गुरुवार, 7 मई 2020

भ्रमण कर, विभिन्न क्षेत्रों का जायजा लिया

कोविड-19 के मद्देनजर डीएम व एसएसपी द्वारा किया गया जनपद के विभिन्न क्षेत्रों/बाॅर्डर एरिया/ हाॅटस्पाट केन्द्रों का निरीक्षण


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन के सफल क्रियान्वयन हेतु श्रीमान जिलाधिकारी महोदय व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री कलानिधि नैथानी द्वारा जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों, नोएडा/ दिल्ली बार्डर एरिया, विभिन्न हाॅटस्पाट में भ्रमण कर लाॅकडाउन की स्थिति का जायजा लिया गया। 


विभिन्न  थाना क्षेत्रों में हाॅटस्पाट  जाकर स्थिति का जायजा लिया गया, बाहर मौजूद मिले लोगों से  सोशल डिस्टेंसिंग* का विशेष ध्यान रखने, मास्क आवश्यक रूप से लगाने  तथा ग्लब्स यूज़ करने हेतु  बताया गया तथा लाॅकडाउन में उनको हो रही परेशानियों के बारे में भी जानकारी की गई। एसएसपी द्वारा सभी क्षेत्राधिकारी, थाना प्रभारी व पुलिसकर्मियों को जनपद के विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में निरंतर फ्लैग मार्च / पैदल मार्च करने,  किसी भी दशा में अनावश्यक रूप से पैदल चलने वाले व्यक्तियों तथा पैदल रिक्शा/ साइकिल पर चलने वाले व्यक्तियों  की आवाजाही पर रोक लगाने तथा उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध आवश्यक वैधानिक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया।


जरूरतमंदों तक पहुंचाई खाद सामग्री

 अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर व लोनी एसडीएम खालिद अंजुम के अथक प्रयासों से लोनी विधानसभा के अंदर उन गरीब परिवारों को जिनके राशन कार्ड नहीं है व किराए पर लोग रह रहे हैं। राशन किट उपलब्ध कराने का काम किया जा रहा है। आज इसी क्रम में वार्ड नंबर 6 बेहटा हाजीपुर में 400 से अधिक गरीब परिवारों को राशन किट वितरित की गई। विधायक व एसडीएम महोदय द्वारा गरीब परिवारों को राशन वितरण कार्य का शुभारंभ किया गया। लॉक डाउन के कठिन कार्यकाल में इन प्रयासों से गरीब जनता को काफी राहत मिलेगी राशन वितरण प्रोग्राम में भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री अलीमुद्दीन अंसारी जी उस्मान खान, राशिद मलिक, सभासद पति सुनील प्रधान जी डॉक्टर आलम मुर्तजा मलिक व वार्ड के अन्य जिम्मेदार लोग उपस्थित रहे हम माननीय विधायक जी व एसडीएम खालिद अंजुम साहब के इन प्रयासों की सराहना करते हुए उनका शुक्रिया अदा करते हैं।


पीएम नरेन्द्र मोदी का देश को संबोधन

पीएम मोदी का संबोधन


पीएमओ ने ट्वीट कर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह बुद्ध पूर्णिमा समारोह के अवसर पर लोगों को संबोधित करेंगे। पीएम का यह संबोधन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगा। यह वर्चुअल कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संघ के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह आयोजन पीड़ितों और कोरोना से जंग में के फ्रंटलाइन योद्धाओं के सम्मान के लिए आयोजित किया जा रहा है।


महाराष्ट्र में खोले गये डिफेंस और रेलवे अस्पतालः महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए मुंबई में डिफेंस एंड रेलवे अस्पतालों के ICU का उपयोग करने के महाराष्ट्र सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। साथ ही निर्देश दिया कि ये ICU बेड अंतिम विकल्प के रूप में उपयोग किया जायेगा। मुंबई में 7000 से अधिक केस अब तक सामने आ चुके हैं।


