गुरुवार, 3 अक्तूबर 2019

कांग्रेस ने की प्रत्याशियों की लिस्ट जारी

राणा ओबराय


नई दिल्ली। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने देर रात हरियाणा विधानसभा के 84 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी।


कालका- प्रदीप चौधरी
पंचकूला-चंद्रमोहन
नारायणगढ़-श्रीमती शैली
अंबाला सिटी-जसबीर मालौर
मुलाना (सुरक्षित)-वरुण चौधरी


सढौरा (सुरक्षित)-रेनू बाला
जगाधरी-अकरम खान
यमुनानगर-निर्मल
शाहबाद (सुरक्षित)-अनिल धंतौड़ी
थानेसर-अशोक अरोड़ा
पिहोवा-मनदीप सिंह
गुहला (सुरक्षित)-दिल्लू राम
कलायत- जयप्रकाश (जेपी)
कैथल- रणदीप सुरजेवाला
पुंडरी-सतबीर सिंह जांगड़ा
नीलोखेड़ी (सुरक्षित)-बंताराम बाल्मीकि
इंद्री-डॉ.नवजोत कश्यप
करनाल-त्रिलोचन सिंह
घरौंडा- अनिल राणा


पानीपत ग्रामीण-ओपी जैन
पानीपत शहर-संजय अग्रवाल
इसराना (सुरक्षित)-बलवीर बाल्मीकि
समालखा-धर्म सिंह छोकर
गन्नौर-कुलदीप शर्मा
राई-जयतीर्थ दहिया
खरखौदा (सुरक्षित)-जयवीर बाल्मीकी
सोनीपत-सुरेंद्र पंवार
गोहाना-जगबीर सिंह मलिक
बरौदा-श्रीकृष्ण हुड्डा
जुलाना-धर्मेंद्र ढुल
सफीदों-सुभाष देशवाल
जींद-अंशुल सिंगला
उचाना कलां-बालाराम कठवाल
नरवाना (सुरक्षित)-विद्या रानी
टोहाना-परमवीर सिंह
रतिया (सुरक्षित)-जरनैल सिंह
कालांवली (सुरक्षित)-शीशपाल
डबवाली-अमित सिहाग
रानिया-विनीत कंबोज
सिरसा-होशियारी लाल शर्मा
एेलनाबाद-भरत सिंह बेनीवाल
आदमपुर-कुलदीप बिश्नोई
उकलाना (सुरक्षित)-बालादेवी
नारनौंद-बलजीत सिहाग
हांसी-ओमप्रकाश
हिसार-रामनिवास
नलवा-रणधीर पनिहार
लोहारू-सोमवीर सिंह
बाढड़ा-रणबीर महेंद्रा
दादरी-नृपेंद सिंह
भिवानी-अमर सिंह
तोशाम-किरण चौधरी
बवानीखेड़ा-(सुरक्षित)-रामकिशन फौजी
महम-आनंद सिंह डांगी
गढ़ी सांपला किलोई-भूपेंद्र सिंह हुड्डा
रोहतक- भारत भूषण बतरा
कलानौर (सुरक्षित)-शकुंतला खटक
बहादुरगढ़-राजेंद्र जून
बादली-कुलदीप वत्स
झज्जर (सुरक्षित)-गीता भुक्कल
बेरी-डॉ.रघुबीर सिंह कादयान
अटेली-राव अर्जुन सिंह
महेंद्रगढ़- राव दान सिंह
नारनौल-राव नरेंद्र सिंह
नांगल चौधरी-राजाराम गोलवा
बावल (सुरक्षित)-एमएल रंगा
कोसली-यादवेंद्र सिंह
रेवाड़ी-चिरंजीव राव
पटौदी-(सुरक्षित)-सुधीर चौधरी
बादशाहपुर-कमलबीर यादव
गुरुग्राम- सुखबीर कटारिया
सोहना-शमशुद्दीन
नूंह-आफताब अहमद
फिरोजपुर झिरका-मामन खान
पुन्हाना-मोहम्मद एजाज खान
हथीन-मोम्मद इजराइल
होडल(सुरक्षित)-उदयभान
पलवल-करण दलाल
पृथला-रघुबीर सिंह तेवतिया
एनआइटी फरीदाबाद- नीरज शर्मा
बड़खल-विजय प्रताप सिंह
बल्लभगढ़-आनंद कौशिक
फरीदाबाद-लखन सिंगला
तिगांव- ललित नागर
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इन छह सीटों पर घोषित नहीं हुए उम्मीदवार


