सोमवार, 30 नवंबर 2020

गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का धरना-प्रदर्शन

सिंघु और टिकरी बॉर्डर के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसानों का धरना प्रदर्शन


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली की बॉर्डर पर पंजाब और हरियाणा के किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसानों ने सड़कों पर ट्रॉलियों को ही अपना घर बना लिया है। कृषि कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसान अब भी पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे हैं और दिल्ली में घुसने के लिए अड़े हैं। किसानों का नया नारा अब ‘दिल्ली चलो’ नहीं बल्कि ‘दिल्ली घेरो’ है। पहले दिल्ली-हरियाणा के सिंधु बॉर्डर पर किसानों ने बड़ी संख्या में डेरा जमाया, पुलिस से संघर्ष किया। अब गाजीपुर बॉर्डर पर भी ऐसा ही हाल है और किसान यहां पर बैठ गए हैं, जिसके कारण दिल्ली-एनसीआर के लोगों को काफी परेशानी हो रही है। डॉक्टरों की अपील- प्रदर्शनकारियों का हो कोरोना टेस्ट... दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर जमा किसान प्रदर्शनकारियों को वॉलंटियर डॉक्टर मेडिकल सुविधाएं दे रहे हैं। एक डॉक्टर ने बताया, “हम सरकार से अपील करते हैं कि यहां जमा किसानों का कोरोना टेस्ट किया जाए। एक किसान को कोरोना होने से कई किसान उसकी चपेट में आ जाएंगे।”


आम लोगों की बढ़ रही परेशानी
‘सरकार बनाम किसान’ में आम लोगों की परेशानी बढ़ रही है। खास तौर पर प्रदर्शन स्थल पर दुकान चलाने वाले और इन रास्तों से सफर करने वाले लोगों को काफी मुश्किल हो रही है। प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि हम आम लोगों की समस्या समझते हैं लेकिन हम भी परेशान होकर ही दिल्ली आए हैं। सरकार जल्द हमारी बात सुने।


किसानों ने दी अगले 4 महीने तक धरना देने की धमकी
किसान नेताओं का कहना है कि उनकी तैयारी पूरी है और अगर जरूरत पड़ी तो उनके पास अगले 4 महीने तक धरना देने का पूरा इंतजाम है। किसानों के ऐलान के बाद सरकार की टेंशन भी बढ़ गई है। जेपी नड्डा के घर हुई देर रात उच्च स्तरीय बैठक...
किसान आंदोलन से चिंतित भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की देर रात बैठक हुई जबकि किसान संगठनों ने बातचीत के लिए सरकार की किसी भी शर्त को मानने से मना कर दिया है।
अमित शाह ने किसान नेताओं को सड़क जाम समाप्त कर बुराड़ी मैदान में आकर लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने का प्रस्ताव दिया था और कहा था कि इस व्यवस्था के लागू होने पर अगले ही दिन किसानों के साथ बातचीत की जाएगी।किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि किसान संगठन बातचीत के लिए सरकार की किसी भी शर्त को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। कल किसान संगठनों की बैठक हुई जिसमें पंजाब के 20 से अधिक किसान संगठनों ने आंदोलन स्थल पर ही बातचीत करने पर जोर दिया।           


 


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