सोमवार, 11 अक्तूबर 2021

पटना की सड़कों पर ताकत दिखाने की कोशिश की

अविनाश श्रीवास्तव          

पटना। लालू परिवार और राजद में किनारे कर दिए गए तेजप्रताप यादव ने जनशक्ति यात्रा के बहाने आज पटना की सड़कों पर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की।उन्होंने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर अपने नवगठित छात्र जनशक्ति परिषद के कार्यकर्ताओं के साथ मार्च निकाला। इसके पहले उन्‍होंने कहा कि जो छात्र शक्ति से टकराएगा। उसका नाश हो जाएगा। उन्होंने सबसे पहले पटना के गांधी मैदान पहुंचकर लोकनायक जयप्रकाश नारायण की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। इसके बाद तेजप्रताप नंगे पांव ही जेपी आवास चरखा समिति समिति पहुंचकर जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

इसके बाद उन्होंने जेपी के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लेते हुए कहा कि जिस तरह हमारे पिता ने छात्र आन्दोलन में जेपी का साथ दिया था। हम भी उनके साथ ही खडे़ हैं। बिहार में हम शिक्षा, रोजगार के मुद्दे पर छात्रों को एकजुट कर काम करेंगे। इस दौरान तेजप्रताप यादव अकेले नहीं रहे बल्कि इस दौरान उनके पार्टी के कई लोग उनके साथ मौजूद थे। वहीं, पार्टी से नाराज चल रहे तेजप्रताप इस बार इतने गुस्‍से में हैं कि झगड़ा सुलझाने में शायद अपनी मां राबड़ी देवी का भी हस्‍तक्षेप नहीं चाहते हैं। कल दिल्ली से पटना लौटीं राबड़ी देवी उनके आवास पर पहुंची थीं। लेकिन तेजप्रताप ने उनसे मुलाकात नहीं की। यात्रा पर निकलने के दौरान तेजप्रताप अपनी मां राबड़ी देवी के आवास के ठीक सामने से गुजरे, लेकिन मां से नहीं मिले।

हालांकि, यात्रा शुरू करने से पहले तेजप्रताप अपनी मां राबड़ी देवी से मिलने उनके घर जाने वाले थे। वे अपने आवास से निकलकर राबड़ी देवी के सरकारी आवास के तरफ गए भी। लेकिन मां से मिले बगैर ही वह अपनी जनशक्ति यात्रा पर निकल गए। तेजप्रताप की इस यात्रा को कुछ दिन पहले उनके भाई तेजस्वी यादव से हुए मनमुटाव और राजद में उनकी नजरंदाजगी से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

इसके पहले मीडिया से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में तेजप्रताप ने कहा कि जिनको हमारी काबलियत से जलन होती है वे ही सवाल उठाते हैं। मां दुर्गा उनको सद्बुद्धि दे। पार्टी के बारे में पूछे जाने पर कहा कि छात्र और जनता ही मेरी पार्टी है। उन्होंने कहा कि देश एक बार फिर से बुरे दौर से गुजर रहा है। चारो तरफ अराजकता फैली हुई है, छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है।

मैं अपनी इस यात्रा के माध्यम से सरकार को जगाने का प्रयास कर रहा हूं। तेजप्रताप ने कहा कि जेपी जयंती से अच्छा मौका नहीं मिलता इसलिए भ्रष्टाचार, अशिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं में गिरावट के खिलाफ मैंने क्रांति का आगाज करने का निर्णय लिया है। इसका नाम एलपी मूवमेंट रखा गया। तेजप्रताप ने लालू प्रसाद यादव के आने के सवाल पर कहा कि पिताजी पटना आएंगे तो साथ में ही रहेंगे और जो चाटुकार हैं। वो खुद साइड हो जाएंगे। राबड़ी देवी से मुलाकात के सवाल पर उन्होंने कहा कि जल्द ही वे अपनी मां से मुलाकात करेंगे, उनसे आशीर्वाद लेने जाएंगे।

तेजप्रताप ने पदयात्रा में शामिल होने का न्‍योता तेजस्‍वी यादव को भी दिया था। उन्‍होंने कहा वो अपने अर्जुन (तेजस्वी यादव) को भी बुला रहे हैं। वे आएं, उनका इंतजार होगा। लेकिन तेजस्वी यादव ने इसमें भाग लेना उचित नही समझा। यहां बता दें कि राजद की बैठकों और कार्यक्रमों में अब तेजप्रताप को बुलाया तक नहीं जा रहा हैं। कुछ दिनों से राजद के प्रदेश कार्यालय में भी जाना उन्‍होंने छोड़ दिया है।

राजद के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष शिवानंद तिवारी ने कह दिया था कि तेज प्रताप ने खुद ही अपना रास्‍ता पार्टी से अलग चुन लिया है। उन्‍हें पार्टी का चुनाव चिह्न इस्‍तेमाल करने से मना किया गया है और यह बात उन्‍होंने खुद ही स्‍वीकार की है। इससे पहले राजद के प्रदेश अध्‍यक्ष जगदानंद सिंह ने 'तेज प्रताप कौन है' कहकर खलबली मचा दी थी।

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