मंगलवार, 29 सितंबर 2020

'पीएम मोदी' ने बताया एक कड़वा सच

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नमामि गंगे’ मिशन के तहत उत्तराखंड में मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए छह बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम ने किसान कानून पर जारी विरोध पर भी प्रतिक्रिया दी। किसान बिल पर पीएम ने कहा कि देश के किसानों, श्रमिकों और देश के स्वास्थ्य से जुड़े बड़े सुधार किए गए हैं। इन सुधारों से देश का श्रमिक सशक्त होगा, देश का नौजवान सशक्त होगा, देश की महिलाएं सशक्त होंगी, देश का किसान सशक्त होगा, लेकिन आज देश देख रहा है कि कैसे कुछ लोग सिर्फ विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि ‘आज जब केंद्र सरकार, किसानों को उनके अधिकार दे रही है, तो भी ये लोग विरोध पर उतर आए हैं। ये लोग चाहते हैं कि देश का किसान खुले बाजार में अपनी उपज नहीं बेच पाए। जिन सामानों की, उपकरणों की किसान पूजा करता है, उन्हें आग लगाकर ये लोग अब किसानों को अपमानित कर रहे हैं।’               


कृषि उपकरण जलाकर किसानों का अपमान

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। किसान बिल के विरोध में इंडिया गेट के सामने ट्रैक्टर जलाने वालों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम कर खबर ली। प्रधानमंत्री ने कहा कि ट्रैक्टर जैसे उपकरणों का जिनकी किसान पूजा करते हैं उसे जला कर विपक्ष ने किसानों का अपमान किया है। जो मशीन, ट्रैक्टर जलाते हैं वो किसान किसी हाल में नहीं हो सकते। काले धन के रास्ते बंद हो जाने के कारण विपक्ष इस मामले को हवा दे रहा है।पंजाब यूथ कांग्रेस ने हाल ही में इंडिया गेट के सामने ट्रैक्टर जला कर विरोध प्रदर्शन किया है। यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि वो सरकार में नहीं हैं। सड़क पर प्रदर्शन कर ही वो अपना विरोध जाहिर कर सकते हैं। नमामि गंगे के तहत उत्तराखंड में 6 मेगा परियोजनाओं के वर्चुअल उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री ने किसान बिलों का विरोध करने वाले विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष किसानों को भरमा रहा है। मिनिमम सपोर्ट प्राइस खत्म नहीं हुआ मगर विपक्ष ने हल्ला मचाना शुरू किया कि इसे खत्म का जा रहा है। असलियत है कि इन बिलों को किसानों को मंडियों की जगह खेत से ही उपनी उपज बेचने का रास्ता खुल गया है। अब खेत से मंडियों तक के बिचौलिया खत्म हो गए हैं। पीएम ने कहा कि पिछले संसद सत्र में किसान, मजदूर और स्वास्थ्य संबंधी कई कानून पास हुए। इनसे मजदूर, युवा, महिला, किसानों को फायदा होगा। मगर विपक्ष केवल विरोध के लिए विरोध कर रहा है। विपक्ष किसानों को भरमा रहा है। कुछ लोगों को किसानों को खेत से ही माल बेचने का अवसर देने अच्छा नहीं लग रहा है। इसी विपक्ष ने सर्जिकल स्ट्राइक के भी सबूत सरकार से मांगे थे।इंडिया गेट के सामने ट्रैक्टर जलाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर पांच लोगों को हिरासत में लिया है।               


हमले को लेकर सुप्रीमकोर्ट में होगी सुनवाई

झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई ।


रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले की झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। इस हमले में कांग्रेस के कई नेताओं समेत 29 लोग मारे गए थे। न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और एम.आर. शाह की पीठ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि न्यायिक आयोग ने छह महत्पूर्ण गवाहों की गवाही दर्ज करने के अनुरोध को खारिज करते हुए जांच बंद कर दी थी।
छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी अपील में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए मांग की है। कि  इस मामले में अतिरिक्त गवाहों से पूछताछ करने का विशेष न्यायिक आयोग को निर्देश दिया जाए।
उल्लेखनीय है। कि कि 25 मई,2013 को नक्सलियों ने बस्तर जिले के दरभा इलाके में झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं के एक काफिले पर हमला हुआ था। इसमें 29 लोगों की मौत हो गई थी। जिसमें तत्कालीन कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल शामिल थे। जिस पर आज  सुनवाई होगी।             


यूकेः कई योजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण

देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उत्तराखंड को बड़ी सौगात देते हुए हरिद्वार, ऋषिकेश, मुनी की रेती और बद्रीनाथ में नमामि गंगे से जुड़ी कई परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरिद्वार के जगजीतपुर में 68 एमएलडी, सराय में 18 और 27 एमएलडी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ ही चंडी घाट में गंगा संग्रहालय और रिवर फ्रंट का भी लोकार्पण किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिरकत की। इस अवसर पर राज्य के पर्यटन तथा सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज और विधायक सुरेश राठौर ने उत्तराखंड को दी गई इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का आभार व्यक्त किया।           