चंद्र- सूर्य ग्रहण दोनों होगें एक साथ

नई दिल्ली। हिंदू धर्म के अनुसार ग्रहण लगना एक घटना मानी जाती है, जिसका अपना ज्योतिषीय महत्व भी है। इस साल 2020 में कुल 6 ग्रहण लग रहे हैं, जिनमें से एक ग्रहण 10 जनवरी को लग चुका है, जो एक चंद्रग्रहण था और अब दूसरा ग्रहण 5 जून को लगेगा। पांच जून को जो ग्रहण लगेगा वो भी चंद्रग्रहण होगा। साल जून महीने में ही चंद्र और सूर्य दोनों ही ग्रहण लग रहा है। सूर्य ग्रहण साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा, जहां विज्ञान की दृष्टि में ग्रहण का अपना अलग महत्व बताया गया है, उसी तरह ज्योतिष के अनुसार भी ग्रहण का एक अलग ही महत्व हैं। ग्रहण का असर सभी लोगों पर पड़ता है।


चन्द्र ग्रहण क्या होता हैः चन्द्रग्रहण उस घटना को कहते हैं जब चन्द्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाती है और पृथ्वी की पूर्ण या आंशिक छाया चांद पर पड़ती है। इससे चांद बिंब काला पड़ जाता हैं। सूर्यग्रहण को नंगी आंखों से देखने पर नुकसान पहुंच सकता है, लेकिन चन्द्र ग्रहण को नंगी आंखों से भी देखा जा सकता है। इसे देखने के लिए किसी तरह के चश्मे की जरुरत नहीं पड़ती।


क्या होता है उपछाया चंद्र ग्रहणः ग्रहण लगने से पहले चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करती है, जिसे चंद्र मालिन्य कहते हैं, इसके बाद चांद पृथ्वी की वास्तविक छाया भूभा (Umbra) में प्रवेश करता है। जब ऐसा होता है तब वास्तविक ग्रहण होता है, लेकिन कई बार चंद्रमा उपछाया में प्रवेश करके उपछाया शंकु से ही बाहर निकल कर आ जाता है और भूभा में प्रवेश नहीं करता है, इसलिए उपछाया के समय चंद्रमा का बिंब केवल धुंधला पड़ता है, काला नहीं होता है। इस धुंधलापन को सामान्य रूप से देखा भी नहीं जा सकता है। इसलिए चंद्र मालिन्य मात्र होने की वजह से ही इसे उपछाया चंद्र ग्रहण कहते हैं ना कि चंद्र ग्रहण।


जर्मनी में 7,000 लोगों की जानें गई

बर्लिन। जर्मनी के पड़ोसी देशों इटली और फ्रांस में कोरोना ने बड़ा कहर बरपाया। लेकिन जर्मनी ने इस महामारी के असर को कम कर दिया है। जर्मनी के 80 प्रतिशत कोरोना वायरस के मरीज ठीक हो चुके हैं। यहां करीब 7,000 लोगों की जान गई है।


जर्मनी में कोरोना वायरस का पहला मरीज म्यूनिख शहर के बाहरी इलाके में मिला था. इस मरीज के सामने आने पर सरकार ने जो कदम उठाए वो पूरे देश में आए 1 लाख 60 हजार से ज्यादा पॉजिटिव मामलों के लिए एक मानक प्रक्रिया बन गई। टेस्ट, आइसोलेट और ट्रेस यानी जांच, मरीज को अलग करना और उसके संपर्कों की जांच करना। इस विकेंद्रीकृत लेकिन व्यापक तरीके से जर्मनी ने अपने यहां मृत्युदर को इतना कम रखने में सफलता पाई. इसके लिए जर्मनी की अंतरराष्ट्रीय मीडिया में तारीफ हो रही है। जर्मनी के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना के प्रकोप के दौरान किसी भी समय जर्मनी की स्वास्थ्य व्यवस्था पर जरूरत से ज्यादा बोझ नहीं आया। इसके लिए जर्मनी ने खास रणनीति से काम किया जो काम आई। पहले मामले के सामने आने के दो दिन बाद 29 जनवरी को जर्मन स्वास्थ्य मंत्री जेंस स्पान ने कहा था,"हम अलर्ट पर हैं और एकदम तैयार हैं। हम लगातार यूरोपीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ-साथ अपने राज्यों के भी लगातार संपर्क में हैं। एक नए तरह का नॉर्मलः फरवरी में धीरे-धीरे जिंदगी बदलने लगी। तब तक अधिकतर संक्रमित मामले विदेशों से लौटकर आ रहे लोगों में ही सामने आ रहे थे। यहां पर चीन की तरह लॉकडाउन करना अकल्पनीय लग रहा था। विशेषज्ञों का मानना था कि एक लोकतंत्र में इस तरह के कदम उठाना मुश्किल होगा।बिजनेस और सीमाओं को खुला रखा गया। फरवरी के मध्य में बर्लिन में अंतरराष्ट्रीय बर्लिन फिल्म महोत्सव हुआ जहां पर दूसरे देशों से बड़ी संख्या में लोग आए। वहां पर सैकड़ों फिल्मों की स्क्रीनिंग हुई और कई पार्टियां भी चलीं।


