शुक्रवार, 8 मई 2020

लॉक डाउन मतलब जरूरी चीजों का पालन

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन कोई ऑॅन और ऑफ का स्विच नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों के मन में एक मनोवैज्ञानिक बदलाव लाने की जरूरत है। राहुल गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “लॉकडाउन कोई सिर्फ बटन दबाना नहीं है। लॉकडाउन में कई सारी चीजें करने की जरूरत है, मनोवैज्ञानिक बदलाव लाने की जरूरत है।”


उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा समय में कोविड-19 बीमारी खतरनाक लग रही है और यह सच्चाई है कि यह वाकई में बुजुर्गो, मधुमेह के मरीजों और दिल व फेफड़े के मरीजों के लिए खतरनाक है। कांग्रेस नेता ने कहा, “मौजूदा समय में लोग बहुत डरे हुए हैं। सरकार यदि लॉकडाउन हटाना चाहती है तो उसे लोगों के मन में मनोवैज्ञानिक बदलाव लाने और इस भय को भरोसे में बदलने की जरूरत है। अन्यथा आप लॉकडाउन हटाएंगे तो लोग बाहर निकलेंगे।” उन्होंने कहा कि कोविड-19 बीमारी हर किसी के लिए खतरनाक नहीं है। उन्होंने कहा, “कोरोना वायरस सिर्फ एक-दो प्रतिशत लोगों के लिए खतरनाक है, जबकि 95 प्रतिशत लोगों के लिए, जो स्वस्थ हैं, यह खतरनाक नहीं है। इसलिए लोगों को इस बारे में बताना चाहिए और इस महामारी से जुड़ी उनकी चिंताओं और अंदरूनी सोच को बदलने की जरूरत है।” कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस लॉकडाउन के बुरे प्रभाव से देश को बचाने के लिए आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “हमें अपनी घरेलू अर्थव्यवस्था को जल्द शुरू करने की जरूरत है। जितना समय हम गंवाएंगे, उतना ही इसका बुरा असर होगा।” गांधी ने कहा, “हमें रोजगार पैदा करने वालों को बचाने की जरूरत है, उनके लिए एक दीवार बनानी है, ताकि वे रोजगार, वेतन को बचा सकें।” उन्होंने कहा कि उन्हें वित्तीय मदद मुहैया कराना जरूरी है। कांग्रेस नेता ने कहा कि अर्थव्यवस्था के दिल की तत्काल हिफाजत की जानी चाहिए और सरकार को जल्द ही वित्तीय सहायता पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, अर्थव्यवस्था पर एक भयावह प्रभाव पड़ा है और आर्थिक इंजन शुरू करने के लिए राजकोषीय सहायता पैकेज की आवश्यकता होती है। राहुल ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था ठप है, व्यवसाय ढह रहे हैं और आपको तुरंत मांग पैदा करने की आवश्यकता है। आपको सिस्टम शुरू करने की आवश्यकता है, अन्यथा बड़ा नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि मांग पैदा करना, सिस्टम में पैसा लगाना, गरीब लोगों के हाथों में पैसा देना, एमएसएमई की मदद करना और सुनिश्चित करना कि आप कुछ बड़े उद्योगों की रक्षा भी कर रहे हैं, क्योंकि ये सभी आपस में जुड़े हुए हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, आपको एक जैसे बड़े और छोटे व्यवसायों का ध्यान रखना होगा, क्योंकि ये सभी कहीं न कहीं जुड़े हुए हैं। अगर आप इंजन शुरू करना चाहते हैं, तो आप इंजन के सिर्फ एक हिस्से को शुरू करने के बारे में नहीं सोच सकते हैं। उन्होंने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को ऋण देकर उनका समर्थन करने की बात भी कही। कांग्रेस नेता ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच पिछले एक महीने में मीडिया के साथ दूसरी बार बात की है। वह इस महामारी और इसके प्रभाव पर बुद्धिजीवियों से भी लगातार वार्ता आयोजित कर रहे हैं। सरकार ने पिछले 45 दिनों में लॉकडाउन का दो बार विस्तार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 मार्च को 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी। उसके बाद उन्होंने 14 अप्रैल को लॉकडाउन को 19 दिन बढ़ाकर तीन मई तक कर दिया। इसके बाद सरकार ने एक मई को लॉकडाउन दो सप्ताह बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया।


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