रादौर-
लाडवा-
असंध-
फतेहाबाद-
बरवाला-
अंबाला कैंट


पान-मसाला बाजार में मचा हड़कंप

पान मसाला बाजार में मचा हडक़ंप, बेचने व खाने वाले दोनों ही बेचैन, फेल हुआ नमूना तो


जयपुर। राज्य सरकार की ओर से पान मसाले में हानिकारक तत्वों की सूचना जारी करने और ऐसे पान मसालों पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद प्रदेश के पान मसाला कारोबारियों और इनका सेवन करने वालों में हडक़ंप मच गया। व्यापारी पूछताछ कर रहे हैं कि उनके पास रखे पान मसाले  के स्टॉक का क्या होगा? स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि उन्हींं पान मसालों को हटाना होगा, जिनमें प्रतिबंधित किए गए तत्व तंबाकू, निकोटीन, मैग्नेशियम, कार्बोनेट, निकोटीन, और मिनरल ऑइल पाए जाएंगे। इसके नमूने लेकर जांच करवाई जाएगी। सरकार के ऐलान के मुताबिक खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जांच में सैंपल फेल होने पर निर्माता को पूरा माल वापस लेना होगा। प्रतिबंधित बैच यदि बिकता पाया गया तो संबंधित निर्माता और विके्रता पर कार्रवाई होगी। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि सैंपल लेने के निर्देश दिए हैं। जांच सरकारी प्रयोगशाला में होगी। ये होगा बदलाव - दवा सैंपलों के समान पान मसालों की जांच और कार्रवाई होगी। - पहले मिलावट की धाराओं में कार्रवाई अब सैंपल का बैच हटेगा। - संबंधित बैच के निर्माण, उत्पादन और भंडारण पर भी रोक। - प्रतिबंधित बैंच बाजार में मिला तो निर्माता- विक्रेता पर सख्त कार्रवाई। घोषणा से असमंजस, बाद में स्पष्टीकरण बुधवार दोपहर की गई पान मसालों संबंधी घोषणा के बाद असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। व्यापारियों में पान मसाले पर ही बैन का संदेश चला गया। दरअसल, खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत हानिकारक तत्वों वाले पान मसाले पहले से ही प्रतिबंधित हैं। चिकित्सा विभाग ने संशोधित सूचना जारी कर स्पष्ट किया कि जांच में फेल।


विपक्ष,विकास की बात नहीं चाहता:महाना

लखनऊ। यूपी के औद्योगिक विकास कैबिनेट मंत्री सतीश महाना ने कहा है दो दिवसीय सत्र में विपक्ष का सदन में न आना ही इस बात का प्रमाण है कि वो विकास पर बात नही करना चाहते है। साथ ही उन्होंने कहा कि वो सदन में ना आकर सड़क पर प्रदर्शन कर रहे है ।जनता ने उन्हें सदन में भेजा था कि चर्चा करे पर वो सड़क पर है। इसलिए जनता ने उन्हें सड़क पर ला दिया है। साथ ही अदिति सिंह पर कांग्रेस नेताओं के न आने और अदिति के आने पर उन्होंने कहा कि वो गांधी के विचारों से जुड़ी है इस लिए आई है। साथ ही कहा कि भाजपा के विचारों से भी जुड़ी है। कहीं न कहीं उन्होंने इशारा किया है कि अदिति सिंह पार्टी जॉइन कर सकती है।


कांग्रेस विधायिका ने की भाजपा ज्वाइन

कांग्रेस विधायिका अदिति सिंह के पार्टी जॉइन करने पर बोले सुरेश खन्ना
लखनऊ। पार्टी में जो आये स्वागत है,गांधी जी की 150 वी जयंती पर दो दिवसीय सत्र के दौरान नगर विकास मंत्री का बयान आया कि सत्र में जो उत्साह सुबह देखने को मिल रहा था, वही अभी भी देखने को मिल रहा है। गांधी जयन्ती पर विकास पर लगातार चर्चा चल रही है। विपक्ष ने वादा किया था और वो सदन में रिकॉर्डिंग में भी मौजूद है पर कोई  नही आया। साथ ही कांग्रेस विधायिका अदिति सिंह के पार्टी मे आने पर उन्होंने कहा वो गांधी जी को मानती है। उनके आने का कोई मकसद नही। साथ ही कहा अगर कोई पार्टी में आना चाहता है तो स्वागत है।


दोनो आरोपी आईएएस को वेटिंग में डाला

केंद्र सरकार एवं प्रदेश सरकार ने खनन घोटाला: दो आईएएस अपने पद से हटाए गए, वेटिंग में डाला गयाकहा जा रहा है कि सीबीआई (CBI) के बाद अब ईडी (ED) अजय और पवन कुमार पर शिकंजा कसेगी