रॉबर्ट कॉख इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक हेल्थ ने तब कहा कि जर्मनी के लिए खतरे का स्तर कम है। संस्थान के निदेश लोथर विलेर ने 24 फरवरी को कहा था कि कोरोना वायरस जर्मनी में आएगा लेकिन यहां इसका विस्फोट नहीं होगा बल्कि ये धीरे-धीरे फैलेगा और कुछ इलाकों तक ही सीमित रहेगा। लेकिन मार्च के आते ही यह बदलने लगा। रॉबर्ट कॉख इंस्टीट्यूट ने खतरे के स्तर को कम से बढ़ाकर मध्यम कर दिया। इसके बाद कई सारे बड़े आयोजनों को रद्द करना शुरू किया गया। सबसे पहले बर्लिन इंटरनेशनल ट्रेवल ट्रेड शो को रद्द किया गया।


बर्लिन के शेरिटे टीचिंग हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्साः अधिकारी उलरिष फ्रेई ने बताया कि बर्लिन का पहला कोरोना वायरस का मामला इत्तेफाक से पहचान में आया।इस विश्व प्रसिद्ध अस्पताल ने दुनिया में सबसे पहले कोरोना वायरस का डायग्नोस्टिक टेस्ट विकसित किया। इसके बाद तय किया गया कि हर फ्लू जैसे लक्षण वाले वयक्ति का टेस्ट किया जाएगा। अगर ऐसा नहीं किया जाता तो शायद यहां पर भी इटली जैसा हाल हो सकता था जहां हजारों लोगों की मौत हो गई। इतनी सावधानी के बावजूद इस अस्पताल को अपनी आपातकालीन सुविधा को बंद करना पड़ा और अपने स्टाफ के कई लोगों को सावधानी के तौर पर घर भेज दिया।


मैर्केल बोलीं और सब सतर्क हो गएः 11 मार्च को जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने कोरोना वायरस के मामले पर अपनी बात रखी। 11 मार्च को ही डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 को एक वैश्विक महामारी घोषित किया था।मैर्केल ने कहा कि जर्मनी की 60 से 70 प्रतिशत आबादी कोरोना वायरस की चपेट में आ सकती है। यह कोई मनमाना आंकड़ा नहीं था। बॉन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ने अपनी रिसर्च में ये आंकड़ा दिया था। इस रिसर्च में कहा गया कि कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा आधिकारिक संख्या से 10 गुना ज्यादा हो सकता है। हालांकि यह सुनने में थोड़ा अजीब था। इस आंकड़े के लिए मैर्केल की आलोचना भी हुई। हालांकि कई लोगों ने उनकी स्पष्टवादिता के लिए उनकी तारीफ की। इसके बाद धीरे-धीरे चीजें बदलनी शुरू हो गईं. स्कूल और सीमाएं बंद कर दी गईं। सामान्य जनजीवन असाधारण रूप से धीमा होने लगा। मैर्केल ने 18 मार्च को देश के नाम संबोधन दिया। ये सामान्य बात नहीं थी क्योंकि मैर्केल इस तरह देश के संबोधन नहीं देती हैं। उन्होंने इस महामारी को दूसरे विश्वयुद्ध के बाद की सबसे बड़ी चुनौती बताया. अत्याचार और उथल-पुथल के इतिहास वाले देश में ये बात बड़ी महत्वपूर्ण थी। इसका मकसद लोगों के बीच डर पैदा करने की बजाय सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का पालन करने की अपील थी। जर्मन सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों के बाद आए ओपिनियन पोल में उनकी रेटिंग बढ़ने लगी। पिछले कुछ महीनों से मैर्केल और उनकी पार्टी की लोकप्रियता में लगातार कमी आ रही थी। लेकिन अब नए ओपिनियन पोल में मैर्केल की लोकप्रियता 80 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई।जर्मनी के बाहर के कई विश्लेषकों ने भी मैर्केल की प्रशंसा की। उन्होंने मैर्केल को जर्मनी की 'सांइटिस्ट इन चीफ' कहा। उनका मानना था कि जर्मनी ने राजनीतिक तौर भी गलत कदम नहीं उठाए और भरोसे की कमी नहीं आने दी जैसा अमेरिका और ब्रिटेन में हुआ। वहां पर मौत की दर जर्मनी से चार गुना है।


