बुधवार, 19 फ़रवरी 2020

चॉकलेट से टांगो को मिलती है ताकत

चॉकलेट खाना भला किसे पसंद नहीं होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि गर्म पिघली हुई चॉकलेट पीने से 60 साल की उम्र में अपने पैरों पर खड़े रहने और चलने में मदद मिलती है। हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार कोको जिससे चॉकलेट बनता है, पैरों में रक्त के प्रवाह को सुचारू बनाए रखने में मदद करता है।


शोध में सामने आई ये बात : शोध के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि अध्ययन के तहत जिन प्रतिभागियों ने हर दिन तीन कप गर्म चॉकलेट का सेवन छह महीनों तक किया उनके चलने की गति और तरीके में सुधार पाया गया।
पैड से पीडि़त लोगों पर किया अध्ययन : दरअसल, कोको में इपिकैटेचिन नामक एक पदार्थ होता है जो डार्क चॉकलेट में भी पाया जाता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इपिकैटेचिन लोगों के पैरों के पीछे की मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है जिससे उन्हें ज्यादा चलने में मदद मिलती है. बता दें कि शोध को ऐसे लोगों पर किया गया था जो कॉमन पेरीफेरल आर्टरी डिजीज (पैड) से पीडि़त थे।
पैरों की मांसपेशियों में रक्त प्रवाह नहीं होता : अमेरिकी शोधकर्ता प्रोफेसर मेरी मैकडरमोट ने कहा, पैड से जूझ रहे लोगों के चलने की क्षमता में सुधार करने के लिए ज्यादा थेरेपी मौजूद नहीं है। शोधकर्ता नेओमी हैमबर्ग ने कहा, पैड से पीडि़त लोगों को चलने में उतनी ही परेशानी होती है जितना दिल की धड़कन रुकने वाले मरीजों को होती है।
क्या है पैड: पेरीफेरल आर्टरी डिजीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें आर्टरी (धमनियां) संकरी हो जाती हैं। पैड की वजह से चलने के दौरान पैरों की मांसपेशियों में दर्द, कड़ापन और जकडऩ महसूस होती है।


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