सोमवार, 13 दिसंबर 2021

ओमिक्रोन के खिलाफ असरदार साबित हुईं फाइजर

ओमिक्रोन के खिलाफ असरदार साबित हुईं फाइजर
अखिलेश पांडेय     
बीजिंग। फाइजर/बायोएनटेक की वैक्सीन कोरोना वायरस के अन्य रूपों की तुलना में ओमिक्रोन स्ट्रेन के खिलाफ 30 गुना कम प्रभावशाली हो सकती है। विश्वविद्यालय तथा चाइनीज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की ओर से रविवा्र को जारी रिपोर्ट में कहा गया, "ओमिक्रोन वैरिएंट बायोएनटेक द्वारा विकसित रोग प्रतिरोधक क्षकमता को कम से कम 32 गुना कम करता है।
वैज्ञानिकों ने कहा कि दस लोगों के रक्त के नमूनों का उपयोग करके किए गए नए शोध के अनुसार, फाइजर वैक्सीन के दो खुराक ओमिक्रोन के खिलाफ बहुत कम असरदार साबित हुई। बूस्टर डोज हालांकि कोरोना के इस रूप के खिलाफ काफी सुरक्षा प्रदान करती है। शोधकर्ता अब ओमिक्रोन के खिलाफ कोरोनावैक वैक्सीन की प्रभावशीलता का परीक्षण कर रहे हैं।

अमेरिका: तूफान से 80 से अधिक लोगों की मौंत
सुनील श्रीवास्तव      
वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के केंटकी प्राप्त में तूफान के कारण अब तक 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन वास्तिवक आंकड़ा इससे अधिक हो सकता है।
यह कहना है केंटकी प्रांत के गवर्नर एंडी बेशियर का। उन्होंने रविवार को सीएनएन न्यूज चैनल से कहा, "मैं जानता हूं कि हमने 80 से ज्यादा अपने नागरिकों को खो दिया है। यह संख्या 100 से अधिक हो सकती है। यह अब तक का सबसे विनाशकारी तूफान है।" उन्होंने बताया कि तूफान का दायरा कम से कम 227 मील (365 किलोमीटर) की रफ्तार से हवा चल रही। इसमें 200 मील का दायरा केंटकी में था। ऐसे पूरे शहर नष्ट हो गए हैं।
उन्होंने कहा, "मेरे पिताजी का गृहनगर, जिसका आधा हिस्सा अब खड़ा नहीं है। इसका वर्णन करना कठिन है। मुझे पता है कि लोग दृश्य देख सकते हैं। इससे उबरने में समय लगेगा। मेरा मतलब है कि आप लोगों की जांच करने के लिए घर-घर जाते हैं और देखते हैं कि वे ठीक हैं या नहीं? कोई दरवाजा नहीं हैं। सवाल यह है कि क्या हजारों-हजारों संरचनाओं के मलबे में है। मेरा मतलब है, यह विनाशकारी है।"

जमात की गतिविधियों पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई
अखिलेश पांडेय       
रियाद। सऊदी अरब सरकार की ओर से अपने देश के भीतर तबलीगी जमात पर लगाई गई पाबंदी की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम के मोहतमिम ने सऊदी सरकार को अपने फैसले पर फिर से विचार करने तथा इस तरह के फैसले लेने से परहेज करने की नसीहत दी है।
सऊदी अरब सरकार की ओर से अपने देश में तबलीगी जमात पर विभिन्न गंभीर आरोप लगाते हुए अपने देश में जमात की गतिविधियों पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। सोमवार को दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासमी ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा है कि दारुल उलूम के वरिष्ठ उस्ताद रह चुके हजरत मौलाना महमूद हसन के शागिर्द स्वर्गीय मौलाना मोहम्मद इलियास ने तबलीगी जमात की शुरुआत की थी, जो दीनी व धार्मिक तौर से काफी फायदेमंद रही है और मामूली स्तर पर हुए विरोध के बावजूद तबलीगी जमात अपने मिशन में सफलता के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा है कि लगभग पूरी दुनिया में तबलीगी जमात काम करते हुए अपना विस्तार कर रही है। ऐसे में तबलीगी जमात के ऊपर शिरक बिदअत आतंकवाद के इल्जाम पूरी तरह से बेईमानी और निराधार हैं। उधर प्रख्यात लेखक मौलाना नदीम अल वाजिदी ने सऊदी अरब सरकार के फैसले पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा है कि इस तरह के गैर जिम्मेदाराना रवैया की सऊदी सरकार से उम्मीद नहीं थी। सऊदी सरकार को अगर तबलीगी जमात को लेकर कोई कदम उठाना ही था तो उसे भारत समेत अन्य देशों के विद्वानों के सामने इस पर विचार करना चाहिए था।

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