गुरुवार, 15 अक्तूबर 2020

देश ताइवान के निकट से गुजरा 'चीन'

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार, हांगकांग के बाद ताइवान के मुद्दे पर तनातनी बढ़ती जा रही है। अमेरिकी युद्धपोत यूएसएस बैरी जब बुधवार को ताइवान जलडमरूमध्य से गुजरा तो चीन ने उसे ऐसी हरकतों से बाज आने की चेतावनी दी। हालांकि अमेरिका ने दो टूक कहा है कि समुद्री क्षेत्र में स्वतंत्र आवाजाही के लिए उसका अभियान जारी रहेगा। चीन ताइवान को अपना ही हिस्सा मानता है।
प्रशांत महासागर में अमेरिकी नौसेना की टुकड़ी का हिस्सा यूएसएस बैरी एक गाइडेड मिसाइल विध्वंसक पोत है. अमेरिकी नौसेना ने इसे नियमित अभ्यास का हिस्सा बताया, लेकिन ताइवान औऱ उसके आसपास के समुद्री क्षेत्र पर दावा करने वाले चीन को यह हरकत नागवार गुजरी।
अमेरिकी पैसेफिक फ्लीट ने कहा, ताइवान स्ट्रेट से अमेरिकी युद्धपोत का गुजरना प्रशांत महासागर में स्वतंत्र और बेरोकटोक आवाजाही के उनके देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. अमेरिकी नौसेना अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करते हुए आगे भी इस क्षेत्र में युद्धपोतों के नौवहन के अलावा विमानों की गश्त भी जारी रखेगी।
अमेरिका के इस रुख से आगबबूला चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने कहा कि अमेरिकी युद्धपोत की पूरी यात्रा पर उसकी कड़ी नजर थी। चीन की पूर्वी थिएटर कमांडर के प्रवक्ता कर्नल झांग चुनहुई ने कहा कि हमने अमेरिका को यह आगाह किया है कि वह ऐसी बयानबाजी और कार्रवाई से बाज आए, जो ताइवान जलडमरूमध्य में तनाव पैदा करती हो। गौरतलब है कि 1949 के गृह युद्ध में हार के बाद से ताइवान चीन से एक अलग हिस्से के तौर पर रहा है। ताइवान का अपना झंडा, करेंसी और सेना है। हाल ही में अमेरिका ने ताइवान को संवेदनशील मिसाइल टेक्नोलॉजी समेत तमाम हथियार देने का समझौता किया है।             


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