मंगलवार, 5 मई 2020

शराब से 1 दिन में 500 करोड़ कमाए

नई दिल्ली। देश में शराब की बिक्री क्या शुरू हुई, शराब के खरीददारों ने धूम मचा दी। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक महज एक दिन में शराबियों ने ताबड़तोड़ शराब की खरीददारी की।
गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक चार मई से देश में शराब की दुकानें खोलने की इजाजत दी गईं। सरकार के इस ऐलान के बाद पूरे देश के शराबी झूम उठे। शराब के शौकीन सुबह से ही ठेकों के बाहर जमा होना शुरू हो गए। ठेकों के बाहर उत्सव जैसा नजारा था। शराब को लेकर लोगों में किस कदर उत्साह था। ये सिर्फ आंकड़ों से पता चल जाएगा। दरअसल, पहले ही दिन पांच राज्यों में 554 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई।
सरकार ने कमाई के मकसद से.शराब बिक्री की इजाजत दी थी। खास बात ये रही कि शराबियों ने सरकार को निराश नहीं किया और लाकडाउन फेज तीन के पहले दिन शराब की दुकानें खुलीं। हाल ये रहा कि कुछ शहरों में तो कई किलोमीटर तक लंबी कतारें दिखीं। उत्तरप्रदेश में 225 करोड़, महाराष्ट्र में 200 करोड़, राजस्थान में 59 करोड़, कर्नाटक में 45 करोड़ और छत्तीसगढ़ में 25 करोड़ रुपये की शराब बिकी। यानि पहले ही दिन 500 करोड़ से ज्यादा की शराब बिक गई।


कोरोना के साथ स्वाइन फ्लू का कहर

नई दिल्ली। भारत सहित पूरी दुनिया खतरनाक कोरोना वायरस से जूझ रही है। इसी बीच भारत में एक और घातक बीमारी अफ्रीकन स्वाइन फ्लू की दस्तक हो चुकी है। इस बीमारी ने असम में कहर बरपाना शुरू किया है। असम सरकार के मुताबिक करीब 2500 सूअरों की इसकी वजह से मौत हो चुकी है।


दरअसल, रविवार को असम सरकार के पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री अतुल बोरा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि राज्य में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू के मामले सामने आए हैं। अब तक राज्य के सात जिलों के 306 गांवों में यह बीमारी फैली है। इस खतरनाक बीमारी से अब तक 2500 सूअरों की मौत हो चुकी है।


उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान ने अफ्रीकी स्वाइन फ्लू (एएसएफ) की पुष्टि की है।
दरअसल, रविवार को असम सरकार के पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री अतुल बोरा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि राज्य में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू के मामले सामने आए हैं। अब तक राज्य के सात जिलों के 306 गांवों में यह बीमारी फैली है। इस खतरनाक बीमारी से अब तक 2500 सूअरों की मौत हो चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान ने अफ्रीकी स्वाइन फ्लू (एएसएफ) की पुष्टि की है। देश में पहली बार इस बीमारी ने दस्तक दी है। यह संक्रमण इतना खतरनाक है कि इससे संक्रमित सूअरों की मृत्युदर 100 प्रतिशत है। उन सूअरों को बचाने की रणनीति तैयार हो रही है जो अभी संक्रमण से बचे हुए हैं।


बोरा ने बताया कि केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद भी असम सरकार सूअरों को मारने के बजाय इस घातक संक्रामक बीमारी को फैलने से रोकने के लिए अन्य रास्ता अपनाएगी। उन्होंने बताया कि इस बीमारी का कोविड-19 यानी कोरोना वायरस से कोई लेना-देना नहीं है। इस वायरस के प्रसार के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि अफ्रीकी स्वाइन फ्लू सूअर के मांस, स्लाइवा, खून और टिशू के जरिए फैलता है। इसलिए, असम सरकार सूअरों का परिवहन रोकेगी। हमने 10 किलोमीटर की परिधि को सर्विलांस जोन में तब्दील कर रखा है, ताकि वहां से सूअर कहीं और ना जाएं।


