रविवार, 20 अक्तूबर 2019

पुत्रवती महिलाओं का अहोई अष्टमी व्रत

होई के चित्रांकन में ज्यादातर आठ कोष्ठक की एक पुतली बनाई जाती है। उसी के पास साही तथा उसके बच्चों की आकृतियां बना दी जाती हैं। करवा चौथ के ठीक चार दिन बाद अष्टमी तिथि को देवी अहोई माता का व्रत किया जाता है। यह व्रत पुत्र की लम्बी आयु और सुखमय जीवन की कामना से पुत्रवती महिलाएं करती हैं। कृर्तिक मास की अष्टमी तिथि को कृष्ण पक्ष में यह व्रत रखा जाता है इसलिए इसे अहोई अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है।


विधि:-उत्तर भारत के विभिन्न अंचलों में अहोईमाता का स्वरूप वहां की स्थानीय परंपरा के अनुसार बनता है। सम्पन्न घर की महिलाएं चांदी की होई बनवाती हैं। जमीन पर गोबर से लीपकर कलश की स्थापना होती है। अहोईमाता की पूजा करके उन्हें दूध-चावल का भोग लगाया जाता है। तत्पश्चात एक पाटे पर जल से भरा लोटा रखकर कथा सुनी जाती है। अहोईअष्टमी की दो लोक कथाएं प्रचलित हैं।


पहली कथा:-प्राचीन काल में एक साहुकार था, जिसके सात बेटे और सात बहुएं थी। इस साहुकार की एक बेटी भी थी जो दीपावली में ससुराल से मायके आई थी। दीपावली पर घर को लीपने के लिए सातों बहुएं मिट्टी लाने जंगल में गई तो ननद भी उनके साथ हो ली। साहुकार की बेटी जहां मिट्टी काट रही थी उस स्थान पर स्याहु (साही) अपने साथ बेटों से साथ रहती थी। मिट्टी काटते हुए ग़लती से साहूकार की बेटी की खुरपी के चोट से स्याहू का एक बच्चा मर गया। स्याहू इस पर क्रोधित होकर बोली मैं तुम्हारी कोख बांधूंगी।


स्याहू के वचन सुनकर साहूकार की बेटी अपनी सातों भाभीयों से एक एक कर विनती करती हैं कि वह उसके बदले अपनी कोख बंधवा लें। सबसे छोटी भाभी ननद के बदले अपनी कोख बंधवाने के लिए तैयार हो जाती है। इसके बाद छोटी भाभी के जो भी बच्चे होते हैं वे सात दिन बाद मर जाते हैं। सात पुत्रों की इस प्रकार मृत्यु होने के बाद उसने पंडित को बुलवाकर इसका कारण पूछा। पंडित ने सुरही गाय की सेवा करने की सलाह दी।


सुरही सेवा से प्रसन्न होती है और उसे स्याहु के पास ले जाती है। रास्ते थक जाने पर दोनों आराम करने लगते हैं अचानक साहुकार की छोटी बहू की नज़र एक ओर जाती हैं, वह देखती है कि एक सांप गरूड़ पंखनी के बच्चे को डंसने जा रहा है और वह सांप को मार देती है। इतने में गरूड़ पंखनी वहां आ जाती है और खून बिखरा हुआ देखकर उसे लगता है कि छोटी बहु ने उसके बच्चे के मार दिया है इस पर वह छोटी बहू को चोंच मारना शुरू कर देती है। छोटी बहू इस पर कहती है कि उसने तो उसके बच्चे की जान बचाई है। गरूड़ पंखनी इस पर खुश होती है और सुरही सहित उन्हें स्याहु के पास पहुंचा देती है।


वहां स्याहु छोटी बहू की सेवा से प्रसन्न होकर उसे सात पुत्र और सात बहु होने का अशीर्वाद देती है। स्याहु के आशीर्वाद से छोटी बहु का घर पुत्र और पुत्र वधुओं से हरा भरा हो जाता है। अहोई का अर्थ एक प्रकार से यह भी होता है "अनहोनी को होनी बनाना" जैसे साहुकार की छोटी बहू ने कर दिखाया था। अहोई व्रत का महात्मय जान लेने के बाद आइये अब जानें कि यह व्रत किस प्रकार किया जाता है।