24 घंटे में आएं 70 हजार नए मामले

देश में 26 दिन बाद हजार से कम मौत, 24 घंटे में आए 70 हजार नए संक्रमण के मामले।


नई दिल्ली। दुनिया में सबसे तेजी से कोरोना संक्रमण भारत में ही फैल रहा है, लेकिन शायद अब पहले जितना घातक नहीं रहा। क्योंकि नए संक्रमण से ज्यादा ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। देश में पिछले 24 घंटों में 70,589 नए कोरोना मामले दर्ज किए गए। जबकि 84,877 मरीज कोरोना से ठीक हो गए। हालांकि 776 मरीजों की जान भी चली गई। इससे पहले पिछले 26 दिनों से लगातार हर दिन एक हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना से मौत हो रही थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में अब कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 61 लाख 45 हजार हो गई है।इनमें से 96,318 लोगों की मौत हो चुकी है। एक्टिव केस की संख्या घटकर 9 लाख 47 हजार हो गई और 51 लाख 1 हजार लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के एक्टिव केस की संख्या की तुलना में स्वस्थ हुए लोगों की संख्या करीब पांच गुना अधिक है।
आईसीएमआर के मुताबिक, 28 सितंबर तक कोरोना वायरस के कुल 7 करोड़ 31 लाख सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 11 लाख सैंपल की टेस्टिंग कल की गई।
मृत्यु दर में गिरावट।
राहत की बात है कि मृत्यु दर और एक्टिव केस रेट में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मृत्यु दर गिरकर 1.57% हो गई। इसके अलावा एक्टिव केस जिनका इलाज चल है उनकी दर भी घटकर 16% हो गई है। इसके साथ ही रिकवरी रेट यानी ठीक होने की दर 83% पर है। भारत में रिकवरी रेट लगातार बढ़ रहा है।
देश में सबसे ज्यादा एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं। महाराष्ट्र लगातार कोरोना की सबसे बुरी मार झेलने वाला राज्य बना हुआ है। यहां अब तक 13 लाख मामले दर्ज हो चुके हैं। इसके बाद आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश हैं। इन पांच राज्यों में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं। एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का दूसरा स्थान है। कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रभावित देश है। मौत के मामले में अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत का नंबर है।             


पुलिस कस्टडी से एक बदमाश हुआ फरार

अतुल त्यागी
मेडिकल को ले जाते वक्त पुलिस कस्टडी से हुआ आसिफ नाम का बदमाश फरार


हापुड़। पुलिस कस्टडी पर कई सवाल आई हापुड़ पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने अवैध असला फैक्ट्री में गिरफ्तार बदमाश आशिफ हुआ फरार। मेडिकल को ले जाते वक्त, गिर सकती है कुछ पुलिसकर्मियों पर भी गाज इस मामले को देखते हुए। आखिर क्यों हुआ ऐसा, जो हापुड़ पुलिस की कस्टडी से हुआ बदमाश फरार, उठते हैं हापुड़ पुलिस पर कई सवाल। पुलिस कस्टडी है या जादू की पुड़िया।         


अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़

अतुल त्यागी, प्रवीण कुमार


अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़, 35 अवैध तमंचे के बरामद


हापुड़। उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ में पुलिस ने अवैध हथियार बनाने वाले 2 शातिर बदमाशों को गिरफ्तार लिया है, साथ ही पकड़े गए बदमाशों के कब्जे से अवैध हथियारों का जखीरा भी बरामद किया है। सिंभावली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक अवैध रूप से हथियार बनाने  की फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए 35 अवैध तमंचे 315 बोर, 2 तमंचे 12 बोर और 3 अधबने तमंचे व 40 कारतूस और 4 खोखा कारतूस के साथ शस्त्र बनाने के उपकरण बरामद भी बरामद किए है। आपको बता दें जनपद हापुड़ की सिम्भावली थाना पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए अवैध शस्त्र बनाने के कारखाने पर छापा मारते हुए बड़ी कार्रवाई की हे 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है,  वही 35 अवैध तमंचे 315 बोर ,2 तमंचे 12 बोर और 3 अधबने तमंचे व 40 कारतूस और 4 खोखा कारतूस के साथ शस्त्र बनाने के उपकरण बरामद भी बरामद किए है, पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन ने प्रेस वार्ता कर  बताया गिरफ्तार आरोपी लॉकडाउन के समय मे नोकरी जाने के बाद में हापुड़ में शस्त्र बनाने का काम करते थे, परंतु पुलिस की भनक लगने के चलते इन लोगों का भांडाफोड़ कर दिया है और यह लोग 2 से 10 हज़ार तक तमंचे की बिक्री करते हैं और इनके तार काफी दूर-दूर तक फैले हैं, इनके और सहयोगी के नामो के लिए पुलिस पूछताछ कर रही है, जिन्हें अति शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा, फिलहाल पुलिस गिरफ्तार अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास खंगालने में जुट गई है।


कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ाने के आदेश

लखनऊ। शासन द्वारा टेस्ट की संख्या बढ़ाने के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मरने वालों का भी कोरोना टेस्ट कर दे रहे हैं। मथुरा के बाद अब ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सामने आया है। यहाँ 5 वर्ष पहले मृत महिला की जाँच कर दी। साथ ही बताया जा रहा है कि परिवार के 6 लोगों की भी इस दौरान जाँच करा दी गई। जानकारी के मुताबिक पटेल नगर निवासी रवि ने कोरोना के लक्षण आने के बाद निजी पैथॉलजी में अपनी जांच करवाई जिसकी रिपोर्ट 17 सितंबर को पॉजिटिव पाई गई।


जिसके अगले दिन बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके घर पहुंच गई और उनके परिवार के सभी 6 लोगों के सैंपल ले लिए। इनमें उनके पड़ोसियों के भी नाम शामिल हैं। लेकिन पोर्टल पर रवि के परिवार में 13 लोगों के नाम दिख रहे हैं। इनमें उनके पड़ोसियों के भी नाम शामिल हैं। पड़ोसियों का दावा है कि उनके सैंपल लिए ही नहीं गए।इतना ही नहीं पोर्टल पर कामिनी सिंह की भी एंट्री है। उनकी उम्र 60 साल लिखी है और एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव है। जबकि उनका निधन पांच साल पहले ही हो चुका है।             


नाले में मिले बच्चे की कहानी ने चौंकाया

नैनीताल। नाले में रोते मिले शिशु की मां के बाद अब पिता का भी पता चल गया है। मां नाबालिग निकली थी और अब पिता भी उस नाबालिग का जीजा निकला है। यह खुलासा बच्चे के डीएनए से मिलान की रिपोर्ट आने के बाद हुआ है। पुलिस ने नाबालिग के जीजा को गिरफ्तार कर लिया है। घटना फरवरी की है। नगर के स्टाफ हाउस सात नंबर क्षेत्र में एक नाले में सुबह के वक्त एक शिशु रोता हुआ राहगीरों ने देखा था। राहगीरों ने नवजात को बीडी पांडे जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद हल्द्वानी रेफर कर दिया। हल्द्वानी में उपचार से बच्चा ठीक हो गया। इधर, जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए पुलिस को निर्देशित किया था कि बच्चे की मां का पता लगाने वाले को इनाम दिया जाएगा। उसके बाद पुलिस ने 7 फरवरी को प्रकरण में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। और जांच शुरू कर दी गई। जांच के दौरान ही पुलिस एक नाबालिग के करीब पहुंच गई, नाबालिग ने बच्चा उसी का है, यह बात स्वीकार कर ली। नाबालिग को पुलिस ने मजिस्ट्रेट के समक्ष वेश किया और 164 के बयान दर्ज कराए। हालांकि उस वक्त नाबालिग ने अपने चचेरे भाई पर दुष्कर्म का आरोप लगा दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। साथ ही किशोर का डीएनए सेम्पल जांच के लिए भेजा गया। लेकिन आरोपित किशोर ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के बाद किशोर के लिए गए डीएनए सैम्पल की रिपोर्ट आ गई। जिसमें बच्चे से वह मेल नहीं खाई। पुलिस को लगा कि नाबालिग झूठ बोल रगी है और उसने गुमराह कर दिया। बाद में उसके रिलेशन के आधार पर फिर से चार लोगों का डीएनए भेजा । अब उसकी भी रिपोर्ट आ गई। जिसमें नाबालिग के जीजा से बच्चे का डीएनए मेल खा गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने स्टाफ हाउस सात नंबर निवासी धनीराम के खिलाफ आईपीसी की धारा 201, 307, 315, 376 और 3/4 पोक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेशी के बाद उसे जेल भेज दिया है।           


फैसला आने से पहले ही यूपी में हाई अलर्ट

लखनऊ। 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराये जाने के मामले का कल (बुधवार) को फैसला आने से पहले अयोध्या समेत समूचे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। सीबीआई के विशेष अदालत के न्यायाधीश एस के यादव 32 आरोपियाें के समक्ष सुबह दस बजे फैसला सुनायेंगे हालांकि कई आरोपी वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये अदालत में अपनी उपस्थिति दर्ज करायेंगे लेकिन इनमें से कुछ निजी तौर पर अदालत में मौजूद होंगे।करीब 28 साल के लंबे अंतराल के बाद आने वाले ऐतिहासिक फैसले की संवेदनशीलता के मद्देनजर सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किये गये हैं। नेपाल सीमा समेत सभी जिलों में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट में रहने के निर्देश दिये गये हैं। इस मौके पर राम की नगरी अयोध्या में सुरक्षा बलों की पैनी नजर रहेगी जहां फैसले के समय कुछ आरोपी मौजूद होंगे। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने मंगलवार को कहा कि सीबीआई अदालत के फैसले के मद्देनजर सभी जिलों में सुरक्षा बलों को मुस्तैद रहने को कहा गया है। अयोध्या में सुरक्षा के खास इंतजाम किये गये हैं। आरोपियों के वकीलों के अनुसार पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा. मुरली मनोहर जोशी की उम्र का लिहाज करते हुये अदालत में निजी तौर पर उपस्थित रहने से छूट दी गयी है। वे वीडियाे कांफ्रेसिंग के जरिये अपनी मौजूदगी अदालत में दर्ज करायेंगे। इस दौरान उनके आवास के बाहर पुलिस तैनात रहेगी और अगर जरूरत पड़ी तो उन्हे घर में नजरबंद किया जा सकता है। इसी प्रकार कोरोना संक्रमण से ग्रसित मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के अलावा कोरोना से उबरने के बावजूद लगातार आक्सीजन पर चल रहे महंत नृत्य गोपाल दास अदालत में उपस्थित नहीं होंगे। मामले के आरोपी सतीश प्रधान समेत कुछ अन्य आरोपियों को भी बीमारी के कारण अदालत में मौजूद रहने से छूट प्रदान की गयी है। वकीलों ने बताया कि फैसला विस्तृत होगा क्योंकि सभी 32 आरोपियों पर आईपीसी की अलग अलग धाराओं के तहत मामले दर्ज हुये है। इसलिये अगर वह दोषी पाये जाते हैं तो सजा भी अलग अलग होगी।         