बोरा ने बताया कि इस बीमारी की शुरुआत अप्रैल 2019 में चीन के जियांग प्रांत के एक गांव में हुई थी जो अरुणाचल प्रदेश का सीमावर्ती है। असम में यह बीमारी इसी साल फरवरी के अंत में सामने। और ऐसा लगता है कि यह बीमारी चीन से अरुणाचल होती हुई असम पहुंची है। असम सरकार के प्लान के बारे में बात करते हुए बोरा ने बताया कि पशु चिकित्सा विभाग प्रभावित इलाके के एक किलोमीटर के दायरे में नमूने इकट्ठा करके उनकी जांच करेगा। इस दौरान केवल उन्हीं सूअरों को मारा जाएगा जो संक्रमित होंगे। पड़ोसी राज्यों से भी आग्रह किया गया है कि वे अपने यहां सूअरों के आवागमन पर रोक लगाएं। एक तथ्य यह भी है कि पिछले दिनों असम के धेमाजी, उत्तरी लखीमपुर, बिश्वनाथ, डिब्रूगढ़, शिवसागर और जोरहाट और अरुणाचल प्रदेश के कुछ जिलों में सूअरों की असामान्य मौत हुई है। इसके बाद उसी समय मेघालय में अन्य राज्यों से सूअरों के परिवहन पर रोक लगा दी गई है।


असम राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 की जनगणना के अनुसार असम में सूअरों की संख्या 21 लाख थी, लेकिन अब यह बढ़ कर करीब 30 लाख हो गई है।इसके अलावा असम में कोरोना वायरस के मामलों पर बात करते हुए मंत्री ने बताया कि राज्य कोरोना संक्रमितों की संख्या 42 हो गई जिसमें से 32 ठीक भी हो चुके हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। राज्य में अभी 9 केस एक्टिव है और 1 की मौत हो चुकी है।


नस दबाते ही तिल-मिलाई सरकार

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी शनिवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मंत्रणा के बाद गरीब, मजदूर का रेलवे और बस का किराया पार्टी की तरफ से देने का निर्णय लिया। सकारात्मक पहल के साथ सोनिया गांधी ने परोक्ष रूप से एक नस क्या दबाई, केन्द्र पूरी केन्द्र सरकार तिलमिला उठी। सोनिया गांधी की पहल पर शनिवार को ही कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार एक करोड़ रु. का चेक मुख्य सचिव को दे आए। रविवार सुबह पार्टी के संगठन महासचिवों ने सभी महासचिवों, प्रदेश अध्यक्षों से बात की और मुख्य सचिव के पास गरीबों, मजदूरों का किराया देने का पत्र देने, चेक देने को कहा। सोनिया, राहुल, प्रियंका, अहमद पटेल, रणदीप सुरजेवाला के ट्वीट आते गए और सोशल मीडिया पर केन्द्र सरकार पर दबाव बढ़ता चला गया।
स्वामी……आनन-फानन में केन्द्र सरकार ने बदला निर्णय
कांग्रेस पार्टी के इस निर्णय की गंभीरता भाजपा के राज्यसभा सुब्रामण्यम स्वामी को समझते देर नहीं लगी। उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री पीयुष गोयल से बात की। पीयुष गोयल से मंत्रणा के बाद स्वामी ने जानकारी सार्वजनिक की कि गरीब, मजदूरों के किराए का 85 प्रतिशत हिस्सा केन्द्र सरकार, 15 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करेगी। भाजपा के तेज तर्रार प्रवक्ता सांबित पात्रा भी सक्रिय हुए। भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने तत्काल संज्ञान में लिया। सूत्र बताते हैं कि फोन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पास भी पहुंचा। पार्टी के नेताओं ने मंत्रणा की। ऐसा माना जा रहा है कि अमित भाई (केन्द्रीय मंत्री) ने प्रधानमंत्री और रेल मंत्री से भी चर्चा की। इसके बाद सभी भाजपा राज्य सरकारों ने निर्णय लेना शुरू कर दिया। 04 मई को म.प्र. के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी आदेश जारी किया कि राज्य सरकार 15 प्रतिशत किराए का वहन करेगी। हालांकि कांग्रेस शासित एक राज्य के मुख्यमंत्री ने दावे के साथ कहा कि पहले तो यह किराया गरीब, मजदूरों को ही भरने की जानकारी थी। खैर, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस निर्णय के बाद छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान की सरकारों ने भी गरीब, मजदूरों के किराए का खर्च वहन करने की घोषणा कर दी। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन का बयान महत्वपूर्ण है
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने गरीब, मजदूरों से किराया वसूलने के सवाल पर शनिवार को ही एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र को बताया था कि वह(रेलवे) मुफ्त यात्रा की आदत नहीं डालना चाहता। समझा जा रहा है कि विनोद कुमार यादव का यह निर्णय केवल उनके बस की बात नहीं है। इसमें रेलमंत्री पीयुष गोयल और उच्च स्तर पर मिली अनुमति जरूर शामिल रही होगी। रविवार को सुबह से रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और रेल मंत्री पीयुष गोयल से संपर्क की हर कोशिश बेकार गई। यहां तक कि केन्द्र सरकार ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी को नहीं घेरा।
कांग्रेस के लिए राहत भरा दिन रविवार को सुबह कांग्रेस पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से सरकार के निर्णय को लेकर काफी तीखे सवाल हुए, लेकिन वेणुगोपाल ने कहा कि यह समय सरकार की आलोचना का नहीं है। उन्होंने केवल इतना कहा कि कांग्रेस पार्टी अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। उन्होंने इस प्रयास को कांग्रेस पार्टी के रचनात्मक, सकारात्मक सहयोग से जोडऩे की कोशिश की। मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने जरूर रेलवे द्वारा पीएम केयर फंड में रेलवे द्वारा दिए 151 करोड़ रुपये का तंज कसा, वेणुगोपाल ने भी इसकी याद दिलाई, लेकिन बहुत आलोचनात्मक नहीं हुए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का संदेश भर पढ़कर सुनाया। थोड़ी देर बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने वीडियो संदेश भी दे दिया।


