रविवार, 13 फ़रवरी 2022

अंतरिक्ष भौतिकी के सहयोग से तैयार 'पीएसएलवी'

अंतरिक्ष भौतिकी के सहयोग से तैयार 'पीएसएलवी'    

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के 2022 के पहले प्रक्षेपण अभियान के तहत पीएसएलवी-सी 52 के जरिए धरती पर नजर रखने वाले उपग्रह ईओएस-04 को कक्षा में भेजने के लिए 25 घंटे की उलटी गिनती रविवार सुबह शुरू हो गई। अंतरिक्ष एजेंसी ने यह जानकारी दी। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) अपने साथ दो छोटे उपग्रहों को भी ले जाएगा। इसका प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से सोमवार को सुबह 05:59 बजे निर्धारित है। इसरो ने एक ट्वीट में कहा कि ‘पीएसएलवी-सी52/ईओएस-04 मिशन: प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे 30 मिनट की उलटी गिनती की प्रक्रिया आज सुबह 04:29 बजे शुरू हो गई है।

ईओएस-04 एक ‘रडार इमेजिंग सैटेलाइट’ है। जिसे कृषि, वानिकी और वृक्षारोपण, मिट्टी की नमी और जल विज्ञान तथा बाढ़ मानचित्रण जैसे अनुप्रयोगों एवं सभी मौसम स्थितियों में उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। पीएसएलवी अपने साथ में दो छोटे उपग्रहों को भी ले जाएगा, जिनमें कोलोराडो विश्वविद्यालय, बोल्डर की वायुमंडलीय और अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला के सहयोग से तैयार किया गया। भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी) का उपग्रह इन्सपायरसैट-1 भी शामिल है।

इसमें एनटीयू, सिंगापुर और एनसीयू, ताइवान का भी योगदान रहा है। इस उपग्रह का उद्देश्य आयनमंडल के गति विज्ञान और सूर्य की कोरोनल ऊष्मीय प्रक्रियाओं की समझ में सुधार करना है। वहीं, दूसरा उपग्रह इसरो का एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक उपग्रह (आईएनएस-2टीडी) है।

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