रविवार, 3 मई 2020

आरोग्य सेतु पर राहुल ने उठाए सवाल

नई दिल्ली। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार की ओर से अनिवार्य किए गए आरोग्य सेतु ऐप को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के बाद अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी निजता और डेटा सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। राहुल ने कहा कि टेक्नॉलजी हमें सुरक्षित रहने में मदद कर सकता है, लेकिन भय का लाभ उठाकर लोगों को उनकी सहमति के बिना ट्रैक नहीं किया जाना चाहिए।


राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘आरोग्य सेतु ऐप एक अत्याधुनिक सर्विलांस सिस्टम है, जिसे प्राइवेट ऑपरेटर को आउटसोर्स किया गया है और कोई संस्थागत निगरानी नहीं है, इससे डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी हो रही हैं। टेक्नॉलजी हमें सुरक्षित रहने में मदद कर सकती है, लेकिन भय का लाभ उठाकर लोगों को उनकी सहमति के बिना ट्रैक नहीं किया जाना चाहिए।’ इससे पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ‘आरोग्य सेतु से जुड़े एक सवाल पर वीडियो लिंक के जरिए संवाददाताओं से कहा, ”आरोग्य सेतु के संदर्भ में कई विशेषज्ञों ने निजता का मुद्दा उठाया है। कांग्रेस इस विषय पर विचार कर रही है और अगले 24 घंटे में समग्र प्रतिक्रिया देगी।”


एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर इसके जरिए लोगों का निजी डेटा हासिल करने का आरोप लगा दिया है। ओवैसी ने इस ऐप को संदेहास्पद बताया है। सरकार ने प्राइवेसी को लेकर लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि यह ऐप लोगों को आसपास कोई कोरोना संक्रमित मरीज होने पर अलर्ट करने के लिए सबसे अच्छा ऐप है। ओवैसी ने ट्वीट किया, ”केंद्र सरकार कोरोना वायरस से ताली, थाली, बिजली और एक बहुत संदेहास्पद ऐप से लड़ रही है। अब दिल्ली के सुल्तान ने एक फरमान जारी किया है कि जिसमें लोगों के पास कोई विकल्प नहीं है। उन्हें अपना प्राइवेट डेटा सरकार (और जिसके साथ सरकार चाहे) के साथ जरूर शेयर करना है।”गौरतलब है कि सरकार ने कोरोना संक्रमण को ट्रैक करने के लिए आरोग्य सेतु ऐप की शुरुआत की है। खबरों के मुताबिक इस ऐप को करोड़ों लोग डाउनलोड कर चुके हैं।


कश्मीर में पत्थरबाजों की हुई वापसी

जम्मू। दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा में घेराबंदी और तलाश अभियान (कासो) के दौरान सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच  मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को मार गिराया है। मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बोलों पर पत्थरबाजी भी हुई है। मुठभेड़ को लेकर सीआरपीएफ ने कहा है कि एनकाउंटर के दौरान पत्थरबाजी भी हुई थी। फिलहाल फायरिंग बंद हो गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना के आधार पर सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और  पुलिस के विशेष अभियान समूह ने सुबह पुलवामा के डांगरपोरा में संयुक्त अभियान छेड़ा। सुरक्षा बल के जवान आतंकवादियों के छुपे होने की आशंका वाले इलाके की ओर बढ़ रहे थे। इसी दौरान आतंकवादियों ने स्वचलित हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी।


सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई में गोलियां चलाई,  जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ प्रारंभ हो गया। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के भाग निकलने के प्रयासों को विफल  करने के लिए मौके पर पहुंचे अतिरिक्त सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया है। दूसरी ओर से जम्मू कश्मीर के हंडवाड़ा में भी आंतकी और सुरक्षा बलों के भी मुठभेड़ जारी है। जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती बारामूला जिले में नियंत्रण रेखा पर सीमापार से पाकिस्तानी सैनिकों की गोलीबारी में घायल हुए  भारतीय सेना के दो जवान शहीद हो गए। रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने यूनीवार्ता को बताया कि पाकिस्तानी सैनिकों ने दोपहर संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए रामपुर सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर अकारण गोलीबारी की। भारतीय सैनिकों ने भी जवाबी कार्रवाई में  गोलियां चलाई। दोनों पक्षों के बीच चली गोलीबारी में भारतीय सेना के दो ॉजवान घायल हो गए।


