सोमवार, 28 सितंबर 2020

विधेयकों के खिलाफ लाया जाएगा प्रस्ताव

मुख्यमंत्री भूपेश बधेल ने कहा-कृषि विधेयकों के खिलाफ छत्तीसगढ़ विधानसभा में लाया जाएगा प्रस्ताव।


रायपुर। संसद में पारित किए गए तीन कृषि विधेयकों को असंवैधानिक  करार देते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को कहा कि इसका विरोध करते हुए राज्य विधानसभा के अगले सत्र में एक प्रस्ताव लाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इन विधेयकों के क्रियान्वयन के खिलाफ जरूरत पड़ने पर कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी।
बघेल ने यह आरोप भी लगाया अनुबंध कृषि के जरिए किसानों की जमीन कॉरपोरेट घरानों को सौंपने की साजिश की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने इन विधेयकों को पिछले दरवाजे से ऐसे वक्त में लाया जब देश कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहा है। और मीडिया बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की कवरेज (गुत्थी सुलझाने) में व्यस्त है। बघेल ने कहा हम राज्य विधानसभा के अगले सत्र में (कृषि विधेयकों का विरोध करते हुए) एक प्रस्ताव लाएंगे और यदि जरूरत पड़ी तो उन्हें लागू किये जाने के खिलाफ (हम) कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।बघेल ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार किसानों के हितों के लिये प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा।केंद्र के पास कृषि पर विधान बनाने की शक्ति नहीं है। जो कि राज्य सूची का विषय है। लोकसभा में पारित तीनों कृषि विधेयक असंवैधानिक हैं। और (संविधान के) संघीय ढांचे का उल्लंघन करते हैं।उन्होंने कहा कि विधेयक का मसौदा शांता कुमार समिति की रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया जो किसान विरोधी गरीब विरोधी है।और सिर्फ कॉरपोरेट घरानों के (हितों के) लिये है। बता दें  कई राज्यों के किसान इन विधेयकों को संसद द्वारा पारित किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
बघेल ने शांता कुमार समिति की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए आशंका जताई कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) निकट भविष्य में अपनी प्रासंगिकता खो सकता है। और किसानों को अपनी फसल के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिलेगा।
संसद ने हाल ही में संपन्न हुए मॉनसून सत्र में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक को पारित किया है जिसे अभी राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली है।


मुख्यमंत्री ने तीनों विधेयकों पर केंद्र पर झूठ बोलने और किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने श्रम सुधार विधेयकों को लेकर भी केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि ये श्रमिकों के हित में नहीं हैं।
सुशांत मामले में मीडिया कवरेज के बारे में पूछे जाने पर बघेल ने कहा वहां 50 ग्राम गांजा बरामद हुआ और पूरा देश इसके पीछे पड़ा हुआ है। और हमारे राज्य में पुलिस प्रतिदिन 10 क्विंटल वर्जित वस्तु जब्त कर रही है। लेकिन इसे लेकर कोई चर्चा नहीं हो रही।उन्होंने कहा 50 ग्राम गांजा बरामद करना एनसीबी (स्वापक नियंत्रण ब्यूरो) का काम नहीं है। बल्कि यह थानेदार का काम है।             


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