लखनऊ। सहारनपुर खनन घोटाले में आरोपित आईएएस अजय कुमार सिंह और पवन कुमार को सरकार ने उनके पदों से हटाकर वेटिंग में डाल दिया है। बता दें अजय खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग में सचिव थे, जबकि पवन आवास एवं शहरी नियोजन विभाग में विशेष सचिव के पद पर तैनात थे। कहा जा रहा है कि सीबीआई (CBI) के बाद अब ईडी (ED) अजय और पवन कुमार पर शिकंजा कसेगी। बता दें मंगलवार को सीबीआई ने 11 स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी। लखनऊ में अजय और पवन के यहां भी छापेमारी हुई थी। सीबीआई ने अजय के घर से 15 लाख कैश व अन्य के यहां से खनन घोटाले से जुड़े अहम दस्तावेज जब्त किए थे।


गौरतलब है कि 30 सितंबर को सीबीआई ने आईएएस अजय और पवन के खिलाफ खनन घोटाले में एफआईआर दर्ज किया था। ये दोनों सहारनपुर में 2012 से 2016 तक बतौर जिलाधिकारी तैनात थे। दोनों पर आरोप है कि सहारनपुर के जिलाधिकारी रहते दोनों ने अवैध रूप से खनन पट्टे जारी किए थे। सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय भी इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पूछताछ करेगा।


अब तक आठ आईएएस  खिलाफ एफआईआर


खनन घोटाले में इन अफसरों के अलावा आईएएस बी चंद्रकला, अभय कुमार सिंह, विवेक, देवी शरण उपाध्याय, संतोष कुमार राय और जीवेश नंदन के खिलाफ भी सीबीआई एफआईआर दर्ज कर चुकी है। इन पर फतेहपुर, हमीरपुर, देवरिया, शामली और कौशांबी में नियुक्ति के दौरान हुए खनन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत केस दर्ज कर रहा है।


गौरतलब है कि सीबीआइ करीब दो सालों से खनन घोटाले की परतें खंगाल रही है। सीबीआइ ने पूर्व में हाईकोर्ट के आदेश पर हमीरपुर, शामली, फतेहपुर, देवरिया, सिद्धार्थनगर व अन्य जिलों में वर्ष 2012 से 2016 के बीच हुए खनन में धांधली की शिकायतों पर मार्च 2017 में सात प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थीं। आरोप था कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के प्रतिबंध के बावजूद हमीरपुर समेत कई स्थानों पर धड़ल्ले से खनन कराया गया। सीबीआइ दिल्ली ने प्रारंभिक जांच के बाद हमीरपुर में हुई धांधली के मामले में आरोपित तत्कालीन डीएम हमीरपुर बी.चंद्रकला अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था, जिसके बाद सीबीआइ ने सहारनपुर, फतेहपुर व देवरिया समेत चार जिलों में अवैध खनन के मामलों में अलग-अलग केस दर्ज किये थे।


शव लेने पहुंची 7 पत्नी, सकते में पुलिस

हरिद्वार। पुलिस के सामने आत्महत्या के मामले तो आए दिन सामने आते हैं लेकिन उत्तराखंड में पुलिस के सामने आत्महत्या के बाद ऐसे हालात बने की वह भी सकते में आ गई। किसी फिल्मी कहानी की तरह ही पल-पल बदलते हालातों के बीच पुलिस असली को खोजने के लिए परेशान होती रही। हरिद्वार में एक 40 साल के शख्स ने रविवार को जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। यहां तक तो पुलिस के लिए सबकुछ ठीक था, लेकिन पुलिसवालों की मुश्किल उस वक्त बढ़ गई जब मृतक का शव लेने के लिए एक, दो या तीन नहीं बल्कि 7-7 महिलाएं पुलिस के पास पहुंच गई। सभी महिलाएं खुद को मृतक की पत्नी बता रहीं थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुरुआत में 5 महिलाएं मृतक का शव लेने के लिए पहुंची थी। दिलचस्प बात यह थी कि इन पांचों महिलाओं में से कोई भी एक दूसरे को नहीं जानती थी और सभी इस बात से बेखबर थीं कि उनके पति की किसी अन्य महिलाा के साथ संबंध रहे हैं। पुलिस जब इस मुश्किल से निपट रही थी कि बाद में 2 अन्य महिलाएं भी थाने पहुंची और मृतक को अपना पति बताने लगीं।
मृतक के लिए 7-7 महिलाओं के दावे को देखकर पुलिस घनचक्कर हो गई। काफी देर तक चले ड्रामें और हंगामे के बाद पुलिस ने जैसे तैसे स्थिति को संभाला।
हरिद्वार की रविदास बस्ती में रहने वाला पवन कुमार पेशे से ड्रायवर था। पुलिस के मुताबिक रविवार रात को पवन ने जहर खा लिया था। जहर खाने के बाद उसकी हालत बिगड़ने पर उसकी पत्नी उसे अस्पताल लेकर गई थी लेकिन उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया था कि पीड़ित भारी आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। इसके साथ ही यह भी सामने आया कि वह एक लो प्रोफाइल जिंदगी जी रहा था और उसके ज्यादा दोस्त भी नहीं थे।
सिटी पुलिस स्टेशन के एसएचओ प्रवीण कुमार कोशियारी ने बताया कि 'हम इसकी जांच कर रहे हैं कि मृतक ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया? महिला जो मृतक को अस्पताल ले गई थी उसने खुद को मृतक की पत्नी बताया था लेकिन उसने आत्महत्या की वजह का खुलासा नहीं किया। हमने मृतक का शव ऑटोप्सी के लिए जिला अस्पताल भेजा है।'
इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस भी सकते में हैं। वहीं अब तक मृतक द्वारा आत्महत्या करने की वजह का खुलासा नहीं हो सका है।