हालांकि कई लोग कम आशावादी रहे हैं। वो जर्मनी की सफलता को अच्छी किस्मत और ठीक समय पर उठाए गए कदमों का परिणाम बताती है। हालांकि बाद में मौत की दर थोड़ी बढ़ी क्योंकि यह वायरस कुछ नर्सिंग होम में फैल गया। कुल मौतों में से लगभग हर तीसरी मौत इन नर्सिंग होम में हुई है। रॉबर्ट कोच संस्थान के मुताबिक 70 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में मौत की दर 87 प्रतिशत से अधिक है लेकिन इनमें मिले मामलों की संख्या महज 19 प्रतिशत है।


जर्मन स्वास्थ्य मंत्री येंस श्पान बार बार कहते रहे हैं कि हम विनम्र हैं लेकिन अतिआत्मविश्वासी नहीं हैं। हांलांकि वो जर्मनी में बड़े पैमाने पर हुई टेस्टिंग के बारे में भी बताते हैं।टेस्टिंग बड़े पैमाने पर हुई है लेकिन ये इतनी आक्रामक नहीं है जितनी प्रथमदृष्टया दिखाई देती है। जर्मनी ने प्रति व्यक्ति इटली के लगभग बराबर ही टेस्ट किए हैं। जर्मनी ने अपनी क्षमता से आधे ही टेस्ट हर सप्ताह किए हैं। जर्मनी की प्रयोगशालाओं का कहना है कि वे अपनी टेस्टिंग की क्षमता हर सप्ताह 8,60,000 तक करने जा रहे हैं। हालांकि रॉबर्ट कॉख इंस्टीट्यूट का मानना है कि जर्मनी की क्षमता 10 लाख प्रति सप्ताह होनी चाहिए।


अभी भी सांस अटकी हुई हैः इस महामारी को रोकने के लिए लगाई गई पाबंदियां अलग-अलग समय पर कई दिनों में लागू की गईं। इस बीमारी को फैलने के लिए यह पर्याप्त समय था। इनको लागू भी अलग-अलग तरीके से किया क्योंकि जर्मनी के संवैधानिक ढांचे की वजह एक साथ इन सभी निर्देशों को सभी 16 राज्यों पर लागू करना आसान भी नहीं था।


जर्मनी में अप्रैल का महीना अधिकतर लोगों का घर में बैठकर ही बीता है। अब इन पाबंदियों को एक-एक कर हटाया जा रहा है। सभी राज्यों ने सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाना जरूरी कर दिया है। कई राज्य और भी फैसले ले रहे हैं। कई जगह पर दुकान के आकार के हिसाब से दुकान खोलने की अनुमति दी है। हालांकि अदालत ने इस अनुमति को भेदभावपूर्ण बताया है। जर्मनी के प्रमुख वायरलोजिस्ट क्रिश्टियान ड्रोस्टेन ने गार्डियन से कहा, "जर्मनी को फिर से खोलने की योजना की अलग-अलग व्याख्याएं की जा सकती हैं। हमें चिंता है कि कहीं इससे वायरस के फिर से फैलने की दर ना बढ़ जाए और हमें कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सामना ना करना पड़ जाए।


जर्मनी में संक्रमण फैलने की दर अभी एक के नीचे हैं।संक्रमण की दर से ही पता चलता है कि वायरस कितनी तेजी से फैलता है। ड्रोस्टेन जैसे स्वास्थ्य विशेषज्ञ चाहते हैं कि ये इसके भी कम हो जाए। जर्मनी फिर से सामान्य हालात की ओर बढ़ तो रहा है लेकिन अभी भी लोगों की सांसें अटकी हुई हैं क्योंकि किसी को नहीं पता कि आगे क्या होगा।