त्रिपुरा में बीएसएफ के जवान संक्रमित

अगरतला। त्रिपुरा में अंबासा सीमा सुरक्षा बल (BSF) इकाई के दो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक 4 मामले सामने आए हैं। इनमें से दो लोग ठीक हो गए हैं। अब सिर्फ दो कोरोना पॉजिटिव केस बचे हैं. इससे पहले बिप्लव कुमार देव ने कहा था कि राज्य सरकार लॉकडाउन (बंद) को निकट भविष्य में खत्म करने पर विचार नहीं कर रही है। लेकिन चरणबद्ध तरीके से कुछ पाबंदियों में ढील दिए जाने के विकल्पों पर गौर करेगी। उन्होंने कहा कि तीन मई के बाद तुरंत अंतरराज्यीय बस, ट्रेन या विमान सेवा शुरू करना मुमकिन नहीं है।


राज्य सरकार द्वारा बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक के बाद देव ने बुधवार शाम कहा, ‘हमें लॉकडाउन खत्म करने का कोई तरीका नहीं मिला क्योंकि कोरोना वायरस के संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए यही एकमात्र उपाय है। ऐसा लगता है कि हमें लॉकडाउन जारी रखना होगा और हम चरणबद्ध तरीके से कुछ पाबंदियों को वापस लेंगे.’ देव ने कहा था, ‘तीन मई के बाद अंतरराज्यीय बस, ट्रेन या विमान सेवा बहाल करना मुमकिन नहीं है. लोगों को लॉकडाउन स्वीकार करना होगा. राज्य में सभी राजनीतिक दलों को प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति के बारे में अवगत करा दिया गया है.’ उन्होंने कहा कि ‘किसी भी राजनीतिक दल’ ने लॉकडाउन को तुरंत खत्म करने पर जोर नहीं दिया।


दिल्लीः खुलेंगे सरकारी-निजी कार्यालय

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि राजधानी में केंद्र सरकार के दिशानिर्देश के अनुसार ही लॉकडाउन में ढील दी जायेगी तथा सरकारी और निजी कार्यालय सोमवार से खुलेंगे। केजरीवाल ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार से आग्रह किया जायेगा कि राजधानी में जो 97 निषिद्ध क्षेत्र हैं केवल उन्हीं को रेड जोन में रखा जाये और अन्य को खोलने की अनुमति दी जाये।


उन्होंने लाकडाउन के दौरान सरकार को कर प्राप्ति में आई बडी गिरावट का जिक्र करते.हुए कहा कि पहले तीन हजार करोड़ माह का राजस्व आता था और यह घटकर मात्र 300 करोड़ रह गया जिससे सरकार के समक्ष जरुरी सेवाओं के लिए भी संसाधन देना मुश्किल होता जा रहा है। गौरतलब है कि दिल्ली के सभी ग्यारह जिले रेड जोन में हैं। केजरीवाल ने कहा कि कोरोना संकट खत्म नहीं होने जा रहा है और इसके बीच हमें जीने को तैयार होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के उचित प्रबंध किये गये हैं। उन्होंने माना की लाॅकडाउन नहीं होता तो भयावह स्थिति होती लेकिन अब इसके साथ जीने का जज्बा लाना होगा। सरकार के फैसले के अनुसार सोमवार से आवश्यक सेवाओं वाले सरकारी कार्यालय पूरी तरह खुलेंगे जबकि गैर जरुरी वाले कार्यालयों में उप सचिव स्तर से ऊपर के अधिकारी ही आयेंगे। निजी दफ्तरों में 33 प्रतिशत कर्मचारियों की अनुमति होगी। दिल्ली में स्पा,सैलून और जिम नहीं खुलेंगे। स्कूल, कालेज और प्रशिक्षण संस्थान भी बंद रहेंगे। शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक घर से निकलने पर रोक रहेगी। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना प्रतिबंधित रहेगा। अंतरराज्यीय बस सेवा बंद रहेंगी। बच्चों और गर्भवती महिलाओं के अलावा 65 वर्ष से ऊपर आयु के बुजुर्गों से घर से नहीं निकलने की अपील की गई है। केजरीवाल ने कहा कि सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रम पूरी तरह बंद रहेंगे। वित्तीय और कृषि क्षेत्र से जुड़ी सभी कंपनियां खुली रहेंगी।दिल्ली में लाकडाउन का तीसरा चरण सोमवार से शुरु होगा जो 17 मई तक चलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा,“हमने केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि कंटेन्मेंट जोन को छोड़कर बाकि दिल्ली को ग्रीन जोन में कर दिया जाए, ताकि दिल्ली की अर्थव्यवस्था को फिर से चालू किया जा सके।” उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के इस समय दो ही मकसद है। एक तो कोरोना से होने वाली मौतों को कम करना और दूसरा ज्यादा से ज्यादा जांच कर कोरोना मरीजों की पहचान करनी होगी।केजरीवाल ने कहा,“मेरा व्यक्तिगत मानना है कि लॉकडाउन के पीरियड को हमने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इस्तेमाल करना चाहिए था जिसका हमने बखूबी लाभ उठाया। हमने पर्याप्त व्यवस्थाएं कर ली है, अस्पताल तैयार कर लिये हैं।” उन्होंने कहा दिल्ली में फार्मा कम्पनीज और अन्य जरूरी सामान बनाने वाली सारी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स खुली रहेंगी। पैकेजिंग मैटेरियल की यूनिट्स खुली रहेंगी। ई-कॉमर्स एक्टिविटी में सिर्फ जरूरत के सामान की अनुमति रहेगी। उल्लेखनीय है कि राजधानी में शनिवार को कोरोना संक्रमण के 384 नये मामले सामने आए थे और कुल संक्रमितों की संख्या 4122 है। देश में कोरोना वायरस के लिहाज से तीसरे स्थान पर दिल्ली में 64 की मृत्यु हो चुकी है जबकि 1256 लोग ठीक हुए हैं।


