मंगलवार, 3 मई 2022

14 जिलों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाएं जाएंगे

14 जिलों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाएं जाएंगे

संदीप मिश्र/सत्येंद्र पंवार  
लखनऊ/मेरठ। यूपी प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना के तहत पविविनिलि (पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड) के अंतर्गत 14 जिलों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। सहारनपुर के एक हजार उपभोक्ताओं के यहां लगे स्मार्ट मीटर को प्रीपेड मीटर के माड्यूल में परिवर्तित कर ट्रायल शुरू कर दिया गया है। ट्रायल एक से डेढ़ माह में पूरा होगा। प्रीपेड स्मार्ट मीटर से जहां एक ओर विभाग को लाभ मिलेगा, वहीं दूसरी उपभोक्‍ताओं को भी इसका फायदा मिलेगा।
सबसे ज्यादा स्मार्ट मीटर मेरठ में
पविविनिलि के प्रबंध निदेशक अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि करीब दो से तीन माह के भीतर पश्चिमांचल डिस्काम के सभी जिलों में प्रीपेड मीटर लगाने का काम शुरू हो जाएगा। सबसे पहले पूर्व से उपभोक्ताओं के यहां लगे स्मार्ट मीटर को प्रीपेड स्मार्ट मीटर के माडयूल में परिवर्तित किया जाएगा। पश्चिमांचल में 1.95 लाख स्मार्ट मीटर लगे हैं, जिसमे सबसे ज्यादा मेरठ में 1.20 लाख स्मार्ट मीटर लगे हैं। जिनको प्रीपेड स्मार्ट मीटर में तब्दील किया जाएगा। इन्हें हटाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके बाद स्मार्ट मीटरों के अलावा इलेक्ट्रानिक मीटरों को हटाकर उनके स्थान पर अत्याधुनिक प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
पहले करना होगा रिचार्ज, फिर प्रयोग कर सकेंगे बिजली
इस नई व्यवस्था से बिजली उपयोग के बाद कई कई महीने तक बिजली बिल न चुकाने की परंपरा खत्म होगी। क्योंकि उपभोक्ता को बिजली का उपयोग करने के लिए मोबाइल की तरह पहले प्रीपेड मीटर को रिचार्ज करना पड़ेगा। प्रीपेड मीटर की रिचार्ज राशि 50 रुपये से शुरू होगी। उपभोक्ता अपनी सहूलियत के हिसाब से 500, हजार रुपये या इससे अधिक का रिचार्ज भी कर सकेंगे। घर बैठे मोबाइल के जरिये विभाग की वेबसाइट पर जाकर आनलाइन रिचार्ज किया जा सकेगा। मीटर का रिचार्ज खत्म होते ही बिजली आपूर्ति बंद हो जाएगी। दोबारा रिचार्ज करते ही अपने आप बिजली आपूर्ति चालू हो जाएगी। रिचार्ज खत्म होने से पहले उपभोक्ता को प्रीपेड मीटर से तेज ध्वनि में संकेत मिल जाएगा।बिजली अधिकारियों की माने तो उपभोक्ता को प्रीपेड मीटर लगने से फायदा होगा। इसमें लगी डिवाइस के जरिये उपभोक्ता प्रतिदिन की ऊर्जा खपत देख पाएगा। प्रतिदिन कितने रुपये की बिजली उपयोग की, यह भी जान सकेगा। प्रीपेड मीटर खराब भी बहुत कम होते हैं। कागजी बिल से छुटकारा मिल जाएगा। इससे बढ़े या गलत बिल की शिकायत भी खत्म होगी।
विभाग को होंगे ये फायदे कागजी बिजली की व्यवस्था खत्म होगी।
बिजली के वितरण और ट्रांसमिशन का नुकसान कम होगा।
बिजली बिल के बकाया भुगतान से छुटकारा मिल जाएगा। जिससे बकाया वसूली पर लगने वाला अमला बिजली आपूर्ति की व्यवस्था में लगेगा।
समय से बिजली भुगतान होने से बिजली आपूर्ति की व्यवस्था और ढांचा मजबूत होगा।

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