सरकार के मंत्रियो ने अढ़ी खामोशी…..नहीं मिली राहुल को ट्यूशन पढऩे की सलाह
बड़े दिन बाद कांग्रेस पार्टी के पास इतना सुंदर दिन आया। गरीब, मजदूर का किराया भरने का निर्णय लेकर पार्टी ने सत्ता पक्ष का मुंह बंद करा दिया। राहुल गांधी के आक्रामक ट्वीट पर भी केन्द्र सरकार के मंत्री आज खामोश रहे। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को कोई ट्यूशन पढऩे की सलाह नहीं दी। केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद भी अपने चित परिचित अंदाज में नहीं आए। भाजपा के नेताओं ने भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ कोई बड़ा मोर्चा नहीं खोला। सोशल मीडिया पर भाजपा ब्रिगेड पूरी तरह से रक्षात्मक बनी रही। पहली बार सत्ता पक्ष की तरफ से बहुत रचनात्मक सुझाव आया। सत्ता पक्ष ने विपक्ष से अपील की कि वह अपनी राज्य सरकारों से किराए का 15 प्रतिशत हिस्सा देकर सहयोग देने को कहे।


जीएसटी का भुगतान मिला नहीं…..15 प्रतिशत का अर्थ क्या है?
कांग्रेस शासित राज्य के एक मुख्यमंत्री की सुन लीजिए। सूत्र का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने फैसला लिया है। पार्टी गरीब, मजदूरों के किराए का खर्च वहन करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रवासी गरीब, मजदूरों के लिए हर स्तर पर सहयोग के लिए तैयार है, लेकिन केन्द्र का किराए का 15 प्रतिशत हिस्सा मांगना अनुचित है। मुख्यमंत्री का कहना है कि सभी राज्य तीन-चार बार प्रधानमंत्री जीएसटी का पिछला भुगतान मांग रहे हैं, राज्यों में कोई व्यवसायिक गतिविधियां चल नहीं रही हैं, सरकारी कर्मियों को तनख्वाह देने, कोविड-19 संक्रमण से निबटने का फंड नहीं है, ऊपर से केन्द्र सरकार नया बोझ डाल रही है?


