मंगलवार, 31 जनवरी 2023

भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य, दोहराया 

भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य, दोहराया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को दोहराते हुए देशवासियों से इसके लिए हर क्षण अपने पूर्ण सामर्थ्य के साथ काम करने की अपील की और कहा कि विकसित भारत ऐसा हो जिसकी जड़ें अतीत के गौरव के साथ जुड़ी हों और साथ ही उसमें आधुनिकता के सभी संभावित आयाम भी समाहित हों। उन्होंने मुश्किल से मुश्किल लक्ष्य को संभव बनाने और भविष्योन्मुखी दृष्टि के साथ कल के काम को आज पूरा करने का आह्वान करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने निर्णय क्षमता का प्रदर्शन किया है, जिससे देश में अनेक सकारात्मक बदलाव आएं हैं।

लोगों का आत्मविश्वास बढा है और दुनिया में भारत को नये नजरिये से देखा जा रहा है।राष्ट्रपति ने मंगलवार को बजट सत्र के पहले दिन संसद के केन्द्रीय कक्ष में दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को पहली बार संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के अमृतकाल का 25 वर्ष का कालखंड विकसित भारत के निर्माण का कालखंड है और प्रत्येक नागरिक को इसके लिए कर्तव्यों की पराकाष्ठा प्रदर्शित करनी होगी।

श्रीमती मुर्मू ने भ्रष्टाचार को लोकतंत्र तथा सामाजिक न्याय का शत्रु बताते हुए कहा कि सरकार इससे निरंतर लड़ रही है और प्रत्यक्ष लाभांतरण जैसे कदमों तथा बेनामी संपत्ति जब्त करने जैसे कानूनों से इस दिशा में प्रगति हुई है। उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाने तथा तीन तलाक पर रोक जैसे निर्णयों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार साहसिक फैसले ले रही है। दूरदराज के इलाकों के विकास, आदिवासी और पिछड़ी आबादी के कल्याण के कार्यक्रमों से लोगों की आकांक्षाएं बढी हैं।

सरकार के सख्त रूख और विकास की नीतियों से वामपंथी उग्रवाद का भौगोलिक दायरा भी सिमट गया है। उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद को लेकर कड़ा रूख अपनाया है और आज दुनिया भी इसे समझ रही है। भारत की आवाज को विश्व मंच पर गंभीरता से सुना जा रहा है। राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार की जरूरत बताते हुए कहा कि चुनौतीपूर्ण विश्व में कई कारणों से इनकी प्रासंगिकता पर सवाल उठ रहे हैं।

उन्होंने सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये विभिन्न कदमों की सफलता का जिक्र किया और कहा कि मेड इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों की सफलता का लाभ देश को मिल रहा है। देश की विनिर्माण क्षमता बढ रही है और विनिर्माण क्षेत्र की विदेशी कंपनी भारत आ रही हैं। उन्होंने कहा , “ आज हम भारत में ही सेमिकंडक्टर चिप से लेकर हवाई जहाज के निर्माण के लिए प्रयास शुरू कर चुके हैं। 

श्रीमती मुर्मू ने कहा कि सरकार की नीतियों तथा योजनाओं से रक्षा निर्यात छह गुना बढा है। सेना में स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का शामिल होना गर्व की बात है। देश मोबाइल का बड़ा निर्यातक बन गया है। खिलौनों के आयात में 70 प्रतिशत की कमी और निर्यात में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत वैश्विक नवाचार सूचकांक में 2015 के 81वें स्थान से 40वें स्थान पर आ गया है। देश में 90 हजार स्टार्टअप पंजीकृत हो चुके हैं।

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