शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

विदेशी महिला से 2 महीने तक रेप

कविता गर्ग


नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलियाई महिला और पूर्व स्टार सर्फर कैरमन ग्रीनट्री ने बताया है कि साल 2004 में भारत यात्रा के दौरान उनके साथ कश्मीर में बंधक बनाकर 2 महीने तक रेप  किया गया था। कैरमन के मुतबिक एक स्थानीय कश्मीरी पुरुष ने उन्हें हाउसबोट पर दो महीने तक बंधक बनाकर रखा और उनका जबरदस्ती धर्मपरिवर्तन कराने की भी कोशिश की थी। इस दौरान ये शख्स कैमरन का दिन में कई-कई बार रेप करता था। कैरमन के मुताबिक उनकी उम्र तब सिर्फ 22 साल थी।


द सन की खबर के मुताबिक कैरमन अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सर्फर रही हैं और उन्होंने अपनी एक किताब में पूरी घटना का जिक्र किया है। कैमरन के मुताबिक उन्हें दुनिया घूमने का शौक है और इसी के चलते साल 2004 में वे भारत भी आयीं थीं। कश्मीर घूमने के दौरान उनकी मुलाक़ात एक स्थानीय व्यक्ति से हुई जिसने उन्हें होटल में न रहकर उसके हाउसबोट में रहने की सलाह दी। कैरमन उसकी बात मानकर चली गयीं लेकिन इसके बाद उन्हें हाउसबोट में बंधक बना लिया गया। कैरमन बताती हैं कि मुझे बंधक बनाने का एहसास तब हुआ जब मैं हिमाचल के धर्मशाला की बस पकड़ने के लिए निकल रही थी और इस शख्स ने मेरा रास्ता रोक लिया। मेरे जाने की जिद करने पर न सिर्फ मुझे पीटा गया बल्कि बांधकर भी रखा गया।


रेप हुआ और मुसलमान बनाने की कोशिश हुई


37 वर्षीय कैरमन ने अपनी किताब ‘ अ डेंजरस परसुइट ऑफ़ हैप्पीनेस’ में लिखा है कि मुझे ऐसा लगने लगा था कि मैं कभी इस बोट से बाहर नहीं निकल पाउंगी. वह शख्स रोज़ मेरा कई-कई आर रेप करता था और मैंने गिनती भी छोड़ दी थी कि मेरे साथ ऐसा कितनी बार हो रहा है। कैरमन ने बताया कि उन्हें उस शख्स और उसके दोस्तों की बातचीत सुनकर लगता था कि उन्होंने कई अन्य लड़कियों को भी इसी तरह बंधक बनाया हुआ है।


तीन बच्चों की मां कैरमन बताती हैं कि एक दिन वह शख्स अंग्रेजी में लिखी कुरान भी ले आया और मुझे जबरदस्ती पढ़ने के लिए कहा। इसके आलावा मुझसे जबरदस्ती 5 वक़्त नमाज़ पढवाई जाती थी। मुझे मुस्लिम महिलाओं की तरह हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया जाता था। मैंने एक बार भागने की कोशिश की तो बोट को भारतीय सेना के इलाके में खड़ा कर दिया गया जिससे अगर मैं भागने की कोशिश करूं तो सेना के जवान मुझे आतंकी समझकर गोली मार दें।


ऐसे बची जान


कैरमन बताती हैं कि उन्होंने उस बोट से निकलने की पूरी उम्मीद छोड़ दी थी लेकिन तभी उनकी एक दोस्त ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की और न हो पाने पर भारत में ऑस्ट्रेलियन दूतावास से संपर्क किया। मुझे लोग ढूंढ रहे हैं ये बात जैसे ही इस शख्स को पता चली इसने मुझे घर से फोन करके पैसे मंगाने को कहा लेकिन मैंने बातों-बातों में घरवालों को अपनी लोकेशन बता दी।


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