सोमवार, 2 दिसंबर 2019

'महंत' के खिलाफ जिला बदर कार्रवाई पर मार्च

अविनाश श्रीवास्तव


गाजियाबाद! केवल वह आए जिन्हें अपनी बेटी अपने समाज से प्रेम है! 3 दिसंबर को राजनगर एक्सटेंशन की डीपी गोल चौराहे से दिल्ली के लिए प्रदर्शन मार्च निकाला जाएगा! मार्च जो है निर्भया हत्याकांड के आरोपियों को अब तक सजाना मिलना प्रियंका हत्याकांड के आरोपियों को 30 दिन में सजा मिलना, 14 नवंबर से मेरठ के माधवपुरम से गायब तनु की बरामदगी देश की बच्चियों की सुरक्षा की मांग को लेकर फुटपाथ पर बैठी अनु की हिरासत के विरोध में है! सभी जानते हैं 2012 में दिल्ली में निर्भया के साथ क्या हुआ था? सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी! ऐसी निर्मम हत्या जिसे देख सुनकर सारा देश का पूछा था पूरे देश में धरने प्रदर्शन हुए थे! कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया, अब उनकी फाइल महामहिम राष्ट्रपति के पास है! राष्ट्रपति फाइल पर क्या फैसला लेते हैं इसका इंतजार कर रहा है? लेकिन इंतजार को 7 साल बीत चुके हैं! हैदराबाद में हुए प्रियंका हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है! लेकिन क्या इनको भी सजा मिलने में 8 साल जितना लंबा समय लगेगा या केंद्र सरकार और न्यायपालिका कुछ ऐसा करें 1 महीने के अंदर सजा मिल जाा!ए भारतीय कानून किसी लचीले पंखा लाभ अपराधी उठाते रहे कुछ कमी पुलिस की कार्रवाई में भी रह जाती है! मेरठ शहर के माधव पुरम सेक्टर 3 से घर के बाहर से 12 साल की तनु लापता हो जाती है! पूरे 15 दिन बीत जाने के बावजूद आज तक पुलिस के हाथ खाली हैं गरीब परिवार की तनु के माता पिता का आरोप है अगर वह समृद्ध शाली होते राजनैतिक पहुंच होती तो पुलिस अब तक लड़की को बरामद कर आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी होती, लेकिन उनके पास पहुंच नहीं है! वह आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैै! इसलिए उनकी बेटी 15 दिन से लापता है, सभी ने देखा प्रियंका हत्याकांड के बाद अनु दुबे नाम की एक लड़की नारे लिखा एक बोर्ड लेकर फुटपाथ पर बैठ जाती हैै! देश भर की बच्चों की सुरक्षा की बात कर रही है, सुरक्षा की गारंटी चाहती है! एक अकेली बच्ची से दिल्ली पुलिस इस कदर घबरा जाती है कि उसे संसद मार्ग थाने में 6 घंटे तक हिरासत में रखा जाता है! तीनों ही घटनाएं बेहद निंदनीय है, घटनाओं के विरोध में गाजियाबाद के तकरीबन आधा दर्जन संगठन राजनगर एक्सटेंशन के केडीपी चौराहे से मार्च निकालने वाले हैं! विरोधी सुबह 10:00 बजे शुरू होगा और लोग दिल्ली पीएम आवास जाना चाहते हैं! ये सवाल पूछना चाहते हैं! अपनी चुनी हुई सरकार से सवाल करना चाहते हैं! आखिर कब तक बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा केवल कागजों तक सीमित रहेगा! बेटी को बचा कर क्या करेंगे जब भी जिंदा जला दिया गया! इनसे अलग चौथा मामला एक महंत का है भाजपा हिंदुत्व की बात करती है! हिंदुत्ववादी पार्टी मानी जाती है महाराष्ट्र में शिवसेना अलग हुई तो भाजपा के समर्थकों ने हिंदुत्व का नाम लेकर ही शिवसेना को आड़े हाथों लिया! यूपी में भाजपा की सरकार है यूपी में एक संत सीएम के पद पर है! उसके बावजूद एक महंत को जिला प्रशासन जिला बदर करने की कार्रवाई करता है! गाजियाबाद के प्रसिद्ध डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती पिछले कई वर्षों से बच्चियों को यौन हिंसा से बचाने जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने और बच्चों से हिंसा करने वाले दरिंदों को सजा दिलाने के लिए काम कर रहे हैं! डासना मंदिर के पास बेशकीमती जमीन है जिसकी कीमत करोड़ों रुपए में है! भू-माफियाओं की नजर इस मंदिर की जमीन पर है! वह लोग यदि को मंदिर से हटाकर जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं! लगता है ऐसे लोगों ने प्रशासन को बरगला लिया  गा,जियाबाद जिला प्रशासन ने यति नरसिंहानंद सरस्वती से समाज को बता कर जिला बदर करने का नोटिस जारी किया है! शायद आजाद भारत में किसी महंत को जिला बदर करने की यह पहली घटना हो गुलाम भारत में भी मंदिरों मठों से क्रांतिकारी गतिविधियां संचालित होती रही है! तब भी अनेक मठाधीश और महंत जेल जाया करते थे! आजाद भारत में भी अनेक साधु-संत मठाधीश महंत जेल गए हैं! लेकिन शायद ही किसी को जिला बदर किया गया हो योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री रहते हुए गाजियाबाद जिला प्रशासन एक महंत को जिला बदर करने जा रहा है इस घटना का विरोध भी गाजियाबाद के लोग कर रहे हैं! मेरा मानना यह है 3 दिसंबर के 23 मार्च में इस प्रदर्शन में वही लोग हैं जो अपनी बेटी अपनी बहन अपनी पत्नी अपनी मां से प्यार करते हो जो देश की हर बच्ची से प्रेम करते  जो, देश की हर बच्चे की सुरक्षा चाहते हो ऐसे तमाम लोग आएं! जो एक महंत को जिला बदर ना होना देना चाहते हो, राजनैतिक दलों का चश्मा पहनने वाले राजनैतिक दलों के समर्थन का गले में पट्टा पहनने वाले और सामूहिक दुष्कर्म तथा जघन्य हत्याकांड पर भी राजनैतिक सोच रखने वाले लोग इस प्रदर्शन से दूर रहें! ऐसे तमाम लोग जो फेसबुक के महावीर हैं जो व्हाट्सएप के युद्धवीर हैं! सोशल मीडिया तक सीमित रहने वाले महारथी भी से दूर रहें! यदि आप समाज में एक सकारात्मक सोच रखते हैं, समाज में बदलाव की उम्मीद रखते हैं, अपनी बच्ची की सुरक्षा चाहते हैं, महिला अपराध में लिप्त रहने वाले आरोपियों को तुरंत सजा चाहते हैं, तो आपको इस मार्च में आना ही चाहिए इस प्रदर्शन में शामिल होना चाहिए!


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