिस ने गिरफ्तारी के समय विधायक के असलहे पुलिस ने जमा करवा लिए थे। अन्य आरोपियों के लाइसेंस जमा नहीं हो पाए थे, जिसके लिए नोटिस जारी किया जाएगा।                                         


12 वर्षीय नाबालिग का अपहरण, नहीं की कारवाई

अतुल त्यागी, मुकेश सैनी, प्रवीण कुमार


12 वर्षीय युवती के गायब होने से हड़कंप


हापुड़। उत्तर-प्रदेश के जनपद के थाना बहादुरगढ़ क्षेत्र में 12 वर्षीय किशोरी के अपहरण का मामला सामने आया है। आपको बता दें कि परिजनों के अनुसार लापता युवती को युवकों के द्वारा कई दिनों से जान से मारने की धमकी दी जा रही थी। जिसकी शिकायत थाना बहादुरगढ़ में पीड़ित के परिजनों के द्वारा दी गई। जहां पुलिस ने पीड़ित परिवार की शिकायती-पत्र पर कोई संज्ञान नहीं लिया। जिसका पीड़ित परिवार को 12 वर्षीय नाबालिक किशोरी के गायब होने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। जिसका जिम्मेदार पीड़ित परिवार थाने में बैठे कर्मचारियों को मान रही है। अगर समय रहते शिकायती-पत्र के अनुसार संज्ञान लिया जाता है तो 12 वर्षीय युवती गायब ना होती। वही अपह्रता किशोरी की मां के थाने में शिकायत-पत्र पर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की बात कह रही है। जहा पुलिस उपाधीक्षक गढमुक्तेश्वर पवन कुमार ने बताया कि मां कौशल देवी के शिकायत पत्र अभियोग पंजीकृत कर अपह्रता की बरामदगी के लिये टीम गठित कर दी गयी है। जल्द गिरफ़्तार कर लिया जायेगा।


भारत में 10 लाख के करीब किए परीक्षण

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारत के दैनिक नए सीओवीआईडी ​​-19 मामले 50,000 के आंकड़े से नीचे हैं, क्योंकि हर दिन एक मिलियन से अधिक परीक्षण किए जा रहे हैं। लाख परीक्षण किए जाते हैं। एक ट्वीट में, MoHFW ने एक ग्राफ साझा किया, जिसमें दिखाया गया कि सरकार ने 21 नवंबर से हर दिन 10 लाख के करीब परीक्षण किए हैं।स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एक ट्वीट में कहा कि देश में अब तक 14 करोड़ 13 लाख परीक्षण। देश में 11 नवंबर को सकारात्मकता दर 7.15% थी, जो बढ़कर 6.69% हो गई है।" स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत का सक्रिय केस लोड 4.35 लाख है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में कुल मामलों की संख्या 94,62,810 है और 11,349 मामलों में शुद्ध गिरावट दर्ज की गई है।ICMR ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ने पूरे देश में टीकाकरण की बात नहीं की है।               


झूठे प्रचार से कोई मिशन सफल नहीं होता

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि वह झूठ और मिथ्या प्रचार को आधार बनाकर काम करती है इसलिए किसान आंदोलन खत्म करने का उसका कोई मिशन सफल नहीं हो सकता है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया , "किसान की आय दुगनी होगी। 'मित्रों' की आय हुई चौगुनी और किसान की होगी आधी। झूठ की, लूट की, सूट-बूट की सरकार।"             


भूखः भारत में भूख से जूझता मेहनतकश

वैश्विक भूख सूचकांक : भारत में भूख से जूझता मेहनतकश


दुनिया भर में भूख और कुपोषण के स्तर और हालात पर हर साल ‘वैश्विक भूख सूचकांक’ या ‘ग्लोबल हंगर इण्डेक्स’ नाम से एक रिपोर्ट निकाली जाती है। यह रिपोर्ट जर्मनी की ‘वेल्ट हंगर हिल्फ़े’ संस्था एवं आयरिश संस्था ‘कंसर्न वर्ल्डवाइड’ द्वारा संयुक्त रूप से हर साल अक्टूबर में निकाली जाती है। वैश्विक भूख सूचकांक रिपोर्ट में भूख के कई पहलुओं और उनसे सम्बन्धित आँकड़ों को आधार बनाकर एक संख्यात्मक इण्डेक्स या सूचकांक तैयार किया जाता है। इस आधार पर विभिन्न देशों के भूख के स्तर और उनके वरीयता क्रम को दर्शाया जाता है। इसमें विभिन्न स्रोतों से प्राप्त आँकड़ों के आधार पर भूख, कुपोषण, पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में कम वजन एवं लम्बाई तथा शिशु मृत्य दर को आधार बनाकर सूचकांक तैयार किया जाता है। यह भूख और कुपोषण के भयंकर स्तर को दर्शाता है और यह भी दिखाता है कि कैसे एक भारी आबादी को उचित भोजन और ऊर्जा की आवश्यक कैलोरी नहीं मिल पा रही है।