45 मिनट में लोन देगा एसबीआई

कविता गर्ग


नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया गया है। गैर-जरूरी वस्तुओं के अलावा अन्य सभी तरह की दुकानें और कारोबार लगभग ठप पड़ा हुआ है। कोविड-19 की वजह सबसे अधिक मार मीडिल क्लास पर पड़ी है। यही कारण है कि लोगों के हाथ में खर्च करने के पैसे नहीं है, कुछ लोगों के लिए जीविका चलाना भी मुश्किल हो गया है। देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है।


ऐसे में अगर आपको पैसों की सख्त जरूरत है तो देश का सबसे बड़ा बैंक यानी भारतीय स्टेट बैंक (SBI) आपकी मदद कर सकता है। एसबीआई बेहद की कम समय में कम ब्याज दर पर 5 लाख रुपये का लोन मुहैया करा रहा है। खास बात है इस लोन के ​लिए आप घर बैठे ही अप्लाई भी कर सकते हैं। आपका यह काम बस 45 मिनट में ही हो जाएगा।


6 महीने तक नहीं देनी होगी EMI


कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के बीच आम लोगों को राहत देते हुए SBI ने इस खास लोन को लॉन्च किया है, जिसमें पहले 6 महीने तक आपको इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट(EMI) भी नहीं देनी होगी। इसका मतलब है कि अगर आप मई में SBI से यह लोन लेते हैं तो आपको अक्टूबर तक इसके लिए कोई EMI नहीं देनी होगी। लोन लेने के 6 महीने के बाद आपकी ईएमआई शुरू होगी।


कितना देना होगा ब्याज?


आप किसी भी समय SBI से पर्सनल इमरजेंसी लोन ले सकते हैं। SBI इस लोन के लिए आपसे सालान 7.25 फीसदी की दर से ब्याज वसूलेगा। कई बैंकों द्वारा वसूले जाने वाले ब्याज की तुलना में यह कम भी है।


आपको कितना लोन मिल सकता है?


अगर आप पर्सनल लोन लेना चाहते हैं तो 2 लाख रुपये तक ले सकते हैं। वहीं, पेंशन लोन के तौर पर यह रकम 2.5 लाख रुपये तक की होगी। जबकि सर्विस क्लास के तौर पर इस लोन की सीमा 5 लाख रुपये तक ही होगी।


कैसे करें SBI पर्सनल इमरजेंसी लोन के लिए आवेदन?


घर बैठे इस लोन के लिए आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से PAPL टाइप कर स्पेस के बाद अपने अकाउंट नंबर का अंतिम 4 डिजिट लिखकर 567676 पर SMS करना होगा। अगर आप बैंक द्वारा योग्य पाए गए तो महज 4 प्रोसेस में ही आपको लोन मिल जाएगा। आप चाहें तो एसबीआई के YONO SBI ऐप के जरिए भी इस लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस ऐप में आपको Avail Now option को चुनना होगा।


इसके बाद आपको लोन की अवधि और अमाउंट को चुनना होगा। इसके बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। इसे ओटीपी को अनिवार्य जगह पर भरने के बाद आपको खाते में लोन ट्रांसफर कर दिया जाएगा।


संकट से निकलने को लेकर चर्चा

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश में लॉकडाउन है और अर्थव्यवस्था की रफ्तार थम गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी से खास बात की। इस दौरान दोनों ने अर्थव्यवस्था की चुनौतियां, कोरोना संकट से निकलने को लेकर मंथन किया। नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी ने इस दौरान सलाह दी कि लोगों के हाथ में कैश पहुंचाने की जरूरत है, ऐसे में इस वक्त कर्ज को माफ करना चाहिए और कैश की मदद देनी चाहिए।


राहुल गांधी ने अभिजीत से पूछा कि जब आपने नोबेल पुरस्कार जीता तो क्या वह चौंकाने वाला था? अभिजीत बोले बिल्कुल उन्होंने कभी ऐसा नहीं सोचा था। अभिजीत बनर्जी बोले कि यूपीए सरकार ने काफी अच्छी नीतियां लागू की थीं, लेकिन अब वो सरकार यहां पर लागू नहीं कर रही हैं। यूपीए सरकार ने जिस आधार जैसी योजना को लागू किया था, इस सरकार ने भी उसको सही बताया और उसपर ही काम किया। उन्होंने कहा कि आज के वक्त में इस तरह की सुविधा काफी सही साबित हो सकती थीं, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इसका मतलब है देशव्यापी योजना लागू नहीं हो पाई है।


बैंकों की चुनौती से किस तरह निपटें?


कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि आज कैश की दिक्कत होगी, बैंकों के सामने कई तरह की चुनौती होगी और नौकरी बचाना मुश्किल होगा। इसपर अभिजीत ने कहा कि ये बिल्कुल सच होने जा रहा है, ऐसे में देश में आर्थिक पैकेज की दरकार है। अमेरिका-जापान जैसे देशों ने ऐसा किया है, लेकिन हमारे यहां नहीं हुआ. छोटे उद्योगों की मदद करनी चाहिए, इस तिमाही का ऋण भुगतान खत्म कर देना चाहिए।


राहुल के सवाल पर अभिजीत ने कहा कि भारत में अभी मांग की समस्या है, क्योंकि किसी के पास पैसा नहीं है तो कोई कुछ खरीद ही नहीं रहा है। ऐसे में लोगों को आर्थिक मदद पहुंचाने में किसी तरह की देरी बेकार है। अभिजीत ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से जहां पर कारोबार पूरी तरह से ठप है, वहां आर्थिक मदद की ज्यादा जरूरत है।


लॉकडाउन से बाहर निकलने का तरीका क्या?


चर्चा के दौरान राहुल गांधी बोले कि लॉकडाउन से जितनी जल्दी बाहर आया जाए, उतना अच्छा है लेकिन उसके बाद भी एक प्लान होना चाहिए, वरना सारा पैसा बेकार है। इसपर अभिजीत ने कहा कि हमें महामारी के बारे में पता होना चाहिए, लॉकडाउन को बढ़ाने से कुछ नहीं होगा।


राहुल गांधी ने पूछा कि आज देश में राशन कार्ड काफी कम है, लोगों के पास खाना नहीं है। अभिजीत बोले कि हमने इसपर पहले भी सलाह दी है कि सरकार को अभी राशन कार्ड जारी करने चाहिए, जो कम से कम तीन महीने के लिए काम करें और हर किसी को मुफ्त में राशन मिल सके. हर किसी को इस वक्त चावल, दाल, गेहूं और चीनी की जरूरत है। अभिजीत ने कहा कि अगर हर किसी को पैसा पहुंचाना है तो उसके लिए एक वातावरण चाहिए, जिसके पास खाता है उसे मिल सकता है। लेकिन अगर किसी के पास बैंक खाता नहीं है तो उसके बारे में भी सोचना होगा। ऐसे में राज्य सरकारों को अधिक से अधिक मदद देनी होगी, ताकि किसी तरह से आम लोगों तक पैसा पहुंच पाए।


कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि बड़े फैसले भले ही केंद्र सरकार ले, लेकिन लॉकडाउन या जमीनी फैसलों को राज्य सरकार को लेने दिया जाना चाहिए। लेकिन, मौजूदा सरकार अलग हिसाब से चल रही है और केंद्र से ही फैसला ले रही है।


अभिजीत ने कहा कि केंद्र को गरीबों के लिए नई योजना लाने की जरूरत है, वहीं राज्यों और जिला अधिकारियों को गरीबों को लेकर सीधा लाभ पहुंचाने की जरूरत है। अभिजीत ने बताया कि इंडोनेशिया इस वक्त लोगों को कैश ट्रांसफर कर रहा है, वह लोगों पर ही छोड़ रहे हैं कि किसे इस वक्त पैसे की जरूरत है। सरकार से अधिक लोगों को पता होता है कि किसे इस वक्त पैसों की जरूरत है। अभिजीत ने कहा कि आज भी कई ऐसी योजनाएं हैं जिनसे लोग नहीं जुड़ पाए हैं, ऐसे में आज ये जरूरत है कि उन लोगों तक भी मदद पहुंचाई जाए। हमें इस बात को भूलना चाहिए कि इससे कुछ लोगों को फायदा पहुंच सकता है, लेकिन इस वक्त रिस्क लेने की जरूरत है क्योंकि ये समय की मांग है।


राहुल गांधी ने पूछा कि 6 महीने के बाद जब बीमारी चली जाएगी तो अर्थव्यवस्था पर क्या होगा। अभिजीत ने कहा कि अभी सबसे बढ़िया तरीका है कि लोगों का कर्ज माफ कर दिया जाए और लोगों को नकदी दी जाए। इसी तरह लोगों को ताकत दी जा सकती है।


डीआरडीओ ने बनाया 'डिसइन्फेक्शन टॉवर'