संघर्ष से भरपूर रहा है तेवतिया का कैरियर

आईपीएल 2020- 6 गेंदों में 5 छक्के मारने वाले राहुल तेवतिया का संघर्ष भरा रहा है कैरियर,जाने कौन है राहुल


तेवतिया। आईपीएल 2020 में शुरुआती मैच में ही क्रिकेट के जिस चमकते हुए सितारे का नाम सामने आया है। वह है राहुल तेवतिया राजस्थान रॉयल्स के ऑल राउंडर राहुल तेवतिया ने संडे को जिस तरह किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दिलाने में कामयाबी हासिल की उससे भी ज्यादा चर्चा सोशल मीडिया में आईपीएल फैंस की 18वें ओवर में छह गेंदों में 5 छक्के लगाने की है। इससे पहले राहुल तेवतिया को बहुत कम लोग जानते थे लेकिन एक मैच में राहुल तेवतिया को आईपीएल में इस साल का चमकता सितारा बना दिया हालांकि अभी पूरा आईपीएल बाकी है।
आईपीएल2020- आरआर के इस खिलाड़ी ने एक ओवर में 5 छक्के लगाकर केएक्सआईपी के मुंह ने छीन लिया मैच, बनाया यह रिकॉर्ड।
दरअसल राहुल तेवतिया शुरुआत के दौर से ही संघर्षशील रहे हैं क्योंकि हरियाणा के राहुल तेवतिया बचपन से ही क्रिकेट के शौकीन रहे और क्रिकेट में अपना कैरियर बनाते हुए उन्हें हर टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा क्योंकि वहां उनके प्रतिद्वंदी यूज़वेंद्र चहल, अमित मिश्रा मौजूद थे। 2019 तक अपनी खास पहचान न बना पाने वाले राहुल तेवतिया का 2020 आईपीएल का शुरुआती मैच ही काफी रोमांच भरा रहा किंग्स इलेवन पंजाब के मुंह से जीत छीन कर लाने वाले राहुल तेवतिया ने न सिर्फ एक ओवर में 5 छक्के लगाए बल्कि बेहतरीन अर्धशतकीय पारी भी खेली। लोगों की नजरों में आने के बाद अब राहुल तेवतिया के लिए चुनौतियां और बढ़ गई हैं कि वह खुद को आगे कैसे बेहतर साबित करेंगे।                


हाथरस की बेटी हार गई जिंदगी की जंग

हाथरस के बेटी हार गई जिंदगी की जंग, एम्स में तोड़ा दम।


लखनऊ। पिछले 15 दिनों से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही हाथरस गैंगरेप पीड़िता आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई। चार हैवानों ने 19 साल की महिला से गैंगरेप करने के बाद उनकी जीभ काट दी थी। इसके बाद गंभीर रूप से घायल पीड़िता को पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था। बाद में उनकी गंभीर हालत को देखते हुए दिल्‍ली स्थित सफदरजंग अस्‍पताल रेफर कर दिया गया था।
मंगलवार सुबह गैंगरेप पीड़िता ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इससे पहले आरोपियों ने महिला की गला घोट कर हत्‍या करने की भी कोशिश की थी। इस दौरान पीड़िता ने खुद को बचाने की जीतोड़ कोशिश की थी। इस पर आरोपियों ने उनकी जीभ तक काट दी थी। इस घटना में वह बुरी तरह जख्‍मी हो गई थीं। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्‍हें अलीगढ़ से दिल्‍ली लाया गया। एम्‍स में उनका इलाज चल रहा था, लेकिन डॉक्‍टर गैंगरेप पीड़िता को बचा नहीं सके।
दिल्‍ली एम्‍स रेफर किए जाने से पहले जेएनएमसी के सुपरिंटेंडेंट डॉक्‍टर हैरिस मंजूर खान ने न्‍यूज एजेंसी पीटीआई बताया था कि गैंगरेप पीड़िता वेंटिलेटर पर है। अस्‍पताल के प्रवक्‍ता ने बताया था कि विक्टिम के दोनों पैर लकवाग्रस्‍त हो गए थे। इसके अलावा उनका एक हाथ भी आंशिक तौर पर पारालाइज्‍ड हो गया था। पीड़िता की गंभीर हालत को देखते हुए परिजनों ने बेहतर इलाज के लिए दिल्‍ली में दिखाने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की थी, जिसके बाद गैंगरेप विक्टिम को एम्‍स रेफर कर दिया गया था जहां उनकी मौत हो गई।
बता दें कि हाथरस के थाना चंदपा क्षेत्र के एक गांव में अपनी मां के साथ खेत पर चारा लेने के लिए गई युवती के साथ गांव के ही दबंगों ने पहले तो दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। उसके बाद उसे जान से मारने की कोशिश की, लेकिन युवती के चीखने-चिल्लाने से मौके पर ग्रामीणों को आता देख दबंग वहां से फरार हो गए। इसके बाद पीड़ित युवती के परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने गंभीर रूप से घायल युवती को अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था।
इससे पहले हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर  ने बताया था कि 14 सितंबर को हुये इस सामूहिक दुष्कर्म के मामले में चारों नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि गांव में दबंग लोगों ने उन्नाव जैसी जघन्य घटना को दोहराने की बात करते हुए जान से मारने की धमकी दी थी।                 


