रविवार, 10 जनवरी 2021

बर्ड फ्लू, अंडा और मांस का सेवन घातक होता है

पंकज कपूर 

देहरादून। कोरोना वायरस महामारी से अभी राहत मिली नहीं थी कि कोविड-19 के नए स्ट्रेन के मामले भी बढ़ रहे हैं। इसी बीच खबर है कि अब देश में तेजी से बर्ड फ्लू भी फैल रहा है। तेजी से फैल रहे इस फीवर को एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस के नाम से जाता है लेकिन सरल भाषा में इसे बर्ड फ्लू कहते हैं। देश के अलग राज्यों को अलर्ट कर दिया गया है और इसकी रोकथाम की तैयारियां की जा रही हैं। अब तक देश के पांच राज्य बर्ड फ्लू की चपेट में हैं। इनमें हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, केरल शामिल हैं। अनुमान है कि इन पांच राज्यों के अलावा भी कुछ और राज्य बर्ड फ्लू की चपेट में आ गए हैं। ऐसे में क्या आप भी बर्ड फ्लू के संक्रमण से सुरक्षित रह सकते हैं या इन दिनों मांस और अंडे का सेवन घातक है? आइए इन सवालों के जवाब एक साथ जानें।

रोकथाम के लिए उठाए गए कदम
आमतौर पर यह वायरस पक्षियों में पाया जाता है। लिहाजा जो लोग मीट की सप्लाई करते हैं। उन्हें ध्यान देना होगा कि फूड चेन में कोई भी ऐसा पक्षी न आए जो संक्रमित हो। सरकारी निर्देशों में पोल्ट्री फूड प्रोडक्ट्स की बिक्री को बैन कर दिया गया है और इनके सेवन पर रोक लगाई गई है। यदि आप कोई भी पोल्ट्री प्रोडक्ट का सेवन कर रहे हैं, तो उसे 70 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक आंच पर जरूर पकाएं। वैसे तो इंसानों को बर्ड का उतना खतरा नहीं है जितना कि पक्षियों को होता है। कोई भी व्यक्ति तब बर्ड फ्लू के संक्रमण का शिकार हो सकता है जब वह किसी संक्रमित पक्षी या जानवर से करीबी संपर्क बनाता है। इसके अलावा उन लोगों में भी इस संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है, जो चिकन या अंडा ठीक से पका कर नहीं खाते हैं। वायरस को लेकर साल 2005 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सलाह दी थी कि अगर आप चिकन, मीट, अंडा अच्छी तरह पका कर खाते हैं, तो ऐसे में भ्5छ1 वायरस का खतरा नहीं रहता है। डब्लूएचओ के मुताबिक कम से कम 70 डिग्री सेल्सियस तापमान में अंडा या चिकन पकाना चाहिए। वहीं एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर वायरस संक्रमित पक्षियों के झुंड के जरिए फूड चेन में प्रवेश कर चुका है, तो लोगों को चिकन और अंडे खाने के बाद घातक बर्ड फ्लू अपनी चपेट में ले सकता है। इसलिए चिकन, अंडा सही तरीके से पका कर खाएं, कच्चापन ना रहने दें। ऐसे में किसी को खतरा नहीं होगा। एम्स के एफएक्यूस के अनुसार बर्ड फ्लू का को मानवजाति को संक्रमित नहीं करता था लेकिन 1997 से इंसानों में इस वायरस से वायरस के कई लोग बीमार हुए थे।

पोल्ट्री फार्म से जुड़े लोग रखे इन बातों का ध्यान

पोल्ट्री फार्म व्यवसाय से जुड़े लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि उनके मुर्गे अन्य पक्षियों के संपर्क में न आएं। जहां उन्हें खाने के लिए जहां दाना डाला जाता है वहां कौए या अन्य पक्षी न पहुंच पाएं। पोल्ट्री फार्म को समय -समय पर सेनीटाइज जरूर करते रहें। मुर्गों को दाना डालते, पानी डालते समय ध्यान रखें कि यह दाना -पानी किसी अन्य पक्षी के संपर्क में तो नहीं आया है। खुद को अच्छी तरह से सेनीटाइज करके की पोल्ट्री फार्म में दाखिल हों और वहां से बाहर निकलें।

केंद्रीय पशुपालन मंत्री ने कहा

केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने इस मामले में कहा कि अंडा और चिकन अच्छे से पकाकर खा सकते हैं। उससे इसका संक्रमण नहीं फैलेगा। अभी तक ये फ्लू इंसानों में नहीं पाया गया है। डरने की जरूरत नहीं है। सरकार ने सभी राज्यों को एडवाइजरी भी जारी कर दी है। कंट्रोल रूम भी बनाया जा चुका है।

डॉक्टरों की सलाह

अंडा, चिकन और कच्चा-अधपका मांस खाने से करें परहेज, बचाव ही सबसे बेहतर उपाय, किसी पक्षी की असामान्य मौत पर उसे छूने से बचें।
बर्ड फ्लू के लक्षण
पेट में दर्द, उल्टी, खांसी, सांस में दिक्कत, सिर मे दर्द, बुखार, थकान, जुकाम और आंखों में जलन।

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