अक्टूबर 2020 में आयी वैश्विक भूख सूचकांक रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है कि पूँजी की लूट से पूरी दुनिया में ही आबादी का एक बड़ा हिस्सा भूख से पीड़ित है। इस रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल के अन्त तक दुनियाभर में लगभग 69 करोड़ लोग भूख से पीड़ित रहे जिसमें से 13.5 करोड़ लोग तो भयंकर रूप से भोजन की समस्या का सामना कर रहे थे। लगभग 14.40 करोड़ बच्चे कुपोषण के कारण अपनी उम्र से कम लम्बाई के रह गये जो कुल बच्चों की संख्या का 21.3 प्रतिशत है। साथ ही 4.7 करोड़ बच्चे ऐसे हैं जिनका वजन उनकी लम्बाई के अनुपात में कम है जो कुल संख्या का 6.9 प्रतिशत है; यह कुपोषण की गम्भीर स्थित को दर्शाता है। 2018 में 53 लाख बच्चे पाँच वर्ष की आयु पूरा करने से पहले ही मर गये। अफ़्रीका विशेषकर सहारा रेगिस्तान के दक्षिण का हिस्सा और दक्षिण एशिया जिसमें भारत भी स्थित है, दुनिया का वह हिस्सा है जहाँ भूख की स्थिति अत्यधिक भयंकर है। दुनियाभर में आबादी का 8.9 प्रतिशत हिस्सा कुपोषण का शिकार है।


वैश्विक भूख सूचकांक 2020 के अनुसार 107 देशों में भारत का स्थान 94वाँ है। आये दिन जनता को गुमराह करने के लिए लफ़्फ़ाजी करते हुए मोदी सरकार विकास और बदलाव की बात भर करती है जबकि इस रिपोर्ट के अनुसार पकिस्तान (88वाँ स्थान), म्यांमार (78वाँ स्थान), बांग्लादेश (75वाँ स्थान), नेपाल (73वाँ स्थान) और श्रीलंका (64वाँ स्थान) भारत से आगे हैं। हालाँकि इन देशों में भी मेहनतकशों की स्थिति अच्छी नहीं है, परन्तु रिपोर्ट के अनुसार तुलनात्मक रूप से यह भारत से ठीक स्थिति में हैं। इसी रिपोर्ट के अनुसार भारत में उन बच्चों की संख्या जिनका वजन लम्बाई के अनुपात में कम है 17.3 प्रतिशत है जोकि बहुत ही भयानक है। वैश्विक भूख सूचकांक तालिका के अनुसार भारत को 27.2 अंक मिले हैं जो ‘गम्भीर श्रेणी’ में आता है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुल आबादी का 14 प्रतिशत हिस्सा ऐसा है जो कुपोषण का शिकार है। पाँच साल से कम उम्र के 34.7 प्रतिशत बच्चे अपनी उम्र के हिसाब से कम लम्बाई के (stunting) हैं। भारत में पाँच साल से कम उम्र के 3.7 प्रतिशत बच्चे मर जाते हैं। ये महज आँकड़े भर नहीं हैं, ये मेहनतकश आबादी की लगातार हो रही हत्याएँ हैं जो पूँजी की लूट और हुक्मरानों की जनविरोधी नीतियों का नतीजा हैं।


