मंगलवार, 9 जून 2020

अनलॉक में संक्रमण 'संपादकीय'

अनलॉक में संक्रमण    'संपादकीय'

देश में कोरोना वायरस कोविड-19 का संक्रमण बहुत अधिक तेजी से बढ़ रहा है। विश्व में हमारा देश पांचवे नंबर पर पहुंच गया है। देश में 2, 65000 से अधिक संक्रमित है और संक्रमण की गति तेजी से बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में देश में अनलॉक प्रक्रिया स्थापित कर दी है। जिन जनपदों और शहरों में वायरस का संक्रमण शिथिल हो गया है। वहां अनलॉक को लागू करना पूरी तरह ठीक है। लेकिन कई जनपद ऐसे हैं जिनमें संक्रमण रुक नहीं रहा है। जिसमें अकेले गाजियाबाद जनपद में 502 से अधिक संक्रमित हैं। जिनका चिकित्सा विभाग के द्वारा उपचार और रख-रखाव किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में जनपद वासियों को चिंता मुक्त नहीं रहना चाहिए। साधारण लापरवाही जीवन को संकट में डाल सकती हैं। संक्रमण से संबंधित महामारी ने कुछ समय के लिए सब कुछ स्थिर कर दिया था। परिणाम स्वरूप संक्रमण पर एक हद तक नियंत्रण पा लिया गया है। परंतु थोड़ी-सी जो छूट मिली है। इसमें कड़े नियम और निर्देशों का समावेश बेहद जरूरी है। भ्रम और अनर्गल बातें-विचारों का त्याग कर देना चाहिए। एक संक्रमित व्यक्ति से उत्पन्न होने वाली विकराल समस्या का आकलन करना कठिन है। एक ही दिन में जनपद में 10 से अधिक संक्रमित का मिलना जनसाधारण को सचेत रहने का संकेत है। सघन आबादी वाले क्षेत्रों में संक्रमण अपने पैर जमा चुका है। हो सकता है कुछ लोगों के सामने विपरीत स्थितियां बनी हुई है। लेकिन जिस प्रकार से परिस्थितियों के विपरीत जीने का प्रयास किया है कुछ और समय तक जूझना अपना भाग्य मान लेना चाहिए। अपनी इच्छाशक्ति को अधिक प्रबल बनाने की जरूरत है। ताकि भविष्य बाहें फैलाकर नवीन युग में आपका स्वागत करें।

 

मायूस चेहरे, ड़बड़बाई नजरों में तकरार है।

नहीं चलता है 'बस, बेबस अब गुनहगार है।

कटघरे में खड़ी है सत्ता, मन में हाहाकार है। 

 

राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'

कोरोना वायरस से मुक्त हुआ न्यूजीलैंड

वेलिंगटन। पूरी दुनिया के लिए संकट बने कोरोना वायरस को लेकर न्यूजीलैंड से एक अच्छी खबर आई है। यहां इस जानलेवा महामारी से संक्रमित अंतिम मरीज भी स्वस्थ हो गया है। अब देश में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या शून्य हो गई है। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने सोमवार को कहा कि उन्हें विश्वास है कि अंतिम मरीज के स्वस्थ होने के बाद देश ने संक्रमण के प्रसार को रोक लिया है।


न्यूजीलैंड में संक्रमण का अंतिम मामला 17 दिन पहले आया था और फरवरी के अंतिम सप्ताह के बाद से अब सोमवार ऐसा दिन बन गया है जब देश में किसी भी संक्रमित व्यक्ति का उपचार नहीं चल रहा है। अर्डर्न ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि न्यूजीलैंड ने पिछले 17 दिनों में 40,000 लोगों की जांच की है और पिछले 12 दिन से कोई अस्पताल में भी नहीं है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने मध्यरात्रि से देश को खोलने के दूसरे चरण को लेकर सहमति दे दी है। उन्होंने कहा, ‘हमें विश्वास है कि फिलहाल के लिए हमने न्यूजीलैंड में वायरस के प्रसार को पूरी तरह से रोक लिया है और इसका मतलब यह नहीं है कि अब हम रुक जाएंगे, इस दिशा में हमारी कोशिशें चलती रहेंगी।’


उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से दोबारा मामले सामने आएंगे लेकिन यह विफलता की निशानी नहीं होगी, यह इस वायरस की वास्तविकता है। लेकिन हमें पूरी तैयारी रखनी है। बता दें कि न्यूजीलैंड में यह जानलेवा महामारी खतरनाक स्तर पर नहीं फैली थी। यहां इससे सिर्फ 1,500 लोग संक्रमित हुए जिनमें से 22 की मौत हो गई। विशेषज्ञों का कहना है कि 50 लाख की आबादी वाले इस देश से संक्रमण खत्म होने के पीछे कई वजहे हैं। दक्षिण प्रशांत में स्थित होने की वजह से इस देश को यह देखने का मौका मिला कि दूसरे देशों में यह संक्रमण कैसे फैला और अर्डर्न ने तेजी से कदम उठाते हुए देश में संक्रमण की शुरुआत में ही बंद के कड़े नियम लागू किए और देश की सीमाओं को भी बंद कर दिया।


संक्रमित संख्या-2,65000, मृतक-7466

पिछले 24 घंटे में 9987 मामले


नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या मंगलवार सुबह दो लाख 65 हजार के पार पहुंच गई। पिछले 24 घंटे में 9,987 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी 2,66,598 कोरोना के मरीज हैं। इसके अलावा 7466 लोगों की मौत हो चुकी है।महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली आदि कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। महाराष्ट्र में अब तक 88,528 कोरोना वायरस के मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें से 44384 सक्रिय केस हैं। 40975 लोग ठीक हो चुके हैं और 3169 लोगों की मौत हुई है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस समय राजधानी में 29943 कोरोना के मरीज हैं, जिसमें से 874 लोगों की मौत हो चुकी है।तमिलनाडु में कोरोना वायरस के मामले 33229 पहुंच गए हैं। इसमें से 15416 सक्रिय मामले हैं, जबकि 286 लोगों की मौत हो चुकी है। राजस्थान में कोरोना के मरीज दस हजार से ज्यादा हो चुके हैं। 10763 लोग संक्रमण से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 10947 पहुंच गई है, जिसमें से 283 लोगों की मौत हुई है।
मुंबई में कोरोना के केस 50 हजार के पार पहुंचे
मुंबई में कोरोना वायरस मामलों की संख्या सोमवार को 50,000 से अधिक हो गई। नगर में संक्रमण के 1,311 नए मामले सामने आए। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने यह जानकारी दी और बताया कि यहां संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 50,085 तक पहुंच गई है। मृतकों की संख्या 1,702 हो गई है। उधर, पूरे महाराष्ट्र में सोमवार को कोविड-19 के 2553 नए मामले सामने आए और 109 लोगों की मौत हो गई, जिससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ कर 88,528 और मरने वालों की संख्या 3169 हो गई। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग ने दी। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दिन में 1661 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई।


स्विट्जरलैंड में 7 लाख का आंकड़ा पार

स्विट्जरलैंड। दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सोमवार को इस महामारी से संक्रमण का आंकड़ा 7 लाख के पार हो गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनियां को चेतवानी देते हुए कहा है कि अब ये महामारी और बदतर होती जा रही है। डब्लूएचओ ने कहा है कि वायरस से दुनिया भर में हालात दिन पर दिन बिगड़ रहे हैं।


डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एदनहोम गेब्रेयासिस ने कहा,“हालांकि यूरोप में हालात सुधर रहे हैं, लेकिन वैश्विक तौर पर ये खराब हो रहे हैं। पिछले 10 दिनों में से 9 दिन रोजाना 1 लाख से ज्यादा केस रिपोर्ट किए गए। रविवार को दुनियाभर में कोरोना वायरस के 136,000 नए केस रिपोर्ट किए गए। ये दुनियाभर में एक दिन का सबसे बड़ा आंकड़ा है।” उन्होंने आगे कहा कि इसमें से 75% केस 10 देशों में सामने आए हैं, जिनमें से अधिकतर देश अमेरिका और दक्षिण एशिया में हैं।उन्होंने कहा, “इन देशों में अब सबसे बड़ा ख़तरा यह है कि यह अपनी उपलब्धि को लेकर आत्मसंतुष्ट हैं। शोध से आए परिणामों में पाया गया है कि विश्व में अभी भी अधिकांश लोग संक्रमण के दायरे में हैं।”


महामारी के बीच अमेरिका में हो रहे हैं प्रदर्शन


अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद से महामारी के बीच लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। डॉ टेड्रोस ने लोगों से सावधानी के साथ प्रदर्शन की अपील की है। उन्होंने कहा कि WHO पूरी तरह से समानता और नस्लवाद के खिलाफ वैश्विक आंदोलन का समर्थन करता है।


