सोमवार, 20 अप्रैल 2020

झोपड़ी मे आग, 2 बहने जलकर राख

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया है। कानपुर के घाटमपुर कोतवाली के गोपालपुर गांव में रविवार सुबह चूल्हे की चिंगारी से झोपड़ी में आग लगने से चपेट में आए मासूम भाई-बहन की मौत हो गई, जबकि दो और जुड़वां बहनें गंभीर रूप से झुलस गईं। दोनों को हैलट में भर्ती कराया गया है। गांव निवासी मजदूर संतराम संखवार के परिवार में पत्नी राधा और पांच बच्चे हैं। सबसे बड़ा बेटा कृष्णा (8) घाटमपुर स्थित ननिहाल में रहता है। रविवार सुबह संतराम अपनी पत्नी राधा के साथ मजदूरी खेत में फसल काटने गया था।


घर में जुड़वां बेटियां सीता और गीता (5), बेटा गोपाल (3) और छोटी बेटी रीता (डेढ़ वर्ष) थी। ग्रामीणों के मुताबिक सुबह करीब 9:30 बजे संतराम के घर से आग की लपटें उठती दिखीं। शोर मचाने पर आसपास के लोग दौड़े और आग पर काबू पाया। हादसे में झुलसे चारों बच्चों को पूरी तरह से जल चुकी झोपड़ी से बाहर निकाला गया। इसमें गोपाल की मौत हो चुकी थी। बाकी तीनों बच्चों को सीएचसी लाया गया। डॉक्टरों ने तीनों को हैलट रेफर कर दिया। हैलट पहुंचने से पहले ही रीता ने भी दम तोड़ दिया। युवकों ने दिखाया साहस झोपड़ी के पूरी तरह से लपटों से घिरने के बाद भी गांव के कुछ युवकों ने साहस दिखाया। युवक अपनी जान की परवाह किए बगैर झोपड़ी में घुस गए और तीनों बच्चियों को बाहर निकाला। हालांकि गोपाल बुरी तरह से लपटों में घिर चुका था, इस कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सीता और गीता का इलाज चल रहा है। सीओ घाटमपुर रवि कुमार सिंह ने बताया कि बच्चों की मां राधा ने सुबह चूल्हे पर खाना बनाया था। चूल्हे की आग पूरी तरह नहीं बुझाई और खेतों पर काम करने चली गई। इसके बाद चूल्हे की चिंगारी से झोपड़ी में आग लग गई।


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