वैश्विक भूख सूचकांक 2020 की रिपोर्ट बताती है कि कोरोना महामारी की वजह से खाद्य पदार्थों एवं पौष्टिक आहार की स्थिति और भी बदतर हुई है तथा भविष्य में इसके भयंकर प्रभाव दिखाई देंगे। पूँजीवाद पहले से ही ढाँचागत संकट से जूझ रहा है और कोविड महामारी की वजह से आर्थिक मन्दी में हुए इज़ाफ़े के कारण पूरी दुनिया में लगभग 8 करोड़ और आबादी कुपोषण की चपेट में आ गयी है। रिपोर्ट बताती है कि सकल घरेलू उत्पाद में होने वाली गिरावट के कारण प्रति 1 प्रतिशत गिरावट पर पूरे विश्व में 7 लाख अन्य बच्चे भी उम्र की तुलना में छोटी लम्बाई के होंगे जो अत्यधिक कुपोषण की स्थिति होगी। भारत में इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। इससे इस बात का अन्दाज़ा लगाया जा सकता है कि भारत में ग़रीबों और मेहनतकशों के बच्चों की स्थिति कितनी भयंकर है। वैश्विक भूख सूचकांक की रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेष रूप से समाज के वे लोग जिनकी स्थिति अत्यधिक खराब है और ग़रीब हैं उनके लिए कोविड महामारी और आर्थिक मन्दी के कारण भूख एवं भुखमरी की समस्या दोगुनी हो जायेगी।


भारत में भूख और कुपोषण की स्थिति पर भारत सरकार के आँकड़ों पर अगर नज़र डाली जाये तो स्थिति ऐसी ही नज़र आती है। नीति आयोग द्वारा भारत की ‘राष्ट्रीय पोषण नीति’ पर जारी पुस्तिका के अनुसार भारत में दुनिया के सर्वाधिक बच्चे हैं और यह पूरी दुनिया में बच्चों की आबादी का लगभग पाँचवाँ हिस्सा है। बच्चों और महिलाओं की आबादी भारत की कुल आबादी का लगभग 70 प्रतिशत है । राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार भारत में 38.4 प्रतिशत बच्चे कम लम्बाई के; पाँच वर्ष से कम उम्र के 21 प्रतिशत बच्चे कम वजन के एवं कुल 35.7 प्रतिशत बच्चे कम वजन के हैं। देश में महिलाओं की कुल आबादी का 35.5 प्रतिशत कम वजन (Low BMI) एवं 55.3 प्रतिशत रक्त की कमी (एनीमिया) का शिकार हैं। भारत में पुरुषों की आबादी का 22.7 प्रतिशत हिस्सा ख़ून की कमी (एनीमिया) का शिकार है। राष्ट्रीय पोषण नीति पुस्तिका के अनुसार बाल मृत्य दर 50 प्रति हज़ार है। कहने के लिए मोदी सरकार द्वारा ‘विज़न 2022’ के नाम पर ‘कुपोषण मुक्त भारत’ का नारा तो दे दिया गया है परन्तु जनता के हाथ से रोज़गार छीनकर पूँजीपतियों की तिजोरियाँ भरने वाली यह फ़ासिस्ट सरकार जनता को छलावा के अतिरिक्त कुछ भी नहीं दे सकती।


आख़िर क्या वाकई भारत में भूख और कुपोषण की इस स्थिति का समाधान सम्भव नहीं है? क्या भारत में खाद्यान्नों का उत्पादन इतना कम है कि इस देश की जनता को भूख से जूझना ही पड़ेगा? आइए एक नज़र कुछ आँकड़ों पर डालते हैं। भारत में मार्च 2020 में कोरोना के शुरूआती दिनों में भारतीय खाद्य निगम के चेयरमैन डी. वी. प्रसाद ने कहा था “चिंता की कोई बात नहीं है देश के प्रत्येक भाग में गेहूँ और चावल के पर्याप्त भण्डार हैं”। उन्होंने कहा कि भारत के पास डेढ़ साल तक यहाँ की ग़रीब आबादी के पोषण के लिए पर्याप्त खाद्यान्न मौजूद है। भारत में वर्ष 2015-16 में 2497 लाख टन, 2016-17 में 2729 लाख टन, वर्ष 2017-18 में 2828 लाख टन, वर्ष 2018-19 में 2813 लाख टन और वर्ष 2019-20 में 2920 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ था। वर्ड इकनोमिक फ़ोरम के एक अनुमान के अनुसार भारत में पूरी आबादी को खिलाने के लिए 2300 लाख टन खाद्यान्न की जरूरत बताई गयी थी। इससे यह साफ़ है कि देश में आबादी को खाने के लिए अनाज की कमी नहीं है बल्किइसका पर्याप्त उत्पादन होता है। मोदी सरकार के कई मंत्री भी इस बात को कह चुके है कि देश में अनाज की कोई कमी नहीं है। पिछले कई सालों से देश में खाद्यान्न उत्पादन कुल आबादी की जरूरत से अधिक होने के बावजूद भी देश की भारी आबादी भूख का शिकार है। पूँजीवादी मुनाफे की चक्की में पिसते मजदूर वर्ग को एक तरफ़ तो बेरोज़गारी द्वारा और दूसरी तरफ़ पूँजीपतियों द्वारा मुनाफ़े को लगातार बढ़ाने के चक्कर में मज़दूरी को इतना कम कर दिया गया है कि वह बमुश्किल से जीवित रह पाता है। वहीं देश में एफ. सी. आई के गोदामों में लाखों टन अनाज हर साल बर्बाद कर दिया जाता है। क्योंकि इस अनाज को अगर इस देश के ज़रूरतमन्दों में पहुँचा दिया जायेगा तो तमाम एग्रो-बिज़नेस कम्पनियों का मुनाफ़ा मारा जायेगा। लूट पर आधारित इस व्यवस्था में सरकारी नीतियों एवं पूँजीवाद की अपनी नैसर्गिक गति यही है कि इसमें पर्याप्त संसाधन मौजूद होने पर भी भारी आबादी भूख और कुपोषण का शिकार ही रहेगी। 