दूसरी कथा:-उसमें से एक कथा में साहूकार की पुत्री के द्वारा घर को लीपने के लिए मिट्टी लाते समय मिट्टी खोदने हेतु खुरपा (कुदाल) चलाने से साही के बच्चों के मरने से संबंधित है। इस कथा से यह शिक्षा मिलती है कि हमें कोई भी काम अत्यंत सावधानी से करना चाहिए अन्यथा हमारी जरा सी गलती से किसी का ऐसा बड़ा नुकसान हो सकता है, जिसकी हम भरपाई न कर सकें और तब हमें उसका कठोर प्रायश्चित करना पडेगा। इस कथा से अहिंसा की प्रेरणा भी मिलती है। अहोईअष्टमी की दूसरी कथा मथुरा जिले में स्थित राधाकुण्डमें स्नान करने से संतान-सुख की प्राप्ति के संदर्भ में है। अहोईअष्टमी के दिन पेठे का दान करें।


जन स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ तो नहीं

जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ तो नहीं
अविनाश श्रीवास्तव 
गाजियाबाद,लोनी। क्षेत्र की जनता प्रदूषण की मार झेल रही है। वायु गुणवत्ता सूचाकं चिंताजनक स्थिति में बना हुआ है। वर्तमान में एक्यूआई 235 से ऊपर चल रहा है। निकट भविष्य में इसके कम होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। प्रदूषण को बढ़ाने वाले व्यवसाय और संसाधनों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही का अभाव प्रतीत किया जा रहा है। जल-प्रदूषण की स्थिति इतनी भयावह बनती जा रही है कि कहीं-कहीं पर पानी का टीडीएस 1700 पार जा चुका है। आकलन कर स्थिति के विरुद्ध उपजिला-अधिकारी प्रशांत तिवारी के निर्देशन में लगभग 40 से अधिक अनाधिकृत औद्योगिक इकाइयों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई करते हुए सीज कर दिया गया है। लगभग एक माह तक चले इस अभियान में रूपनगर औद्योगिक क्षेत्र, आर्यनगर औद्योगिक क्षेत्र, कृष्णा नगर कॉलोनी आदि क्षेत्रों में संचालित औद्योगिक इकाइयों को सीज कर दिया गया है। लेकिन इसके पीछे एक नई कहानी बहुत तेजी से क्षेत्र में फैलती जा रही है। सूत्र बताते हैं कि प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों को जल्द ही राहत मिलने वाली है। सीज की गई औद्योगिक इकाइयों के संचालन के लिए अवैध उगाही की गहमा-गहमी तेज हो गई है। सूत्रों पर विश्वास किया जाए तो यह अवैध उगाही करोड़ों रुपए में हो सकती है। यह योजनाबद्ध ढंग से होने वाली अवैध उगाही की ओर संकेत करती है। हालांकि अभी तक ऐसा कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। उपजिला-अधिकारी की कर्तव्यनिष्ठा पर अभी तक कोई सवाल खड़ा नही किया जा सकता है। हो सकता है यह विषय राजनीति से प्रेरित हो,परंतु जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए किसी नेता अथवा जनप्रतिनिधि को जनता के स्वास्थ्य से खेलने का कोई अधिकार नहीं है! घटिया राजनीति के चलते इस प्रकार के प्रकरण पहले भी संज्ञान में आते रहे हैं! क्षेत्र की जनता के स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है। वायु और जल प्रदूषण से फेफड़े, हृदय और हड्डियों के जोड़ों से संबंधित रोग अधिक तेजी से विकसित होते हैं। ऐसी अवस्था में जनता के स्वास्थ्य को प्राथमिकता में रखना उपजिला-अधिकारी का नैतिक-कर्तव्य बन जाता है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रत्येक नागरिक को हर संभव प्रयास करना चाहिए। भविष्य में प्रदूषण का नागरिकों के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव का ठीक-ठीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।