उन्होंने कहा, “हम किसी भी प्रकार के भेदभाव को अस्वीकार करते हैं। हम दुनियाभर में विरोध कर रहे सभी लोगों को सुरक्षित रूप से ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। जितना संभव हो, दूसरों से कम से कम एक मीटर की दूरी पर रहें, अपने हाथों को साफ करें, खांसी आने पर फेस कवर करें और अगर आप प्रदर्शन करते हैं तो मास्क ज़रूर पहनें. लेकिन अगर आप बीमार हैं, तो प्लीज़ घर पर ही रहें।”


यूरोप के बाद अब अमेरिका बना गया है कोरोना वायरस का एपिसेंटर


WHO ने कहा कि पहले इस महामारी का एपिसेंटर यूरोप था, लेकिन अब अमेरिका कोरोना वायरस का एपिसेंटर बन गया है। सबसे ज्यादा केसों के मामले में दूसरे नंबर पर लैटिन अमेरिका का देश ब्राजील है, जहां कोरोना के सात लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इसके बाद रूस, यूके और भारत हैं। रूस में कोरोना साढ़े चार लाख से ज्यादा केस हैं। वहीं यूनाइडेट किंगडन में कोरोना के 2.88 लाख और भारत में 2.56 लाख पार कर गए हैं।


ओपीडी सुविधा को शुरू करने की तैयारी

ऋषिकेश। कोविड-19 के विश्वव्यापी प्रकोप के चलते हुए लाॅकडाउन के कारण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स ऋषिकेश) में बीते मार्च माह में स्थगित की गई ओपीडी सुविधा को जल्द शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए एम्स प्रशासन सभी जरुरी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गया है। सबकुछ ठीकठाक रहा तो इसी माह अंतिम सप्ताह में एम्स अस्पताल में जनरल ओपीडी सेवाएं सुचारू हो जाएंगी।


गौरतलब है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव के चलते सार्वजनिक स्थानों पर भीड़भाड़ को कम करने के लिहाज से देशभर में बीती 24 मार्च को लाॅकडाउन व्यवस्था लागू कर दी गई थी, जिसके मद्देनजर एम्स ऋषिकेश में वाह्य रोगी विभाग (जनरल ओपीडी) सेवाओं को भी स्थगित कर दिया गया था। जबकि इस बीच संस्थान में गंभीर रोगियों के लिए ट्रॉमा व इमरजेंसी सेवाएं, दूरदराज रहने वाले मरीजों के चिकित्सकीय परामर्श के लिए टेलीमेडिसीन, वर्चुअल ओपीडी व कोविड स्क्रीनिंग ओपीडी आदि सेवाएं संचालित की जाती रहीं जो कि अभी भी जारी हैं।


एम्स प्रशासन अब सामान्य मरीजों के लिए शीघ्र ही जनरल ओपीडी सेवाएं फिर से शुरू करने की तैयारी में जुट गया है। जिसके लिए सभी आवश्यक तैयारियों को अंतिमरूप दिया जा रहा है। एम्स के डीन (हॉस्पिटल अफेयर्स) प्रो. यूबी मिश्रा का कहना है कि इसके लिए सभी विभागों से जुड़े विशेषज्ञों से आवश्यक विचार विमर्श कर लिया गया है।


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उन्होंने बताया कि अस्पताल में करीब 15 दिनों में जनरल ओपीडी सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी। इसके लिए विभिन्न विभागों के चिकित्सकों की बैठने के स्थान, मरीजों और तीमारदारों के लिए उचित व्यवस्था के साथ साथ सेनेटाईजर, मास्क आदि सभी जरुरी इंतजामात किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जनरल ओपीडी में आने वाले मरीजों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।


