शनिवार, 22 फ़रवरी 2020

कृतिम-रासायनिक दूध रोग का घर

दूध के नाम पर जहर पी रहे हैं। 


नई दिल्ली। वर्तमान समय में भारत दूध के रूप में जहर पी रहा है और ये जहर कैंसर में तबदील हो रहा है। यदि हाल यही रहा तो भविष्य में 2025-30 तक भारत में रहने वाले अनुमान से अधिक लोग कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के शिकार हो जाएंगे। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है। उनका मानना है कि देश में बिकने वाला 67.7 फीसदी दूध मिलावटी है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि देश में दूध का उत्पादन 14 करोड़ और खपत 64 करोड़ लीटर है तो क्या हम और आप दूध के नाम पर जहर पी रहे हैं। त्योहारों के सीजन में दूध की बनी मिठाइयां बिकती हैं, लेकिन कहीं इनमें जहर तो नहीं?एनिमल वेलफेयर बोर्ड इंडिया के सदस्य मोहन सिंह अहलूवालिया ने भी जताया कि देश में दूध से इतने बड़े पैमाने पर ऐसी चीजें कैसे बन रही हैं जबकि इतनी मात्रा में दूध होता ही नहीं है। दूध माफिया दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए पानी मिलाते हैं। इसके अलावा यूरिया, स्किम्ड मिल्क पाउडर का भी इस्तेमाल होता है। नकली दूध बनाने में डिटर्जेंट पाउडर, साबुन, सिंथेटिक का भी इस्तेमाल होता है। दूध में फैट दिखाने के लिए वेजिटेबल ऑयल और फैट का इस्तेमाल होता है। दूध को फटने से बचाने के लिए हाइपोक्लोराइड्स, क्लोरामाइंस, हाइड्रोजन पैराऑक्साइड, बोरिक एसिड का इस्तेमाल होता है। दही, पनीर, मक्खन और क्रीम बनाने में भी हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है। तमाम केमिकल से बना ये नकली दूध सेहत के लिए कितना हानिकारक होता है, इसे लेकर वरिष्ठ न्यूट्रीशियन डॉ. मंजरी चंद्रा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दूध में केमिकल की मात्रा ज्यादा होने पर नुकसानदायक होता है। अगर रोज इस तरह से केमिकल वाले दूध पीते हैं तो बच्चों में न्यूरो, मेंटल इलनेस, विकास की कमी और कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती है।


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