ट्रेनिंग देने के लिए मजबूर पूर्व 'हॉकी स्टार'

भोपाल: पूर्व हॉकी स्टार मीर रंजन नेगी फुटपाथ पर ट्रेनिंग देने के लिए मजबूर, सरकार से मांगा एक मैदान।


भोपाल। बॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘चक दे इंडिया’ किसे याद नहीं होगी। ये फिल्म एक हॉकी कोच के जज्बे और उसके समर्पण की दास्तान थी। उस फिल्म के रियल लाइफ हीरो और पूर्व भारतीय हॉकी कोच मीर रंजन नेगी अब एक नए मोर्चे पर जूझ रहे हैं। वो इंदौर में हॉकी की नई पौध को मैदान दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
सपना है कि हॉकी में देश को गोल्ड मेडल मिले और सुविधाओं का आलम ये है कि हॉकी की नई पौध को तैयार करने के लिए मैदान नहीं, बल्कि फुटपाथ मिला है।जिनकी जिंदगी पर बनी फिल्म चक दे इंडिया देश की सबसे सुपरहिट स्पोर्ट्स फिल्म साबित हुई। जिसमें मीर रंजन नेगी का किरदार बॉलीवुड के सबसे बड़े सुपरस्टार शाहरुख खान ने निभाया था।
इंदौर नगर निगम ने खेल का मैदान ही छीन लिया।
इस तरह सख्त और सीमेंटेड सतह पर हॉकी की नई नस्ल तैयार करना मीर रंजन नेगी की चॉइस नहीं, मजबूरी है। मजबूरी इसलिए क्योंकि इंदौर नगर निगम प्रशासन ने इनका खेल का मैदान ही छीन लिया। इस पर मीर रंजन नेगी ने कहा, ”हम स्टेडियम नहीं चाहते,एक मैदान चाहते हैं।जिसमें तारबाड़ हो बस। हॉकी ने मुझे बहुत कुछ दिया। मैं विश्वास दिलाता हूं मैं यहां से अंतर्राष्टरीय खिलाड़ी दूंगा.”
मीर रंजन नेगी दो साल पहले मुंबई छोड़कर सिर्फ इसलिए आए थे ताकि वो अपनी कर्मभूमि इंदौर में हॉकी की नई नस्ल तैयार कर सकें। ऐसा वो कर भी रहे हैं लेकिन बिना मैदान के, जबकि फुटपाथ पर हॉकी की ट्रेनिंग के खतरे भी हैं। स्टेडियम जब मिलेगा, तब मिलेगा। मीर रंजन नेगी के सामने ये एक नया चैलेंज है, उनके ऊपर सीमेंट कंकरीट वाली सतह पर चैम्पियन तैयार करने का जिम्मा है।             


गुस्से में तोड़ा विवादित ढाचा, आएगा फैसला

अयोध्या में विवादित ढांचा साजिशन गिराया गया या कारसेवकों के गुस्से में तोड़ा गया? कल आएगा फैसला।