आदित्य ने लिया बाल ठाकरे का आशीर्वाद

शिवसेना की राजनीति के इतिहास में पहली बार कोई ठाकरे परिवार का सदस्य चुनाव लड़ रहा है। गुरुवार को अपना नामांकन भरने से पहले आदित्य ठाकरे ने अपने दादा बालासाहेब ठाकरे के आसन से आशीर्वाद लिया।



चुनावी राजनीति में आदित्य ठाकरे का डेब्यूनामांकन से पहले लिया बाल ठाकरे के आसन से आशीर्वादठाकरे परिवार के पहले सदस्य जो चुनाव में उतरे


मुबंई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंका जा रहा है और ये चुनाव शिवसेना के लिए खास होने जा रहा है। शिवसेना की राजनीति के इतिहास में पहली बार कोई ठाकरे परिवार का सदस्य चुनाव लड़ रहा है। गुरुवार को अपना नामांकन भरने से पहले आदित्य ठाकरे ने अपने दादा बालासाहेब ठाकरे का आशीर्वाद लिया।आदित्य ठाकरे ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक तस्वीर साझा की। जिसमें वह बालासाहेब के आसन से आशीर्वाद ले रहे हैं। आसन पर बाल ठाकरे की तस्वीर है और उनका कुछ सामान रखा है। आदित्य ठाकरे इस बार वर्ली विधानसभा सीट से चुनावी डेब्यू कर रहे हैं।चुनावी टेस्ट से पहले आदित्य ठाकर ने हुंकार भी भरी है। बुधवार को नामांकन से पहले उन्होंने कहा, 'मैं चुनाव लड़ रहा हूं...मैंने बड़ा कदम उठाया है। मेरे लिए यह बड़ा क्षण है और ऐतिहासिक है। मेरे खिलाफ किसी को खड़ा होने दीजिए, यह उसका अधिकार है। मैं भयभीत नहीं हूं, क्योंकि मुझे भरोसा है कि आप मुझे हारने नहीं देंगे।


गौरतलब है कि इससे पहले शिवसेना के गठन से लेकर आजतक ठाकरे परिवार का कोई भी सदस्य चुनावी राजनीति में नहीं उतरा है। फिर चाहे वह बाल ठाकरे हो, उद्धव ठाकरे या राज ठाकरे ही क्यों ना हो। शिवसेना जब सत्ता में रही तब भी ठाकरे परिवार के किसी सदस्य ने कोई पद नहीं लिया था।


अब इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि अगर शिवेसना-बीजेपी के गठबंधन की सत्ता में वापसी होती है, तो आदित्य ठाकरे डिप्टी सीएम की कमान संभाल सकते हैं। हालांकि, शिवसेना की ओर से लगातार बयान दिए जा रहे हैं कि आदित्य ठाकरे डिप्टी नहीं बल्कि सीधे सीएम ही बनेंगे।


कब होने हैं चुनाव?


गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288, जबकि हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के चुनाव के लिए 21 अक्टूबर को मतदान होने हैं। चुनाव परिणाम 24 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। दोनों राज्यों में सत्तारूढ़ भाजपा इस बार भी वर्तमान मुख्यमंत्रियों के साथ ही अपनी जीत को दोहराना चाहती है। महाराष्ट्र में बीजेपी अभी तक 139 उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है, जबकि शिवसेना ने 124 का ही ऐलान किया है।


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