सभी जोन में खुलेगी शराब की दुकानें

सभी जोन में खुलेंगी शराब की दुकानें, 4 मई से क्या पाबंदी और क्या रहेगी छूट


नई दिल्ली। लॉकडाउन2.0 के खत्म होने से 2 दिन पहले ही केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दो लॉकडाउन दो हफ्तों के लिए बढ़ा दिया है, लेकिन साथ ही बहुत सारे कामों की इजाजत दे दी है। इस दौरान रेड जोन में भी कंपनियां खुलेंगी, सिर्फ संक्रमण जोन में तमाम पाबंदियां रहेंगी। इतना ही नहीं, रात 7 बजे से सुबह 7 बजे तक गैर जरूरी गतिविधियों की इजाजत नहीं होगी। 10 साल से कम के बच्चे, बूढ़े या जिन्हें पहले से ही कोई बीमारी है, उन्हें बिना किसी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत के बाहर निकलने पर मनाही होगी। अगर राज्य चाहें तो उन्हें जहां लगे, वहां पाबंदी बढ़ा सकते हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने जो तय है उससे छूट नहीं दे सकते।
क्या-क्या खुलेगा?
रेड जोन में कोई टैक्सी नहीं चलेगी, लेकिन निजी कारें चल सकेंगी, जिसमें पीछे की सीट पर दो लोग बैठ सकते हैं। बाइक पर सिर्फ एक ही सवारी बैठ सकेगी।
प्राइवेट ऑफिस जैसे आर्किटेक्ट, वकील और आईटी फर्म 33 फीसदी स्टाफ के साथ काम कर सकेंगे। बाकी के कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करते रहेंगे।
घर में काम करने वालों और स्थानीय वर्कर्स को भी सुबह 7 से रात 7 बजे तक काम करने की इजाजत होगी। हालांकि, इसमें अगर राज्य चाहें तो अपने हिसाब से कुछ पाबंदियां लगा सकते हैं।
पान और शराब की दुकानें खुलेंगी, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के साथ। एक साथ दुकान पर 5 ग्राहक से अधिक होने पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, बार और रेस्टोरेंट अभी भी बंद ही रहेंगे।
प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, आईटी और आईटी सेवाएं, डेटा और कॉल सेंटर, कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउसिंग, प्राइवेट सिक्योरिटी और सेल्फ इंप्लॉइड लोगों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को इजाजत रहेगी, हालांकि, सलून पर पाबंदी रहेगी।
शहरी इलाकों में उद्योग, एसईजेड, ईओयू आदि कुछ पाबंदियों के साथ खुल सकेंगे।
जरूरी चीजें बनाने वाली मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, जिसमें दवा, फार्मा कंपनियां, मेड डिवाइसेस, उनका कच्चा माल आदि के साथ-साथ जिन यूनिट्स को लगातार चलते रहना है, वह सोशल डिस्टेंसिंग के साथ काम करती रहेंगी।
शहरी इलाकों में उन जगहों पर निर्माण की इजाजत होगी, जहां मजदूरों के रहने की व्यवस्था हो, साथ ही रीन्युएबल एनर्जी प्रोजेक्ट चल सकेंगे।
सभी सरकारी ऑफिस चलेंगे, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी दफ्तर में आएंगे, लेकिन बाकी स्टाफ समेत कुल संख्या 33 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए।
ग्रामीण इलाकों में सभी इंडस्ट्रियल और कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी चल सकेंगी, जैसे मनरेगा, फूड प्रोसेसिंग यूनिट और ईंटें बनाने की यूनिट।
ग्रामीण इलाकों में सभी दुकानें खुलेंगी, सिर्फ शॉपिंग मॉल पर प्रतिबंध रहेगा।
आयुष समेत सभी स्वास्थ्य सेवाएं चालू रहेंगी।
सभी एग्रिकल्चर, पशु पालन और प्लांटेशन एक्टिविटी चालू रहेगी।
बैंक, एनबीएफसी, इंश्योरेंस और कैपिटल मार्केट एक्टिविटीज और को-ऑपरेटिव सोसाएटी खुली रहेंगी। बच्चों के किंडर गार्डन, बुजुर्गों के रहने की जगह, विधवाओं के जगह और आंगनबाड़ी खुले रहेंगे।
पब्लिक यूटिलिटी जैसे पानी, बिजली, टेलिकॉम, इंटरनेट, वेस्ट मैनेजमेंट, कूरियर और पोस्टल सेवाएं भी चलेंगी।
सभी जोन में ये चीजें रहेंगी बंद
हवाई, रेल, मेट्रो और सड़क मार्ग से अंतरराज्यीय आवागमन।
स्कूल-कॉलेड, कोचिंग और ट्रेनिंग सेंटर।
मॉल, सिनेमाहॉल और जिम, ताकि भीड़ न जुट सके।
आम लोगों के लिए मंदिर, मस्जिद, चर्च समेत सभी पूजा स्थल।
धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और खेलकूद से जुड़े जमावड़े पर रोक जारी रहेगी।
शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक जरूरी काम के बिना बाहर निकलने पर पाबंदी।
10 साल से छोटे बच्चों, 65 साल से अधिक के बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं के जरूरी काम के बिना बाहर जाने पर रोक रहेगी।
रेड जोन में इन पर पूरा प्रतिबंध
रिक्शा, ऑटो, टैक्सी और ओला-उबर जैसी टैस्की को चलाने की इजाजत नहीं होगी।
सैलून, स्पा, ब्यूटी पार्लर नहीं खुलेंगे और साथ ही यहां बसें भी नहीं चलेंगी।
देश में फिलहाल 130 जिले रेड, 284 ऑरेंज, 319 ग्रीन जोन में हैं।
सभी जोन में खुलेंगी शराब की दुकानें
