जांजगीर चांपा। जिले के मालखरौदा ब्लॉक के नरियरा में 4 बेटियों ने एक बड़ी मिसाल कायम की है, जहां चारों बेटियों ने अपने पिता की अर्थी को कंधा भी दिया और मुखाग्नि भी दी। कहते है बेटे और बेटी में कोई फर्क नहीं होता ऐसा ही एक मामला मालखरौदा के ग्राम नरियारा में देखने को मिला, जिस पिता के कंधों पर खेल कर चारों बेटियां बड़ी हुई थी। उसी पिता की अर्थी को चारों बेटियों ने कंधा भी दिया और मुखाग्नि देकर पुत्र का दायित्व भी निभाया। दरसअल नारियारा निवासी धर्मदास कुर्रे का निधन हो गया था, जिनकी अंतिम यात्रा निजी निवास से निकली थी। जब चारों बेटियां अपने पिता की अर्थी को कंधे पर लेकर निकली तो देखने वालों की भीड़ लग गई। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद हर किसी व्यक्ति की आंखे नम थी। वहीं बेटियों ने एक नई मिशाल कायम की है। बेटियों का कहना था कि वह किसी ऐसे शास्त्र को नहीं मानती जो बेटे और बेटी में फर्क करता है। हमारे पिता ने कभी फर्क नहीं किया। हमारा सौभाग्य है कि हमें अपने पिता का अंतिम संस्कार करने का मौका मिला है।
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