अयोध्या। 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में लखनऊ की सीबीआई अदालत कल फैसला सुनाने वाली है। इस मामले में बीजेपी के कई दिग्गज नेता आरोपी हैं। लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, विनय कटियार, महंत नृत्य गोपाल दास, चंपत राय और साध्वी ऋतम्भरा। ये वो बड़े चेहरे हैं जिनपर कल अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस मामले में फैसला आने वाला है।
ये फैसला ऐसे समय में आने जा रहा है जब सुप्रीम कोर्ट से राम जन्मभूमि के पक्ष में फैसला आ चुका है और राम मंदिर निर्माण का काम भी शुरू हो चुका है। सीबीआई अदालत तय करेगी कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा साजिशन गिराया गया था या कारसेवकों के गुस्से में ढांचा तोड़ा गया।
इस मामले में कुल 49 आरोपी थे जिनमें 17 आरोपियों की मौत हो चुकी है। बाकी बचे 32 मुख्य आरोपियों पर फैसला आएगा। कोर्ट ने सभी आरोपियों को फैसले के दिन व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा है। हालांकि कोरोना की वजह से उम्रदराज और बीमार आरोपियों को व्यक्तिगत पेशी से छूट मिलने की संभावना है।
क्या है पूरा मामला।
साल 1992 में 6 दिसंबर के दिन रामजन्मभूमि परिसर में कारसेवा की इजाजत सुप्रीम कोर्ट से मांगी गई थी।कहा गया कि रामभक्त अयोध्या में सरयू का जल और एक मुट्ठी मिट्टी राम चबूतरे पर चढ़ाएंगे। तत्कालीन बीजेपी सरकार ने कोर्ट में हलफनामा देकर दावा किया था कि कार सेवक सिर्फ कारसेवा करके लौट जाएंगे। लेकिन लाखों की संख्या में इकट्ठा रामभक्तों ने विवादित ढांचे को ध्वस्त कर दिया। ढांचा गिराए जाने के बाद तत्कालीन कल्याण सिंह की सरकार ने घटना की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया। बाद में सरकार ने ढांचा गिराए जाने के मामले में जांच का आदेश दिया।
इस मामले की पहले सीआईडी ने जांच शुरू की लेकिन बाद में ये पूरा मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले पर कोर्ट के फैसले से पहले उमा भारती ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वो जेल जाने को तैयार हैं लेकिन इस मामले में जमानत नहीं लेंगी।                 


कोरोनाः बस्ती में 13 नए संक्रमित मिलें

27 ने कोरोना से जीती जंग,13 नए मिले पॉजिटिव।


बस्ती। सोमवार को एक तरफ 27 संक्रमितों ने कोरोना से जंग जीतकर घर पहुंचे तो दूसरी तरफ बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर से जारी की गई 1830 की जांच रिपोर्ट में 1817 निगेटिव जबकि 13 नए पॉजिटिव पाए गए। इसी के साथ जिले में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3483 हो गई है। अब तक 3066 स्वस्थ हो चुके हैं।
कोरोना से मरने वालों की संख्या 70 है। सीएमओ डा. एके गुप्ता ने बताया कि मुसहा के बेलसड़, कंपनीबाग, बस्ती सदर, नकटीदेई बुजुर्ग, देवखर दुबौलिया, खटरुआ केशवपुर, कैनपुरा, हवेलीखास, पिकौरा भट्ट नंदनगर में तीन लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। पिकौरा काजी व उसका वाल्टरगंज में एक-एक संक्रमित पाए गए हैं। सक्रिय मरीजों की संख्या 347 हो गई है। सीएमओ ने बताया कि जो मरीज मिले हैं, उन्हें मेडिकल कालेज बस्ती, मुंडेरवा व परशुरामपुर तथा रुधौली में बने कोविड-19 अस्पताल में शिफ्ट करा दिया गया है। कुछ मरीजों की सहमति पर होम आइसोलेट में रखा गया है। बताया कि 1031 लोगों की रिपोर्ट प्रतीक्षारत है। अब तक एक लाख 13 हजार 938 सैंपल लिए जा चुके हैं। अब तक एक लाख नौ हजार 424 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। सोमवार को शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की जांच एंटीजन टेस्ट किट से टीम द्वारा की गई।             


देवर ने भाभियों पर लगाया शोषण का आरोप

देवर ने भाभियों पर लगाया यौन शोषण का आरोप, कहा- भाई के काम पर जाने के बाद अश्लील वीडियों दिखाकर दी जाती है धमकी, कोर्ट पहुंचा मामला।


अलीगढ़। देवर और भाभी का रिश्ता दुनिया के खुबसूरत रिश्तों में से एक है । यह रिश्ता कहीं मां- बच्चों का रुप ले लेता है तो कहीं भाई और बहन का। लेकिन उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक अलग ही मामला सामने आया है। जहां देवर ने अपनी भाभियों पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। युवक ने अपनी दोनों भाभियों पर शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट ने आरोपी भाभियों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।
आरोप है कि उसकी दोनों भाभियों ने उसके साथ जबरदस्ती की है। अश्लील वीडियो दिखाकर और मारपीट के बाद उसको संबंध बनाने के लिए मजबूर किया है। पीड़ित युवक ने एसएसपी से शिकायत दर्ज कराई है। साथ ही पुलिस द्वारा सुनवाई न होने पर कोर्ट की शरण भी ली है। वहीं न्यायालय ने पुलिस को मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया है।
पीड़ित युवक ने कहा है कि उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है। उसके दोनों भाइयों की शादी पास ही के क्षेत्र में हुई है। उसके दोनों भाई चाट की ठेला लगाने का काम करते हैं। दोनों भाई काम पर चले जाते हैं तो दोनों भाभी युवक के साथ गैर वाजिब हरकतें करती हैं। मारपीट के साथ ही बदनाम करने की भी धमकी देती है , और उस पर संबंध बनाने के लिए दबाव डालती हैं।
लगातार उत्पीड़न से परेशान होकर उसने एक बार आत्महत्या करने का भी प्रयास किया। लेकिन आरोपी भाभियां उसे घर पर ले आईं। अपने साथ हो रहे उत्पीड़न के विषय में अगर वह किसी को बताता है तो लोग उसका ही मजाक उड़ाते हैं। पूरे मामले को लेकर पीड़ित युवक ने अब अदालत से गुहार लगाई है, जिसके बाद अदालत ने स्थानीय पुलिस को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।              


