मंगलवार, 4 अक्तूबर 2022

विजयदशमी: असत्य पर सत्य की विजय का पर्व 

विजयदशमी: असत्य पर सत्य की विजय का पर्व 

इस बार 'विजयदशमी' का महोत्सव (5 अक्टूबर) आज दिन बुधवार को मनाया जाएगा। 'विजयदशमी' का पर्व असत्य पर सत्य की विजय का महोत्सव है।

जय जय राम, जय जय भारत,

जय-जय पुरापाषाण, आर्यवासी।

       तेरे दरस का मन अभिलाषी...

सत्य-सनातन सभ्यता, कथा कहे अनंता,

राक्षस सुन सुमिरन, अहम और अक्रांता।

भीर-भीमकाय अंधकार में चमक रहा उजियारा,

चंद्र भी फीके पड़े चारो ओर प्रकाश फैला न्यारा।

                         तेरे दरस का मन अभिलाषी...

दूर देश में राम सबका, पर अधिकार हमारा,

व्योम से पुष्पवर्षा करते देव, शिव अति प्यारा।

जन जन के मन का वासी, वो बोले इकतारा,

ढोल-मृदंग की थाप, स्वर सुन रहा जग सारा।

                    तेरे दरस का मन अभिलाषी...

सरस्वती 'निर्भयपुत्री'


आज ही के दिन प्रभु श्री राम के द्वारा, कर कमलों के द्वारा ज्ञानी-विद्वान पंडित अहंकारी और दुराचारी विश्रवा पुत्र रावण की सत्ता एवं अत्याचार का अंत कर माता-सीता को मुक्त कराकर अपने संग लेकर आए थे। इसी उपलक्ष में प्रतिवर्ष अश्विन माह में शुक्ल-पक्ष की दशमी तिथि को रावण पर विजय प्राप्त करने के कारण 'विजयदशमी' का पर्व संपूर्ण पृथ्वी पर धूमधाम के साथ मनाया जाता है। 'विजयदशमी' को उत्तर भारत में दशहरा के रूप में मनाया जाता है। दशहरा दस प्रकार के पापों के परित्याग की प्रेरणा देता है। ज्योतिषविद पंडित ललित शर्मा के अनुसार, बुधवार को 'विजयदशमी' पूजन का शुभ मुहूर्त प्रात: 7.44 से प्रात: 9.13 तक और इसके बाद प्रात: 10.41 से दोपहर 2.09 बजे तक रहेगा। सिविल लाइन्स स्थित धार्मिक संस्थान विष्णुलोक के ज्योतिषविद पंडित ललित शर्मा के अनुसार दशहरा (विजयदशमी) आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरांत महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। इस पर्व को असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इस साल 5 अक्तूबर बुधवार को दशहरा का पावन पर्व मनाया जाएगा। दशहरा वर्ष की तीन अत्यंत शुभ तिथियों में से एक है। अन्य दो चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा एवं कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा तिथि हैं। दशहरा एक अबूझ मुहूर्त है, यानी इसमें बिना मुहूर्त देखे शुभ कार्य किये जा सकते हैं। दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी के परित्याग की सदप्रेरणा प्रदान करता है।

इस मंत्र का करें जाप...

ज्योतिषविद पंडित ललित शर्मा के अनुसार 'विजयादशमी' के दिन भगवान श्रीराम का विधिवत पूजन करना चाहिए। ‘ओम दशरथाय विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात मंत्र का जाप करने से कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...