रविवार, 26 जनवरी 2020

10 साल के बेटे ने किया मां का अंंगदान

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अंगदान का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसके बारे में जिसने भी सुना उसकी आंखें भर आईं। यहां एक ब्रेन डेड घोषित महिला के अंगों को उसके बेटे ने डोनेट करने का फैसला किया है। बेटे की उम्र महज 10 साल है। हैरान करने वाली बात यह है कि 7 साल पहले बच्चे के सिर से पिता का भी साया उठ चुका है। इन मुसीबतों के बाद भी बेटे ने अपनी मां के अंगदान का फैसला किया है।


5वीं कक्षा में पढ़ने वाले मयंक का उसकी मां दिशा साथ छोड़ गई है। दो दिन पहले एक्सीडेंट में घायल हुई दिशा को डॉक्टरों ने शनिवार को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। मयंक पर जैसे पहाड़ टूट गया हो क्योंकि जब वो सिर्फ 3 साल का था तब आज से 7 साल पहले पिता का साया उसके सिर से उठ गया और अब उसकी मां ने भी उसका साथ छोड़ दिया। लेकिन इस 10 साल के बेटे ने ऐसे मुश्किल समय में भी ऐसा फैसला किया जिसके बारे में सुनकर हर किसी की आंख भर आई।


परिवार के लोग फैसले का कर रहे स्वागत


मयंक ने अपनी प्यारी मां के अंगदान का फैसला किया है। अब परिवार के लोग मयंक के इस फैसले का भीगी आंखों से स्वागत कर रहे हैं।‘आजतक’ से बात करते हुए मयंक के ताऊजी जगदीश छावानी ने बताया कि ‘बच्चा छोटा है लेकिन जब हम सबने उससे पूछा तो वो यही बोला कि अगर इनको जला दोगे तो सबकुछ खत्म हो जाएगा, इससे अच्छा इनके ऑर्गन डोनेट कर दिए जाएं जिससे वो अलग-अलग लोगों के जरिए अपनी मां को महसूस कर सकेगा’


हादसे में ब्रेन डेड हुई थी महिला


दरअसल, इसी 23 जनवरी को भोपाल में बस से उतरते समय दिशा घायल हो गई थी। डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर के ज़रिए बचाने की कोशिश तो की लेकिन शनिवार सुबह डॉक्टरों ने दिशा को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद ही परिवार के बड़े-बुजुर्गों ने मयंक से मां के अंगदान के बारे में बात की तो उस मासूम ने बिना देर किए अंगदान के लिए हामी भर दी।


अंगदान की कागजी कार्रवाई पूरी


अब मयंक की मां के ऑर्गन्स को निकालकर अलग-अलग लोगों में ट्रांसप्लांट किया जाएगा। ऑर्गन डोनेशन की जानकारी मिलने पर किरण फाउंडेशन के डॉक्टर राकेश भार्गव भी हमीदिया अस्पताल पहुंचे थे और अंगदान से जुड़े ज़रूरी कागज़ी कार्यवाही को पूरा किया।


इसके बाद मयंक की मां को हमीदिया में वेंटिलेटर से हटाकर अब दूसरे हॉस्पिटल ले जाया गया है, जहां उनके शरीर से ऑर्गन्स निकाल लिए जाएंगे। जिस तरह से महज 10 साल के बेटे ने ये कदम उठाया है, उसके बाद अब परिवार के अन्य लोग भी अपनी मौत के बाद अंगदान के बारे में मन बना चुके हैं। जाहिर है मां की मौत के बाद भी इस बेटे ने समाज को एक बड़ा संदेश जरूर दे दिया है।


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