शुक्रवार, 22 जुलाई 2022

संस्कृति: लोकरंग बहार के समापन पर नाटक का मंचन

संस्कृति: लोकरंग बहार के समापन पर नाटक का मंचन 

 "लोकरंग बहार" आयोजन का समापन
"एक अजीब दास्तां" नाटक में दिखा सामाजिक विसंगतियों का द्वंद

(इस अवसर पर नगर की 10 विभूतियों को सम्मानित किया गया)
बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। कला व संस्कृति में सक्रिय संस्था "आस्था समिति" द्वारा दो दिनी आयोजन "लोकरंग बहार" के समापन पर शुक्रवार को उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के प्रेक्षागृह में नाटक 'एक अजीब दास्तां' का मंचन किया गया। कविता यादव की परिकल्पना एवं निर्देशन में प्रस्तुत नाटक के माध्यम से समाज में फैली विसंगतियों और कुरीतियों के कारण आम जनों के मन के अंतर्द्वंदो को बहुत मार्मिक रूप में प्रस्तुत किया गया। चर्चित हास्य व्यंगकार अख्तर अली द्वारा लिखित नाटक "एक अजीब दास्तां" के कथासार के अनुसार बदलती सामाजिक परिस्थितियों, हर तरफ व्याप्त विसंगतियों एवं विकृतियों के चक्रव्यूह में फंसकर सामान्य व्यक्ति बड़ी ही उहापोह की जिंदगी जीने को मजबूर हो रहा है। उसके मन में अनगिनत सवाल उठ रहे हैं, उन सवालों के जवाब वह मांगे भी तो किससे ? इन्हीं मुद्दों को आधार बनाकर नाटक में एक अदालत का सीन क्रिएट किया गया। कहानी एक जज, वकील और व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है। कटघरे में वह व्यक्ति आरोपी है और उसका दावा है कि उसने ईश्वर की हत्या कर दी। क्या कोई व्यक्ति ईश्वर की भी हत्या कर सकता है ? यही एक सबसे बड़ा सवाल उठता है नाटक "एक अजीब दास्तां" अज्ञान का विध्वंस और धर्म की स्थापना के मकसद को लेकर मंच पर आता है, इसमें कुछ सुलगते सवाल है, लेकिन उनका संतोषजनक जवाब भी दिया गया है।
जज की भूमिका में यश अनुज मिश्रा, वकील की भूमिका में शुभेंदु कुमार आरोपी की भूमिका में श्वेतांक मिश्रा और लड़के की भूमिका में रवि शाह ने सराहनीय अभिनय किया, प्रकाश परिकल्पना व संचालन अभिषेक गिरी, वस्त्र विन्यास कविता यादव, मंच परिकल्पना व निर्माण निखिलेश मौर्य, लोक चित्रकला कुंवर अमरेंदु सिंह, चित्रकला सहायक अनिल कुमार, रोहित कुमार, संगीत परिकल्पना प्रशांत वर्मा, मंच व्यवस्था रवि शाह रोहितराज यादव अंकित आरिश जमील की थी। पोस्टर कार्ड डिजाइन शाहबाज अहमद तथा फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी अमित विश्वकर्मा ने की। आयोजन संयोजक युवा रंगकर्मी पंकज गौड़ तथा आयोजन मार्गदर्शक जमील अहमद थे, लेखक अख्तर अली एवं परिकल्पना तथा निर्देशन कविता यादव का था।
इस अवसर पर विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली नगर की 10 विभूतियों को "विशिष्ट सेवा सम्मान" से सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाली विभूतियों में अनिल कुमार गुप्ता "अन्नू भैया", धनंजय चोपड़ा, डॉक्टर बी.बी. अग्रवाल, पंकज जायसवाल, गुलाम सरवर ,बांके बिहारी पांडे, कौशल कुमार गुप्ता ,नाजिम अंसारी ,विनय कुमार श्रीवास्तव एवं संजय चौधरी का नाम शामिल है। दो दिवसीय आयोजन "लोकरंग बहार" के समापन समारोह में सम्मानित अतिथि के रूप में अतुल द्विवेदी (निदेशक, लोक कला एवं जनजातीय कला संस्कृति संस्थान उत्तर प्रदेश ), ने कहा कि लोककला हमारे देश की मूल संस्कृति को दर्शाती है, यह उमंग और उल्लास भरी कला है और सबसे बड़ी बात यह है कि यह कला सीधे तौर पर हमारे ग्रामीण परिवेश तथा परंपराओं को दर्शाती है , हम सब का कर्तव्य है कि इस कला को विलुप्त होने से बचाएं। संजय गुप्ता (पूर्व विधायक, चायल कौशांबी), ने कहा कि नाटक में वर्तमान परिस्थितियों को बहुत सुंदर और कुशलता के साथ प्रस्तुत किया गया है। सभी पात्रों का जीवंत अभिनेश सराहनीय रहा इस टीम के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं। अन्य अतिथियों में अजामिल ब्यास, अतुल यदुवंशी, कल्पना सहाय, शैलेश श्रीवास्तव ,प्रमोद कुमार बंसल एवं अजय केसरवानी ने नाटक के सभी पात्रों की भरपूर सराहना की।
अंत में संस्था के महासचिव गायक मनोज गुप्ता ने "आस्था समिति" के कार्यों का ब्यौरा प्रस्तुत किया तथा धन्यवाद ज्ञापित किया। आयोजन का कुशल मंच संचालन राष्ट्रीय कवि एवं जाने-माने मंच संचालक डॉ श्लेष गौतम ने बड़ी ही कुशलता एवं सधे अंदाज में किया।

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