समुद्री चक्रवात खड़ी करेगा समस्या

मनोहर
अरब सागर से उठे निसर्ग तूफान के असर से तरबतर होने के बाद प्रदेश में अब बंगाल की खाड़ी में बनने जा रहे सिस्टम से अच्छी बरसात होने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक चार दिन बाद जबलपुर, भोपाल, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में 10 या 11 जून से तेज बौछारें पड़ने का दौर शुरू होगा। इस दौरान कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है। 15 जून के आसपास प्रदेश में मानसून भी दस्तक दे सकता है। उधर विगत दो दिनों पहले रायसेन, भोपाल में बौछारें पड़ीं, राजगढ़ में बूंदाबांदी हुई।
वर्तमान में हवा का रुख दक्षिण-पश्चिमी बना हुआ है। इस वजह से अरब सागर से बड़े पैमाने पर नमी आ रही है। इससे प्रदेश के कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ रही हैं। सोमवार को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। यह शक्तिशाली होकर उड़ीसा, छत्तीसगढ़ होते हुए मप्र में प्रवेश करेगा। इसके असर से 10 जून के बाद प्रदेश में अच्छी बरसात का दौर शुरू हो जाएगा। विशेषकर जबलपुर, भोपाल, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में इस सिस्टम से अच्छी बरसात होगी।
बारिश का सिलसिला 2-3 दिन तक जारी रह सकता है। इस दौरान कहीं-कहीं भारी बरसात भी हो सकती है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में चल रही मानसूनी हलचल मानसून को आगे बढ़ाने के लिए अनुकूल हैं। इसे देखते हुए मानसून के 15 जून के आसपास दस्तक देने की संभावना भी बन रही है।


जवान-बुजुर्ग ही नहीं, बच्चे भी प्रभावित

नई दिल्ली (एजेंसी)। डिप्रेशन किसी भी आयु वर्ग के आदमी को प्रभावित करता है, जवान और बुजुर्ग ही नहीं बल्कि बच्‍चे भी इससे प्रभावित होते हैं। अगर आपका बच्‍चा लगातार उदास रहता है, लोगों से बात नहीं कर एकांत में चला जाता है। वह स्‍कूल का होम वर्क नहीं करता और परिवार के लोगों से बात करने में हिचकता है,तब बच्चे में यह डिप्रेशन के लक्षण हो सकते हैं। डिप्रेशन अपने तरह की गंभीर बीमारी है, जो शरीर में और भी कई तरह की बीमारियों को लगा देती है, लेकिन इसका इलाज उपलब्‍ध है। बच्चों को स्‍कूल में दूसरे बच्‍चों द्वारा बहुत ज्‍यादा तंग करने पर डिप्रेशन हो सकता है।स्‍कूल में बच्‍चे को बुली करने पर आत्‍म-सम्‍मान को झटका लगता है। इससे भी बच्चे डिप्रेशन में चले जाते हैं। लगातार तनाव में रहने की वजह से भी बच्चे डिप्रेशन की स्थिति में पहुंच जाते हैं। बार-बार पड़ने वाले किसी दबाव के कारण भी बच्‍चे इस स्थिति में पहुंच जाते हैं। पढ़ाई का अधिक प्रेसर होने के कारण भी डिप्रेशन बढ़ता है। जिन बच्‍चों के परिवार में कोई सदस्‍य डिप्रेशन का शिकार हो या हो चुका हो उस घर के बच्‍चों के डिप्रेशन में जाने का खतरा ज्‍यादा रहता है। वहीं ऐसा जरूरी नहीं है कि जिन बच्‍चों की अवसाद की फैमिली हिस्‍ट्री न हो, उन्‍हें डिप्रेशन नहीं हो सकता। अगर आपको लग रहा है कि आपके बच्‍चे में अवसाद का खतरा है तो उस परिवार के साथ रखें और खुश रखने का प्रयास करें।
वयस्‍कों की तरह बच्‍चे बदलावों को जल्दी स्‍वीकार नहीं कर पाते हैं। नए घर या स्‍कूल में जाना, पैरेंट्स का तलाक देखना या भाई-बहन या दादा-दादी का बिछड़ना, ये सभी चीजें बच्‍चे के दिमाग पर नकारात्‍मक असर डालती हैं। अगर आपको लग रहा है कि इन चीजों की वजह से आपका बच्‍चा प्रभावित हो रहा है तो जितना जल्‍दी हो सके, उससे इस बारे में बात करें। यदि किसी हादसे के बाद बच्‍चे के व्‍यवहार में बदलाव दिख रहा है तो आपको तुरंत डिप्रेशन की पहचान कर उसका इलाज कराना चाहिए। कुछ बच्‍चों में शरीर के अंदर रसायनों के असंतुलन के कारण अवसाद हो जाता है। हार्मोनल बदलाव और विकास होने के कारण ये असंतुलन हो सकता है, लेकिन ऐसा अपर्याप्‍त पोषण या शारीरक गतिविधियां कम करने की वजह से भी हो सकता है। बच्‍चे का विकास ठीक तरह से हो रहा है या नहीं, इसकी जांच के लिए नियमित चेकअप करवाते रहें।


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पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...