शुक्रवार, 4 दिसंबर 2020

दशरथ का भी 51 फुट ऊंचा मंदिर बनेगा

अयोध्या में बनेगा 51 फीट ऊंचा महाराज दशरथ का मंदिर, उनके चारों पुत्रों की बाल प्रतिमाएं भी बढ़ाएंगी शोभा
अयोध्या। रामनगरी अयोध्या को त्रेतायुग की तरह सजाने-संवारने का काम सरकारी स्तर पर तो हो ही रहा है। अब रामनगरी के संत भी अयोध्या को भव्यता प्रदान करने के लिए आगे आए हैं। इसी क्रम में राममंदिर निर्माण से पूर्व रामकोट स्थित दशरथ महल में महाराज दशरथ का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। यह मंदिर 51 फीट ऊंचा होगा। मंदिर निर्माण का काम शुरू हो चुका है एक से डेढ़ वर्ष में मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।
भगवान राम के मंदिर निर्माण से पहले उनके पिता महाराजा दशरथ के भव्य मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इस मंदिर को त्रेता युग के महल की तरह सजाए जाने की योजना है।
रामकोट क्षेत्र में रामजन्मभूमि के समीप स्थित दशरथ महल में प्राचीन दशरथ मंदिर को तैयार करने का कार्य शुरू हो चुका है। इस मंदिर को विशेष आर्किटेक्ट के माध्यम से डिजाइन किया गया है।
इस मंदिर की ऊंचाई 51 फीट होगी। जिसमें महाराजा दशरथ के साथ भगवान राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न के बाल स्वरूप की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। साथ ही मंदिर में भव्य जगमोहन के साथ सत्संग भवन का भी निर्माण किया जाएगा। जिसमें 1000 पंडित एक साथ बैठकर पाठ कर सकेंगे।
इस मंदिर को इस तरह सजाया और संवारा जा रहा है कि आने वाले भक्तों को यह महसूस हो कि त्रेता कालीन भगवान श्री राम के पिता राजा दशरथ के महल में पहुंचे हैं।
इस महती योजना के सूत्रधार बिंदुसंप्रदाय के गौरव महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य ने बताया कि महाराजा दशरथ के महल के परिसर में ही दशरथजी का भव्य मंदिर बनाया जाएगा। इसके लिए नींव के निर्माण का काम पूरा कर लिया गया है। आगे का कार्य स्वीकृत मॉडल के अनुसार कराया जाएगा। उन्होंने विश्वास जताया कि कार्य एक से डेढ़ वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा।
संतों से ली गई दशरथ महल मंदिर के मॉडल की स्वीकृति
प्राचीन दशरथ महल के महंत बिंदुगद्दाचार्य देवेंद्र प्रसादाचार्य ने बताया कि दशरथ जी का यह स्थान बहुत ही प्राचीन स्थल है। देशभर के लाखों भक्तों की आस्था यहां से जुड़ी हुई है। जब से राममंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है तब से भक्तों में बड़ा ही उल्लास है। भक्तों की इच्छा थी कि भगवान श्रीराम का सुंदर मंदिर बन रहा है तो उनके पिता महाराजा दशरथ का भव्य मंदिर बने। इसलिए भक्तों की इच्छा के अनुरूप और प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या को सजाने संवारने की योजना को लेकर हम लोगों ने भी निर्णय लिया कि अपने स्थानों को भी सजाने और संवारने का कार्य करें। महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य ने कहा कि चक्रवर्ती महाराज दशरथ का स्वतंत्र मंदिर अयोध्या में नहीं हैं। चक्रवर्ती महाराजा दशरथ के गौरवपूर्ण योगदान को देखते हुए उनकी गरिमा के अनुरूप भव्य मंदिर बनाने का मॉडल अक्षय नवमी पर्व पर रामनगरी के विशेष धर्माचार्यों की मौजूदगी में दशरथ मंदिर का मॉडल प्रस्तुत किया गया। इसे धर्माचार्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान कर दी, जिसके बाद काम शुरू हो गया है।                             


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