नई दिल्ली। मॉल, शॉपिंग कॉम्पलेक्स, एयरपोर्ट, स्कूल और मैट्रो स्टेशन जैसी सार्वजनिक जगहों को कोरोना वायरस से डिसइंफेक्ट करने के लिए डीआरडीओ ने अल्ट्रा वायलेट तकनीक से चलने वाले एक खास डिसइंफेक्शन टॉवर को तैयार किया है। वाई-फाई से चलने वाले इस टॉवर से चार सौ फीट स्कॉवयर एरिया को आधे घंटे में कीटाणु रहित बनाया जा सकता है‌। रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि किसी बड़े एरिया में जहां संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है और कैमिकल का इस्तेमाल नहीं करना हो, वहां ये ‘यूवी-बलॉस्टर’ बेहद कारगर है।


जानकारी के मुताबिक, इस यूवी (अल्ट्रा वायलेट) बलास्टर को वाईफाई के जरिए मोबाइल या फिर लैपटॉप से रिमोटली (यानि दूर) से भी ऑपरेट किया जा सकता है। इस मशीन में छह यूवी-सी लैंप लगे हैं. हरेक लैंप 43 वाट का है और 360 डिग्री यानि चारों दिशाओं में रोशनी फेंकता है। एक मशीन 12×12 फीट के कमरे को 10 मिनट में कोरोना वायरस मुक्त बनाने का दावा डीआरडीओ ने किया है। चार सौ स्कॉवयर फीट के कमरे को आधे घंटे में कोविड-19 वायरस से फ्री किया जा सकता है।


इस‌ डिसइंफेक्टेंट टॉवर को डीआरडीओ यानि डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने गुरूग्राम की एक प्राईवेट कंपनी के साथ मिलकर तैयार किया है। मॉल, शापिंग कॉम्पलेक्स, स्कूल, मैट्रो स्टेशन आदि को कोरोना मुक्त रखने के लिए ये यूवी बलॉस्टर काफी मदद कर सकता है। साथ ही ऐसे दफ्तर और लैब जहां पर कम्पयूटर और दूसरे हाईटेक इक्यूपमेंट जिन्हें किसी कैमिकल से असंक्रमित करना मुश्किल होता है वहां भी इस टॉवर को इस्तेमाल कोरोना वायरस से लड़ने में किया जा सकता है।


भारत में तेजी से बढ़ रहा है संक्रमण

नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटे में 3900 नए मामले सामने आए हैं और 195 लोगों की मौत हुई है। यह संख्या अब तक भारत में सर्वाधिक है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 46,433 हो गई है। जिसमें 32,138 सक्रिय हैं, 12,727 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 1,568 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, आज राजस्थान में 38 नए मामले दर्ज किए गए हैं।


इजरायल के रक्षा मंत्री का दावा, हमने बनाया कोरोना वायरस के खात्‍मे का वैक्‍सीन


इजरायल के रक्षा मंत्री नफताली बेन्‍नेट ने सोमवार को दावा किया कि देश के डिफेंस बायोलॉजिकल इंस्‍टीट्यूट ने कोरोना वायरस का टीका बना लिया है। उन्‍होंने कहा कि इंस्‍टीट्यूट ने कोरोना वायरस के एंटीबॉडी को तैयार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। रक्षा मंत्री बेन्‍नेट ने बताया कि कोरोना वायरस वैक्‍सीन के विकास का चरण अ‍ब पूरा हो गया है और शोधकर्ता इसके पेटेंट और व्‍यापक पैमाने पर उत्‍पादन के लिए तैयारी कर रहे हैं।इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्‍याहू के कार्यालय के अंतर्गत चलने वाले बेहद गोपनीय इजरायल इंस्‍टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रीसर्च के दौरे के बाद बेन्‍नेट ने यह घोषणा किया। रक्षा मंत्री के अनुसार यह एंटीबॉडी मोनोक्‍लोनल तरीके से कोरोना वायरस पर हमला करती है और बीमार लोगों के शरीर के अंदर ही कोरोना वायरस का खात्‍मा कर देती है।


