केजीएमयू इस पूरे कोरोना काल में सर्वाधिक कार्निया ट्रांसप्लांट करने वाले शुरुआती पांच संस्थानों में शामिल है। अरुण के अनुसार देश में करीब 22 लाख और प्रदेश में करीब 2 लाख लोगों को आंख की पुतली से संबंधित बीमारी हैं। भारत सरकार के अनुसार हर साल एक लाख आई ट्रांसप्लांट होनी चाहिए लेकिन ऐसा होता नहीं है। इसकी बड़ी वजह समाज में नेत्रदान को लेकर फैली भ्रांतियां हैं, जिसे लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
रविवार, 7 फ़रवरी 2021
सर्वाधिक कार्निया ट्रांसप्लांट में केजीएमयू शामिल
लखनऊ। कोरोना महामारी के चलते आने वाली दिक्कतों के बाद भी राजधानी के केजीएमयू ने एक शानदार उपलब्धि अपने नाम दर्ज की है। कोविड प्रोटोकॉल के तहत केजीएमयू में दोबारा कार्निया ट्रांसप्लांट शुरू हो चुका है। नवंबर माह में यहां 118 कार्निया ट्रांसप्लांट किए हैं। नवंबर माह में देश में कार्निया ट्रांसप्लांट के मामले में केजीएमयू देश में दूसरे स्थान पर रहा है।
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