अमेरिका में स्मार्टफोन की बिक्री घटी

अमेरिका में पहली तिमाही में स्मार्टफोन की बिक्री 21 फीसदी घटी


वाशिंगटन। कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद दुकानें बंद होने और लोगों के उनके घरों तक ही सीमित रहने के कारण अमेरिका में 2020 की पहली तिमाही के दौरान स्मार्टफोन की बिक्री में 21 फीसदी की कमी आई है। काउंटरप्वाइंट रिसर्च की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई हैं। इस अवधि के दौरान साल दर साल होने वाली बिक्री को देखें तो एप्पल ने केवल 13 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है, जबकि अधिकांश अन्य निमार्ताओं की बिक्री में अधिक गिरावट आई है।


अनुसंधान विश्लेषक मौरिस कालेहने ने एक बयान में कहा है कि सैमसंग ने इस दौरान 23 फीसदी की गिरावट दर्ज की है।उन्होंने कहा कि गैलेक्सी ए-सीरीज सैमसंग के लिए बेहतर बनी रही है और गैलेक्सी एस-20 सीरीज की कोविड-19 के बाद लागू हुए बंद के कारण कमजोर शुरुआत रही। हालांकि वनप्लस ने इस तिमाही में सालाना आधार पर दो प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।


अमेरिका में 2, 528 पीड़ितों की मौत

वाशिंगटन। अमेरिका में कोरोना की आफत थम नहीं रही है। कोविड-19 से यहां हर दिन औसतन 2000 लोगों की मौतें हो रही हैं।बुधवार को 25,459 नए केस सामने आए और 2,528 कोरोना पीड़ितों की मौत हो गई। पूरी दुनिया के करीब एक तिहाई कोरोना मरीज अमेरिका में ही हैं। यहां करीब 13 लाख लोग कोरोना से प्रभावित हो चुके हैं। न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी, कैलिफॉर्निया में सबसे ज्यादा मामले देखने को मिल रहे है।


अमेरिका में अबतक 74,799 लोगों की मौतः वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, अमेरिका में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या गुरुवार सुबह तक बढ़कर 12 लाख 63 हजार 092 हो गई. वहीं कुल 74,799 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि दो लाख 12 हजार लोग ठीक भी हुए हैं। अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में सबसे ज्यादा 333,491 केस सामने आए हैं। सिर्फ न्यूयॉर्क में ही 25,956 लोग मारे गए हैं। इसके बाद न्यू जर्सी में 133,059 कोरोना मरीजों में से 8,572 लोगों की मौत हुई. इसके अलावा मैसाचुसेट्स, इलिनॉयस भी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।


चीन में मरीजों की संख्या-967 हुई

चीन में संक्रमण के 22 नए मामले


सिंगापुर/ बीजिंग। चीन में संक्रमण के 22 नए मामले सामने आए हैं। इसमें 20 वह मरीज भी शामिल हैं, जिनमें फिलहाल लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं। इस तरह देश में ऐसे मरीजों की संख्या 967 हो गई है। नेशनल हेल्थ कमीशन के मुताबिक, घरेलू संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। शांक्सी प्रांत में विदेश से आए दो लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। मंगलवार को भी देश में संक्रमण से किसी की मौत नहीं हुई।


सिंगापुर में संक्रमण के 788 नए मामलेः पिछले चौबीस घंटे के दौरान सिंगापुर में संक्रमण के 788 नए मामले सामने आए। इस तरह देश में संक्रमित मरीजों की संख्या 20,198 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अधिकांश संक्रमित मामले विदेशी कामगारों की डॉरमिट्री से संबंधित हैं। केवल 11 मरीज ऐसे हैं, जो सिंगापुर के नागरिक हैं।


तेजस्वी क्लास अटेंड करें, गणित सीखें

पटना। बिहार में कोरोना संक्रमण से प्रभावित लोगों के लिए चलाए जा रहे राहत के बीच सियासी तकरार के बीच जेडीयू ने तेजस्वी यादव को बड़ा ऑफर दिया है। ऑफर भी ऐसा जिसे सुन कोई भी थोड़ी देर के लिए हैरत में पड़ जाए। दरअसल जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने तेजस्वी यादव से आग्रह किया है कि वे बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन स्टडी क्लास ज्वाइन कर लें जिससे उनका गणित ठीक हो जाएगा।


