शनिवार, 5 अक्तूबर 2019

मां महागौरी रूपेण संस्थिता

माँ दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है। दुर्गापूजा के आठवें दिन महागौरी की उपासना का विधान है। इनकी शक्ति अमोघ और सद्यः फलदायिनी है। इनकी उपासना से भक्तों के सभी कल्मष धुल जाते हैं, पूर्वसंचित पाप भी विनष्ट हो जाते हैं। भविष्य में पाप-संताप, दैन्य-दुःख उसके पास कभी नहीं जाते। वह सभी प्रकार से पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी हो जाता है।


महागौरी-सिद्धियां
महागौरी - नवदुर्गाओं में अष्टम
देवनागरी-महागौरी
संबंध-हिन्दू देवी
अस्त्र-त्रिशूल
जीवनसाथी-शिव
सवारी-वृषभ
श्लोक:-श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचिः | महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा ||


स्वरूप:-इनका वर्ण पूर्णतः गौर है। इस गौरता की उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। इनकी आयु आठ वर्ष की मानी गई है- 'अष्टवर्षा भवेद् गौरी।' इनके समस्त वस्त्र एवं आभूषण आदि भी श्वेत हैं।महागौरी की चार भुजाएँ हैं। इनका वाहन वृषभ है। इनके ऊपर के दाहिने हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है। ऊपरवाले बाएँ हाथ में डमरू और नीचे के बाएँ हाथ में वर-मुद्रा हैं। इनकी मुद्रा अत्यंत शांत है।


कथा:-माँ महागौरी ने देवी पार्वती रूप में भगवान शिव को पति-रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी, एक बार भगवान भोलेनाथ ने पार्वती जी को देखकर कुछ कह देते हैं। जिससे देवी के मन का आहत होता है और पार्वती जी तपस्या में लीन हो जाती हैं। इस प्रकार वषों तक कठोर तपस्या करने पर जब पार्वती नहीं आती तो पार्वती को खोजते हुए भगवान शिव उनके पास पहुँचते हैं वहां पहुंचे तो वहां पार्वती को देखकर आश्चर्य चकित रह जाते हैं। पार्वती जी का रंग अत्यंत ओजपूर्ण होता है, उनकी छटा चांदनी के सामन श्वेत और कुन्द के फूल के समान धवल दिखाई पड़ती है, उनके वस्त्र और आभूषण से प्रसन्न होकर देवी उमा को गौर वर्ण का वरदान देते हैं।


एक कथा अनुसार भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए देवी ने कठोर तपस्या की थी जिससे इनका शरीर काला पड़ जाता है। देवी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान इन्हें स्वीकार करते हैं और शिव जी इनके शरीर को गंगा-जल से धोते हैं तब देवी विद्युत के समान अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण की हो जाती हैं तथा तभी से इनका नाम गौरी पड़ा। महागौरी रूप में देवी करूणामयी, स्नेहमयी, शांत और मृदुल दिखती हैं। देवी के इस रूप की प्रार्थना करते हुए देव और ऋषिगण कहते हैं “सर्वमंगल मंग्ल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके. शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोस्तुते। महागौरी जी से संबंधित एक अन्य कथा भी प्रचलित है इसके जिसके अनुसार, एक सिंह काफी भूखा था, वह भोजन की तलाश में वहां पहुंचा जहां देवी उमा तपस्या कर रही होती हैं। देवी को देखकर सिंह की भूख बढ़ गयी परंतु वह देवी के तपस्या से उठने का इंतजार करते हुए वहीं बैठ गया। इस इंतजार में वह काफी कमज़ोर हो गया। देवी जब तप से उठी तो सिंह की दशा देखकर उन्हें उस पर बहुत दया आती है और माँ उसे अपना सवारी बना लेती हैं क्योंकि एक प्रकार से उसने भी तपस्या की थी। इसलिए देवी गौरी का वाहन बैल और सिंह दोनों ही हैं।