जहाँ एक तरफ़ तो भारत में हर साल अरबपतियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है वहीं दूसरी तरफ़ ग़रीब और भी ग़रीब होता जा रहा है। बेरोज़गारी लगातार बढ़ती जा रही है। कोरोना-काल में एक तरफ़ इस देश के मज़दूर आबादी ने अभूतपूर्व विपत्तियों को झेला, दाने-दाने को मोहताज़ हुई वहीं फ़ोर्ब्स पत्रिका द्वारा 2020 के अरबपतियों की सूची में भारत के 9 नये नाम और जुड़ गये हैं। कोरोना-काल में जहाँ पूरे देश में आर्थिक मन्दी छायी रही; मज़दूर और ग़रीब आदमी की आमदनी ठप्प हो गयी, उसके रोज़गार छिन गये; वहीं देश के सबसे बड़े पूँजीपति मुकेश अम्बानी की आमदनी में 73 प्रतिशत का और गौतम अडानी की सम्पत्ति में 61 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ।


स्पष्ट है कि इस देश में भूख, कुपोषण और इस कारण से होने बाली मौतें चाहे वह बच्चों की मौतें हों या महिलाओं और पुरुषों की वे पूँजीपतियों के शोषण और सरकारों द्वारा इन पूँजीपतियों को और अमीर बनाते जाने के लिए काम करने का नतीजा है। भूख से मरने वाले और कुपोषण के शिकार लोग इस देश की ग़रीब जनता के बेटे-बेटियाँ हैं जो पूँजी की नंगी लूट की भेंट चढ़ रहें हैं। भूख और कुपोषण से न तो इस देश के धन्नासेठों और न ही नेता मंत्रियों के बच्चे मरते हैं; मरते हैं तो मेहनतकश ग़रीब और मज़लूम! कोई कारण नहीं है कि पर्याप्त खाद्यान्न उत्पादन होने के बावजूद कोई भी आदमी कुपोषित रहे और भूख से या कुपोषण के कारण दम तोड़े। पूँजीपति वर्ग अपने मुनाफ़े की गिरती दर से उबरने के लिए मेहनतकश को ग़रीबी, भूख और कुपोषण ही दे सकता है। पूँजी की अन्धी लूट ने मेहनतकश को जिस अन्धी गली में लाकर खड़ा कर दिया है वहाँ से बाहर निकलने का एक ही रास्ता है कि शोषण पर टिकी इस व्यवस्था के ख़िलाफ़ उठ खड़ा हुआ जाये।                                 


