शनिवार, 18 सितंबर 2021

नए सीएम भूपेन्द्र के मंत्रिमंडल गठन में साबित हुआ

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। भाजपा कहती है कि यह अनुशासनात्मक पार्टी है तो गुजरात में नये मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के मंत्रिमंडल गठन में साबित भी हो गया। विजय रूपाणी को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाने के बाद ही विरोध के स्वर उभरने शुरू हो गये थे। मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार थे लेकिन सबसे ज्यादा संभावना डिप्टी सीएम नितिन पटेल की जतायी जा रही थी।
भाजपा जातीय समीकरण दुरुस्त करना चाहती है, यह आभास तो हो गया था लेकिन पाटीदार समुदाय से कौन सीएम की कुर्सी पर बैठेगा, यह तय नहीं था। भूपेन्द्र पटेल के नाम को जब हाई कमान से मंजूरी मिली तो लोग आश्चर्य में थे और फिर मंत्रिमंडल को लेकर सुगबुगाहट शुरू हुई। कयास लगाये जाने लगे कि किसको-किसको मंत्री बनाया जाएगा। नेताओं के समर्थक नाम भी उछाल रहे थे लेकिन भाजपा नेतृत्व ने किसी के असंतोष और दबाव को नहीं देखा। इतना जरूर हुआ कि पहले 15 सितम्बर को भूपेन्द्र पटेल के मंत्रियों को शपथ दिलायी जानी थी लेकिन एक दिन के लिए यह कार्यक्रम टाल दिया गया। अगले ही दिन अर्थात् 16 सितम्बर को नो रिपीट थ्योरी के आधार पर मंत्री बनाये गये हैं। भाजपा ने असंतुष्टों को कड़े शब्दों में समझा दिया कि यहां अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 
गुजरात में भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल विस्तार के क्रम में मंत्रियों का शपथग्रहण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। राज्यपाल देवव्रत आचार्य ने मंत्रियों को शपथ दिलायी। इससे पहले 5 कैबिनेट मंत्रियों ने एक साथ शपथ ली। शपथ लेने वाले मंत्रियों में राजेंद्र त्रिवेदी, जीतू वघानी, ऋषिकेश पटेल, पूर्णेश मोदी, राघवजी पटेल ने मंत्री के तौर पर शपथ ली। वहीं, कनुभाई देसाई, किरीट सिंह राणा, नरेश पटेल, प्रदीप परमार, अर्जुन सिंह चौहान ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले बीजेपी की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा था कि नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण लगभग फाइनल है।’ लिंबड़ी विधायक किरितसिंह राणा के समर्थक सुरेंद्रनगर से राजभवन पहुंच चुके थे। उन्हें खबर मिली थी कि उनके विधायक नए मंत्रियों में शामिल होंगे। हालांकि, तब तक आयोजन स्थल से कार्यक्रम के पोस्टर हटा लिए गए थे। कुछ ही मिनटों बाद मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से ट्वीट किया गया कि नए कैबिनेट का शपथ ग्रहण अगले दिन होगा। विजय रुपाणी सरकार में मंत्री रहे एक विधायक ने कहा कि कुछ मंत्रियों को जब यह पता चला कि वे नए मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हैं, तो उन्होंने विरोध किया। पूर्व मंत्री ने कहा, ‘सभी वरिष्ठ मंत्रियों को हटाया जाना था। नए काउंसिल में एक को भी दोबारा नहीं लिया जाना था। इसके चलते हमें अपनी आवाज उठानी पड़ी।’ सूत्रों के हवाले से बताया गया कि पाटिल मंत्रिमंडल में सख्त मानदंड तय किए हैं। इसमें यह भी शामिल है कि जो उम्मीदवार तीन कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया जाएगा। ‘मौजूदा विधायकों और मंत्रियों को डर था कि इससे उनका राजनीतिक करियर खत्म हो जाएगा।’