शराब की दुकानें सभी जोन में खुलेंगी, मगर पान की दुकानों को सिर्फ ग्रीन जोन में खोलने की इजाजत रहेगी लेकिन कम से कम 6 फीट की दूरी के नियम का पालन करना होगा। दुकानों को राज्य सरकारें स्थिति का आकलन करके मंजूरी दे सकेंगी। मोहल्ले पड़ोस की दुकानें, रिहायशी कॉलोनी की दुकानें खुलेंगी। 
ग्रीन जोन्स में खुल सकती हैं सभी दुकानें
ग्रीन जोन्स में 4 मई से मोबाइल फोन्स, इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिक, हार्डवेयर, रिपेयरिंग शॉप्स, कपड़ों की दुकानें, रेस्तरां, हेयर कटिंग सैलून जैसी सेवाओं को भी खोलने की इजाजत दी जा सकती है। हालांकि, इन दुकानों पर भीड़ लगाने की इजाजत नहीं होगी और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन करना होगा। पंजाब सरकार ने तो लॉकडाउन को दो हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है लेकिन उसने भी ग्रामीण इलाकों में सामान बेचने वाली सभी दुकानों को 50 फीसदी स्टाफ और कुछ अन्य शर्तों के साथ खोलने की इजाजत दे दी है। हालांकि, वहां सैलून, स्पा जैसी सर्विस देने वाली दुकानों को इजाजत नहीं दी गई है। स्टैंडअलोन टी और सिगरेट की दुकानों को भी इजाजत दी जा सकती है।
फैक्ट्रियों, कंस्ट्रक्शन, उद्योगों को भी छूट
ग्रीन जोन्स में 4 मई से सभी फैक्ट्रियों में फिर से काम शुरू करने की इजाजत दी जा सकती है। इसके अलावा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को भी छूट दी जा सकती है। ईंट भट्टों को पहले ही छूट दी जा चुकी है। ग्रीन जिलों में निर्माण गतिविधियों पर लगा ब्रेक हट सकता है। कंस्ट्रक्शन का काम जोर पकड़ सकता है।
बसें, ऑटो, टैक्सी को भी इजाजत
ग्रीन जोन्स में ट्रांसपोर्ट को भी सीमित रूप से खोला जा सकता है। पश्चिम बंगाल में बसों और टैक्सियों को ग्रीन जोन्स के भीतर चलने की इजाजत दी जा सकती है। इंटर-स्टेट बस सर्विस बंद रहेगी। इसी तरह अन्य राज्यों में भी इस तरह की छूट मुमकिन है। हालांकि, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना जरूरी होगा।
शादी समारोह, धार्मिक आयोजन पर बैन
3 मई के बाद ग्रीन जोन्स में प्रतिबंधों के दायरे को सीमित जरूर किया जा सकता है लेकिन भीड़-भाड़ की इजाजत तब भी नहीं होगी। शादी समारोह, धार्मिक आयोजन, जुलूस जैसी भीड़भाड़ वाली गतिविधियों पर आगे भी रोक बरकरार रहेगी।
देश में 319 जिले ग्रीन जोन, जबकि 130 जिले रेड जोन में
गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई जिलों की सूची में तीन मई के बाद 130 जिलों को रेड, 284 को ऑरेंज और 319 जिलों को ग्रीन जोन में शामिल किया गया है। वहीं, देश के बड़े शहरों में शामिल दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, बंगलूरू, अहमदाबाद को अब भी रेड जोन में ही रखा है। बता दें कि यहां कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
नहीं चलेंगी मेट्रो, रेल
देश में हवाई यात्रा, रेल परिचालन, मेट्रो परिचालन, सड़कों से एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवेश पर पाबंदी लागू रहेगी। स्पष्ट है कि 17 मई तक प्लेन, ट्रेन, मेट्रो और रोड ट्रांसपोर्ट का परिचालन शुरू नहीं होगा।
ऑटो रिक्शा पर प्रतिबंध
कोविड-19 रेड जोन के अंदर और कंटेनमेंट जोन के बाहर रिक्शा, ऑटो रिक्शा का परिचालन बंद रहेगा।
होटल, रेस्तरां सारे बंद
होटल, रेस्त्रां समेत आतिथ्य सेवा के सारे संस्थान बंद रहेंगे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि भीड़भाड़ वाली जगहों को लॉकडाउन से छूट नहीं दी जा रही है।
जिम, मॉल पर भी पाबंदी
सिनेमा हॉल, मॉल, जिम, स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों को 17 मई तक बंद रखा जाएगा। यह आदेश रेड, ऑरेंज और ग्रीन, तीनों जोनों के लिए लागू है।
सभी धार्मिक स्थल बंद
राजनीतिक, सांस्कृतिक आयोजन स्थल तथा मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे आदि सभी धार्मिक स्थल 17 मई तक नहीं खुलेंगे। ध्यान रहे कि रमजान का महीना चल रहा है जो इस दौरान खत्म नहीं होगा।
बजुर्गों, गर्भवती महिलाओं का निकलना मना
सभी जोनों में 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों और डाइबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम्स जैसी समस्याओं से ग्रस्त लोगों, गर्भवती महिलाओं, 10 साल से कम उम्र के बच्चों का बाहर निकलना मना रहेगा। ये सिर्फ जरूरी काम या स्वास्थ्य जरूरतों के लिए ही घर से निकल पाएंगे।
देश में 319 जिले ग्रीन जोन, जबकि 130 जिले रेड जोन में
गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई जिलों की सूची में तीन मई के बाद 130 जिलों को रेड, 284 को ऑरेंज और 319 जिलों को ग्रीन जोन में शामिल किया गया है। वहीं, देश के बड़े शहरों में शामिल दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, बंगलूरू, अहमदाबाद को अब भी रेड जोन में ही रखा है। बता दें कि यहां कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।


