अब यह तो साफ हो गया कि कश्मीर घाटी के कुछ ही इलाकों में था अलगाववाद।
पर महबूबा और उमर अब्दुल्ला जैसे नेताओं ने पूरे जम्मू कश्मीर को बंधक बना रखा था।
पाकिस्तान से अब सिर्फ पीओके पर बात-रक्षा मंत्री।
कश्मीर घाटी के अधिकांश क्षेत्रों में हालात सामान्य रहे। 35 थाना क्षेत्रों से धारा 144 हटा ली गई तथा 100 टेलीफोन एक्सचेंज शुरू कर लैंड लाइन फोन सेवाएं चालू कर दी गई है। 19 अगस्त से घाटी में प्राइमरी स्कूल, सरकारी दफ्तर बैंक आदि भी खुल जाएंगे। एक ओर जहां कश्मीर घाटी में हालात सामान्य हो रहे हैं, वहीं अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद से जम्मू और लद्दाख में जश्न का माहौल है। इन दोनों क्षेत्रों में सभी पाबंदियां हटा ली गई हैं। जम्मू कश्मीर की जो ताजा तस्वीर सामने आई है उससे प्रतीत होता है कि घाटी में सीमित क्षेत्र में ही अलगाववाद था। लेकिन महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला जैसे नेताओं ने पूरे जम्मू कश्मीर को बंधक बना कर रखा हुआ था। मुसलमान तो जम्मू और लद्दाख में भी रहते है, लेकिन 370 में बदलाव से ऐसे मुसलमानों को कोई ऐतरात नहीं है। महबूबा और उमर ने कहा था कि यदि अनुच्छेद 370 से छेड़छाड़ की गई तो जम्मू कश्मीर में आग लग जाएगी। केन्द्र सरकार ने न केवल 370 के प्रावधानों को हटाया, बल्कि लद्दाख को अलग कर जम्मू कश्मीर को केन्द्र शासित प्रदेश बना दिया। इससे जम्मू और लद्दाख में जश्न का माहौल है। घाटी के कुछ इलाके अभी अलगाववाद के प्रभाव में हैं, लेकिन धीरे-धीरे यहां भी हालात सामान्य हो जाएंगे। अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद महबूबा और उमर की बाजी भी पलट गई है। पाकिस्तान के इशारे पर नाचने वाले आतंकी भी अब समझ गए हैं कि घाटी के हालात बिगाडऩा मुश्किल है। पाकिस्तान को भी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर समर्थन नहीं मिल रहा है। यानि केन्द्र सरकार कश्मीर समस्या के समाधान में जी से आगे बढ़ रही है। जहां तक भारत की विपक्षी पार्टियों का सवाल है तो उनके चेहरे पर से भी नकाब उतर गई है। कांग्रेस और अन्य दलों को देश में भी समर्थन नहीं मिला है। कई मुस्लिम संगठनों ने केन्द्र सरकार के फैसले का समर्थन किया है। यानि कश्मीर के अलगाववादियों को अब अपने देश के मुसलमानों का भी समर्थन नहीं मिलेगा।
अब पाकिस्तान से पीओके पर बात होगी-राजनाथ सिंह:
18 अगस्त को हरियाणा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अब पाकिस्तान से बात तो होगी, लेकिन पाक अधिकृत कश्मीर पर। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद हमारे जम्मू कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के साथ कोई विवाद नहीं रहा है। जम्मू कश्मीर पहले भी भारत का अभिन्न अंग था और आज भी है। 1947 में विलय के समय जम्मू कश्मीर की जो भौगोलिक स्थिति थी, उसे हमें वापस हासिल करना है।
एस.पी.मित्तल
रविवार, 18 अगस्त 2019
घाटी के कुछ इलाकों में था अलगाववाद
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