सार्वजनिक स्थान पर लगाए एसी और कूलर

दोहा। कतर में गर्मी के मौसम के दौरान इस समय तापमान 46 डिग्री सेल्सियस के ऊपर पहुंच गया है। यहां के लोग काफी परेशान हैं। अब लोगों को ठंडक पहुंचाने और उन्हें गर्मी से दूर रखने के लिए यहां के शासन-प्रशासन की ओर से कदम भी उठाए जा रहे हैं। राजधानी दोहा में तो प्रशासन की ओर से सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर एयर कंडीशनर और एयर कूलर लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा भी कई अन्य उपाय आजमाए जा रहे हैं। कतर में इस समय गर्मी का मौसम है। आमतौर पर खाड़ी देश होने के कारण यहां गर्मी भी भीषण पड़ती है। इस समय तापमान 46 डिग्री सेल्सियस के ऊपर चला गया है। ऐसे में लोग घरों से बाहर भी निकलने में कतरा रहे हैं। दोहा में लोगों को गर्मी से राहत देने के लिए यहां के प्रशासन ने बाजारों और सड़कों के किनारे बड़े कूलर और एयर कंडीशनर लगाना शुरू किया है। इसके अलावा सड़कों को भी नीले रंग में रंग दिया है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि काले रंग की सड़क धूप और गर्मी अधिक सोखती है। इससे भी शहर के तापमान पर असर पड़ता है। शहर में सार्वजनिक स्थानों पर ऐसे कूलर भी लगाए जा रहे हैं जो लोगों पर ठंडे पानी का छिड़काव भी करेंगे। बता दें कि कतर 2022 में होने वाले फुटबॉल वर्ल्ड कप की मेजबानी भी कर रहा है। ऐसे में यहां पड़ रही बेतहाशा गर्मी से यहां आने वाले लोगों को बचाने के लिए भी अभी से कदम उठाए जा रहे हैं। जिन स्टेडियम में यह फुटबॉल मुकाबला होना है, वहां की सीटों के नीचे तक एयर कंडीशर लगाए जा रहे हैं। ताकि मैच का आनंद लेने के दौरान दर्शकों को कोई परेशानी ना हो।


महिलाओं ने दिया कंधा,किया अंतिम संस्कार

कांकेर! कांकेर के तुमसनार गांव में अंधविश्वास के कारण पुरुषों ने प्रसूता का शव दफनाने से इनकार कर दिया। यही नहीं, उन्होंने शव को कंधा भी नहीं दिया। इसके बाद महिलाओं ने ही अंतिम यात्रा निकाली और शव गांव के बाहर जंगल में दफनाया। यहां ऐसा अंधविश्वास है कि किसी प्रसूता का शव गांव में दफनाने से वह भूत-प्रेत बन जाती है। प्रसूता के शव को शादीशुदा पुरुष हाथ भी नहीं लगाते। तुमसनार की सुकमोतीन कांगे ने राजस्थान के पंकज चौधरी से 2016 में शादी की थी।


सुकमोतीन मां बनने वाली थी, उसे प्रसव के लिए जिला अस्पताल लाया गया. उसने बच्चे को जन्म दिया, शिशु की आधे घंटे बाद ही मौत हो गई। सुकमोतीन को जब इस बारे में पता लगा तो सदमे से उसने भी दम तोड़ दिया। 16 अक्टूबर को जच्चा-बच्चा का शव गांव पहुंचा तो अंतिम संस्कार के लिए कोई पुरुष सामने नहीं आया।


मृतका एनजीओ से जुड़ी थी। इसी सिलसिले में वह कुछ समय जशपुर और राजस्थान गई थी। राजस्थान में पंकज चौधरी नामक युवक से उसकी दोस्ती हो गई और विवाह कर लिया। वर्तमान में दोनों साथ ही गांव में रहते थे।


महिला का अंतिम संस्कार नहीं करने देना गलत है। यह साबित हो चुका है कि भूत-प्रेत का कोई अस्तित्व नहीं है। समिति गांव जाएगी। अंधविश्वास हटाने के लिए लाेगों को जागरूक करेगी।


भीड़ और बाजार को बनाएगे आतंकी निशाना

नई दिल्ली! आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद दिल्ली में 400 से ज्यादा बड़ी इमारतों और भीड़ भरे बाजारों को निशाना बना सकता है। खुफिया जानकारी के मुताबिक, त्योहार के मद्देनजर आतंकी राजधानी में बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में हैं। दिल्ली पुलिस ने जानकारी मिलने के बाद हाई अलर्ट जारी कर दिया है।


दिल्ली पुलिस के एक अफसर ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर न्यूज एजेंसी को बताया कि दिल्ली के 15 इलाकों में से 8 इलाकों को संवेदनशील करार दिया गया है। रोहिणी, दिल्ली उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम, उत्तर, नई दिल्ली, द्वारका, पूर्वी और मध्य में 400 से ज्यादा इमारतें और कुछ बाजार आतंकियों के निशाने पर हो सकते हैं।


सूत्रों के मुताबिक, सबसे ज्यादा संवेदनशील इमारतें नई दिल्ली इलाके में हैं। दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करते हुए पुलिसकर्मियों को इमारतों-बाजारों का ब्योरा उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है। इन आठ जिलों में लगभग 425 इमारतें ऐसी हैं, जिनकी सुरक्षा दिन-रात की जाती है। वहीं, 200 इमारतें वीआईपी कैटेगरी की हैं। जैश की धमकी के बाद इन इमारतों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।


