सोमवार, 8 मार्च 2021

झारखंड: गांव में अक्सर दिव्यांग पैदा होते है बच्चे

रांची। झारखंड के घाटशिला के डुमरिया प्रखंड के चाईडीहा गांव मे कई ऐसे बच्चे है। जो कुपोषित के शिकार है। आज सोमवार को ये बच्चे दिव्यांग होकर लाचार और बेवश होकर खाट पर पड़े हैं। कई ऐसे कुपोषित बच्चे थे। जिनकी मौत हो चुकी है। चाईडीहा के रहने वाले जगदीश सिंह के दो पुत्र और पुत्री है। दो पुत्री तो ठीक है। लेकिन दो पुत्र दोनों कुपोषित के शिकार होने पर दो में से एक की मौत हो चुकी है और दूसरा घाट पर पड़े पड़े अपनी लाचार अपनी जिन्दगी के दिन गिन रहा है। कुपोषित बच्चा कृष्णा सिंह दिनभर अपने घाट पर ही पड़े रहते है। ना बोल पाते है। और ना ही चल पाते है। उसकी मां बसंती सिंह दिनभर अपने बेटे की देखभाल में लगी रहती है। पहले दो पुत्र कृष्णा सिंह और मेघनात सिंह - जिसमें छोटा मेघनाथ सिंह की मौत हो चुकी है। पहले दोनों भाई एक ही खाट पर पड़ा रहते थे। लेकिन अब मेघनाथ सिंह की मौत के बाद कृष्णा सिंह अकेल ही खाट पर पड़ा रहता है। चाईडीहा गांव में रूद्ध सिंह की पुत्री यशोदा सिंह भी कुपोषण का शिकार है। अभी वह तीन साल की है। लेकिन चल नही पाती है। और ना ही बोल पाती है। अपनी मां की गोद में ही वह खेलती रहती है। रूद्ध सिंह ने अपनी पुत्री को डॉक्टरों को दिखाया जिस पर डॉक्टरों ने कहा कि आने वाले समय में बच्ची चलेगी और बोलेगी भी। लेकिन तीन साल होने को है बच्ची ना ही चल पाती है। और ना ही बोल पाती है। इस गांव में विशेश्वर सिंह जिनका एक हाथ दिव्यांग है। विशेश्वर सिंह भी बताते है। कि उनका एक हाथ बचपन से ही खराब है। एक हाथ खराब होने पर वह कही काम भी नही कर पाता है। दिव्यांग से जो पेंशन 1000 रूपय मिलता है। उसी से वह अपना घर चलाता है। इसी गांव में कुपोषित बच्चा जिनकी मौत हो गई है। वह दशरथ सिंह के 14 वर्षीय पुत्र, मिलू सिंह के 3 वर्षीय पुत्री और कृष्णा पातर के 4 वर्षीय पुत्र की मौत हो चुकी है। ग्रामीण बताते है। कि इस गांव में अक्सर दिव्यांग बच्चा ही पैदा हुआ, किस कारण से उन्हें नहींं पता नहीं है।

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