रविवार, 15 सितंबर 2019

पाक में अनुच्छेद 149(4) पर बवाल

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले कराची पर अनुच्छेद 149(4) लागू करने के केंद्रीय क़ानून मंत्री के बयान के बाद पूरे सिंध प्रांत से विरोध के स्वर उभरने लगे हैं।


विपक्षी नेताओं, लेखकों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस बयान को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ साजिश क़रार दिया है और क़ेंद्रीय क़ानून एवं न्याय मंत्री फ़रोग़ नसीम के इस्तीफ़े की मांग की है।अनुच्छेद 149(4) लागू होने से कराची केंद्र शासित इलाक़ा हो जाएगा।हाल ही में दिए गए एक साक्षात्कार में क़ानून मंत्री नसीम ने कहा था कि 14 सितंबर को अपने दौरे में प्रधानमंत्री इमरान ख़ान कराची को संघीय सरकार के नियंत्रण में लाने की घोषणा कर सकते हैं।केंद्र में सत्तारूढ़ इमरान ख़ान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) और सिंध में सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच तीखी नोक झोंक शुरू हो गई है।जैसे ही ये ख़बर अख़बारों और न्यूज़ चैनलों में आई, सोशल मीडिया पर इस फैसले के ख़िलाफ़ हैशटैग ट्रेंड करने लगा।


क्या कहा था क़ानून मंत्री ने?केंद्रीय क़ानून मंत्री डॉ फ़रोग़ नसीम ने गुरुवार को एक स्थानीय टीवी चैनल से बातचीत में कहा, “कराची को केंद्र सरकार के अधीन करने के लिए अनुच्छेद 149 (4) को लागू करने का सही वक़्त आ गया है।उन्होंने कहा कि वो जल्द ही इस योजना को कराची स्ट्रैटिजिक कमिटी के सामने रखेंगे।उन्होंने कहा, “ये मेरी निजी राय है और प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की ओर से बनाई गई कराची स्ट्रैटिजिक कमिटी के सामने ये प्रस्ताव रखूंगा।“अगर मेरे विचार से कमिटी सहमत होगी तो इस प्रस्ताव को प्रधानमंत्री और कैबिनेट के सामने रखा जाएगा. इसके बाद ये उनकी मर्ज़ी पर निर्भर करता है कि वो कराची में ये अनुच्छेद लागू करते हैं या नहीं।डॉ नसीम ने कहा कि कराची के लोग अपने शहर के गवाह हैं और इसे एक विशाल कचरे के ढेर में बदलता हुआ देख रहे हैं। वहां कचरा, बिजली की कमी और मख्खियों के अलावा कुछ नहीं है. विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने संसद में बयान देकर किया खंडन।हालांकि शुक्रवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने नेशनल असेंबली में देकर ऐसी किसी योजना से इनकार किया है।उन्होंने आश्वासन दिया कि पीपीपी के शासन वाले राज्य को केंद्र सरकार नहीं छेड़ेगी।उन्होंने कहा, “सरकार का ये नीतिगत फ़ैसला है कि स्वायत्तता पर कोई आंच नहीं आने देंगे। राज्य की स्वायत्तता बरक़रार रहेगी।महमूद क़ुरैशी ने ये भी कहा कि क़ानून मंत्री के बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है और उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं थी।उन्होंने कहा कि पीपीपी के संवैधानिक दायरे में छेड़छाड़ करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है। हालांकि उन्होंने पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो ज़रदारी के एक दिन पहले दिए गए बयान पर अफ़सोस जताया जिसमें उन्होंने सिंध देश और पख़्तुनख़िस्तान का ज़िक्र किया था। क़ुरैशी ने कहा कि एक बड़ी राजनीतिक पार्टी के नेता को ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए।


क़ुरैशी ने कहा,“मैं बिलावल साहब से कहना चाहूंगा कि आप अभी अपना सियासी सफ़र शुरू कर रहे हैं। ऐसे में किसी बहकावे में या जज़्बात में आकर अलग सिंधु देश या अलग पख़्तूनिस्तान की बात करना मुनासिब नहीं है। जो पार्टी एकता की बात करती रही है, पाकिस्तान की बात करती रही है, उसके मौजूदा चेयरमैन इस क़िस्म की बातें कर रहे हैं। पख़्तूनिस्तान की बात करने वाले पिट गए और सिंधु देश की बात करने वाले पिट जाएंगे इंशा अल्लाह।


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