जेडीयू प्रवक्ता ने कही ये बात


जेडीयू प्रवक्ता ने कहा, तेजस्वी यादव जी, आपकी पढ़ाई को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं। आपने अभी तक मैट्रिक की परीक्षा भी पास नहीं की है। आप बिहार के नेता प्रतिपक्ष हैं इसलिए आपका शिक्षित होना बेहद ज़रूरी है। तभी तो आप सही आंकड़े और तथ्य के साथ सत्तापक्ष पर आरोप लगा सकते हैं।


उन्होंने आगे कहा, तेजस्वी जी, कभी आप बिहार के बाहर रहने वाले मजदूरों के आंकड़े गलत देते हैं तो कभी ट्रेनों की संख्या गलत देते हैं। आपकी गणित काफी कमजोर है। आप जैसे लोगों के लिए ही हमारी सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की है. किताब भी अपलोड कर दिया गया है। आप तो लॉकडाउन में घर पर आराम कर रहे हैं। इसका फायदा उठाते हुए मैट्रिक की पढ़ाई पूरी कर लें।


तेजस्वी के दिए आंकड़ों पर उठे थे सवाल


बता दें कि तेजस्वी यादव को ये ऑफ़र जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने तब भेजा है जब तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर ये कह के हमला बोला है की देश में ट्रेनों की संख्या ज़्यादा हैं तो ज़्यादा से ज़्यादा ट्रेन चला कर अप्रवासी बिहारी मजदूरों को बिहार लाया जाए। इसमें तेजस्वी यादव में ट्रेनो का जो आंकड़ा दिया है उसी पर निखिल मंडल ने सवाल उठाते हुए चुटकी लेते हमला बोला है।


दरअसल तेजस्वी यादव ने ट्रेनों की संख्या 12000 बताई है जबकि निखिल मंडल ने रेलवे का आंकड़ा देकर कहा कि ट्रेनों की संख्या 20000 के आसपास है। इसके पहले भी तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर बिहारी कामगारों का जो आंकड़ा पेश किया था उसमें चार तरह के आंकड़े दिए गए थे। इस पर भी जेडीयू ने पलटवार किया था।


आरजेडी ने जेडीयू पर किया पलटवार


बहरहाल जेडीयू के ऑफर पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा, नीतीश जी इंजीनियर हैं। सुशील मोदी जी के साथ साथ बिहार सरकार के कई मंत्री भी काफी पढ़े- लिखे हैं। लेकिन, इन सब के बावजूद बिहार की जनता का ना तो दर्द समझ पा रहे हैं और ना ही बिहार का विकास. हमारे तेजस्वी जी जनता के दिल की पढ़ाई करते हैं। जेडीयू नेताओं जैसे स्वार्थ की पढ़ाई नहीं।


अभी चलता रहेगा सियासी वार-पलटवार


उन्होंने कहा कि तेजस्वी जी के उठाए सवाल का कोई जवाब नहीं मिल रहा है तो जेडीयू और बीजेपी के नेताओ को तो बात को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, बिहार की जनता सब देख रही है. बहरहाल कोरोंना संक्रमण के बीच भी बिहार में सियासी तापमान लगातार गर्म होता जा रहा है और ऐसी बयानबाजियों का सिलसिला अभी लंबा चलने वाला है।


एक परिवार के तीन सदस्यों की हत्या

बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की हत्या का मामला सामने आया है। मृतकों में दो महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं। जैसे ही गुरुवार सुबह ग्रामीणों को इसकी जानकारी मिली, गांव में सनसनी फैल गई। वहीं एक ही परिवार के तीन सदस्यों की हत्या से गांव में दहशत का माहौल है। फिलहाल सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।


पुलिस के मुताबित, जिले के मांडा थाना क्षेत्र के आंधी गांव निवासी नंदलाल यादव के घर में बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात यह हत्या हुई है। मरने वालों में घर के मुखिया नंदलाल यादव, छबीला देवी और राज दुलारी शामिल हैं। सूचना पर पहुंची पुलिस फोरेंसिक एक्सपर्ट और डॉग स्क्वायड की टीम की मदद से घटनास्थल की जांच कर रही है।


426 डॉक्टरों को किया बर्खास्त

लंबे समय से गायब चल रहे 426 डॉक्टरों को सरकार ने किया बर्खास्त, जल्द होगी 647 की भर्ती