प्रधानमंत्री कर सकते हैं सऊदी का दौरा

नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब का दौरा कर सकते हैं। इस दौरान पीएम राजधानी रियाद में खाड़ी राष्ट्र द्वारा आयोजित एक निवेश शिखर सम्मेलन में भाग लेने की भी उम्मीद है। लेकिन पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर अभी तक किसी भी प्रकार की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये निवेश सम्मेलन 29 से 31 अक्टूबर तक चलेगा। अपने दौरे पर पीएम मोदी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ मुलाकात भी करेंगे। दोनों के बीच निवेश, आर्थिक संबंध के बारे में चर्चा होगी। पीएम मोदी सऊदी अरब के शीर्ष नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय महत्व के मुद्दों पर भी बात करेंगे। 


इस खाड़ी देश में पीएम मोदी यह दूसरी यात्रा होगी। उन्होंने आखिरी बार 2016 में रियाद का दौरा किया था, जिसके दौरान उन्हें अब्दुल अजीज सऊद के नाम पर देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। बता दें कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल 2 अक्टूबर को सऊदी अरब के दौरे पर थे। माना जा रहा है कि अजीत डोभाल का ये दौरा पीएम के सऊदी अरब दौरे का ग्राउंड तैयार करने के लिए था।


वाराणसी में कानून व्यवस्था की समीक्षा

एसीएस होम अवनीश अवस्थी ने आज वाराणसी में कानून व्यवस्था की समीक्षा की
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के गृह सचिव अवनीश अवस्थी ने शनिवार को वाराणसी पुलिस लाइन सभागार में पुलिस अधिकारियों संग शहर के क्राइम और आवश्यकता के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की। इस दौरान गृहसचिव ने वाराणसी में तीन नए थानों की संस्तुति की।  इसके अलावा उन्होंने ट्रैफिक के आईटीएमएस सुविधा के अंतर्गत सभी ट्रैफिक कैमरों की नज़दीकी थानों पर एक्सेज़ पॉइंट देने की बात कही। गृह सचिव ने कहा कि हम क्राइम फ्री और करप्शन फ्री पुलिसिंग की और बढ़ रहे हैं।
इस दौरान तय हुआ कि वाराणसी में क्राइम पर करने को कंट्रोल करने के लिए तीन नए थाने बनेगे।
चितईपुर, बजरडीहा और पांडेयपुर थाने की संस्तुति .
वाराणसी में नहीं बढ़ा है क्राइम, यहां इंसिडेंट बढ़ा है।
आईटीएमएस सुविधा के हाई पावर कैमरों का एक्सेज़ अब थानों को भी मिलेगा। पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार के लिए जगह नहीं।


शामली:सुग्रीव मित्रता, बाली वध मंचन

भानू प्रताप


गढ़ीपुख्ता। रामलीला महोत्सव मंचन में रामचंद्र जी सीता को अपनी कुटिया में ना पाकर सुख ग्रस्त हो जाते हैं।वे पौधों एवं पशु पक्षियों से सीता के बारे में पूछते हैं।सीता को ढूंढते हुए उन्हें घायल जटायु दिखाई पड़ता है और जटायु बताता है।कि एक राक्षस सीता को उठाकर ले गया है उसने उनके पंख काट दिए रामजी जटायु का अंतिम संस्कार करते हैं। श्री मुख पर्वत पर हनुमान जी ब्राह्मण का वेश बनाकर राम-लक्ष्मण से परिचय प्राप्त करते हैं और राम सुग्रीव की मित्रता कराते हैं सुग्रीव सारा वृतांत सुनाते हैं राम चंद्र जी सुग्रीव को बाली से युद्ध के लिए भेजते हैं और दूसरी बार में बाली का वध कर देते हैं। पंपापुर का राज्य वापस मिलने पर सॉरी विलासिता में व्यस्त हो जाते हैं और 1 माह तक प्रभु श्री राम की ओर सुध नहीं लेते क्रोध में लक्ष्मण जी पंपापुर को जला डालने का एलान करते हैं। तब सुख भी भगवान श्रीराम से माफी मांगते हैं और बहुत शीघ्र सीता का पता लगाने के लिए कहते हैं।इस अवसर पर नरेश सैनी रामपाल सिंह राजेंद्र शर्मा टेकचंद मित्तल कमेटी अध्यक्ष नीरज जैन, चरण सिंह,राजवीर सिंह, मेनपाल सैनी, नरेश गोस्वामी, राजेंद्र सैनी, प्रदीप सिंघल,ऋषि पाल सैनी आदि उपस्थित रहे। रामलीला में दिन-प्रतिदिन दर्शकों की लगातार संख्या बढ़ रही है देहाती ग्रामीण रामलीला देखने आ रहे हैं।