लॉक डाउनः मेट्रो की गति पर ब्रेक नहीं

नई दिल्ली। पूर्णबंदी के कारण दिल्ली मेट्रो की सेवाएं यात्रियों के लिए भले ही बंद हो लेकिन राजधानी की जीवन रेखा कही जाने वाली मेट्रो की ट्रेनों ने इस दौरान विभिन्न लाइनों पर 3500 से भी ज्यादा फेरे लगाये हैं। दिल्ली मेट्रो की विभिन्न लाइनों पर हर रोज एक अलग ट्रेन यात्रियों के बिना ही सुबह और शाम आरंभिक स्टेशन से लेकर गंतव्य तक पूरा फेरा लगाती है। यह कोशिश की जाती है कि सभी ट्रेनों को बारी बारी से इस्तेमाल किया जा सके। इसका उद्देश्य ट्रेनों का रख रखाव और उनकी मशीनरी तथा अन्य प्रणालियों को चालू हालत में रखना है जिससे कि पूर्णबंदी हटते ही ट्रेनों को यात्री सेवाओं के लिए तुरंत चलाया जा सके। एयरपोर्ट और द्वारका मोड़ से नजफगढ तक की ग्रे लाइन पर इसकी फ्रीक्वेंसी थोडी कम है। पूर्णबंदी शुरू होने के बाद से दो मई तक मेट्रो की विभिन्न ट्रेनें अब तक 3500 से अधिक फेरे लगा चुकी हैं।


दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने अपनी यात्रा के, एक और उपलब्धिपूर्ण वर्ष के समापन पर 26वां स्थापना दिवस मनाया। हालांकि कोरोना वैश्विक महामारी के मद्देनजर पूर्णबंदी के कारण इस अवसर पर औपचारिक समारोह नहीं मनाया जा सका। दिल्ली मेट्रो ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि भले ही गत 22 मार्च से सेवाएं यात्रियों के लिए स्थगित हैं लेकिन दिल्ली मेट्रो पूर्णबंदी के दौरान मेट्रो को दुरुस्त और तैयार रखने के लिए कई तरह की कवायद कर रही है ताकि लॉकडाउन खुलते ही मेट्रो सेवाओं को यथाशीघ्र बहाल किया जा सके।


पूर्णबंदी के समय का बेहतर उपयोग करते हुए 2000 ट्रेन कोचों की हीटिंग, वेंटीलेशन तथा एयर कंडीशनिंग (एचवीएसी) सिस्टम की सघन जांच की गई है तथा विशेष रसायन से 1200 कोचों की एचवीएसी सिस्टम की सफाई का अभियान पहली बार चलाया गया। सामान्य परिस्थितियों में ट्रेन की अनुपलब्धता की वजह से यह काम देरी से हो पाता। सामान्य दिनों में जब ट्रेन रोज 20 घंटे से ज्यादा समय तक यात्री सेवा में रहती है तो इस प्रकार का बड़ा काम हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। इस तरह के सफाई अभियान से गर्मियों में बेहतर एयरकंडीशन वातावरण उपलब्ध हो सकेगा।