देश में अगले हफ्ते से मिलेगी 'कोरोना' वैक्सीन

आ गई खुशखबरी अगले हफ्ते से मिलेगी कोरोना वैक्सीन


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। पिछले साल 2019 के अंत में शुरू हुए नॉवेल कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए शुरू से ही संभावना जताई जा रही थी। कि इस साल 2020 के अंत तक वैक्‍सीन विकसित कर लिया जाएगा। कोविड वैक्‍सीन फाइजर को इस्‍तेमाल की मंजूरी देने वाला दुनिया का पहला देश ब्रिटेन है। इसके साथ ही ब्रिटेन ने देश में अगले सप्‍ताह की शुरुआत में वैक्‍सीन के रिलीज करने का ऐलान किया है।
इस क्रम में वैक्‍सीन व ड्रग के ट्रांसपोर्ट के मद्देनजर स्पाइसजेट की कार्गो सेवा स्‍पाइसएक्‍सप्रेस ने कोल्‍ड-चेन सॉल्‍यूशन प्रोवाइडर्स से हाथ मिला लिया है। इन ड्रग व वैक्‍सीन को एक जगह से दूसरे जगह नियंत्रित तापमान में ले जाने व लाने की सुविधा होगी। इसके अनुसार कार्गो सेवा ने विशेष सर्विस स्‍पाइस फर्मा प्रो की शुरुआत की है। वहीं अमेरिका ने कहा है। कि कोविड-19 वैक्‍सीन उपलब्‍ध होते ही देश में वितरण की पूरी तैयारी कर ली गई है।
.जॉनसन एंड जॉनसन ने मंगलवार रात को बताया कि यूरोप और कनाडा ने तो वैक्‍सीन का रियल टाइम रिव्‍यू शुरू कर दिया। अमेरिकी कंपनी की जांसेन यूनिट वैक्‍सीन के लिए कनाडा के साथ काम करती रहेगी। वहीं मॉडर्ना इंक व फाइजर ने मंगलवार को यूरोप में वैक्‍सीन के लॉन्‍च को लेकर इमरजेंसी एप्‍लीकेशन दे दिया है। गत अगस्‍त में कनाडा ने 38 मिलियन डोज के लिए जॉनसन एंड जॉनसन के साथ डील कर लिया था।
यहां मॉडर्ना फाइजर व एस्‍ट्राजेनेका वैक्‍सीन की रिव्‍यू जारी है। वहीं ब्राजील के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने बताया है। कि देश के लोगों स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों व 75 वर्ष व इससे अधिक उम्र वालों को वैक्‍सीन के लिए प्राथमिक श्रेणी में रखा गया है।
पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्‍टा ने मंगलवार को कहा कि आगामी जनवरी में यूरोपीय संघ की कमान आने के बाद वैक्‍सीन के लिए सभी यूरोपीय देशों को शीर्ष प्राथमिकता दी जाएगी। उन्‍होंने कहा कि जिस दिन हमारे पास वैक्‍सीन आएगी उसी दिन यूरोप के सभी देशों को यह भेज दिया जाएगा।                 


भारत की तरफ बढ़ रहा है चक्रवर्ती 'तूफान'

भारत की तरफ बढ़ रहा इस साल का चौथा चक्रवाती तूफान


कोलकाता। बंगाल की खाड़ी पर गहरे दबाव के क्षेत्र ने मजबूत होकर मंगलवार को चक्रवाती तूफान बुरेवी का रूप ले लिया। भारतीय मौसम विभाग का कहना है। कि तूफान बुरेवी दो दिसंबर की शाम या रात को त्रिंकोमाली के निकट श्रीलंका तट से गुजरने का पूर्वानुमान है। आईएमडी ने एक बुलेटिन में कहा कि श्रीलंका के त्रिंकोमाली पहुंचने के बाद बुरेवी के मन्नार की खाड़ी और तमिलनाडु में कन्याकुमारी के आसपास कोमोरिन इलाके की ओर आने की आशंका है। इस दौरान 75 से 85 से किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी।
कहा कहां से गुजरेगा तूफान 
मौसम विभाग ने बताया कि उसके बाद वो पश्चिम-दक्षिण पश्चिम की ओर बढ़ेगा और चार दिसंबर की सुबह कन्याकुमारी और पम्बन के बीच दक्षिण तमिलनाडु तट को पार करेगा। इससे पहले मौसम विभाग ने कहा था। कि दक्षिण तमिलनाडु और दक्षिण केरल में तीन दिसंबर को कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।
इन जगहों पर भारी बारिश की आशंका 
मौसम विभाग ने अगले 12 घंटों के दौरान बंगाल के दक्षिण-पश्चिम खाड़ी में चक्रवाती तूफान बुरेवी के और तेज होने की संभावना जताई है। दक्षिण-तमिलनाडु (कन्याकुमारी तिरुनेलवेली थुथुकुडी, तेनकासी रामनाथपुरम और शिवगंगई) पर 2 से 3 दिसंबर को कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा उत्तर तमिलनाडु, पुडुचेरी, माहे और कराईकल और उत्तर केरल में 2 और 3 दिसंबर को अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है।
मछवारों को समुद्र में जाने से मना किया 
मौसम विभाग ने मछवारों को 4 दिसंबर तक समुद्र में जाने से मना किया है। मछुआरों को सलाह दी गई है। कि वो बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में और दक्षिण-पश्चिम हिस्से एवं पूर्वी श्रीलंका तट से दूर ही रहें। इसके अलावा लक्षद्वीप-मालदीव क्षेत्र और आसपास के दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में तीन से चार दिसंबर तक न जाने की सलाह दी गई है।
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, इस तूफान से अगले 36 घंटे में दक्षिणी तटीय आंध्र प्रदेश में भी हल्की से भारी बारिश हो सकती है। या कुछ जगहों पर मूसलाधार बारिश हो सकती है।                 