अंध-भक्तों की जुटने लगी भीड़ !

शेषनाग की दुल्हन बनी बैठी नाबालिग लड़की को देवी मानकर ग्रामीण करने लगे है पूजा अर्चना,अंधभक्तों की जुटने लगी है भीड़,जमकर चढ़ाया जा रहा चढ़ावा


कोरबा। हमारे बचपन में नानी-दादी नाग और इंसान के जोड़ी की कहानियां अक्सर सुनाया करती थी। तथा फिल्मों में भी ऐसी काल्पनिक दृश्य देखते आ रहे है।लेकिन वे कहानियां व दृश्य केवल मन बहलाने के लिए है।और असल जिंदगी से इसका कोई वास्ता नही है।आज समय इतना आधुनिक हो चला है कि हम इंसानो की पहुँच चाँद तक हो गई है।लेकिन यह सुनकर जरुर आश्चर्य होगा कि एक 14 साल की नाबालिग लडकी शेषनाग की दुल्हन बनी बैठी है।जिसे देवीस्वरूप मानकर ग्रामीणों का तांता उसके घर पर बढ़ता ही जा रहा है और जमकर चढ़ावा के साथ पूजा अर्चना भी हो रही है।


हम बात कर रहे है जिले के कोरबा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत सतरेंगा के आश्रित ग्राम कोरई की जहां से छनकर आ रही खबर के मुताबित महज एक 14 साल की नाबालिग लड़की जिसका कहना है कि प्रत्येक शनिवार को उसके सपने में शेषनाग देवता आता है।बीते शनिवार को भी पुनः सपने में शेषनाग देवता आया था और मांग में सिंदूर भरकर यह कहकर चला गया कि वह फिर से शनिवार के ही दिन बारात लेकर आयेगा और दुल्हन बने बैठी लड़की को अपने साथ ले जाएगा।वहीं लड़की के पिता का कहना है कि उसकी बेटी के माथे पर जो सिंदूर लगा है उसे पोछने या मिटाने पर नही मिट रहा है।अब लड़की और उसके परिजन जिस प्रकार जनमानस में उक्त अंधविश्वास को फैलाने में लगे है।और जिस प्रकार यह खबर जंगल में लगे आग की तरह फैलती जा रही है।उससे ग्राम एवं आसपास इलाके के ग्रामीणों की भीड़ नाबालिग लड़की के घर में देखने को मिल रही है। जहां अंधभक्त रेलम-पेल तरीके से नारियल,अगरबत्ती,रुपया-पैसा सहित अन्य चढ़ावा की वस्तुएं हाथों में लिए देवीस्वरूप बने बैठी नाबालिग लड़की के दर्शन को आतुर है। कई ग्रामीणजन तो अपनी मन्नतें लेकर सोने-चांदी के आभूषण भी काल्पनिक देवी के दरबार में चढ़ा रहे है। तथा आस्था के नाम पर आसपास ग्राम के लोगों की भीड़ जिस प्रकार वनांचल ग्राम कोरई की ओर बड़ी संख्या में बढ़ने लगी है।इस घटना ने परस्पर सोचने पर विवश कर दिया है कि आज के जागरूक जमाने में भी लोग अंधविश्वास को फ़ौरन मान लेते है। लड़की और उसके माता-पिता क्यों ऐसा अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे है। कहीं मनगढ़त कहानी रच ढोंग का सहारा लेकर लोगों को आकर्षित करके चढ़ावा बटोरने का मंशा तो नही?फिलहाल यह मामला प्रशासन के संज्ञान में अभी तक नही आया है। लेकिन समय रहते प्रशासन द्वारा इस दिशा पर संज्ञान नही लिया गया तो इस अंधविश्वास के चुंगल में फंसकर अंधभक्त लुटाते ही रहेंगे। इससे कृत्यकर्ता के हौसले बढ़ेंगे। अब देखना यह है कि इस खबर को प्रशासन द्वारा संज्ञान में लेकर प्रशासनिक तौर पर क्या कदम उठाया जाता है?