बयान में कहा गया है कि कोरोना वायरस के वैक्‍सीन के विकास का चरण अब पूरा हो गया है। डिफेंस इंस्‍टीट्यूट अब इस टीके को पेटेंट कराने की प्रक्रिया में है। इसके अगले चरण में शोधकर्ता अंतरराष्‍ट्रीय कंपनियों से व्‍यवसायिक स्‍तर पर उत्‍पादन के लिए संपर्क करेंगे। बेन्‍नेट ने कहा, ‘इस शानदार सफलता पर मुझे इंस्‍टीट्यूट के स्‍टाफ पर गर्व है।’ रक्षा मंत्री ने अपने बयान में यह नहीं बताया कि क्‍या इस वैक्‍सीन का इंसानों पर ट्रायल किया गया है या नहीं।


शराब पर 70 प्रतिशत कोरोना टैक्स

नई दिल्ली। देश में शराब की बिक्री शुरू होने के बाद कई सरकारों ने अपने अपने राज्य में शराब पर कोरोना टैक्स लगा दिया है। इसके बाद भी पीने वाले मान नहीं रहे हैं। दिल्ली सरकार ने शराब पर भारी भरकम कोरोना टैक्स लगाया है।
दिल्ली सरकार ने आज से शराब पर विशेष कोरोना टैक्स लगाने का ऐलान किया है। ये टैक्स हल्का फुल्का नहीं है बल्कि सरकार ने शराब पर सत्तर फीसदी का भारी भरकम टैक्स लगाया है। जिसके चलते शराब के दाम 70 प्रतिशत बढ़ गए हैं। इसके बाद भी राजधानी दिल्ली के शराब प्रेमियों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है। शराब प्रेमी आज सुबह से ही लंबी कतारों में लगकर दुकान खुलने का इंतजार कर रहे हैं और अब भी लाइन में लगकर अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं। लोग सुबह साढ़े पांच बजे से कतारों में खड़े हैं।
दरअसल, दिल्ली सरकार ने शराबियों को हतोत्साहित करने के लिए और सरकारी राजस्व बढ़ाने के मकसद से भारीभरकम कोरोना शुल्क लगा दिया है। शुल्क की दर एमआरपी पर 70 फीसदी होंगी और आज सुबह से टैक्स की नई दरें लागू हो गई हैं। इसके बाद भी शराब प्रेमी ये कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं। हाल ये है कि कई जगह भीड़ के चलते दुकानें भी बंद करा दी गई। बावजूद इसके भीड़ कम नहीं हुई।


'शास्त्री भवन' में संक्रमण, भवन सील

नई दिल्ली। दिल्ली के लुटियंस जोन के सबसे महत्वपूर्ण बिल्डिंग में से एक शास्त्री भवन में भी कोरोना ने दस्तक दे दी है। कानून मंत्रालय में कार्यरत एक अधिकारी को कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जिसके बाद शास्त्री भवन के चौथे माले को सील कर दिया है और बिल्डिंग को सेनिटाइज किया गया है। जानकारी के मुताबिक, संक्रमित अधिकारी कानून मंत्रालय में डिप्टी सेक्रटरी हैं। वह आखिरी बार 23 अप्रैल को दफ्तर आए थे, उनका कोरोना टेस्ट एक मई को पॉजिटिव आया है। उनके पिता भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।


नीट-जी एग्जाम डेट का सस्पेंस खत्म

नई दिल्ली। आखिरकार राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) और ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन मेन (JEE Main) के एग्जाम डेट का सस्पेंस खत्म हुआ। देशभर में लाखों स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स को लॉकडाउन के कारण परीक्षाएं टलने की खबर के बाद से ही इसका इंतजार था।


अब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री (HRD Minister) डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने इन परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा कर दी है। केंद्रीय मंत्री ने स्टूडेंट्स से बात करने के लिए आयोजित वेबिनार में नीट 2020 (NEET 2020) और जेईई मेन 2020 (JEE Main 2020) की तारीखों का एलान किया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया है कि जेईई मेन 2020 की परीक्षा 18 जुलाई 2020 से शुरू होकर 23 जुलाई 2020 तक आयोजित की जाएगी। वहीं, नीट यूजी 2020 का आयोजन 26 जुलाई 2020 को किया जाएगा। नीट में इस बार 16 लाख से ज्यादा उम्मीदवार शामिल हो रहे हैं।


डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का यह वेबिनार ट्विटर और फेसबुक के जरिए हुआ। #EducationMinisterGoesLive के साथ ट्विटर और फेसबुक पर देशभर के कई स्टूडेंट्स ने उनसे लॉकडाउन (Lockdown) के बीच पढ़ाई, एडमिशन व रिजल्ट्स को लेकर सवाल पूछे। कुछ ने सलाह भी दिए। केंद्रीय मंत्री ने कई स्टूडेंट्स के सवालों के जवाब दिए।


नकली किट बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई

नई दिल्ली। कोरोना वायरस से जंग के बीच देश में पर्सनल प्रॉटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) किट की बढ़ती मांग को देखते हुए कुछ कारोबारियों ने खादी इंडिया के नाम पर नकली किट बेचने का काम शुरू कर दिया है। दिलचस्प बात यह है कि खादी इंडिया ब्रैंड नाम की सत्वाधिकारी खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने अभी तक इस तरह के किट को बाजार में उतारा ही नहीं है। अब जबकि खादी के नाम पर किट बेचे जा रहे हैं तो केवीआईसी ने ऐसे कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया है।


केंद्रीय एमएसएमई मंत्रालय, जिसके तहत केवीआईसी काम करता है, के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बाजार में खादी इंडिया के ब्रैंड नाम से नकली पीपीई किट बिकने की सूचना मिली है। वे मैन मेड फाइबर से बने कपड़ों से पीपीई किट बना रहे हैं। यह पूरी तरह से नकली है, क्योंकि खादी इंडिया के पीपीई किट डबल-ट्विस्टेड हैंड-स्पन, हाथ से बुने हुए खादी कपड़े का उपयोग पीपीई किट बनाने में करता है। इसलिए, पॉलिस्टर और पॉलीप्रोपाइलीन जैसे गैर-बुनी सामग्री से बने किट न तो खादी उत्पाद हैं और न ही केवीआईसी उत्पाद।


होगी कानूनी कार्रवाई


केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना का कहना है कि केवीआईसी ने खादी कपड़े से बने अपने स्वयं के पीपीई किट का विकास किया है, जो परीक्षण के विभिन्न स्तरों पर है। अभी तक केवीआईसी ने खादी पीपीई किट को बाजार में नहीं उतारा है। पीपीई किट को ‘खादी इंडिया’ के नाम पर धोखे से बेचना अवैध है। साथ ही, वे हमारे डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं, जो कोरोना बीमारी के मामलों से नियमित रूप से निपट रहे हैं। सक्सेना ने कहा कि केवीआईसी ऐसे धोखेबाजों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहा है।


दिल्ली की कंपनी बना रही नकली किट


केवीआईसी के डिप्टी सीईओ सत्य नारायण के संज्ञान में आया कि दिल्ली की कोई निचिया कॉर्पोरेशन नाम की कंपनी इस तरह का नकली किट बनाकर बाजार में बेच रही है। उनका कहना है कि अभी तक केवीआईसी ने कोई भी पीपीई किट बाजार में नहीं उतारा है और न ही इसे किसी निजी एजेंसी को आउटसोर्स किया है।


इस समय सिर्फ फेस मास्क


मंत्रालय का कहना है कि इस समय केवीआईसी सिर्फ विशेष रूप से डिजाइन किए गए खादी फेस मास्क का उत्पादन और वितरण कर रहा है, जो उच्चतम सुरक्षा मानकों के अनुरूप है। इन मास्क के निर्माण के लिए डबल-ट्विस्टेड खादी कपड़े का उपयोग किया जा रहा है, क्योंकि यह 70% नमी सामग्री को बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा, ये मास्क हाथ से बने हुए और हाथ से बुने हुए खादी के कपड़े से बने होते हैं, जो सांस लेने योग्य, धोने योग्य और बायोडिग्रेडेबल होते हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मई 06, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-269 (साल-01)
2. बुधवार, मई 06, 2020
3. शक-1943, वैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि- त्रयोदशी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:50,सूर्यास्त 07:02।


5. न्‍यूनतम तापमान 23+ डी.सै.,अधिकतम-35+ डी.सै., तेज हवाएं चलने की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


https://universalexpress.page/
email:universalexpress.editor@gmail.com
cont.:-935030275
 (सर्वाधिकार सुरक्षित)


 


 


पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...