1 बार फिर पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी

आज फिर बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम: जनता परेशान


अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल के दाम में पिछले दो दिनों तक शांति रहने के बाद आज फिर इजाफा हुआ है। सरकारी तेल कंपनियों ने आज 2 दिसंबर को डीजल की कीमत में 23 पैसे तक की बढ़ोतरी की है, वहीं पेट्रोल की कीमत 15 पैसे तक बढ़ी हैं। इस बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में पेट्रोल का भाव 82.49 रुपए प्रति लीटर और डीजल का भाव 72.65 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया। आज राजधानी रायपुर में पेट्रोल की कीमत करीब 81.29 हैं वहीं डीजल करीब 78.79 रुपए प्रति लीटर हैं।                            


वामदलों का प्रदर्शन, पीएम का पुतला फूंका

किसानों के समर्थन में रायपुर वाम दलों का संयुक्त प्रदर्शन, फूंका प्रधानमंत्री मोदी का पुतला


रायपुर। वाम दलों के राष्ट्रव्यापी आव्हान के तहत किसानों की मांगों के समर्थन में तथा किसान आंदोलन पर मोदी सरकार द्वारा किये जा रहे दमन के खिलाफ आज देशभर के हर शहरों में वाम कार्यकर्ताओ ने प्रदर्शन किया । रायपुर में शाम 5 बजे माकपा, भाकपा-माले(लिबरेशन), सीटू, एसएफआई,  नवजवान सभा, तथा किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया तथा केंद्र सरकार की दमनकारी नीतियों के विरुद्ध नारे लगाते हुए नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका, प्रदर्शन और नारेबाजी के बाद सभा को संबोधित करते हुए सीटू नेता तथा माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य साथी धर्मराज महापात्र ने मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों की निंदा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार जिन तीन कृषि कानूनों को किसानो के हित में बता रही है , दरअसल ये कानून कॉरपोरेट घरानों और दल्लालो के हित में बनाया गया है और इसमें समर्थन मूल्य पर किसान के अनाज की खरीद से हाथ खींचकर उसे पूरी तौर पर लूट के लिए कार्पोरेट के हवाले कर दिया है, उसने मंडी व्यवस्था को समाप्त कर उसे गुलामी केआर रास्ते पर धकेलने का काम किया है, अत्यवश्यत वस्तु अधिनियम में संशोधन कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली को ध्वस्त कर अनाज की आम जनता से लूट का रास्ता खोल दिया है। बेशर्म सरकार अम्बानी अडानी जैसे बड़े पूंजीपतियों के हाथों किसानों का हक और खेती को कार्पोरेट फार्मिंग के जरिए बेचना चाहती है, कई साल से किसान फसल के उचित दाम के लिए, सस्ते कर्ज के लिए,  लागत मूल्य का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए संघर्ष कर रहे थे और अब भी कर रहे, लेकिन इन मांगों को सुनने और लागू करने के बजाय मोदी सरकार सीधे-सीधे सारी फसल को कॉरपोरेट घरानों के हाथों सौपने का काला कानून ले के आयी है, उन्होंने किसानों पर किये जा रहे पुलिसिया जुल्म की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अन्नदाता किसान के साथ इस तरह का बर्ताव देश की जनता नही सहेगी, वाम कार्यकर्ताओ ने इन प्रदर्शनों के जरिये आंदोलनरत किसानों के साथ अपनी एकजुटता दिखाई और कहा है कि जरूरत पड़ने पर इस आंदोलन को देशभर में विस्तार किया जाएगा, सभा को भाकपा-माले के बृजेन्द्र तिवारी तथा माकपा के रायपुर जिला सचिव प्रदीप गभने ने भी संबोधित किया।


