मंगलवार, 14 सितंबर 2021

चुनाव में उतरने की तैयारी, जुटी वीआईपी पार्टी

हरिओम उपाध्याय         
वाराणसी। लंका सोमवार को वीआईपी पार्टी के वाराणसी अध्यक्ष सुचित कुमार साहनी की अध्यक्षता में लंका सामने घाट स्थित शिव वाटिका लॉन में प्रदेश अध्यक्ष चौधरी लौटनराम निषाद ने वीआईपी मिशन 2022 अपने दमखम पर मजबूती से चुनावी समर में उतरने की तैयारी में जुटी है। अनुसूचित जाति के आरक्षण व निषाद मछुआरों के परम्परागत अधिकारों की बहाली के साथ-साथ सेन्सस 2021 में जातिगत आधार पर जनगणना कराने व सभी स्तरों पर समानुपातिक आरक्षण कोटा की मांग के लिए वीआईपी आगे बढ़ेगी। कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने वायदे के अनुसार 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण एवं निषाद मछुआरों का परम्परागत अधिकार नहीं दिया तो 2022 में भाजपा को हराया जायेगा। अब वादा नहीं,अनुसूचित जाति आरक्षण का राजपत्र व शासनादेश चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष लौटन राम निषाद ने कहा कि 5 अक्टूबर, 2012 को भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने फिशरमेन विजन डाक्यूमेन्ट्स जारी करते हुए वायदा किया था कि 2014 में भाजपा की सरकार बनने पर आरक्षण की विसंगती को दूर कर निषाद मछुआरा जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण दिया व नीली क्रान्ति के माध्यम से आर्थिक विकास किया जायेगा। परन्तु भाजपा ने अभी तक अपना वायदा पूरा नहीं किया। 
   प्रेस  प्रतिनिधियों से बात करते हुए निषाद ने बताया कि मझवार, तुरैहा,गोड़,बेलदार आदि राष्ट्रपति की प्रथम अधिसूचना जो 10 अगस्त,1950 को जारी की गयी, उसमें अनुसूचित जाति में शामिल किया गया। उन्होंने इन जातियों को परिभाषित कर मल्लाह, केवट,मांझी,बियार,धीमर,धीवर, तुरहा,गोडिय़ा,रायकवार,कहार, बाथम आदि को अनुसूचित जाति का आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि भाजपा ने वायदा खिलाफी किया तो विधान सभा चुनाव 2022 में निषाद समाज भाजपा को हराने का काम करेगा। जब से उ.प्र. में भाजपा की सरकार बनी है, निषाद समाज के परम्परागत पुश्तैनी पेशों को माफियाओं के हाथों नीलाम किया जा रहा है। मत्स्य पालन व बालू खनन के पेशों पर माफियाओं का एकछत्र राज कायम है। उ.प्र., बिहार,मध्य प्रदेश, झारखण्ड की सरकारों ने मल्लाह,केवट,बिन्द, धीवर,धीमर,कहार,गोडिय़ा, तुरहा,बाथम,रायकवार,राजभर, कुम्हार जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा है। परन्तु केन्द्र सरकार ने गम्भीरता से नहीं लिया। आरक्षण नहीं तो मिशन 2022 में वीआईपी का भाजपा से गठबंधन नहीं। उन्होंने सेन्सस 2021 में जातिवार जनगणना व अनुच्छेद-15(4),16(4) के तहत ओ.बी.सी. को कार्यपालिका, विधायिका,न्यायपालिका, पदोन्नति व निजी क्षेत्र के उपक्रमों में समानुपातिक आरक्षण कोटा की मांग की। कहा कि जब पेड़ों, जानवरों व हिजड़ों की जनगणना करायी जाती है तो पिछड़ों और अगड़ों की क्यों नहीं।

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