पत्र लिख डीएम को अवगत कराया

जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी एवं राहत प्रबंधन अधिकारी गाजियाबाद
अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। तहसील लोनी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट सुरेंद्र कुमार के द्वारा जिला अधिकारी को पत्र के माध्यम से जनता की समस्या से अवगत कराते हुए समाधान का अनुरोध किया। लोनी मे शासनिक प्रशासनिक राहत सामंग्री को जरुरतमद वचित प्रवासी लोगो को चिन्हित सरकारी आर्थिक सहायता राहत का वितरण सुनिश्चित करने हेतु
अवगत कराना है कि पूरे देश मे कारोना वायरस के संक्रमण से देशवासियो को बचाने के लिऐ राष्ट्रीयस्तर पर लाकडाउन घोषित किया गया है। लाकडाउन के कारण साधनहिन गरिब बेकार बेरोजगार परिवारो को भूखमरी व शोसलडिस्टेंंस की शारिरीक मानसिक पीडा जनहानि से बजाने के लिऐ शासनिक प्रशासनिक स्तर पर नकद आर्थिक सहायता व खादय सामंग्री के बटवारे के आदेश दिये गये है। आधार कार्ड या पहचान पत्र से भी आर्थिक सहायता देने , राशन कार्ड विहिन लोगो के आधार कार्ड पहचान पत्र के आधार पर राशन कार्ड बनाने के आदेश दिये है। राशन कार्ड के अभाव मे आधर कार्ड पहचान पत्र से समुचित राहत सहायता का निष्पक्ष पारदर्शिता पूर्ण वितरण सुनिश्चित करने के आदेश दिये गये।जिसमे बहुत से साधनहीन मजदूर बेरोजगार प्रवासी किरायेदार मजदूर गरीब लोग सरकारी नगद सहायता ,खादय राहत सामंग्री व राशन कार्ड से वचित है। राहत सामग्री वितरण मे जातिगत धार्मिक अमिर गरिब लोगो बस्तियो के आधार पर व राजनेतिक दलगत भेदभाव की शिकायते भी है। आर्थिक राहत सामंग्री वितरण मे पारदर्शिता का अभाव भी है। अभी बहुत से हजारो परिवार सरकारी आर्थिक सहायता से वचित है। 
हकीकत में गरीब मजदूर किराएदार भोजन के इंतजार मैं, इंतजार करते हैं तथा अधिकांश लोगों के राशन कार्ड नहीं बने है आर्थिक मदद भी नहीं मिली है ये गरीब साधनहिन प्रवासी किरायेदार अशिक्षित बेजुबान लोग है लाकडाउन मै आपसी सम्पर्क सवांदहिनता भेदभाव राजनैतिक पहुच के अभाव मे इनको आज तक ईनकी आवाज नहीं सुनी गयी है ,ईन लोगो का व ईनके परिजनो का भुखमरी के आसन्न संकट का सामना करना पड रहा है  सविधानिक सम्मान से जीवन जीने के अंदाज में ईनको खुशिया नही मिली ,भूख से तृप्ति नही मिली ,आत्मग्लानि निराशाजनक अंधकारमय भविष्य से चिंतित ऐसे ही कुछ लोगों ने देश मे आत्महत्या चुनी ?