जानकारी के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद और उसके साथी आतंकी संगठन इन इमारतों के पास आत्मघाती हमले को अंजाम दे सकते हैं। इसके अलावा वे भीड़ पर बम फेंकने से लेकर संवेदनशील इलाकों में अंधाधुंध फायरिंग भी कर सकते हैं।


सूत्रों के मुताबिक, 3 मई 2016 को गिरफ्तार किए गए जैश के तीन आतंकवादियों ने दिल्ली पर हमले की साजिशों का खुलासा किया था। तीनों दिल्ली के चांद बाग इलाके से गिरफ्तार किए गए थे। बाद में इन्हें शरण देने वाले 10 से ज्यादा लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद जनवरी 2019 को गिरफ्तार जैश आतंकी अब्दुल लतीफ गनी उर्फ उमैर और हिलाल अहमद भट से भी दिल्ली पुलिस और खुफिया तंत्र को हमले से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हुई थीं।


2 सैनिक एक नागरिक की हुई मौत

श्रीनगर! पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सैन्य चौकियों और गांवों को निशाना बनाया। तांघर सेक्टर में भारी गोलीबारी के चलते दो जवान शहीद हो गए। एक नागरिक की मौत हो गई। इसके अलावा तीन अन्य गंभीर रूप से जख्मी हुए। अधिकारियों के मुताबिक, एलओसी पर फायरिंग के चलते दो घर पूरी तरह तबाह हुए हैं। वहीं कई अन्य घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।


15 सितंबर को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया था कि इस साल अब तक पाकिस्तान 2050 से अधिक बार सीजफायर उल्लंघन कर चुका है। इसमें 21 नागरिकों की मौत हुई। सीजफायर उल्लंघन की इन घटनाओं में आतंकियों की घुसपैठ भी शामिल है।


भारत ने पाकिस्तान से कई बार अनुरोध किया कि वे 2003 के सीजफायर समझौते का उल्लंघन न करें और अपने सैनिक को सीमा पर शांति और संयम बरतने का आदेश दे। इसके बावजूद सीमा पार से इन घटनाओं को दोहराया गया।


श्रीनगर में अशांति फैलाने की कोशिशें जारी हैं। 10 से ज्यादा आतंकी श्रीनगर के आसपास छिपे हुए हैं। खुफिया सूत्रों के मुताबिक ये बस सही मौके के इंतजार में हैं। ये कश्मीर में सख्ती कम होने और सुरक्षा प्रतिबंधों के ढीला होने की ताक में हैं। पत्थरबाजों के नेटवर्क को भी सक्रिय करने की कोशिशें जारी हैं। खुफिया सूत्रों के मुताबिक इन आतंकियों को श्रीनगर के बाहरी इलाकों में घूमता देखा गया है।


मनमोहन आम आदमी की तरह जाएंगे

इस्लामाबाद! पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया है कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने करतारपुर आने की सहमति दे दी है। कुरैशी ने कहा कि मनमोहन सिंह ने कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने की जगह, आम आदमी की तरह आने की बात कही है। हालांकि, पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह कह चुके हैं कि मैं और मनमोहन सिंह कॉरिडोर के कार्यक्रम पाकिस्तान नहीं जाएंगे।


कुरैशी ने कहा, “मैंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आमंत्रित किया था। मैं उनका शुक्रगुजार हूं कि इसके बाद उन्होंने मुझे पत्र लिखा। उन्होंने कहा है कि वह करतारपुर आएंगे, लेकिन मुख्य अतिथि की तरह नहीं, बल्कि एक आम आदमी की तरह। अगर वह आम आदमी की तरह भी आते हैं, तो हम उनका स्वागत करेंगे।” पाकिस्तान 9 नवंबर को अपनी तरफ से कॉरिडोर का उद्घाटन करेगा। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री ने इमरान सरकार का निमंत्रण स्वीकार नहीं किया है।


मनमोहन की तरफ से पाकिस्तान का आमंत्रण स्वीकार करने को लेकर पहले अटकलें लगाई जा रही थीं। इसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने साफ किया था कि न तो वे और न ही पूर्व प्रधानमंत्री बतौर अतिथि पाकिस्तान जाएंगे। अमरिंदर ने कहा था कि वे केवल करतारपुर जाने वाले सर्वदलीय जत्थे में शामिल होंगे।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 नवंबर को पंजाब के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक से पाकिस्तान के करतारपुर साहिब तक बन रहे कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। इस कॉरिडोर के तैयार होने के बाद सिख श्रद्धालु पासपोर्ट के बिना, विशेष परमिट पर गुरु नानक देव के तीर्थस्थल तक जा सकेंगे। भारत और पाकिस्तान दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र में कॉरिडोर का निर्माण कर रहे हैं।


पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...