मंगलवार, 27 जुलाई 2021

9 लाख की राशि बारिश के पानी में बर्बाद न हो जाएं

कविता गर्ग          

मुंबई। महाराष्ट्र के चिपलुन कस्बे में पिछले सप्ताह भारी बारिश के बीच एक राज्य परिवहन बस डिपो के प्रबंधक बेहद साहस दिखाते हुए डूबी बस के छत पर करीब नौ घंटे तक बैठे रहे। ताकि दैनिक राजस्व की जमा की गई नौ लाख रुपए की राशि बारिश के पानी में बर्बाद न हो जाए। डिपो प्रबंधक रंजीत राजे-शिर्के के इस कदम की उनके सहकर्मी और अन्य लोग प्रशंसा कर रहे हैं। पिछले बृहस्पतिवार को कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी जिले के चिपलुन कस्बे में भारी बारिश से बाढ़ आ गई थी। महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) डिपो में जलस्तर बढ़ने लगा था और इसके परिसर में खड़ी बसें डूबने लगी थीं।

खतरनाक मौसम के बीच साहस दिखाते हुए राजे-शिर्के डूबी हुई एक बस के छत पर चढ़ गए और नकदी को क्षति से बचाने के लिए करीब नौ घंटे तक वहां बैठे रहे। बाद में पुलिस ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। इस घटना को याद करते हुए राजे-शिर्के ने मंगलवार को बताया कि भारी बारिश के बाद कार्यालय में जलस्तर को बढ़ता देख डिपो के वॉचमैन ने उन्हें तड़के साढ़े तीन बजे कॉल किया।

अधिकारी ने बताया, ” जब मैं वहां करीब तीन बजकर 45 मिनट पर पहुंचा तो कार्यालय में गर्दन भर पानी भर चुका था। मैंने फिर भी अंदर जाने का निर्णय लिया और वहां जमा दैनिक राजस्व की नौ लाख रुपए की राशि को निकाल लिया।” वह डिपो से बाहर नहीं निकल सके क्योंकि चारों तरफ भयानक बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी। अधिकारी ने बताया, ”नकदी को क्षति पहुंचाने से बचाने के लिए इसे मैंने प्लास्टिक के थैले में रख लिया। इसके बाद मैं और मेरे एक सहकर्मी करीब छह बजे डूबी हुई एक बस की छत पर चढ़ गए।” उन्होंने बताया कि पांच अन्य कर्मी भी अन्य बसों की छतों पर चढ़े हुए थे। पानी के दबाव की वजह से बसें हिल रही थीं और गिरने का डर था, लेकिन वे सभी धैर्य के साथ बस पर बैठे रहे। प्रबंधक ने बताया, ” हम लोग भारी बारिश के बीच बस पर बैठे रहे और फिर अपराह्न तीन बजे पुलिस की एक टीम ने हमें वहां से निकाला।”

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