बुधवार, 27 मई 2020

'लॉक डाउन' में धरना प्रदर्शन, आंदोलन

पटना। कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान भी बिहार में  राजनीति चरम पर है। प्रदेश  की सभी विपक्षी पार्टियां सरकार पर लगातार हमलावर है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री व आरएलएसपी प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा भी प्रदेश की नीतीश सरकार के खिलाफ लगातार मोर्चा खोले हुए है। उपेन्द्र कुशवाहा लॉकडाउन के दौरान सीएम का पुतला दहन और धरना प्रदर्शन जैसे कार्यक्रम करने  के बाद आज एकबार फिर लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए पटना के वीरचंद पटेल पथ स्थित अपने प्रदेश कार्यालय के बाहर धरना पर बैठे है।अपने   इस धरना को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि प्रवासी मजदूर जो बिहार आ रहे हैं उन्हें क्वारेंटाइन करने के लिए जो सेंटर बनाए गये है उसकी स्थिति बद से बदत्तर है। क्वारेंटाइन सेंटर पर किसी तरह का कोई इंतजाम नहीं है। उन्होंने कहा कि क्वारेंटाइन सेंटर की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता  है कि  आए दिन प्रदेश के  किसी न किसी जिले से  क्वारेंटाइन सेंटर पर हंगामे की खबर सामने आ रही है। श्रमिक को अन्य सुविधाएं की बात तो दूर उन्हें समय पर खाना भी नहीं मिल पा रहा है। इसके साथ ही प्रदेश में छात्रों, किसानों और आमजनों का हाल भी बेहाल है। उन्हें किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है। अपराध अपने  चरम पर है।  


हमने पहले भी मुख्यमंत्री को इन सभी बातों  को लेकर सुझाव दिया था, लेकिन हमारे सुझाव पर मुख्यमंत्री ने कोई अमल नहीं किया। आरएलएसपी इन मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। सरकार जबतक हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है हमलोग लॉकडाउन का उल्लंघन और कानून को तोड़कर सड़क पर उतरने का यह करते रहेंगे।उन्होंने कहा कि कोरोना संकट से निपटने में सरकार पूरी तरह फेल है। बदइंतजामी के कारण आमजनों का जीना दूभर हो चुका है। हमारे साथी सरकार के विरुद्ध बिहार भर में लॉकडाउन के नियमों को तोड़कर धरना पर बैठे हैं। हमारी मांगें मान लेने तक सिविल नाफ़रमानी आंदोलन जारी रहेगा।


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