बुधवार, 20 जनवरी 2021

किसानों को लेकर शिवराज चिंतित, निर्देश दिए

भोपाल। देश में चल रहे किसान आंदोलन के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पूरा फोकस किसानों पर बना हुआ है। किसानों को लेकर लगातार एक के बाद एक बड़े ऐलान और फैसले किए जा रहे है। अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों और मंत्री को निर्देश दिए है कि सिंचाई परियोजनायें गुणवत्ता के साथ समय पर पूर्ण करें। मंगलवार को नर्मदा घाटी विकास प्राधिकारण के अंतर्गत संचालित योजनाओं की समीक्षा के दौरान बैठक में मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने  कहा है कि म.प्र. सरकार किसानों की हितैषी सरकार है। कृषि की उन्नति के लिये सिंचाई सुविधा का विस्तार आवश्यक है। सिंचित कृषि से किसान की आय बढ़ती है। अत: सिंचाई के लिए निर्माणाधीन परियोजनाओं को समय-सीमा में गुणवत्ता में किसी भी तरह का समझौता किये बिना पूरा किया जाये।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे स्वयं निर्माणाधीन परियोजनाओं का निरीक्षण करेंगे।  सिंचाई परियोजना के विभिन्न चरणों के पूर्ण होने पर 19.82 एम.ए.एफ. नर्मदा जल का उपयोग करते हुये 39.41 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी।प्रदेश में सिंचाई सुविधा के विस्तार की परियोजनायें को पूरा करने में वित्तीय संसाधनों की कमी नहीं होने दी जाएगी। केन्द्र सरकार (Central government) से प्राप्त होने वाली वित्तीय मदद समय पर प्राप्त की जाये।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कटनी जिले में बरगी व्यपवर्तन परियोजना के अंतर्गत स्लीमनाबाद सुरंग के कार्यों की समीक्षा करते हुये कहा कि यदि टनल निर्माण में देरी हो रही हो तथा अड़चन हो तो योजना में संशोधन कर शीघ्र ही नागौद, सतना (Satna) में तथा कटनी (Katni) के बहोरीबंद आदि इलाकों में सिंचाई जल पहुंचाने की योजना पर कार्य किया जाये।

बैठक में नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह (Minister of State Bharat Singh Kushwaha), मुख्य सचिव एवं अध्यक्ष नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण  इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव एवं उपाध्यक्ष नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण  आई.सी.पी. केशरी और अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।इस दौरान राज्य मंत्री  कुशवाह ने कहा कि जो परियोजनायें पूर्ण हो गयी है। वहां जल उपभोक्ता समितियों का गठन किया जाये तथा कृषकों को सिंचाई के लिये जल उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाये। बैठक में पुनर्वास आदि मुद्दों पर चर्चा हुई।

बता दे कि सिंचाई परियोजनाओं के कार्य प्राथमिकता से पूरे किये जा रहे हैं। वर्ष 2020 में पांच परियोजनाओं उज्जैन-देवास-उज्जैन पाईप लाइन, नर्मदा-मालवा गंभीर लिंक, हरसूद, अपर बेदा दांयी तट नहर और ओंकोरश्वर नहर चरण-4 का कार्य पूरा किया गया है।22081 करोड़ लागत की 10 नवीन परियोजनाओं के लिये निविदा आमंत्रण के लिये कार्रवाई प्रचलन में है। प्रथम चरण में चिंकी-बोरास परियोजना तथा सांवेर परियोजना की निविदा लगाने के लिये अनुमति जारी हो गयी है। इन परियोजनाओं की लागत 7214 करोड़ है तथा प्रस्तावित सिंचाई क्षमता 2 लाख 12 हजार हेक्टेयर है।

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