सरकार के शासनिक प्रशासनिक जिम्मेदार अधिकारियो को जरुरत मद लोगो तक अविलम्ब राशन खर्चा ,साफ सफाई के लिऐ नहाने कपडे धोने के लिऐ साबुन सेनेटाईजर का वितरण बिना अमीर गरिब राजनैतिक भेदभाव के व्यवस्था करनी चाहीऐ ताकि जरुरतबंद साधनहिन गरिब व्यक्ति परिवार मे रहकर शान्ति से निश्चिंत होकर लाकडाउन का पालन करते हुऐ परिवार के साथ सम्मान के साथ भोजन बनाये ,पकाये,भोजन करे ,केवल खाली रहकर भोजन का ही ईंतजार न करे ,भोजन की आस मे,अपमानजन जोखिम उठाकर,लाकडाउन सोशल डिस्टेस के उल्लघन का सरकारी डंडा और मुकदमा झैलने का जोखिम न उठाये  ? एसे लोगो की संख्या लोनी मे ही प्रत्येक वार्ड मे हजारो की है ??जनहित मे उपरोक्त वचित लोगो को निष्पक्ष दलगत राजनिति से ऊपर ऊठकर चिन्हित करके सरकारी /शासनिक प्रशासनिक आर्थिक सहायता व खादय सामग्री वितरण के लिऐ आवश्यक पारदर्शी सुनिश्चित कानूनी की जानी आवश्यक है।
 लोकहित /जनहित मे सरकारी शासनिक प्रशासनिक आर्थिक सहायता/खादय राहत सामंग्री का जरूरतमद वचित लोगो मे वितरण करने की निष्पक्ष कानूनी व्यवस्था का पालन सुनिश्चित करे।
   


फिर गरीबों से निवाला छीनने का आरोप

प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद भी लोनी में सरकारी सस्ते गल्ले के दुकानदार गरीबों को उनका निवाला बांटने से इंकार कर रहे हैं


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। लोनी की बलराम नगर कॉलोनी में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर सोशल डिस्टेंस की धज्जियां तो उड़ाई जा ही रही है। दूसरी ओर अप्रैल माह में खाद विभाग द्वारा जारी किए गए राशन कार्ड पर किसी को भी राशन नहीं दिया जा रहा है। राशन डीलर जयप्रकाश बघेल का कहना है कि उनके पास अभी नए राशन कार्डों का राशन नहीं आया है। लोगों ने आरोप लगाया है की राशन डीलर अपने आपको भाजपा नेता बताता है और अप्रैल महीने  में प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत भी उन्हें 2 से 3 किलो राशन कम दिया था।
डिस्टिक सप्लाई ऑफीसर अभिनव का कहना है कि सभी कार्ड धारकों को राशन वितरित किया जाएगा।
प्रश्न यह उठता है कि राशन डीलर अप्रैल माह में जारी किए गए। राशन कार्ड धारकों को 15 मई के बाद का समय दे रहा है जबकि जनपद के डीएसओ एक-दो दिन में ही राशन बटवााने का आश्वासन दे रहे हैं आखिर इसको क्या समझा जाए।


डीएम-एसएसपी ने किया क्षेत्र का भ्रमण

अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। लाॅकडाउन के अंतर्गत कोविड-19(कोरोनावायरस) को मद्देनज़र रखते डीएम अजय शंकर पांडे और एसएसपी कलानिधि नैथानी द्वारा जनपद के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि गाजियाबाद- बागपत, नोएडा के विभिन्न इलाकों में भ्रमण करते हुए स्थिति का जायजा लिया। इतना ही नहीं, उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में भी पीडीएस वितरण केंद्रों का भी भ्रमण करते हुए जायजा लिया। जहां, डीएम और एसएसपी के साथ एसपी ग्रामीण नीरज कुमार जादौन समेत काफी पुलिसकर्मियों का काफिला भ्रमण करते हुए नज़र आया।


