गुरुवार, 16 जुलाई 2020

जानिए 'उधम रजिस्ट्रेशन' और उठाएं लाभ

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। केंद्र सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एमएसएमई में बदलाव कर इसमें उद्यमियों को रजिस्टर करने के लिए 1 जुलाई से एक अलग पोर्टल शुरू गया है जिसका नाम हैं ‘उद्यम रजिस्ट्रेशन’। इस पोर्टल के माध्यम से नए और पुराने दोनों प्रकार के उद्यम पंजीकृत कराए जा सकते हैं। इस पोर्टल की विशेषता यह हैं कि इसमें केवल आधार नंबर और सेल्फ डिक्लेरेशन के साथ पंजीकरण कर सकते हैं, इसके अलावा इसमें अन्य किसी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होती हैं। इसलिए यह पेपरलेस सुविधा के रूप में उभर सकता हैं। अतः यदि आप एक नए उद्यम हैं तो एमएसएमई के इस नए सिस्टम के तहत रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा पढ़ें।  


सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम आकार के उद्योगों (MSME Industries) के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए पोर्टल www.udyamregistration.gov.in पर की जा रही है। यह पोर्टल कदम-कदम पर इंडस्ट्रीज को गाइड भी करेगा.


उद्यम रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन पोर्टल क्या है


हम सभी जानते हैं कि एमएसएमई मंत्रालय ने 1 जून 2020 को निवेश एवं टर्नओवर के आधार पर एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए नए मापदंड निर्धारित किये हैं। उसके बाद 26 जून, 2020 को एमएसएमई मंत्रालय द्वारा इसकी विस्तार से अधिसूचना जारी की गई थी। इस अधिसूचना में पंजीकरण की प्रक्रिया को स्पष्ट किया गया था। अब उद्यम रजिस्ट्रेशन नाम से एक अलग पोर्टल बनाया गया हैं. यह पोर्टल एवं इसमें रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया 1 जुलाई, 2020 से शुरू गई है।  इस पोर्टल में नए एवं पुराने सभी उद्यम रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे।


उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया


30 जून 2020 से पहले से पंजीकृत उद्यम 31 मार्च 2021 तक की अवधि के लिए मान्य रहेंगे। इसके बाद के उद्यमों के लिए कोई सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह हैं एक उद्यम केवल एक व्यवसाय के लिए रजिस्टर कर सकता है। इसमें रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया इस प्रकार है –



  • सर्वप्रथम आपको उद्यम रजिस्ट्रेशन के अधिकारिक पोर्टल की लिंक पर क्लिक करना होगा।

  • इस वेबसाइट पर पहुँचते ही आपको होम पेज में ‘उद्यम रजिस्ट्रेशन’ सेक्शन में ‘वेलकम टू रजिस्टर हियर’ का विकल्प मिलेगा, जोकि नए उद्यमियों के लिए हैं और दूसरा ‘यू कैन रि – रजिस्टर हियर’ होगा। जोकि पुराने उद्यमियों के लिए होगा।

  • आप अपने अनुसार विकल्प का चयन करें। इसके बाद आप अगले पेज में पहुंचेंगे जहां आपके सामने रजिस्ट्रेशन करने के लिए कुछ जानकारी भरने के लिए कहा जायेगा। उसे भर कर आप सबमिट कर दें। आपका इसमें रजिस्ट्रेशन हो जायेगा।

  • इस अधिकारिक पोर्टल में आपको संपर्क करने के लिए फोन नंबर एवं ईमेल आईडी भी दी गई है। जिसके माध्यम से जो भी जानकारी आपको प्राप्त करना हो आप कर सकते हैं।


उद्यमियों के लिए एमएसएमई मंत्रालय द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं


एमएसएमई मंत्रालय ने जिला स्तर और क्षेत्रीय स्तर पर सिंगल विंडो सिस्टम के रूप में एमएसएमई के लिए एक मजबूत सुविधा तंत्र स्थापित किया है। इस सिंगल विंडो सिस्टम के तहत उन उद्यमियों की मदद की जाएगी, जोकि किसी कारण से उद्यम पंजीकरण में दर्ज होने में सक्षम नहीं हैं। यानि कि जिनके पास वैध आधार संख्या नहीं हैं, वे सिंगल विंडो सिस्टम से सम्पर्क कर सकते हैं। ऐसे लोगों को अपने आधार नामांकन रिक्वेस्ट या पहचान, बैंक फोटो पासबुक, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस अपने साथ ले जाना होगा। इसके बाद ही सिंगल विंडो सिस्टम उन्हें आधार नंबर प्राप्त करने के बाद उद्यम के रूप में पंजीकरण करने की सुविधा प्रदान करेगा।


जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र की महत्वपूर्ण भूमिका


जिला स्तर पर उद्यमियों की सुविधा के लिए जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी) को जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह एमएसएमई मंत्रालय ने हाल ही में और बाद में भी देश भर में ‘चैंपियन कण्ट्रोल रूम्स’ को उद्यमियों को पंजीकरण में सुविधा प्रदान करने के लिए कानूनी रूप से जिम्मेदार बनाया है। यदि किसी उद्यम के पास पहले से उद्यम रजिस्ट्रेशन नंबर है, तो उसे अपनी जानकारी को उद्यम पंजीकरण पोर्टल में ऑनलाइन अपडेट करना होगा। इसमें उन्हें पिछले वित्तीय वर्ष के लिए आईटीआर और जीएसटी रिटर्न का विवरण और स्वयं के आधार पर आवश्यक अन्य अतिरिक्त जानकारी देनी हो सकती हैं।


सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम उद्यमियों एमएसएमई की नई परिभाषा


आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी सेक्टर के लिए कई फैसले लिए उन्हीं में से एक था एमएसएमई की नई परिभाषा। इसके लिए आवश्यक दिशा निर्देशों बनाने के बाद इसे जून माह से लागू किया जाना था, किन्तु अब इसे 1 जुलाई, 2020 से लागू किया गया है।  एमएसएमई की नई परिभाषा को निम्न श्रेणी के आधार पर समझाया गया है –



  • सूक्ष्म उद्यम  इस श्रेणी के उद्यम में प्लांट, मशीनरी एवं उपकरण में निवेश 1 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होता हैं, और सालाना टर्नओवर 5 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होता है।

  • लघु उद्यम इस श्रेणी के उद्यम में प्लांट, मशीनरी एवं उपकरण में निवेश 10 करोड़ रुपये तक होता हैं और सालाना टर्नओवर अधिकतम 50 करोड़ रुपये तक होता है।

  • मध्यम उद्यम इस अंतिम श्रेणी के उद्यम में प्लांट, मशीनरी एवं उपकरण में निवेश 50 करोड़ रुपये और सालाना कारोबार 250 करोड़ रुपये तक का होता है।


निवेश की गणना किस तरह से की जाती है


प्लांट, मशीनरी या उपकरण में निवेश की गणना आयकर अधिनियम, 1961 के तहत, दायर की गई पिछले वर्ष की आयकर रिटर्न पर आधारित होती है। इसके अलावा आपको बता दें कि प्लांट और मशीनरी में भूमि, भवन, फर्नीचर और फिटिंग के अतिरिक्त सभी संपत्ति शामिल की जाती है। गुड्स और सर्विस टैक्स आइडेंटिफिकेशन संख्या वाली वे सभी यूनिट्स जोकि एक ही स्थायी खाता संख्या के विरुद्ध लिस्टेड है, उसे सामूहिक रूप से एक उद्यम माना जाता है। इन यूनिट्स का उपयोग सूक्ष्म, लघु या माध्यम उद्यम के रूप में श्रेणी तय करने के लिए, टर्नओवर और निवेश की गणना के लिए किया जाता है।


एमएसएमई में शिकायत निवारण मैकेनिज्म


किसी भी तरह की विसंगति या शिकायत के मामले में, संबंधित जिले के जिला उद्योग केंद्र में महाप्रबंधक उद्यम द्वारा प्रस्तुत उद्यम पंजीकरण की जानकारी के सत्यापन के लिए एक जाँच करेंगे। इसके बाद अधिकारी राज्य सरकार से संबंधित निदेशक या आयुक्त या उद्योग सचिव को आवश्यक रिमार्क के साथ मामले को आगे बढ़ाने के लिए कहेंगे। और फिर अधिकारी उद्यमों को एक नोटिस जारी करेंगे, उन्हें अपने केस को पेश करने का अवसर भी दिया जायेगा। वे निष्कर्षों के आधार पर जानकारी को संशोधित भी कर सकते हैं। साथ ही वे अपने उद्यम पंजीकरण प्रमाण पत्र को रद्द करने के लिए एमएसएमई मंत्रालय को सिफारिश भी कर सकते हैं।


एमएसएमई के वर्गीकरण, पंजीकरण और सुविधा का यह नया सिस्टम बेहद सरल और अभी तक की सबसे फ़ास्ट – ट्रैक, सहज और विश्वव्यापी बेंचमार्क प्रक्रिया साबित हो सकता है, और यह ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम भी है।         


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