अंतरिक्ष से 'मक्का' की दुर्लभ तस्वीर

दुबई। यूएइ के पहले अंतरिक्ष यात्री हज़्ज़ा अल मंसूरी ने अंतरिक्ष स्टेशन से इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल मक्का के एक शानदार दृश्य को सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट किया है । उन्होंने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल @astro_hazzaa से ग्रैंड मस्जिद (मस्जिद अल हरम) की एक आश्चर्यजनक तस्वीर साझा की, कैप्शन के साथ उन्होंने लिखा  'यह वही जगह के रूप में जानी जाती है जो मुसलमानों के दिलों में रहती है। ' मक्का से मंगलवार को, उन्होंने अंतरिक्ष से यूएई की एक और तस्वीर साझा की थी।


बता दें की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने वाले पहले अरब के रूप में इतिहास रचने वाले  हज्ज़ा मंसूरी गुरुवार को आठ दिवसीय मिशन के बाद पृथ्वी पर लौटने के लिए तैयार है।


यूएई ने पूर्व वायुसेना पायलट हज्जा-अल-मंसूरी रूसी अंतरिक्ष यान सोयूज एमएस-15 से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन गए हैं। हज्जा-अल-मंसूरी के साथ अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री जेसिका मीर और रूसी कॉस्मोनॉट ओलेग स्क्रिपोचका भी गए हैं। ओलेग स्क्रिपोचका तीसरी बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गए हैं, जबकि बाकी दोनों यात्रियों का यह पहला अनुभव होगा।


हज्जा बोले- देश के सपनों को नए आयाम पर ले जा रहा 
यूएई में लोग 35 वर्षीय हज्जा अल-मंसूरी को देश का हीरो बता रहे हैं।आईएसएस जाने से पहले हज्जा ने कहा कि मैं अपने देश के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को नए आयाम पर ले जा रहा हूं। अल्लाह मुझे इस मिशन में सफलता दे।


जन्मजात हृदय रोग का सफल इलाज

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम ने जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बालक का सफल इलाज कराया।


पंकज राघव
संभल। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जनपदीय नोड़ल अधिकारी डॉ• अज़फर कमाल ने बताया कि ड़ीईआईसी प्रबंधक मनु तेवतिया एवं उनकी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र  संभल की मोबाइल हैल्थ टीम बी के टीम लीडर डा• नीरज शर्मा तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र असमोली की मोबाइल हैल्थ टीम बी के टीम लीडर डा• नज़ीब उर रहमान के अथक प्रयासों से यह संभव हो पाया है।


राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के ड़ीईआईसी प्रबंधक मनु तेवतिया ने बताया कि नंदपुर बीटा निवासी प्रमोद का 12 वर्षीय पुत्र अरुण जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित था। अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में लगभग 6 घंटे चले सफल ऑपरेशन के बाद अरुण को 72 घंटे की  देखभाल के लिए आईसीयू में रखा गया है।


पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...