आपको बताते चलें कि डीएम अजय शंकर पांडे और एसएसपी कलानिधि नैथानी ने विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में पीडीएस स्कीम के तहत अनाज, राशन वितरित करने वाली दुकानों पर भी भ्रमण करते हुए स्थिति का जायजा लिया। जबकि, वह मौके पर मौजूद मिले लोगों से उन्होंने विशेष तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष ध्यान रखने की अपील की। इतना ही नहीं, उन्होंने आवश्यक रूप से मास्क लगाने और ग्लव्स इस्तेमाल करने को लेकर कड़ा जोर दिया। हालांकि, डीएम और एसएसपी ने भ्रमण के दौरान लोगों से उनकी परेशानियों के बारे में भी जानकारी की और तो और उन्होंने लोगों से लाॅकडाउन के नियमों का पालन करने की भी अपील की।


दरअसल, एसएसपी कलानिधि नैथानी ने समस्त क्षेत्राधिकारी व समस्त थाना प्रभारियों समेत अन्य सभी पुलिसकर्मियों को भी जनपद के विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में नियंत्रण रूप से फ्लैग मार्च, पैदल मार्च करते रहने तथा अनावश्यक रूप से उन संवेदनशील क्षेत्रों में मिलने वाले पैदल राहगीरों, रिक्शावालों, साइकिलवालों समेत आदि की आवाजाही पर भी रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, संवेदनशील इलाकों में लाॅकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध आवश्यक वैधानिक कार्यवाही करने को लेकर भी निर्देशित किया हैं।


ड्रोन कैमरे और ऐप से होगी निगरानी

घर पहुंचने के बाद मजदूरों, छात्रों की ड्रोन और ऐप से होगी निगरानी
नई दिल्ली। अलग प्रदेशों में फंसे मजदूर और छात्र सरकार की ओर से चलाए जाने वाली विशेष रेलगाडि़यों से अपने घर पहुंचने के बाद भी निगरानी में रहेंगे। ऐसे मजदूर, छात्र या तीर्थयात्री जिनको क्वारंटाइन या घर पर ही एकांतवास का निर्देश दिया जाएगा, उनकी नियमित निगरानी की जाएगी। इसके लिए राज्यों को ड्रोन और ऐप का उपयोग करने की सलाह दी गई है।


एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसको किसी भी तरह के बुखार, खांसी, स्वाद नहीं लगने के लक्षण होंगे वह अपने घर नहीं जा पाएंगे. उन्होंने बताया कि जब ये लोग अपने शहरों तक पहुंचेंगे तो इनकी एक बार फिर से जांच होगी और इनमें से अधिकतर को संस्थागत या घर पर ही क्वारंटाइन के नियम का अनुपालन करना पड़ेगा. ऐसे में इनकी निगरानी के लिए ड्रोन और ऐप की सहायता लेने की सलाह राज्यों को दी गई है।


अमेरिकाः 24 घंटे में 1435 लोगों की मौत

अमेरिका में पिछले 24 घंटों में 1435 लोगों की हुई मौतें
न्यूयॉर्क। कोविड-19 से सबसे ज्यादा अमेरिका प्रभावित है। यहां 67 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं और संक्रमित लोगों की संख्या 11 लाख के पार चली गई है। एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी का दावा है कि अमेरिकी सरकार यह देर से समझ पाई कि कोरोना वायरस के संक्रमण का एक बड़ा हिस्सा यूरोप से फैल रहा है और इससे देश में इसका प्रसार तेजी से हुआ।


ताजा आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में पिछले 24 घंटों में 1435 लोगों की मौत हुई है, जिसके बाद 67 हजार से ज्यादा मौतें हो गई हैं। यह जानकारी जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय की ओर से दी गई है। राहत की खबर यह भी है कि अमेरिका में 1 लाख, 60 हजार से अधिक लोग ठीक भी हो चुके हैं।


लोगों के लिए 'पेयजल आपूर्ति' सुनिश्चित की जाएं

लोगों के लिए 'पेयजल आपूर्ति' सुनिश्चित की जाएं  इकबाल अंसारी  चेन्नई। तमिलनाडु में गर्मी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए मु...