कलयुगी बेटे ने पिता की हत्या की

कलयुगी बेटे ने की पिता की निर्मम हत्या,कारण अज्ञात, आरोपी बेटा फरार तलाश में जुटी पुलिस।


धमतरी / छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के मगरलोड थाना क्षेत्र के अमलिडिहि गांव में एक पुत्र ने अपने ही पिता पर कुदाली से सिर और कान में ताबड़तोड़ वार कर दिया | इसमें पिता गंभीर रूप से लहूलुहान होकर घायल हो गया | जिसे 108 की मदद से इलाज के लिए शासकीय अस्पताल मगरलोड ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया है। हालांकि अभी मौत का स्पष्ट नहीं हो सका | सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच कर रही है | वही घटना के बाद से आरोपी बेटा फरार हो गया है | जिसकी खोजबीन में पुलिस जुटी है |
मगरलोड पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह 7.30 बजे ग्राम अमलीडीह निवासी चंदू राम निषाद पिता केजू राम निषाद उम्र 50 वर्ष अपने घर के आंगन में बैठा था ।उसकी पत्नी व बेटी सब्जी सुधार रही थी। उसका बड़ा पुत्र रोशन निषाद उम्र 23 वर्ष आया और अचानक अपने पिता चंदू राम के सिर व कान पर कुदाली से वार कर फरार हो गया। उसकी पत्नी व बेटी की चीख पुकार रोने की आवाज सुनकर पड़ोसी पहुँचे । चंदू राम लहूलुहान घायल अवस्था में पड़ा था । जिसे संजीवनी 108 वाहन से ईलाज के लिए शासकीय अस्पताल मगरलोड लाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस हत्या का मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है। अभी तक आरोपी पुत्र पुलिस के गिरफ्त से बाहर है ।              


कर्ज में डूबे कर्मचारी ने की आत्महत्या

कर्ज में डूबे श्रीराम पिस्टन के कर्मचारी ने की आत्महत्या, परिजनों का कहना है हुई हत्या।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाज़ियाबाद में सिहानी गेट कोतवाली क्षेत्र के मेरठ रोड पर स्थित प्रसिद्ध कंपनी श्रीराम पिस्टन में कर्मचारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि कर्मचारियों का कंपनी अधिकारियों से लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। उधर साथी की मौत के बाद कर्मचारियों ने कंपनी में हंगामा खड़ा कर दिया। मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन कर हंगामा कर रहे कर्मचारियों को शांत कराया।
पुलिस का कहना है कि कर्ज में डूबने की वजह से कर्मचारी ने मौत को गले लगाया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। वहीं पत्नी ने हत्या का आरोप लगाया है। मूलरूप से जिला जौनपुर के ग्राम बागबड का रहने वाला 40 वर्षीय गिरीश पुत्र इंद्रजीत यहां घूकना में पत्नी और बच्चों के साथ किराए पर रहता था। वह श्रीराम पिस्टन के पिन प्लांट में कर्मचारी था।
बताया गया है कि मंगलवार को गिरीश की सुबह 6 बजे से ड्यूटी थी। इसी दौरान गिरीश ने कंपनी में पंखे से लटककर फांसी लगा ली। कर्मचारियों ने गिरीश का शव पंखे से लटका हुआ देखा तो उनमें अफरा-तफरी मच गई और उन्होंने इसकी जानकारी कंपनी अधिकारियों को देते हुए साथी की मौत पर हंगामा खड़ा कर दिया।
बताया गया है कि कर्मचारियों का प्रतिवर्ष होने वाला एग्रीमेंट नहीं हुआ था। जिसे कराने को लेकर कर्मचारियों और कंपनी अधिकारियों में ठनी हुई थी। यही कारण रहा कि गिरीश ने आत्महत्या कर ली, हालांकि कंपनी अधिकारियों ने ऐसी किसी बात से इनकार किया है। उनका कहना है कि कर्मचारियों और उनके बीच किसी तरह का कोई विवाद नहीं था। उधर कंपनी में कर्मचारी द्वारा आत्महत्या किए जाने एवं हंगामे की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन की। कोतवाल कृष्ण गोपाल शर्मा ने बताया कि छानबीन में पता चला है कि गिरीश पर काफी लोन था। जिसकी वजह से वह दुखी था। यही कारण रहा कि उसने आत्महत्या कर ली। उधर गिरीश की मौत के बाद उसके परिजनों में कोहराम मचा है।             


सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने वाला अरेस्ट

सीएम योगी की पोस्ट से छेड़छाड़ कर सोशल मीडिया पर डालने वाला गिरफ्तार।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाज़ियाबाद में सिहानी गेट थाना क्षेत्र के हिंडन विहार में यूपी के मुख्यमंत्री की फोटो के साथ छेड़छाड़ करके उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले आरोपी को गाजियाबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
सीएम योगी की फोटो के साथ छेड़छाड़ करने के बाद आरोपी ने उसे सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। जिसके बाद सिहानी गेट थाने पर हिंदू युवा वाहिनी की शिकायत पर इस मुकदमे को दर्ज किया गया। जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को पकड़ लिया। पुलिस का कहना है कि आरोपी ने वहां से भागने की कोशिश की लेकिन आरोपी नाकामयाब रहा।
अभद्र टिप्पणी करने वालों पर लगातार शिकंजा।
बता दें कि इससे पहले भी गणमान्य लोगों की फोटो में सॉफ्टवेयर के माध्यम से छेड़छाड़ करके उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का मामला सामने आया था। इस मामले में कवि नगर में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। लेकिन ऐसे आरोपियों पर पुलिस की नजर पूरी तरह से है।


सितारों को ड्रग सप्लाई करती थी रिया 'चक्रवर्ती'

फिल्मी सितारों को ड्रग सप्लाई करती थी रिया चक्रवर्ती, एनसीबी ने कोर्ट में किया खुलासा।


लखनऊ। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने बॉम्बे हाई कोर्ट में रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शोविक चक्रवर्ती की जमानत का विरोध करते सोमवार को कहा है कि ये ड्रग सिंडिकेट के एक्टिव मेंबर हैं। एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की ओर से दाखिल जवाब में कहा गया है कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि रिया ने ड्रग तस्करी को फाइनेंस किया। वॉट्सऐप चैट, मोबाइल, लैपटॉप और हार्ड डिस्क से निकाले गए रिकॉर्ड बताते हैं कि रिया चक्रवर्ती ना केवल लगातार इसका सौदा करती थीं, बल्कि इस अवैध कारोबार को फाइनेंस भी करती थीं।
एनसीबी ने एफिडेविट में यह भी कहा है कि यह जानते हुए भी कि सुशांत सिंह राजपूत ड्रग ले रहे हैं, रिया ने इसमें उनका साथ दिया और छिपाया। एनसीबी ने कहा, ”यदि पूरे परिदृश्य को देखें तो मौजूदा आवदेक (रिया) ने यह जानते हुए कि सुशांत सिंह राजपूत ड्रग्स ले रहे हैं, उन्होंने इसे प्रश्रय दिया। मौजूदा आवेदक ने उपने घर में ड्रग्स को स्टोर किया और सुशांत सिंह राजपूत को भी देती थी।”
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि रिया हाई सोसायटी पर्सनैलिटीज के लिए ड्रग डिलीवरी से जुड़ी हुई थीं। एनसीबी ने कहा, ”वह हाई सोसायटी पर्सनैलिटीज से जुड़े ड्रग सिंडिकेट की एक्टिव मेंबर हैं। इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि वह ड्रग्स तस्करी में शामिल थीं। रिया चक्रवर्ती ड्रग डिलीवरी करतीं थीं और क्रेडिड कार्ड, कैश और पेमेंट गेटवे के जरिए पेमेंट करती थीं।” 
आपको बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत केस में उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती को ड्रग्स केस में एनसीबी ने गिरफ्तार किया था। अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती पिछले काफी दिनों से मुंबई की भायखला जेल में बंद हैं। मुंबई की विशेष अदालत ने उन्हें 6 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा है।  सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने घर में मृत मिले थे।               


निजीकरण के खिलाफ निकाला जुलूस

प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ विद्युतकर्मियों ने निकाला मशाल जुलूस।


अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में मशाल जुलूस निकाल कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले किया गया।  बिजलीकर्मियों का मशाल जुलूस मुख्य अभियंता कार्यालय से शुरू होकर कविनगर रामलीला मैदान में समाप्त हुआ। प्रदर्शन के दौरान बिजली कर्मियों ने केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
बिजली कर्मियों का कहना था कि सरकार की मंशा पूर्वांचल विद्युत वितरण लिमिटेड का निजीकरण करना है। बिजली कर्मचारी सरकार की इस मंशा को कभी भी पूरा नहीं होने देंगे। कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा निजीकरण किया जा रहा है। निजीकरण उपभोक्ताओं के हित में नहीं है, इससे बिजली उपभोक्ताओं को काफी नुकसान होगा। इससे डिप्लोमा और इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के भविष्य भी अंधकार में चला जाएगा।
बिजली कर्मियों का कहना था कि सरकार अगर उनकी मांगे नहीं मानती है, तो इसके खिलाफ बड़े स्तर पर आंदोलन होगा। केंद्रीय नेतृत्व ने 5 अक्टूबर से विद्युत सप्लाई पूरी तरह से बंद करने की तैयारी कर ली है। बिजली विभाग से संबंधित तमाम अधिकारी और कर्मचारियों के परिवार वाले भी इस लड़ाई में उनके साथ सड़कों पर उतरेंगे।             


पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...