संदीप मिश्र
बरेली। दाल-सब्जी रोटी छोड़कर फास्ट फूड समेत अन्य चीजें खाकर पेट भरना बच्चों के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है। इस जीवनशैली से जहां बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है। वहीं बच्चे टाइप-2 मधुमेह की चपेट में भी आ रहे हैं। जिला अस्पताल के ही आंकड़ों पर गौर करें तो साल भर में जहां इक्का-दुक्का बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज के मामले सामने आते थे। लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ रही है। छ: महीने में 10 से 12 बच्चों में मधुमेह की पुष्टि हुई है।
चिकित्सक बताते हैं कि अभी तक बच्चों में ज्यादातर टाइप-1 मधुमेह के मामले देखने को मिलते थे। बदली दिनचर्या के चलते टाइप-2 मधुमेह भी देखने को मिल रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक टाइप-2 मधुमेह जीवनशैली विकारों से होता है। अभिभावक बच्चों को जंक फूड और चॉकलेट तो खूब खिलाते हैं लेकिन व्यायाम से बच्चों को दूर रखते हैं।
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