आज प्रदर्शन में प्रमुख रूप से धर्मराज महापात्र, बृजेन्द्र तिवारी, प्रदीप गभने, एस सी भट्टाचार्य,शीतल पटेल, डॉ राजेश अवस्थी, अजय कन्नौजे, दीक्षित भीमगड़े, मो. साजिद रजा, प्रदीप मिश्र, नवीन गुप्ता, विभाष पैतुण्डि, के के साहू, वी एस बघेल, मनोज देवांगन, रिनेश लसेल, महेंद्र लदेर, पवन सक्सेना,  राकेश गौतम, शेखर नाग, रतन गोण्डाने सहित दर्जनों कार्यकर्ताओ ने हिस्सा लिया ।                           


कंगना के बड़बोलेपन पर एफआईआर दर्ज

मोमिन मलिक


नई दिल्ली। कई बार जाने-अनजाने में आपसे ऐसी गलती हो जाती है जिससे समाज में भ्रांति की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। खास कर जब ऐसी गलती किसी जानीमानी हस्ती द्वारा की गई हो। अफवाहों पर विश्वास कर अपने ट्वीट्स के जरिए गलत जानकारी देने के मामले में राजदीप सरदेसाई जैसे दिग्गज पत्रकार भी फंस चुके हैं, अब यह बात अलग है कि वामपंथी विचारधारा वाली मीडिया अपने साथी पत्रकारों और नेताओं की गलती को छुपा देते हैं।


लेकिन मामला जब किसी भाजपा अथवा भारतीय संस्कृति का खुल कर समर्थन करने वाली हस्ती हो तो उसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है। ऐसी ही एक हस्ती हैं कंगना रनौत जो विभिन्न सामाजिक मुद्दों को लेकर प्रखर बयानों के कारण वामपंथी मीडिया की आँखों की किरकिरी बनी रहती हैं।दरअसल कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को लेकर कंगना रनौत ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने एक महिला आंदोलकारी को शाहीनबाग वाली ‘दादी’ बिलकिस बानो बताया था। अब इसे लेकर कंगना रनौत को पंजाब के एक वकील ने लीगल नोटिस जारी किया है और ट्वीट के लिए माफी की मांग की है।  


पंजाब में ज़ीरकपुर के वकील ने अभिनेत्री कंगना रनौत को कानूनी नोटिस भेजकर अपने ट्वीट पर माफी मांगने की मांग की, जिसमें कृषि कानूनों के विरोध प्रदर्शन में एक बूढ़ी महिला को ‘बिलकिस दादी’ बताया गया थाहालांकि वास्तविकता का पता चलने पर कंगना ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया था मगर तथाकथित रूप से सुर्खियों में आने के लिए दायर इस केस पर अदालत क्या रुख अपनाती है, इसका पता तो आने वाले दिनों में ही चल सकेगा।                           


किसानों के समर्थन में आए कई संघ व दल

अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। दिल्ली बार्डर पर किसानों का आंदोलन यथा स्वरूप जारी है।  सवेरे कुछ किसानों ने एक बार फिर से दिल्ली पुलिस की बेरिकेडिंग को गिरा दिया था जिस पर अब कुछ किसान बैठ कर धूप सेंक रहे हैं। बार्डर पर मौजूद किसानों का कहना है कि बुधवार को दोपहर बाद अपने प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तैयार करेंगे।


इस बीच किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए दूर-दूर से विभिन्न राजनैतिक दलों के नेता भी यूपी गेट पहुंच रहे हैं। गाज़ियाबाद नगर निगम की टीमें शनिवार से ही इलाके में सफाई, सैनिटाइजेशन और पानी का छिड़काव करने में जुटी है। आपको बता दें कि कृषि के तीन कानून के विरोध में यूपी गेट पर चल रहा किसानों के आंदोलन का पांचवां दिन है।


इस बीच खबर है कि किसान नेता नरेश टिकैत आज यूपी बार्डर पर पहुँच कर किसानों को संबोधित करेंगे।  भाकियू (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश टिकैत ने बताया कि मंगलवार को सरकार के साथ हुई बातचीत बेनतीजा रही है, अब देखना होगा कि बृहस्पतिवार को होने वाली बातचीत किस नतीजे पर पहुँचती है। जब तक कोई फैसला नहीं हो जाता है, किसान यूपी गेट पर जी जमे रहेंगे। आज (बुधवार को) हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत किसानों के साथ वार्ता कर आगे की रणनीति तय करेंगे। यदि जरूरी हुआ तो हम दिल्ली का हुक्का-पानी बंद कर देंगे।


