शनिवार, 17 अगस्त 2019

बीसलपुर बांध बुझाएगा कई वर्षों तक प्यास

बीलसुपर बांध पूरा भरने की ओर। सरकार के दो सौ करोड़ रुपए बच गए। 
अजमेर, जयपुर, टोंक व दौसा के लिए तीन वर्ष का पानी।
पुष्कर सरोवर के जल स्तर 32 फीट के पार। 
14 फीट के जल स्तर पर आनासागर के दो गेट खोले। 
दरगाह सम्पर्क सड़क जाम। परकोटे की दीवार भी गिरी।

जयपुर । अजमेर, जयपुर, टोंक और दौसा जिले के करीब एक करोड़ लोगों की प्यास बुझाने वाले बीसलपुर बांध में भराव क्षमता के अनुरूप 315.50 मीटर पानी हो रहा है। 17 अगस्त को दोपहर तीन बजे बांध का जल स्तर 314.35 मीटर मापा गया। चूंकि बांध के भराव क्षेत्र चित्तौड़ और भीलवाड़ा में वर्षा का दौर जारी है इसलिए उम्मीद है कि देर रात या फिर 18 अगस्त तक बांध पूरा भर जाएगा। बांध के भरने से जहां चारों जिलों के लोगों को आगामी तीन वर्ष तक पेयजल उपलब्ध होता रहेगा, वहीं राज्य सरकार के दो सौ करोड़ रुपए बच गए हैं। इस बार मानसून में देर होने की वजह से बांध में पानी की आवक पर संकट आ गया था। अजमेर में तीन दिन में सप्लाई हो रही थी। जबकि जयपुर की सप्लाई में भी कटौती की गई। अफसरों ने बीसलपुर बांध में ट्यूबवेल खोदने और भीलवाड़ा से चम्बल का पानी लाने आदि की 200 करोड़ रुपए की योजना तैयार कर ली थी। सरकार ने बांध में ट्यूबवेल खोदने के निर्देश भी दे दिए थे। लेकिन योजना पर अमल होता इससे पहले ही बांध में बरसात के पानी की आवक हो गई। हालांकि जुलाई माह में पानी की आवक बहुत कम रही, लेकिन अगस्त के पहले सप्ताह में जो अवक शुरू हुई उसके बाद अब बांध पूरा भरने की कगार पर पहुंच गया है। बांध के भरने पर चैनल गेट खोलने पड़ेंगे इसलिए बीसलपुर गांव के आगे बनास नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क किया गया है। टोंक का प्रशासन बांध के जल स्तर पर लगातार निगरानी कर रहा है। बीसलपुर बांध के जल स्तर पर नजर रखने वाले सहायक अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि 16 अगस्त के मुकाबले में 17 अगस्त को पानी की आवक धीमी रही है। त्रिवेणी पर 16 अगस्त को जहां सात मीटर का गेज था, वहीं 17 अगस्त को यह 4 मीटर का रह गया। 
पुष्कर में 32 फीट पानी:
हिन्दुओं के आस्था के केन्द्र पुष्कर सरोवर में 17 अगस्त को जल स्तर 32 फीट के पार हो गया। सरोवर की भराव क्षमता 35 फीट मानी जाती है। 35-36 फीट का जल स्तर होने पर गऊ घाट पर स्थित कल्याण जी के मंदिर तक पानी आ जाएगा। सरोवर के बीचों बीच बनी गुमटी 75 प्रतिशत डूब गई है। एक माह पहले तक पानी के अभाव में श्रद्धालुओं को घाटों के किनारे बने कुंडों में पूजा अर्चना करनी होती थी, लेकिन अब किसी भी घाट पर खड़े होकर पूजा अर्चना की जा सकती है। 17 अगस्त को पुष्कर के विधायक सुरेश रावत और पालिका अध्यक्ष कमल पाठक ने सरोवर और उसके भराव क्षेत्र का दौरा कर हालातों का जायजा लिया। पिछले चालीस वर्ष में यह पहला अवसर है जब सरोवर का जल स्तर 32 फीट पहुंचा है। 
आना सागर के दो गेट खोले:
अजमेर के आनासागर में 17 अगस्त को जब जल स्तर 14 फीट हुआ तो प्रशासन ने दो गेट खोल दिए ताकि आनासागर के भराव क्षेत्र में बनी आवासीय कॉलोनियों में पानी न भरे। कोई दस दिन पहले जब गेट खोलने में विलम्ब किया गया तो आवासीय कॉलोनियों में पानी भर गया था। तब जल स्तर 16 फीट होने पर गेट खोलने गए, लेकिन इस बार 14 फीट के जल स्तर पर ही दो गेट खोल दिए गए हैं। आनासागर की भराव क्षमता 13 फीट है। आनासागर से पानी की निकासी होने पर शहर के बीच से गुजर रही एस्केप चैनल में पानी की आवक हो गई है। एस्केप चैनल के जरिए खानापुरा के तालाब में पानी जाता है। लेकिन तालाब के आसपास मरम्मत मजबूत नहीं होने की वजह से क्षेत्रवासियों को परेशानी हो रही है। 
जर्जर भवन गिरे, दरगाह सम्पर्क सड़क जाम:
अजमेर शहर में 15 अगस्त से ही लगातार वर्षा हो रही है पिछले 24 घंटे से लगातार वर्षा जारी है। ऐसे में जर्जर मकान लगातार गिर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार नागफणी क्षेत्र में बनी दरगाह सम्पर्क सड़क पर पहाड़ का मलबा आ जाने से यातायात बाधित हो गया है। इससे दरगाह जाने वाले जायरीन को परेशानी हो रही है। इसी प्रकार पट्टीकटला क्षेत्र में परकोटे की दीवार भी धराशायी हो गई है। 
एस.पी.मित्तल


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