मंत्रियों को एक-एक कर बुलाया गया और अलग-अलग बैठक की गयी। बताया गया कि उन्हें मंत्रिमंडल में फॉर्मूला का हिस्सा होने के चलते जगह नहीं दी जाएगी।’ सूत्र ने कहा कि यही वास्तविकता है। हाईकमान सख्त था। राज्य मंत्रियों को तलब किया गया और उन्हें भी यही चीज कही गई। गांधीनगर से एक शीर्ष नेता ने कहा कि तारीख में बदलाव इसलिए हुआ था, क्योंकि ‘महूर्त सही नही था।’ जब उनसे नाराज नेताओं को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, ‘अगर वे हैं भी, तो क्या इसे सहन किया जाएगा?’ पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि किसी की भी तरफ से कोई विशेष विरोध है।
सीएम पटेल के कैबिनेट में 7 पटेल, 2 क्षत्रिय, 6 ओबीसी, 2 अनुसूचित जाति, 3 एसटी, 1 जैन, 2 ब्राह्मण और दो महिलाओं को जगह मिली है। हर्ष संघवी (मजूरा), जूती वाघआनी (भावनगर), नरेश पटेल (गणदेवी), प्रदीप परमार (असारवा), गजेंद्र परमार (प्रांतिज), निमिषा सुथार (मोरवा हड़फ), देवा मालम कोड़ी (केशोद), राघवजी पटेल (जामनगर ग्राम्य), अरविंद रैयानी, आर सी मकवाना (महुवा) समुदाय से हैं।
विजय रूपाणी कैबिनेट के सभी मंत्रियों को हटाया गया है। इधर, शपथ ग्रहण समारोह से पहले गुजरात विधानसभा के स्पीकर राजेंद्र त्रिवेदी ने भी इस्तीफा दे दिया है।
भूपेंद्र पटेल की नई टीम के बारे में जिन्हें शपथ दिलाई गई है, इन सभी मंत्रियों को अभी से 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए जुटना होगा। नरेश पटेल, गांडेवी 51 वर्षीय, कक्षा 10 पास-आउट हैं। उन्होंने साल 2017 में गुजरात के गंडवी से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उसके खिलाफ किसी भी आपराधिक मामले का कोई रिकॉर्ड नहीं है। कनुभाई देसाई, पारदी से विधायक हैं। 61 वर्षीय देसाई के पास बी.कॉम की डिग्री है। उसके खिलाफ किसी भी आपराधिक मामले का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
हृषिकेश पटेल, विसनगर के विधायक हैं। 56 वर्षीय हृषिकेश पटेल के पास सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा है। व्यवसाय और खेती को उनके व्यवसायों के रूप में जाना जाता है। जेवी काकड़िया, धारी के विधायक हैं स्नातक, धारी 56 साल के हैं और उनके खिलाफ भी कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। जीतू चौधरी, कपराडा से विधायक 48 वर्षीय किसान के रूप में इनकी पहचान है। जीतू चैधरी के खिलाफ धमकी देने से संबंधित आरोप हैं। जगदीश पांचाल, निकोल के विधायक हैं। 66 वर्षीय पांचाल एक व्यवसाय के मालिक हैं और उनके पास 14 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
इसी प्रकार अरविन्द रैयानी, राजकोट के विधायक ने नौवीं कक्षा तक की शिक्षा पूरी की है और उन पर स्वेच्छा से शांति भंग करने का आरोप हैं। हर्ष सांघवी, माजुरा से विधायक हैं। 34 वर्षीय संघवी के तीन आपराधिक रिकॉर्ड हैं और 6,72,052 रुपये की वित्तीय देनदारी है। जामनगर से 58 वर्षीय विधायक राघवजी पटेल के पास दो घोषित मामले और 4 करोड़ रुपये की संपत्ति है। मुकेश पटेल, ओलपाड से विधायक हैं। 42 वर्षीय किसान और ठेकेदार के रूप में जाने जाते हैं। उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है। निमिषा सुथार, मोरवा हदफ के विधायक हैं। सुथार 29 साल की हैं और उनके पास इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग और कंप्यूटर कम प्रोग्राम असिस्टेंट में डिप्लोमा है। दुष्यंत पटेल, भरूच से विधायक हैं। 47 वर्षीय दुष्यंत के पास 3 करोड़ रुपये की संपत्ति है और कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। गजेंद्र परमार, प्रांतिज से विधायक हैं। 39 वर्षीय परमार के पास बीए (हिंदी) की डिग्री है और उन पर कोई आपराधिक मामला नहीं है। बृजेश मेरजा, मोरबीरू आयु 62, मेरजा सौराष्ट्र विश्वविद्यालय से बी.कॉम हैं। प्रदीप परमार, असरवा से विधायक हैं। 10वीं कक्षा पास, परमार के पास 23 लाख रुपये की संपत्ति है और कोई देनदारी नहीं है। देवा मालम, केशोद से विधायक हैं। देवा मालम के पास 5 करोड़ रुपये की संपत्ति है और आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। किरीटसिंह राणा, लिम्बडी का प्रतिनिधित्व करते हैं। राणा एक करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ कक्षा 10 पास हैं और कोई देनदारी नहीं है। अर्जुन सिंह चौहान, महेमदावद से विधायक हैं और 41 साल की उम्र में चैहान के पास 12 लाख रुपये की संपत्ति है और कोई आपराधिक मामला नहीं है। कुबेर डिंडोर, संतरामपुर से विधायक हैं। डिंडोर सरदार पटेल विश्वविद्यालय से पीएचडी धारक हैं और एल.डी. आर्ट्स कॉलेज, अहमदाबाद में प्रोफेसर हैं। आरसी मकवाना, महुवा से विधायक हैं। 47 वर्षीय मकवाना 10वीं पास हैं और उनकी पत्नी भी राजनीति से जुड़ी हुई हैं।

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