प्रदूषणः पटाखों की बिक्री-उपयोग पर प्रतिबंध

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाज़ियाबाद समेत एनसीआर के सभी शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध को बढ़ा दिया है। अधिकरण द्वारा जारी आदेशों के अनुसार जहां हवा की गुणवत्ता मोडरेट है वहाँ क्रिसमस और नए साल पर उन इलाकों में रात 11:30 से 12:30 बजे तक ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी। इसके साथ ही एनजीटी ने सभी जिलों में हवा की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए यंत्र लगाने का आदेश दिया है।


आपको बता दें कि एनजीटी प्रमुख जस्टिस ए.के. गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने इसके साथ ही देश के उन सभी शहरों में भी पटाखों के बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था जहां पर पिछले साल नवंबर में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही थी।                                


मिलावटः शहद के 77 फ़ीसदी नमूने फेल

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीईई) का कहना है कि भारत में बिकने वाले शहद के सभी प्रमुख ब्रांड भारी मात्रा में ऐसे तत्वों की मिलावट कर रहे हैं जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं।  संस्था का कहना है कि शहद के 77 फीसदी नमूनों में शुगर सिरप की मिलावट पाई गई है। यह शुगर सिरप चीन से आयात किया जा रहा है और भारत के जांच मानकों में आसानी से पकड़ में नहीं आती।


संस्था का दावा है कि उनके द्वारा किए गए प्रमुख शहद उत्पादकों के माल की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी (एनएमआर) के परीक्षण  में 13 ब्रांड में सिर्फ 3 ब्रांड ही पास हुए।सीएसई कि महानिदेशक सुनीता नारायण का कहना है कि कोविड-19 संकट के वक्त यह खाद्य धोखाधड़ी जनता की सेहत के साथ खिलवाड़’ है। ‘भारतीय इस वक्त ज्यादा शहद का सेवन कर रहे हैं, क्योंकि उनका विश्वास है कि शहद में एंटीमाइक्रोबियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के साथ-साथ प्रतिरक्षा (इम्यूनिटी) को बनाने की क्षमता है और यह विषाणुओं को बेअसर करने में बहुत कारगर है। लेकिन हकीकत यह है कि यदि शहद मिलावटी है तो हम केवल चीनी का ऐसा घोल खा रहे हैं, जो मोटापा और अत्यधिक वजन की चुनौती को बढ़ाता है और जो अंततः हमें गंभीर कोविड-19 संक्रमण के जोखिम की ओर ले जाता है।


सुनीता नारायण ने शहद में मिलावट के भंडाफोड़ और अध्ययन को लेकर कहा, ‘हम इस समय जानलेवा कोविड-19 के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं और इससे बचने का कोई रास्ता नहीं है, ऐसे कठिन समय में हमारे आहार में चीनी का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल (ओवरयूज) हालात को और भयावह बना देगा।’


13 में से 10 ब्रांड परीक्षण में फेल


द प्रिंट में छपी खबर के अनुसार सीएसई का दावा है कि उनके द्वारा कराए गए परीक्षण में 13 भारतीय ब्रांड्स में से सिर्फ 3 – सफोला, मार्कफेड सोहना और नेचर्स नेक्टर ही सभी परीक्षणों में पास पाए गए। शहद के प्रमुख ब्रांड्स जैसे डाबर, पतंजलि, बैद्यनाथ, झंडु, हितकारी और एपिस हिमालय, सभी एनएमआर टेस्ट में फेल पाए गए।


दरअसल सीएसई ने भारतीय बाजार के 13 विख्यात ब्रांडों की शहद को गुजरात के राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) में स्थित सेंटर फॉर एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड (सीएएलएफ) में जांच के लिए भेजा। लगभग सभी शीर्ष ब्रांड (एपिस हिमालय छोड़कर) शुद्धता के परीक्षण में पास हो गए, जबकि कुछ छोटे ब्रांड इस परीक्षण में फेल हुए, उनमें सी3 और सी4 शुगर पाया गया, यह शुगर चावल और गन्ने के हैं।                                  


पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...