नई दिल्ली। सरकार ने लंबे समय से गायब चल रहे 426 डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया है। बुधवार को स्वास्थ्य सचिव की ओर से इसके आदेश किए गए। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बुधवार को सचिवालय में बताया कि लोक सेवा चयन आयोग से चयन के बाद राज्य के 385 डॉक्टरों ने ज्वाइन ही नहीं किया। वर्ष 2010 से 2016 के बीच आयोग की ओर से इन डॉक्टरों का चयन किया गया था। लेकिन शासन की ओर से नियुक्ति देने के बाद ये डॉक्टर एक दिन भी तैनाती स्थल पर नहीं पहुंचे। इसके अलावा 41 ऐसे डॉक्टरों को भी बर्खास्त किया गया है जिन्होंने आयोग से चयन के बाद एक बार ज्वाइनिंग तो दी लेकिन फिर गायब हो गए। मुख्य सचिव ने बताया कि इन सभी डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया गया है। इससे राज्य में नए डॉक्टरों की भर्ती का रास्ता साफ होगा और राज्य में खाली चल रहे डॉक्टरों के सभी पदों को भरा जा सकेगा।


647 डॉक्टरों की भर्ती जल्द


मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि 426 डॉक्टरों को बर्खास्त करने के साथ सरकार ने 647 डॉक्टरों की भर्ती करने का निर्णय लिया है। इसमें से 467 पदों पर भर्ती का प्रस्ताव जल्द उत्तराखंड चिकित्सा चयन बोर्ड को भेजा जाएगा। इसके साथ ही सरकार 180 डॉक्टरों के पदों को पुनर्जीवित करने जा रही है। इस तरह कुल मिलाकर राज्य में 647 पदों पर नए डॉक्टरों की तैनाती हो सकेगी।


एक थाने के 26 पुलिसकर्मी संक्रमित

मुंबई। महाराष्ट्र में एक ही पुलिस थाने के 12 पुलिस अधिकारियों समेत 26 पुलिसकर्मी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि 12 अधिकारियों समेत ये पुलिसकर्मी दक्षिण मुंबई के जे जे मार्ग पुलिस थाने में तैनात हैं। इन संक्रमित पुलिसकर्मियों के संपर्क में आने वाले सभी कर्मचारियों को आइसोलेशन में भेजने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि इतने सारे संक्रमण के मामलों को देखते हुए लगता है कि जे जे मार्ग पुलिस थाना शहर में संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित थाना है।


अब तक मुंबई में अधिकारियों समेत कुल 233 पुलिसकर्मी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं जिनमें से 3 पुलिसकर्मियों की संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है। उधर पूर्वी मुंबई के कुर्ला में बुधवार को दो पुलिस कांस्टेबल कोविड-19 से संक्रमित पाए गए थे। अधिकारियों ने बताया कि कुर्ला पुलिस थाने के इन कांस्टेबलों की जांच रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई और उन दोनों को आइसोलेशन में रखा गया है। उन्होंने बताया कि दोनों पुलिसकर्मियों की उम्र 40-50 वर्ष के करीब है और उनमें से एक ऐरोली में रहता है, जबकि दूसरा नेहरू नगर की पुलिस कॉलोनी में रहता है।


मुंबई में बढ़ रही संक्रमितों की संख्या


मुंबई में बुधवार को संक्रमितों की संख्या 10 हजार के पार पहुंच गई। यहां 24 घंटे में 769 नए केस सामने आए जिसके बाद शहर में संक्रमितों की संख्या 10,567 हो गई। मुंबई में एक दिन में 25 लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद कोविड-19 से दम तोड़ने वालों की संख्या 412 हो गई। एक दिन में 159 लोगों के ठीक होने के बाद कोरोना वायरस से मुक्त होने वालों का आंकड़ा 2287 बढ़कर ठीक हो गया है। शहर में बुधवार को 443 कोरोना संदिग्धों को भर्ती किया गया है।


राज्य में संक्रमितों की संख्या 17 हजार के करीब


पिछले 24 घंटे में महाराष्ट्र में कोविड-19 के एक दिन में सबसे अधिक 1,233 नये मामले सामने आए जिसके बाद कुल मामले बढ़कर 16,758 हो गए. राज्य में 34 मौतें होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 651 हो गई।


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