मंगलवार, 5 मई 2020

डीआरडीओ ने बनाया 'डिसइन्फेक्शन टॉवर'

नई दिल्ली। मॉल, शॉपिंग कॉम्पलेक्स, एयरपोर्ट, स्कूल और मैट्रो स्टेशन जैसी सार्वजनिक जगहों को कोरोना वायरस से डिसइंफेक्ट करने के लिए डीआरडीओ ने अल्ट्रा वायलेट तकनीक से चलने वाले एक खास डिसइंफेक्शन टॉवर को तैयार किया है। वाई-फाई से चलने वाले इस टॉवर से चार सौ फीट स्कॉवयर एरिया को आधे घंटे में कीटाणु रहित बनाया जा सकता है‌। रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि किसी बड़े एरिया में जहां संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है और कैमिकल का इस्तेमाल नहीं करना हो, वहां ये ‘यूवी-बलॉस्टर’ बेहद कारगर है।


जानकारी के मुताबिक, इस यूवी (अल्ट्रा वायलेट) बलास्टर को वाईफाई के जरिए मोबाइल या फिर लैपटॉप से रिमोटली (यानि दूर) से भी ऑपरेट किया जा सकता है। इस मशीन में छह यूवी-सी लैंप लगे हैं. हरेक लैंप 43 वाट का है और 360 डिग्री यानि चारों दिशाओं में रोशनी फेंकता है। एक मशीन 12×12 फीट के कमरे को 10 मिनट में कोरोना वायरस मुक्त बनाने का दावा डीआरडीओ ने किया है। चार सौ स्कॉवयर फीट के कमरे को आधे घंटे में कोविड-19 वायरस से फ्री किया जा सकता है।


इस‌ डिसइंफेक्टेंट टॉवर को डीआरडीओ यानि डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने गुरूग्राम की एक प्राईवेट कंपनी के साथ मिलकर तैयार किया है। मॉल, शापिंग कॉम्पलेक्स, स्कूल, मैट्रो स्टेशन आदि को कोरोना मुक्त रखने के लिए ये यूवी बलॉस्टर काफी मदद कर सकता है। साथ ही ऐसे दफ्तर और लैब जहां पर कम्पयूटर और दूसरे हाईटेक इक्यूपमेंट जिन्हें किसी कैमिकल से असंक्रमित करना मुश्किल होता है वहां भी इस टॉवर को इस्तेमाल कोरोना वायरस से लड़ने में किया जा सकता है।


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