बुधवार, 15 जनवरी 2020

डबल शिफ्ट में काम करने का किया विरोध

बैकुंठपुर। जिला अस्पताल में मंगलवार को डॉक्टरों के ओपीडी बहिष्कार का आंशिक असर देखने को मिला। अस्पताल में इमरजेंसी सहित अधिकांश ओपीडी खुली रहीं, हालांकि अंचल से आने वाले मरीजों को सिर्फ विशेषज्ञ की सेवाएं नहीं मिलीं। प्रथम पाली की ओपीडी में 290 मरीजों को इलाज सहित अन्य सुविधाएं मिलीं। छत्तीसगढ़ इनसर्विस डॉक्टर्स एसोसिएशन की रायपुर में आयोजित राज्य स्तरीय सम्मेलन में सुबह-शाम ओपीडी खोलने को लेकर विरोध करने का निर्णय लिया गया है। इससे जिला अस्पताल में कुछ डॉक्टर्स ने ओपीडी का बहिष्कार कर दिया। लेकिन कुछ ओपीडी खुली थी और प्रथम पाली में ग्रामीण अंचल से आने वाले 290 मरीजों को चिकित्सकीय लाभ मिला।


हालांकि कुछ मरीज विशेषज्ञ डॉक्टर्स से इलाज कराने काफी देर से इंतजार करते रहे, लेकिन डॉक्टरों के नहीं आने से मायूस होकर अपने-अपने घर लौट गए। वहीं दूसरी ओर एसोसिएशन के आधा दर्जन से अधिक डॉक्टर जिला अस्पताल के सामने ओपीडी का बहिष्कार किया और ड्राइंग सीट में नारे लिखकर विरोध जताया। डॉक्टर्स ने ड्राइंग सीट में ... हम भी इंसान हैं, न समझे शक्तिमान...पूर्ण ओपीडी का बहिष्कार... अनिश्चितकालीन हड़ताल लिखा था। डबल शिफ्ट ओपीडी का डॉक्टरों ने शुरु किया विरोध, लिखा- हम भी हैं इंसान, न समझे हमें शक्तिमान, ये हैं 10 मांगें
एसोसिएशन की यह 10 मांगें हैं।डबल ओपीडी को निरस्त किया जाए, आपातकालीन ड्यूटी रोस्टर की तरह तीन शिफ्ट में ओपीडी प्रारंभ किया जाए, इससे पहले डॉक्टर्स व मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति करनी चाहिए। 
- ओपीडी, इमरजेंसी, पीएमवीआईपी, स्वास्थ्य शिविर में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर व मेडिकल स्टाफ की सिर्फ ६ घंटे ड्यूटी लगाई जाए। इसमें रात्रिकालीन ड्यूटी करने वाले छोड़ दिया जाए।



- डॉक्टर्स सहित मेडिकल स्टाफ को अन्य विभाग के सरकारी कर्मचारी की तरह अवकाश की सुविधाएं दी जाए।
- 24 घंटे खुलने वाले अस्पताल में संपूर्ण, त्वरित दवाइयां, उपकरण-यंत्र, लैब टेस्ट, एंबुलेंस की सुविधाएं दी जाए।
-नर्सिंग होम एक्ट के तहत एक दिन में एक शिफ्ट में प्रत्येक वार्ड या 20 मरीजों के बीच एक रेसिडेंट डॉक्टर, एक नर्स, एक वार्ड ब्वाय, एक स्वीपर की नियुक्ति की जाए।



- चिकित्सा अधिकारियों की 794 पद, जिसे ग्रामीण चिकित्सा सहायक के लिए विलोपित किया गया है, उसे पुन: बहाल किया जाए।
-ग्रामीण क्षेत्र में विशेषज्ञ सेवा बढ़ाने के लिए स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा में एमओ के लिए 50 फीसदी सीट आरक्षित किया जाए।
-चिकित्सा अधिकारी व विशेषज्ञ डॉक्टर्स को तत्काल पदोन्नति दी जाए।



- चिकित्सा अधिकारियों को अव्यवसायिक भत्ता का विकल्प व भत्ता बढ़ाकर बेसिक में 50 फीसदी जोड़ा जाए।
-चिकित्सा अधिकारियों की सेवावधि व वित्तीय लाभ प्रथम नियुक्ति तिथि से गिनती की जाए।



ओपीडी खुलने से डॉक्टरों और मरीजों को हो रही परेशानी
सरकारी अस्पतालों में सुबह-शाम ओपीडी खुलने से डॉक्टर्स सहित मरीजों को परेशानी हो रही है। उसी आदेश का निरस्त कराने सहित अन्य मांगों को लेकर ओपीडी बहिष्कार किया गया है। वहीं शासन स्तर से किसी प्रकार का निर्णय नहीं लेने पर १६ जनवरी से आपातकालीन सेवाएं ठप कर दी जाएंगीं। इससे पहले हमने शाम की ओपीडी का बहिष्कार कर शासन स्तर पर अपनी मांगों को लेकर अवगत कराया था।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...